सेक्स है कुदरत का वरदान- 1

(Randi Mom Xxx Kahani)

रंडी मॅाम Xxx कहानी में एक जवान लड़के ने अपने दोस्त और मम्मी को अपने ही घर में चुदाई करते देखा तो उसका दिमाग खराब हो गया. पर वह खुद भी तो दोस्त की मॅाम को चोद चुका था.

मेरी पिछली कहानी
सेक्स गुरू की जवान बेटी चुद गयी
में आपने पढ़ा कि सिमरन की बेटी जस्सी को अपनी मां और बंटू के शारीरिक संबंधों के बारे में पता चल जाता है और वह कामातुर होकर बंटू को अपने कमरे में बुलाती है और उससे चुदवाती है।

अब आगे रंडी मॅाम Xxx कहानी:

सिमरन और सरताज जब वापस लौटे तो बंटू का फिर से सिमरन के पास जाना, उस के साथ काम शास्त्र पर चर्चा करना और उस की भरपूर जवानी के मजे मारना शुरू हो गया।

बंटू के पास के कमरे में कुछ दिन तो जैसे शांति रही, रात में कभी कभी वही मम्मी अंजू की पापा पर चिड़चिड़ सुनाई देती।
वह समझ जाता कि उसके बाप ने आज फिर उस की मां को चोद के संतुष्ट करने की असफल कोशिश की है।

सुबह भी केवल एक बार मेन गेट खुलने की आवाज आती, जब बंटू का बाप मॉर्निंग वॉक के लिए जाता।

ऐसे ही समय अपनी रफ्तार से निकल रहा था।

एक बार सिमरन सरताज के साथ फिर अपनी बहन के यहां गई हुई थी।

बंटू ने सोचा कि आज तो सुबह सुबह मम्मी के कमरे में शांति रहेगी लेकिन सुबह फिर जब दो बार गेट के खुलने की आवाज आई तो बंटू की नींद उचट गई।

बंटू को मम्मी के कमरे से फिर से कामुक आवाज़ें सुनाई देने लगीं।

1-2 बार जब मम्मी जोर से सिसकारी भर के खिलखिलाई तो वह हैरान हो गया कि आखिर माजरा क्या है?
उसने अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए फिर से स्टूल पर स्टूल रखा और रोशनदान से झांका।

उसने जो दृश्य देखा उस से उसका पूरा शरीर तपने लगा।
वह देखता क्या है कि उसका दोस्त मोंटी, उसकी मां पर चढ़ा हुआ था और किसी जंगली की तरह दमदार चुदाई करके मां के मुंह से मस्ती भरी चीखें निकलवा रहा था।

उसकी मम्मी बोल रही थी- साले तेरे लंड में भी, तेरे बाप के लंड की तरह बहुत अधिक दम आ गया है। बहुत मस्त चोद रहा है यार, शाबाश कस के रगड़!

कुछ देर तक चलने वाली इस चुदाई के बाद अंजू बदहवास हो कर बोली- मोंटी, मैं झड़..ने वा..ली हूं, मैं झड़..ने वा..ली हूं मोंटी, मैं ग..ई, मैं ग..ई मैं ग..ई!

मोंटी ने भी कुछ और करारे धक्कों के बाद अपने लंड से वीर्य की धार बंटू की मां की चूत में छोड़ी और पस्त हो कर उसकी मां के बेजान पड़े जिस्म पर ढेर हो गया।

उस को मां की मस्त चुदाई देख कर यह तो अंदाजा हो चुका था कि मोंटी के लंड को भी सिमरन ने अब उसी के जैसे तैयार कर दिया था।

बंटू के मन में कुछ प्रश्न उठ रहे थे कि आखिर आज सरताज अंकल के स्थान पर मोंटी उसकी मां चोदने कैसे आ गया?

