प्यासी पड़ोसन आन्टी की चूत चोदी
हेलो आल भाभी, गर्ल और हॉट आंटी. आई एम रवि, 23 इयर्स ओल्ड फ्रॉम लखनऊ!
मैं अपनी लाइफ की फर्स्ट सेक्स दास्ताँ लिखने जा रहा हूँ जिसमें मैंने मेरे पड़ोस की आंटी को चोदा।
मैं इस साइट का बड़ा प्रशंसक हूँ… साथ ही मुझे शादीशुदा औरतें बहुत पसन्द हैं।
आज मैं जो कहानी शेयर करने जा रहा हूँ, यह एक सच्ची घटना है जो मेरे और मेरे पड़ोस की एक आंटी के बीच हुई थी। मुझे स्कूल से ही मुठ मारने की आदत है और उसकी वजह से मेरे लंड का साइज़ भी बड़ा है, 7 इंच साइज़ और चौड़ा भी है।
मैं मेरे घर के आजू–बाजू वाली भाभी और सेक्सी आंटी को ख्यालों में लेकर के मुठ मारता था। लेकिन इस आंटी ने मुझे चुदाई का चस्का लगा दिया और थैंक्स टू आंटी, जिनकी वजह से मुझे सेक्स के बारे में बहुत जानकारी मिली और अब मैं किसी को भी सेटिसफाई कर सकता हूँ।
यह मेरा पहला सेक्स एक्सपीरियंस है।
कुछ दिन पहले की है, जब मैं घर गया था दिवाली की छुट्टियों में… हमारे घर के बाजू में एक फ़ैमिली किराये पर रहने आई थी, उनमें कुल 4 मेम्बर थे, अंकल, आंटी और दो बेटे!
आंटी की उम्र करीब 32 साल थी और अंकल की 40. आंटी दिखने में एकदम मस्त माल थी. 5 फिट 4 इंच हाइट आंटी का नाम मीना (नाम चेंज) था. भरे हुए स्थूल बूब्स और सेक्सी गांड देख कर ही चोदने का जी करता है।
तो जब मैं घर पहुँचा और दूसरे दिन सवेरे फ़ोन पर दोस्त के साथ बात कर रहा था, तब सेक्सी आंटी के दर्शन हुए। तबसे मैं उनको देखने के बहाने ढूंढने लगा था।
अंकल के शॉप पर जाने के बाद, आंटी कभी – कभी बाहर दरवाजे के पास बैठती थी, मैं हमेशा कुछ ना कुछ बहाना करके उनको देखने जाता, उनके बूब्स और गांड को देखता और कभी–कभी सामने अपने लंड को हाथ लगा देता था और सेट करता था।
आंटी भी कभी – कभी तिरछी नजरों से देख लेती थी और शायद उनको पता चल गया था कि मेरी निगाहें कहाँ रहती थी।
एक दिन वो झाड़ू मार रही थी और मैं दोस्तों के साथ मोबाइल पर बात कर रहा था, तब झाड़ू मारने के लिए झुकने के बाद उनका क्लीवेज दिखने लगा।
क्या सेक्सी दिख रही थी आंटी साड़ी में… एकदम सेक्सी… जी करता था कि जाकर अभी चोद दूँ लेकिन मैंने कण्ट्रोल किया। मेरा लंड आंटी को सलामी दे रहा था।
यह देख कर मुझे एकदम 440 वाट का झटका लगा और मैं आंटी के बूब्स को घूरने लगा। मैं आंटी के बूब्स को घूरते हुए अपने लंड पर हाथ फेर रहा था।
मेरा घर एक छोटी सी गली में है, वहाँ कोई खास लोग आते–जाते भी नहीं है। उन्होंने मुझे ये सब करते हुए देख लिया और मेरे लंड का उभार भी भांप लिया।
वो गुस्से में वहाँ से चली गई।
अगले दिन सुबह मैं क्रिकेट खेल रहा था तो आंटी के घर में बॉल चली गई, मैं बॉल लेने गया तो आंटी नहा कर निकली ही थी, उनके बाल खुले हुए थे और गीला बदन… बहुत ही सेक्सी लग रही थी।
तब मैं पागल हो गया और उन्हें घूरने लगा। वो देख कर मुझ में हिम्मत आ गई, मैंने सीधा आंटी के पास जाकर, उन्हें दबोच लिया और हिम्मत करके आंटी को पीछे से पकड़ लिया।
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तब आंटी बहुत गुस्सा हुई और मुझे घर से निकाल दिया और बोली– घर पर बता दूंगी!
