सपना की चुदास ने मम्मी को भी चुदवाया-3
कहानी का पिछ्ला भाग: सपना की चुदास ने मम्मी को भी चुदवाया-2
पता नहीं कितने मिनट तक मैंने उसे चोदा। शायद 30 मिनट तक, फिर सारा माल उसकी चूत में डाल दिया। वो भी अब तक 2 बार झड़ चुकी थी। मैंने लंड को चूत में फंसाए रखा और ऊपर लेटा रहा।
आधे घंटे बाद वो बोली- जानू आइ लव यू !
फिर तकिये को देखा जो खून से रंग गया था। हम लोगों ने बिस्तर की सफाई कि फिर मैंने जो पैंटी और ब्रा लाया था उसे पहनाया। अपने होंठों से उसके मम्मों और चूत पर चुम्बन किया।
उसने कहा- जानू मुझे रोज प्यार करोगे ना !
मैंने कहा- जी करता है कि तुझे हमेशा प्यार ही करता रहूँ, लेकिन तेरी मम्मी की वजह से ऐसा नहीं हो पाएगा।
वो बोली- तो मम्मी को भी चोद दो ना। तेरा लंड अगर देख लेगी ना तो खुद चुदेगी। मैंने मम्मी को कई बार पुराने किरायेदार अंकल के साथ चुदते देखा है। वो तुमसे जरुर चुदा लेगी, फिर वो हमें भी नहीं रोक पाएगी।
पहले तो मैं चौंक गया पर फिर मुझे भी इस बात से मजा आने लगा कि इसकी मम्मी भी मेरे लौड़े के नीचे आ सकती है।
मैंने कहा- पर तेरी मम्मी को कैसे पटाऊँगा?
वो बोली- तुझे बस मम्मी को किसी तरह से अपना लंड दिखाना है और मेरे पास उसके लिए भी एक आइडिया है।
मैंने पूछा- क्या?
वो बोली- मम्मी सुबह चाय पीने के बाद पोट्टी करने जाती है। किसी की भी हिम्मत नहीं है कि उस समय बाथरूम चला जाए। तो जब मैं मम्मी को सुबह चाय दूँगी तो तू बाथरूम में जाना। बिल्कुल नंगे होकर अपना लंड खड़ा रखना। अन्दर से सिटकनी नहीं लगाना। मम्मी जब जाएगी तो खुद तेरा लंड देख लेगी। फिर मुझे नहीं लगता कि वो अपने को रोक पाएगी। अब हम सोते हैं। तुझे मैं जगा दूँगी।
मैंने उसे फिर से अपने सीने में चिपका लिया और चूची दबा कर अपने कमरे में आ गया।
कुछ ही देर में मैं सो गया। सुबह सात बजे सपना रानी ने मुझे चुम्बन करके जगाया और बोली- मम्मी को चाय दे दी है। तू जल्दी से जा।
मैंने अपना लोअर नीचे सरकाया और उसके हाथ पर अपना लंड रख दिया। वो सहलाने लगी। मेरा लंड तन कर खड़ा था।
मैंने कहा- अब आगे देखो या तो आज बाहर का रास्ता देखूँगा या फिर तेरी जम कर चुदाई करूँगा।
वो ‘बेस्ट ऑफ़ लक’ बोली।
मैं बाथरूम में खड़ा इंतजार करने लगा। 5 मिनट में आंटी आ गईं। वो आँखें फाड़ कर मुझे देखने लगीं फिर लंड को और बोलीं- क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- सॉरी आंटी, वो मेरा बाबूराव खड़ा हो गया था तो बैठने का इन्तजार कर रहा था।
वो बोली- आइन्दा से इस टाइम पर बाथरूम मत यूज करना और अगर अभी सपना आ जाती तो?
मैंने कुछ नहीं कहा।
वो बोली- अब जा भी !
तो मैंने अपना लोवर पहना और खड़े लंड लेकर बाहर आ गया। बाहर सपना खड़ी थी।
उसने पूछा- क्या हुआ? जल्दी बता !
तो मैंने सारी बात बता दी।
वो बोली- मैं जैसे ही स्कूल जाऊँगी, मम्मी तुझे बुला लेगी चुदाई के लिए। तू मुझे मैसेज कर देना। मैं मम्मी को चुदाई करते वक़्त पकड़ना चाहती हूँ।
फिर सब कुछ सामान्य हो गया। 8 बजे सपना स्कूल के लिए निकली पर उसने मुझे बता दिया था कि आज स्कूल नहीं जाऊँगी।
उसके जाने के बाद आंटी ने मुझे पुकारा। मैंने फिर एक बार ‘सॉरी आंटी’ कहा।
तो वो बोली- सुबह तेरा वो खड़ा हो जाता है तो तू क्या करता है?
मैंने कहा- बस कुछ देर मुठ मारता हूँ।
तो वो बोली- लंड को केवल चूत मारनी चाहिए। चूत का पानी लंड को मोटा बनाती है।
मैंने कहा- अब मैं चूत कहाँ से लूँगा?