और उस की मम्मी कैसे बिना ऐतराज़ किए, बिना मोंटी से कुछ कहे, राजी खुशी उस से क्यों चुदवा रही है?
उसने सोचा कि अब इस बारे में मोंटी से बात करनी ही पड़ेगी।

बंटू के लिए चुदाई का यह दृश्य अनपेक्षित अवश्य था किंतु उसे पहले जैसा, बुरा नहीं लग रहा था क्यों कि वह भी तो मोंटी की मां चोद चुका था.
और अभी तो यह बात सिमरन को भी पता नहीं थी कि बंटू उसकी बेटी की भी, उसी के कहने पर चुदाई कर चुका है।

उसको रंडी मॅाम Xxx दृश्य देखकर आश्चर्य यह हुआ कि उसका मूड ऑफ नहीं हुआ बल्कि उलटे यह दृश्य उसका लंड अकड़ रहा था।

अब तो उस के लिए भी अच्छा यही होगा कि यदि संभव हो तो कुछ नए नए प्रयोग कर के जिस्म की आग को बुझाया जाए।
इस वासना भरे दिमाग में चल रही नित नई उथल पुथल को नए नए तरीकों से शांत किया जाए।

उसने सोचा कि कुछ ही दिनों में सेक्स और वासना को ले कर उस की सोच में कितना बदलाव आ गया है, उसकी सोच अब कितनी खुली, कितनी परिपक्व हो गई है.

जिस मां की कामुकता से वह बेहद परेशान था, सरताज अंकल से चुदने की घटना देखने के बाद तो उसे अपनी मां से चिढ़ हो गई थी वहीं आज अपने दोस्त द्वारा मां की चुदाई देखकर भी वह परेशान नहीं था।

उस के बाद वह अपने लंड के तनाव को कम करने के लिए लंड को फेंटने लगा.
अब उसकी स्तंभन शक्ति बढ़ चुकी थी इसलिए बंटू को अपने लंड को लगातार फेंटना पड़ा।

उसे स्खलित होने में थोड़ा समय अधिक लगा लेकिन जब उस के लंड से वीर्य की पिचकारी छुटी और आंगन में बिखर गई तो उसके दिमाग में असीम शांति सी छा गई।

उसको लगा कि जैसे रात में ज्यादा शराब पीने के कारण हुए हैंगओवर के इलाज़ के लिए सुबह थोड़ी ड्रिंक और कर के उतारा करना पड़ता है।

उसी प्रकार पिछले दिनों में लगातार तीन चूतों को चोदने के बाद उसने दिमाग में बने वासना के हैंगओवर का मुट्ठ मार के उतारा कर लिया है।

वह शरीर और दिमाग को हल्का करके स्टूल पर से उतरा और बिस्तर पर गिर के फिर से एक मीठी नींद लेने लगा।

जब सिमरन वापस लौटी तो मोंटी की भीषण चुदाई से प्रभावित अंजू ने सिमरन को बताया- मोंटी का जल्दी कुछ करो दीदी, उस की कामवासना, उस की उत्तेजना तो उसके काबू के बाहर हो रही है। सुबह मेरा सरताज तो एक बार चोद के चला जाता था, पर …
सिमरन ने मुस्कुरा के टोका- अच्छा तो अब सरताज तेरा हो गया??

अंजू झेंप गई बोली- क्या दीदी तुम भी …?? बाप बेटे तो मेरे मज़े ले ही रहे हैं, तुम भी मेरे मज़े ले रही हो??

सिमरन ने फिर टोका- बाप-बेटे तेरे मजे ले रहे हैं या तू उन दोनों के मजे ले रही हैं साली चुदक्कड़?
अंजू दोबारा खिसिया गई।

वह सिमरन को मुंह बनाते हुए बोली- दीदी, मेरी बात तो सुन तो लो, क्यूँ मेरी खिंचाई करने में लगी हो?

