प्यासी मकान मालकिन की प्यास बुझाई
प्रेषक – शक्ति अरोरा
मेरा नाम शक्ति अरोरा है। मूल-रूप से मैं लखनऊ से हूँ। मैं २२ साल का हूँ, रोज़ाना जिम करता हूँ इसलिए मेरा ज़िस्म बहुत मज़बूत है। सेक्स के मामले में भी मैं काफ़ी मज़बूत हूँ। अभी करीब १५ दिन पहले की घटना मैं आपको बताने जा रहा हूँ। मैं पंजाब से बी-टेक कर रहा हूँ। शुरूआत से हॉस्टल में रहता था, लेकिन दो सत्रों के बाद मैंने शहर में एक कमरा किराए पर ले लिया था।
उस मकान की मकान मालकिन का नाम कुलजीत कौर था। उसकी फ़िगर क्या बात थी! उसकी चूचियों का तो कोई जवाब ही नहीं था और जब वो चलती तो उसकी पिछाड़ी भी बड़ी सेक्सी लगती थी। उसके चूतड़ दाएँ-बाएँ हिलते थे। मैं तो उसका दीवाना हो गया था। उसकी उम्र लगभग ३५-३६ साल की होगी। उसकी एक लड़की थी, वो भी अपनी माँ पर गई थी।
मकान मालकिन का पति आर्मी में कर्नल था जो कि बहुत कम आया करता था, इसलिए वो प्यासी लगती थी, और जब भी मुझसे मिलती थी या बात करती थी तो वो बड़ी प्यासी नज़रों से देखती थी। मैं उसका इशारा समझता था, लेकिन मैंने कभी कुछ कहा नहीं। एक दिन उसकी लड़की स्कूल गई थी, और मैं उस दिन कॉलेज नहीं गया था तो उसने मुझे आवाज़ दी कि ज़रा यहाँ आना।
मैं जब उसके कमरे में गया तो वो वॉशिंग मशीन में कपड़े धो रही थी। पंजाब में सभी सलवार-सूट पहनते हैं तो उसने भी नीली रंग की सेक्सी सलवार-सूट पहन रखी थी, जिसमें उसकी चूचियाँ बड़ी ही सेक्सी लग रहीं थीं। एक बार मैंने उसे देखकर सोचा कि काश मैं इसे चोद पाता। तभी उसने कहा कि जाओ ज़रा बाज़ार से सामान ले आओ, घर में कोई नहीं है इसलिए तुम्हें कह रही हूँ, मैं भी गीली हूँ। जब भी वह झुकती तो मैं उसकी चूचियाँ देखता रहता और वो भी यह जानती थी।
मैं सामान लेने चला गया, जब सामान लेकर उसे देने गया तो वह नहाने जा रही थी। वह यह कहकर गई कि बैठो, मैं अभी आती हूँ। वो काले रंग की नाईटी में आई, और माँ क़सम, क्या गज़ब ढा रही थी। उसकी चूचियाँ साफ-साफ दिख रहीं थीं, उसने ब्रा नहीं पहनी थी। सामान देकर मैं चला गया।
उसी रात को मैंने अपने कमरे में आहट सुनी, उसने खटखटाया। मैंने दरवाज़ा खोला, उस समय रात के करीब २ बज रहे थे।
वह बोली, “मुझे नींद नहीं आ रही।”
मैंने पूछा – “क्यों?”
तो बोली – “ऐसे ही।” अचानक वह मेरे पास आकर बैठ गई,
फिर पूछती है, “तुम्हारी कोई गर्लफ्रेण्ड है क्या?”
मैंने उत्तर दिया – नहीं।”
उसने फिर पूछा, “आज तक किसी लड़की को नहीं छुआ।”
मैंने कहा, “मन तो करता है, लेकिन अभी तक नहीं।
उसने अचानक मेरा हाथ पकड़ा और किस किया। फिर वो मेरे होठों को अपने होठों से भींचने लगी। मैंने भी अपना हाथ उसकी चूचियों पर रख दिया, उसने मुझे बढ़ावा दिया, “दबाओ, ज़ोरों से दबाओ।”
दूसरा हाथ मैंने उसकी नाइटी में डाल दिया और ऊपर ले जाने लगा, उसने पैन्टी नहीं पहन रखी थी। उसने फटाफट मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरा ८ इन्च का लण्ड चूसने लगी। उसने भी अपनी नाईटी उतार दी। उस समय क्या लग रही थी वो!
फिर उसने अपनी चूत चाटने को कहा, मैंने उसकी चूत चाट-चाट कर लाल कर दी, वो गर्म हो चुकी थी। उसने कहा कि शक्ति अब मुझसे सहा नहीं जाता, चोद दे मुझे, प्लीज़ मुझे चोद दो। फिर मैंने अपना लण्ड उठाकर उसको चोदा। वो चीखती रही… हाय!!!!!! और चोद मेरे राजा…!!!! मैं उसकी चूचियों को खूब दबाता… तो वो और चीखती अ्अअअअ्अअअअआआआआहह्ह्ह्ह्हह्हहहह आआआआआहहहहह… और फिर करीब ३० मिनट के बाद हम दोनों झड़ गए।
उसने मुझे प्यार से गले लगाया और स्मूच्च किया। इसके बाद तो मुझे गिनती भी याद नहीं कि मैंने उसे कितनी बार चोदा।
आगे मैं उसकी लड़की की कहानी बताऊँगा। पहले आप मुझे अपने विचारों के साथ मेल करें
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