रीना मेरी पड़ोसन
प्रेषक : पंकज कपूर
मेरी पड़ोस में एक भाभी रहती है, उसका नाम रीना है, क्या फिगर पाया है साली रांड ने ! वो सिन्धी है, उसका पति दिखने में ठीक ठीक है। रीना को कमर का दर्द रहता था और वो अक्यूपंचर से इलाज करवाती थी।
एक दिन वो इलाज से वापस आ रही थी और मैं भी उसी समय घर आ रहा था किसी काम से ! मेरी पत्नी दो-तीन दिन के लिए अपने मायके गई थी, मैं और रीना लिफ्ट में साथ थे, लिफ्ट में जाने के समय वो थोड़ा मुस्काई, वैसे तो वह जब भी सामने पड़ती है तो स्माईल देती है, लकिन उस दिन कुछ और ही था।
हम दोनों लिफ्ट में दाखिल हुए और बटन प्रेस किया, लिफ्ट स्टार्ट हुई और अचानक रीना गिरने लगी। मैंने उसको पकड़ लिया, उसने स्लीवेलेस ड्रेस पहनी हुई थी, साली क़यामत लग रही थी। एक अरसे से मेरी उसको चोदने की इच्छा थी मगर साली भाव ही नहीं देती थी और आज वो गिर के मेरी बाहों में थी। उसको चक्कर आ गया था।
मैंने उसको सम्भाला, एक तरफ मजा आ रहा था, एक तरफ डर लग रहा था कि कहीं कोई देख ले तो !
मगर किस्मत साथ थी, वो थोड़ी संभली मगर अभी भी उसे सहारे की जरूरत थी।
मैंने उसको कहा- मैं आपको घर छोड़ दूँ?
उसने मना नहीं किया और मैंने उसका घर खोला, उसको सहारा देकर अन्दर ले गया।
किस्मत साथ थी कि किसी ने नहीं देखा। अन्दर जाते ही मैंने दरवाजे को बंद किया और उसको बेडरूम में पलंग पर लिटा दिया। वो आधी खुली आँखों से मुझे देख रही थी, अचानक मैंने उसके पंखुड़ी जैसे होंठों को चूम लिया।
उसने कुछ नहीं कहा, मेरे में हिम्मत आ गई और मैं दरवाजे को कुण्डी लगा आया।
वापस आकर उसको चूमना चालू किया, अब वो गर्म होने लगी और मेरा साथ देने लगी। मैंने उसका कुरता हटा दिया और देखता ही रह गया ! क्या गजब की माल है, दोनों कबूतर जैसे बूब्स देखते ही मेरा लण्ड तन हो गया, मैंने उसको चूमना चालू किया, वो भी जम क साथ देने लगी मानो मेरी राह देख रही हो। मैंने उसके दोनों चूचियों को बारी चूसा और काटा भी।
वो कहने लगी- अब नहीं रहा जाता और मेरा सोलिड रोड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी।
क्या मजा आ रहा था, उतने में उसके मोबाइल की घण्टी बजी, उसके पति की आवाज़ थी, उसने पूछा- क्या कर रही हो?
वो बोली- कमर में दर्द है, पास वाली भाभी से मालिश करवा रही हूँ। बाद में बात करेंगे।
इतना कहते कहते उसने अपना पायजामा निकल दिया, एक हुस्न परी सिर्फ पेंटी में मेरे सामने थी, उसकी जांघें जैसे केले के तने, मस्त चूतड़, मैंने झट से उसकी पेंटी निकाली और बिना बालों की चूत के दर्शन किए।
दर्शन क्या, उसकी पलकों पर अपने होंठ लगा दिये, थोड़ा चूसा तो वो बोली- डालो !
मैंने भी देर ना करते हुए अपनी स्वप्नसुन्दरी के अन्दर घुसा दिया अपना लण्ड, उसने बड़े प्यार से साथ देना चालू किया और काफी सारे धक्कों के बाद दोनों तृप्त हो गए, थोड़ी देर के बाद उसने मेरा लन्ड देखा तो दोबारा खड़ाहो रहा था तो उसने पूछा- और करोगे?
मैंने कहा- हाँ, तेरी गाण्ड भी मारूँगा और कुतिया बनाकर भी चोदूँगा।
उसने कहा- मजा आएगा, मेरे पति ने कभी ऐसा नहीं किया।
मुझे उसकी गांड सबसे ज्यादा पसंद थी, अभी तक अनछुई थी, जम कर गाण्ड मारी, कुतिया भी बना कर चोदा, मुझे नहीं मालूम था कि इतनी सीधी दिखने वाली रीना मेरे लिए इतनी तड़प रही होगी।
बाद में उसने कहा- तुमको जब भी मैं देखती हूँ, मुझे अपनी उंगली से करना पड़ता है।
उसके बाद जब मौका मिला, मैंने उसको चोदा, अपने घर में, मेरे फ्रेंड के फ्लैट में, उसके घर में !
मुझे आपके विचारों की प्रतीक्षा रहेगी।
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