सिमरन ने कहा- अच्छा, चल बता, क्या कह रही है?
अंजू ने कहा- मैं कह रही थी कि तुम ने सरताज के बदले मोंटी को मेरे पास भेज तो दिया पर मोंटी को एक बार की चुदाई से तो शांति नहीं मिलती। वह कुछ देर रुकता है फिर एक और बार चोदता है। अगर मैं कहती हूं कि मेरी चुदवाने की बिल्कुल इच्छा नहीं है तो बोलता है मेरा तो लंड खड़ा हो गया है, चुदवाना नहीं है तो गांड मरवा। मुझे तो एक और बार डिस्चार्ज करना है। उसके बाद जबरन मेरी गांड मारता है और इतने वहशी तरीके से लंड के रगड़े लगाता है कि एक बार तो जब उस के लंड के रगड़ों से मेरी गांड सूज गई थी तो मैंने उस से गांड मरवाने के लिए भी मना करा! मैंने उसे कहा कि हरामखोर तूने मेरी गांड सूजा दी है, आज तो रहम कर मुझ पर। फिर भी उस ने मेरी एक न सुनी और जबरन मेरे मुंह में लंड घुसेड़ कर, मुख चोदन का मज़ा लिया और मुंह में डिस्चार्ज करने के बाद मेरे यहां से गया।

मम्मी ने आगे बोला- मोंटी से तो सरताज अच्छा है, जो आता है, चुदाई करता है, ऑर्गेज्म देता है और चुपचाप चला जाता है।

सिमरन को उस की इस बात पर हंसी आ गई, उस ने कहा- अंजू, मुझे तो तेरी शिकायत में मोंटी की तारीफ सुनाई दे रही है।
अंजू झेंप कर चुप हो गई।

क्योंकि अक्सर ऐसा होता है जब कोई व्यक्ति दिमाग में छाया होता है तो इसका जिक्र किसी न किसी बहाने करने से मन को अजीब सी खुशी मिलती है।

सिमरन बोली- मुझे तो लग रहा है कि मोंटी के लंड ने तेरी चूत को ही नहीं, तुझे भी प्रसन्न कर रखा है।
अंजू निरुत्तर थी कुछ बोल नहीं पाई।

सिमरन बोली- देख अंजू, अभी मोंटी की नई नई जवानी फूटी है, अभी उसकी वासना उफान पर है और सेक्स में केवल अपना नहीं अपने पार्टनर का ध्यान भी रखना पड़ता है। इतना तो तू भी जानती ही है, तो यदि उसके लंड का सुख हासिल करना है तो कैसे भी करके उसकी वासना को ठंडी करना तेरी जिम्मेदारी है। मैं उस को इस बारे में कोई ज्ञान नहीं दे सकती।

बंटू और मोंटी मिलते रहे, कई सारी अन्य बातों के साथ कुछ न कुछ कामुक बातों का जिक्र भी आ जाता था दोनों लगातार एक दूसरे की मां के साथ चुदाई के खेल, खेल रहे थे।

बंटू की मम्मी अंजू, कभी सरताज से चुदवाती और कभी उसकी अनुपस्थिति में मोंटी से!

एक दिन बातों बातों में मोंटी ने बंटू से पूछा- यार बंटू, तू यह बता कि जब मैं पम्मी से मिलने यहां आता था, तब तू मम्मी के पास क्या करने जाता था?

बंटू ने जवाब दिया- क्यों तूने आंटी से नहीं पूछा?
मोंटी ने कहा- मम्मी तो बात को घुमा देती थी और पम्मी का जिक्र छेड़ देती थी तो मैं कुछ कह नहीं पाता था।

बंटू ने कहा- मैं आंटी के पास क्या करने जाता था, उसके बारे में बताने के पहले तुझे यह बता दूं कि मुझे तेरी हर हरकत की जानकारी है।

मोंटी को ऐसा लगा कि शायद उसकी पोल खुल चुकी है, वह एकदम उत्तेजित हो उठा लेकिन उसने अपने आप को सामान्य करते हुए बंटू से पूछा- अच्छा चल पहले तू यह बता कि तुझे मेरी कौन सी हरकत की जानकारी है?

