वो लाइन देती थी

मेरा नाम दीपक, कोटा राजस्थान से 28 साल का हूँ। मेरा लंड नौ इंच का है, न जाने कितनी चूत चोद चुका हूँ।

मैं अन्तर्वासना का पिछले एक वर्ष से नियमित पाठक हूँ। मैंने यहाँ बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं। मैं भी आप सबसे अपना अनुभव बांटना चाहता हूँ। मेरे पड़ोस में एक भाभी रहती है, उसके साथ पहली बार सेक्स किया था। भाभी की उम्र 38 की थी तब, देखने में बहुत ही सुन्दर, जिस्म 34-28-36 का होगा। कई बार उसको मैंने कपड़े सुखाते देखा छत पर !

मैं उसे देखता था और वो लाइन देती थी।

एक बार मैंने अपने लण्ड के ऊपर हाथ से दबाया तो उसने अपनी चूत पर हाथ रख कर दबाया।

एक दिन मैं ऊपर था तो उसने मुझे अपने घर आने के लिए बोला।

मैंने कहा- आऊँगा तो कुछ करके जाऊँगा !

वो बोली- इसलिए तो बुलाती हूँ, जल्दी आ जाओ, बहुत दिनों से तुमसे चुदना चाहती हूँ।

मैं उसके घर गया तो वहाँ पर कोई नहीं था, वो ख़ुशी से मेरे गले से लिपट गई और मुझे दनादन चूमने लगी। मैं इस हमले के लिए तैयार नहीं था, थोड़ा संभल कर मैंने भी उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया और उसके होंठों को चूसने लगा। वो गर्म होने लगी थी। मेरे हाथ उसके मम्मों पर चले गए और मैं नाइटी के ऊपर से ही दबाने लगा, उसने ब्रा नहीं पहन रखी थी।

दबाते-दबाते मैंने उनकी नाइटी उतार दी और मम्मे चूसने लगा। उसकी साँसें अब तेज होने लगी थी। मैंने उसके मम्मों के चुचूकों को अपने होंठों में दबा लिया और धीरे धीरे उन्हें चूसने लगा। उसकी आहें निकलने लगी। पूरा कमरा मानो गर्मी से भर गया।

मैंने उसके चुचूकों को चूसते हुए अपना हाथ उसकी पैंटी में डाल दिया। उसकी चूत चिकनी थी, ऐसा लगा कि उसने तभी बाल साफ़ किए हों !

मेरी उंगलियाँ उसकी चूत की दरार में पहुँच गई, वो सिसक पड़ी और बोली- अच्छे से करो ! मसल दो आज…

मैं भी पूरी उतेजना में आ चुका था, मेरा हथियार भी तन कर खड़ा हो गया था और उसकी चूत को सलामी दे रहा था। उसने मेरा लण्ड पकड़ लिया और अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। मेरी सिसकी निकल गई। वो इतने अच्छे से उसे चूस रही थी कि मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। इतना मज़ा कभी मुठ मारने में भी नहीं आया था। वो चूसे जा रही थी और मैं बस असीम आनंद में लीन होता जा रहा था।

मेरे उंगली करने से उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरु कर दिया, उसने कहा- मेरी चूत को चाट !

मुझे कुछ अजीब सा लगा पर मैं बेमन उसकी चूत चाटने लगा। थोड़ी देर में मुझे मजा आने लगा और मैंने अपनी जीभ उसकी चूत की दरार में फिरानी शुरू कर दी तो उसके मुँह से सीईईईइ की आवाज निकल पड़ी। उसने मेरे सर को कस के दबा दिया और मैं उसकी चूत का मज़ा लेने लगा। 10-12 मिनट में वो झड़ गई और मैंने उसकी चूत का सारा पानी चाट लिया।

फिर मैंने उसे गोद में उठाया और सोफे पर लिटा दिया और उनके मम्मों को चूसने लगा। वो बिलकुल गर्म थी, कहने लगी- अब देर ना कर ! बेचैनी बढ़ रही है ! जल्दी से मेरी बेचैनी शांत कर !

मैं उसका इशारा समझ गया, मैंने कहा- इसे तो तैयार करो !

उसने मेरा लण्ड चूसना शुरू किया और वो फिर से तन कर खड़ा हो गया, उसने पास से ही एक कण्डोम लेकर मेरे लण्ड पर चढ़ाया और मैं अपना लण्ड उसकी चूत से रगड़ने लगा।

वो बेचैन हुए जा रही थी, कहने लगी- जल्दी कर ! बर्दाश्त नहीं होता !

मैंने ज्यादा देर तड़फ़ाना ठीक नहीं समझा और अपना लण्ड उसकी चूत में डालने की कोशिश करने लगा। वो मुझे देख कर हंसी और बोली- तू निरा बुद्धू है ! नीचे वाले में पकड़ कर डाल !

मैंने डाला और जोर से धक्का दिया तो उसके मुँह से सिसकी निकल पड़ी- सीईऽऽऽ… कहा- मार डालेगा क्या ? धीरे कर !

लेकिन मुझे मज़ा आ रहा था, मैंने धीरे-धीरे धक्का लगाना शुरू किया। उसकी सिसकारियाँ निकलनी शुरु हो गई, वो कह रही थी- और जोर से ! और जोर से ! और जोर से !

और मेरा जोश बढ़ता जा रहा था। मैंने तेज रफ़्तार से धक्के लगाने शुरू कर दिए। लगभग 20 मिनट बाद उसका शरीर अकड़ने लगा, शायद वो झड़ने वाली थी पर मेरा अभी नहीं हुआ था।

उसने कहा- दीपक ईईई ऽऽऽ…

मैंने अपने धक्के तेज कर दिए थे। थोड़ी देर में मैं भी झड़ गया और उसके ऊपर गिर गया। थोड़ी देर हम ऐसे ही बेसुध पड़े रहे। फिर वो उठी और मेरे गाल पर चूमा और कहा- इतना मजा मुझे कभी नहीं आया था।

उसके बाद बोली- अब जब मन चाहे चुदाई कर लेना !

अगली बार कैसे उसे चोदा, बाद में लिखूँगा।

मुझे मेल करें !

What did you think of this story??

Click the links to read more stories from the category पड़ोसी or similar stories about

You may also like these sex stories

Download a PDF Copy of this Story

वो लाइन देती थी

Comments

Scroll To Top