मैं डर गया और वहाँ से निकल गया, 4-5 दिन मैंने कुछ नहीं किया और दिन भी ऐसे ही बीत गए।
फिर एक दिन, आंटी मेरे घर आई और मम्मी को बोली कि उन्हें कुछ सामान शिफ्ट करना है, तो मुझे उनके घर भेज दें।
मम्मी ने हाँ कह दिया और मुझे उनके घर भेज दिया।
मैं बहुत ही खुश था, मैं घर गया तो वहां आंटी के अलावा कोई नहीं था। आंटी ने साड़ी नाभि के नीचे पहनी हुई थी और महरून साड़ी में वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी।
मैंने पूछा- सब कहाँ हैं?
आंटी ने बताया कि अंकल बाहर गाँव गये हैं और उनके बच्चे उनके मामा के यहाँ गये हुए हैं।
मैंने सोचा कि मौका अच्छा है, फायदा उठा लेते हैं लेकिन मेरी फट भी रही थी, मैं कुछ करूँ और आंटी घर पर मेरी शिकायत ना कर दें। इसलिए मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी।
मैंने आंटी के साथ मिलकर सामान को इधर–उधर हटाना शुरू किया।
सामान हटाने में मदद कर रहा था कि सडनली आंटी का पल्लू नीचे गिर गया और उनकी क्लीवेज दिखने लगी।
मैं उनकी क्लीवेज को घूर रहा था, आंटी ने मुझे उनके बूब्स को घूरते हुए पकड़ लिया, मुझे कहा– क्या देख रहे हो?
मैंने कोई जवाब नहीं दिया। उस टाइम आंटी के बूब्स ब्लाउज में से बाहर आने को बेताब थे।
फिर आंटी ने कहा– मुझे पता है कि तुम क्या देख रहे हो!
मैं– क्या आंटी?
आंटी– चूसोगे क्या?
यह सुनकर मैं एकदम से पागल हो गया, मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया था, मैं एकदम से आंटी की तरफ गया और उनके बूब्स चूसने लगा।
आंटी ने कहा– रुको, पहले दरवाजा बंद करके आओ!
मैं भागते हुए दरवाज़ा बंद करने गया और वापस आ गया। तब तक आंटी ने साड़ी निकाल दी थी, अब आंटी सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में थी, उन्होंने अन्दर से ब्रा भी नहीं पहनी हुई थी। लग रहा था कि उन्होंने पहले से ही मूड बनाया हुआ था चुदाई का!
मैं उनके बूब्स चूस रहा था, एक बूब चूस रहा था और दूसरा दबा रहा था। बूब्स बहुत ही मुलायम थे। मैं बूब्स चूसता रहा और आंटी सिसकारियाँ लेती रही। मैं बीच–बीच में निप्पल को काट भी लेता था।
आंटी एकदम से पागल हो रही थी।
फिर मैंने आंटी के ब्लाउज को खोल दिया और उनके बड़े बूब्स को आजाद कर दिया। फिर मैंने उनके पेटीकोट को खिसका दिया।
फिर मैंने आंटी को अपनी गोदी में उठाकर बेड पर पटक दिया और ऊपर से ही उनकी चूत चाटने लगा।
आंटी एकदम पागल हो गई थी और अब वो मेरा सिर अपनी चूत में दबा रही थी और जोर–जोर से सिसकारियाँ ले रही थी- उम्म्म म्म… हम्म्म… अहः अहहाह अहहः अहः हाहाह अहहाह अहहः उम्म्म्म उम्म्म!