बंटू ने कहा- मुझे पता है कि तू सुबह-सुबह आकर मेरी मां की चुदाई करता है। जो तू मेरी मां के साथ करता है। वही मैं तेरी मम्मी के साथ करता हूं।

मोंटी हैरत से बंटू को देख रहा था कि वह यह क्या कह रहा है?
उसे बंटू और मम्मी को ले कर कुछ संदेह तो था लेकिन उसकी मम्मी बंटू से चुदवा चुकी होगी, ऐसा तो उस ने सपने में भी नहीं सोचा था।

उसके बाद बंटू ने उसको पूरी कहानी सुना दी कि कैसे वह पम्मी के आने की खबर देने सिमरन आंटी के पास गया था और कैसे आंटी ने उस की हसरतों में वासना की आग भरी।
कैसे सिमरन ने उसे वीर्य स्तंभन का पाठ पढ़ाया और कैसे उन के साथ में उस की कामक्रीड़ा शुरू हुई और बात किस तरह चुदाई तक पहुंची।

मोंटी ने कहा- यार कितनी अद्भुत बात है कि लोग वाइफ़ स्वैपिंग करते हैं, गर्लफ्रेंड स्वैपिंग करते हैं, हम दोनों की तो मम्मी स्वैपिंग हो गई।
दोनों खिलखिला कर हंस पड़े और गले से लग गए।

सिमरन जैसी अनुभवी औरत की सफल चुदाई एवं पम्मी जैसी कुंआरी लड़की की सील तोड़ विलक्षण चुदाई के अनुभव के उपरांत बंटू और अंजू की चीखें निकलवा देने वाली चुदाई से मोंटी पम्मी की पहली असफल चुदाई की ग्लानि से पूरी तरह उभर चुके थे।

दोनों के मस्तिष्क का तनाव खत्म हो चुका था.

लेकिन बंटू ने अभी उस से वह राज छुपा लिया जो उसने अभी तक सिमरन से भी छुपा रखा था।
वह यह कि उसकी बहन किस तरह अपनी मम्मी और बंटू की चुदाई का पता चलने पर, भड़की कामवासना के कारण उस से चुदाने के लिए विवश हो गई थी।

किंतु इंसान का स्वभाव होता है कि वह जिस रहस्य को अपने मन में दबा के रखना चाहता है, उसी को उजागर करने की प्रबल इच्छा भी उसके मन में सिर उठाती रहती है।

उस पर मोंटी की बहन जस्सी को उसी के आग्रह पर चोदने जैसी उपलब्धि यदि बंटू ने प्राप्त की हो तो उसको वह कब तक मन में दबा के रख सकता था?

अगले दिन की बात है, पम्मी का रिश्ता निश्चित होने का समाचार बंटू को प्राप्त हुआ।
वह मोंटी से मिला, जब उस ने मोंटी को यह शुभ समाचार सुनाया तो उसने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की।

बंटू से रहा नहीं गया, उसने मोंटी से पूछा- क्या बात है यार? तुझे खुशी नहीं हुई कि अपनी दोस्त का विवाह निश्चित हो गया है?
मोंटी ने कहा- नहीं यार, मुझे पम्मी से कोई मतलब नहीं। उस ने एक तरह से मेरी इंसल्ट की थी।

बंटू ने पम्मी की तरफ से सफाई देते हुए कहा- यार, उसके पीरियड शुरू हो गए तो उसमें, उसकी क्या गलती थी? उसके बाद भी उसने हाथ से फेंट कर, डिस्चार्ज करा के, तेरे लंड का तनाव तो खत्म किया था या नहीं?
मोंटी ने कहा- हां यार, तू सही कह रहा है। वास्तव में उसकी कोई गलती नहीं थी।

बंटू ने फिर पूछा- अच्छा तू यह बता कि कभी शादी के पहले यदि पम्मी यहां आई तो तेरी क्या इच्छा है?
मोंटी ने कहा- यार, ये भी कोई पूछने की बात है? कौन सा लड़का ऐसा होगा जो पम्मी जैसी लड़की को मौका मिलने पर चोदना नहीं चाहेगा?