तो बोली- कोई गर्ल-फ्रेंड नहीं है क्या?
मैंने कहा- नहीं !
तो आंटी ने कहा- चल आज से मैं तेरी गर्ल-फ्रेंड बन जाती हूँ। तू जब मन करे मेरा मार लेना लेकिन सपना को पता न चले।
मैंने कहा- हाँ, सही है।
फिर आंटी बोली- चल फिर निकाल अपना लंड और उसकी दोस्ती करा मेरी चूत से।
मैंने आंटी को खड़ा कर अपने से सटा लिया और उसके चूतड़ दबाने लगा।
वो बोली- जरा ठहर, कपड़े तो निकालने दे!
फिर पूरी तरह से नंगी हो कर मेरे पास खड़ी हो गई। चूत की बाल एकदम साफ थे। फिर तो मैं चालू हो गया। बड़े-बड़े पपीतों को बेरहमी से चूस और काट रहा था। तीन उंगलियाँ चूत में थीं। वो भी लंड को सहला रही थी।
15 मिनट में वो पूरी गर्म हो गई तो बोली- चल अब डाल दे।
मैंने अपना लंड उसके मुँह में रख दिया और बोला- इसे क्या तेरी बेटी चूसेगी? चूस रंडी !
वो मुझे देख कर बोली- ला बे बहनचोद।
और लंड चूसने लगी। मैंने तब तक मैसेज कर दिया, सपना को- आ जाओ !
क्योंकि वो मैंने पहले से टाइप कर के रखा हुआ था।
5 मिनट तक लंड चूसने के बाद मैंने उसकी चूत में लंड ठोक दिया, एक ही बार में पूरा। वो चिल्लाई।
फिर तो मैं तेज गति से चुदाई में लीन हो गया।
करीब 10 मिनट के बाद सपना रूम में खड़ी थी।
वो नाटक करते हुए बोली- मम्मी, आप यह क्या कर रही हो? मैं पापा को फोन करती हूँ !
आंटी तो एकदम कटे पत्ते की तरह चुप पड़ी रहीं और सपना रूम से बाहर निकल गई।
आंटी को मैंने कहा- अब पूरा तो चुदवा लो उसने मुझे अपने शरीर से धकेल दिया।
मैंने कहा- जल्दी कुछ करो नहीं तो गुस्से में अगर उसने फोन लगा दिया तो आप बर्बाद हो जाओगी।
आंटी बोली- बोल मैं क्या करूँ?
मैंने कहा- सपना भी जवान हो गई है, अगर वो बाहर के लड़कों के साथ ये सब शुरू कर देगी तो फिर आपकी इज्जत और चली जाएगी। इससे अच्छा तो यह है कि उसे भी इस खेल में शामिल कर लेते हैं। उसे भी मजा आएगा तो कुछ नहीं बोलेगी और आप भी मस्त मजे लेती रहेंगी।
वो बोली- तू कुछ भी कर, लेकिन उसे कॉल करने से रोक।
मैंने कहा- ठीक है मैं उससे बात करता हूँ और अगर वो मान गई तो उसे चोदना भी पड़ेगा।
आंटी कुछ नहीं बोली तो मैंने कहा- ठीक है मैं कोशिश करता हूँ कि वो चुदा ले।
फिर मैं सपना के रूम में पहुँचा। मैं तो नंगा था ही, जाते ही शुरू हो गया। कुछ देर बाद जब आंटी रूम में आईं तो मेरा लंड सपना की चूत में था।
सपना बोली- ओके मम्मी, मैं किसी को नहीं बताऊँगी। बस आज से ये मेरे साथ ही सोयेगा। आप दिन में मजे कर लिया करना।
मैंने कहा- आंटी आप भी आ जाओ, तीनों एक साथ।
वो बोली- नहीं, तुम लोग पहले कर लो।
मैंने सपना की चूत से लंड बाहर निकाल कर उसे घोड़ी बनाया और गांड में लंड डालने लगा।
वो बोली- जानू, अब तो मैं हमेशा तुमसे चुदूँगी। रात में फाड़ना न इसे, अभी चूत ही फाड़।
मैंने फिर लंड चूत में पेल दिया। फिर तो बस चुदाई ही होती थी। दिन में मैं ऑफिस जाता था तो सिर्फ सन्डे को आंटी चुदती थी और रात में उनकी बेटी और मैं नंगे होकर चुदाई करते। अब तो मैं बिना बताए ही नंगा होकर कभी आंटी को तो कभी सपना के रूम में चला जाता, बड़ी मस्त लाइफ हो गई थी।
तभी एक दिन काम वाली बाई ने मुझे नंगा घूमते हुए देख लिया, वो सब समझ गई।
आंटी बोली- ये हल्ला करेगी। तू इसे जल्दी से चोद।
फिर मैंने नौकरानी की कैसे मारी यह घटना फ़िर कभी !
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