आंटी की सिसकारियाँ पूरे कमरे में गूंज रही थी और मैं जोश में आ रहा था, फिर आंटी की पेंटी निकलके उनकी चूत को आजाद कर दिया और अपनी उंगली उनकी चूत में डाल कर फिन्गरिंग करने लगा, उनकी मोनिंग की आवाज़ बढ़ रही थी और पूरे रूम में ‘अगगाग आहाह्हा अहह्हः अहाहा अहः ऊम्म्म्म उम्म्म्म ह्म्म्म आआम्म ऊऊ ऊऊ ओऊ ऊऊ अआमामा आआ एस एस’ की आवाज़ें आ रही थी।
अब आंटी मेरा नाम लेकर चिल्ला रही थी- रवि और चूसो.. जोर से.. जल्दी चूसो.. अहः हाहाहा जम्म्म्म ह्म्म्म उम् उम्म्म म्मम्म मम्म. मैं बहुत प्यासी हूँ. मेरी प्यास बुझा दो. अहः हाहाहा ऊऊ म्मम्म हम्म हम्म्म्म उम्म्मम्म…
उसके बाद मैं उनका पूरा बदन चाटने लगा, उनकी नाभि में जीभ डालकर पूरा चूसने लगा। इतना मज़ा, मुझे लाइफ में पहले कभी नहीं आया था।
आंटी की आवाज़ मुझे फुल जोश में ला रही थी, आंटी के पूरे बदन पर मैं जीभ फेरने लगा और वो भी जोश में आ गई थी।
फिर उन्होंने मेरा अंडरवियर निकाल कर मेरे लंड से खेलना शुरू कर दिया, वो उसे अपने मुह में डालकर चूसने लगी, मेरा लंड एकदम सलामी देने लगा, आंटी उसे लोलीपोप की तरह चूस रही थी और लगभग 5 मिनट चूसने के बाद, आंटी उसका पूरा रस पी गई।
अब उनके नरम–नरम होठों की बारी थी। उनके होंठ बड़े रसीले थे, 5 मिनट होठ चूसने के बाद आंटी बोली– अब इतना तड़पा मत… जल्दी से मेरी आग ठंडी कर और 15–20 मिनट के फॉरप्ले के बाद, आंटी की चूत की बारी थी।
आंटी ने मेरा लंड फिर से चूसा और उसे चुदाई के लिए एकदम तैयार कर दिया। मैं नया था इसलिए कॉंफिडेंट नहीं था लेकिन ब्लू फिल्म देखने के बाद, नॉलेज काफी थी।
फिर आंटी की चूत में मेरा गरम–गरम रॉड डाल दी और थोड़ा फ़ोर्स लगाकर अन्दर कर दिया।
आंटी की चूत थोड़ी कसी हुई थी और जब मेरा लंड अन्दर गया, तो ऐसा लग रहा था कि साल भर से आंटी की दमदार चुदाई नहीं हुई है। फिर मैंने और जोर से झटके मारे और पूरा लंड अन्दर चले गया और जैसे कि मेरा फर्स्ट टाइम था तो मैं थोड़ा जल्दी झड़ गया।
फिर आंटी ने मेरा लंड बाहर निकालने को बोला और पूरा साफ़ करके चूसने लगी और मेरा वीर्य क्रीम की तरह चाट लिया। मैं अब तक दो बार झड़ चुका था और आंटी ने लंड चूस कर फिर से तैयार कर दिया और 5 मिनट के बाद मेरा लौड़ा फिर से तैयार था आंटी की चुदाई करने के लिए!
मैंने लंड को आंटी की चूत में डाल दिया और जोर–जोर से चिल्ला रही थी- अहहाह अहहः अहाहः हाहाहा आआ हम्म्म्म एस एस एस हम्म्म्म ऊऊओ अहहाह अहहाह ओऊ हाहा.. बुझा तेरी आंटी की प्यास बुझा दे.. मिटा दे मेरी खुजली.. बहुत ज्यादा खुजली है इस चूत में..
आंटी की आवाज़े सुनकर मैं जोश में आ गया और जोर–जोर से चोदने लगा और कम से कम 15 मिनट चुदाई के बाद, आंटी छुट गई और गरम–गरम पानी मेरे लंड पर छोड़ दिया।
मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ाई और आंटी ने मुझे कसकर पकड़ लिया और फिर से एक बार पानी छोड़ दिया।
उस दिन मैं चार बार झड़ा और पूरी तरह से थक गया था।
इस तरह मैंने आंटी को कई बार चोदा।
उस दिन पूरी दोपहर आंटी और मेरी रासलीला चली। आंटी चार बार पानी छोड़ चुकी थी और मेरा तो बहुत बुरा हाल था।
सेक्स होने के बाद, आंटी की चूत चाटी और बाद में होंठ का रस पी लिया, आंटी के पूरी बॉडी को चूसने और चाटने के बाद मैं घर निकल गया और सो गया, फिर मैं सीधे शाम को 6 बजे उठा।
आंटी ने मेरा पूरा पानी निकाल दिया था लेकिन मैं भी कुछ कम नहीं था, आंटी को पूरा सैटइसफाई करके उनके घर से निकला था।
इस तरह उस दिन हमारी जबरदस्त चुदाई हुई थी और उसके बाद जब भी मौका मिलता था तो आंटी की चूत मारता था और आंटी को पूरी तरह से सैटइसफाई करता था।
आंटी को मेरे लंड से और मुझे उनकी चूत से प्यार हो गया था।
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