बंटू ने अब अपने मन की वह बात जुबां पर लाने की ठान ली जिस के लिए उस ने इतनी लंबी भूमिका बनाई थी।
उसने मोंटी से कहा- अच्छा एक बात तो बता, सिस्टर स्वैपिंग के बारे में तेरा क्या विचार है?

मोंटी तुरंत समझ गया कि बंटू क्या कहना चाह रहा है।
उसने गुस्से में बंटू को कहा- देख बंटू, खोपड़ा तो खराब कर मत वरना झगड़ा हो जाएगा।

बंटू ने कहा- यार, तू बिना मतलब नाराज हो रहा है. मैंने तो केवल तेरे विचार जानना चाहे थे. और यूं देखा जाए तो जब हमने एक दूसरे की मां चोद दी तो फिर उसके मुकाबले बहन चुदाने से क्या फर्क पड़ जाएगा?

उसके बाद बंटू ने मोंटी के दिमाग के जाले साफ करते हुए कहा- मोंटी, तू मेरा जिगरी यार है इसलिए मैं तुझ से कुछ भी छुपाना नहीं चाहता। वास्तव में बात यह है कि मैं जस्सी दीदी को उन्हीं के कहने पर चोद चुका हूं।

मोंटी ने एकदम आश्चर्य से बंटू की ओर देखा और कुछ आवेश में कहा- बंटू, देख झूठ मत बोल। जस्सी ऐसी लड़की नहीं है।
बंटू ने कहा- मोंटी देख, हर लड़के को अपनी मां और बहन तथा हर लड़की को अपना बाप और भाई बहुत शरीफ लगते हैं। तू तो पहले ठंडे दिमाग से मेरी बात सुन!

मोंटी ने अपने दिमाग को शांत करते हुए कहा- अच्छा बता कि यह सब कैसे हुआ?

उसके बाद बंटू ने जस्सी को चोदने की अपनी पूरी कहानी मोंटी को सुना दी।

मोंटी ने भी यह विचार किया कि जब हमारे मां बाप हजारों बार चुदाई कर लेने के बाद भी अभी भी नए साथियों के साथ जीवन का आनंद उठा रहे हैं, फिर मेरी और जस्सी की जवानी यदि उफान पर है तो आश्चर्य कैसा??

जब मोंटी के मन ने जस्सी की चुदाई को स्वीकार कर लिया तो फिर उसका ध्यान पुनः पम्मी की ओर गया।
उसने बंटू से कहा- चल ठीक है यार तूने जो किया। अब तू यह बता कि मुझे पम्मी की चूत कैसे मिल सकती है?

बंटू ने कहा- मैं तुझे आश्वस्त करता हूं कि शादी के पहले या शादी के बाद तुझे पम्मी की चूत मैं अवश्य दिलवाऊंगा।
मोंटी ने कहा कि शादी के बाद तो यह कैसे संभव हो सकता है?

बंटू ने कहा- यार, जो लड़की शादी के पहले तेरे मेरे लंड से खेल चुकी हो, हो सकता है उसने यहां से जाने के बाद और भी लंड लिए हों। ऐसे में शादी के बाद क्या वह केवल अपने पति के लंड से संतुष्ट होकर रह पाएगी? मुझे पूरा विश्वास है कि पम्मी भी कोई ना कोई जादू अपने पति पर ऐसा चलाएगी कि उसे भी अपने रंग में रंग लेगी।

बंटू की बातों ने मोंटी के दिमाग से तनाव को दूर करके उस तनाव को उसके लंड में भेज दिया।

मेरे रसिक पाठको, कहानी अभी बहुत सी अप्रत्याशित घटनाओं से होकर गुजरेगी एक भी पार्ट मिस नहीं करें, रंडी मॅाम Xxx कहानी के अगले भाग भी अंत तक पढ़ें और सनसनी का मजा लें।
माधुरी सिंह मदहोश
एवं मनोज सिंह प्रेमी

हमारी आई डी है
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रंडी मॅाम Xxx कहानी का अगला भाग: सेक्स है कुदरत का वरदान- 2

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