पड़ोस वाली भाभी-2
(Pados Wali Bhabhi- Part 2)
जैसा कि आप जानते हैं कि मैं अब एक कॉल-बॉय हूँ लेकिन मैं कॉल बॉय कैसे बना, यह आपबीती उसकी शुरुआत है।
मेरे घर से निचली मंजिल पर रहने वाली भाभी के साथ समय तय हो गया था।
अगले दिन भैया सुबह सुबह टूर पर निकल गए। उसके बाद भाभी ने मुझे नीचे बुलाया।
मैंने जाकर उनके फ्लैट की दरवाजे की घण्टी बजाई। उन्होंने दरवाजा खोला तो मैं उन्हें देखता रह गया।
क्या मस्त लग रही थी वो! लाल पतली सी नाइटी में बहुत सेक्सी लग रही थी वो! उनके मम्मों के उभार किसी का भी लंड खड़ा कर दें!
मैंने कहा- भाभी, आज क़त्ल करने का इरादा है क्या?
वो मुस्कुरा दी और मुझे अन्दर आने को कहा। मैं अब कमरे के अन्दर था, भाभी ने दरवाजा बंद कर दिया और बड़ी अजीब नज़रों से मेरी तरफ देखने लगी और कहा- राहुल अगले तीन दिनों तक तुम मेरे गुलाम हो!
मैंने कहा- वो कैसे?
उन्होंने कहा- आखिर तुम्हें पैसे भी तो दे रही हूँ!
मैं थोड़ा संभल गया। (दोस्तो इससे पहले मैंने कभी सेक्स नहीं किया था और न ही मुझे कोई अनुभव था। हाँ, मुठ जरुर मारता था)।
खैर मैंने कहा- भाभी, आप देखो तो सही कि आपका यह गुलाम कैसे आपको खुश रखता है!
वो ख़ुशी से मेरे गले से चिपट गई और मुझे दनादन चूमने लगी।
मैं इस हमले के लिए तैयार नहीं था, थोड़ा संभल कर मैंने भी उन्हें अपनी बाहों में जकड़ लिया और उनके होंठों की चूसने लगा।
वो गर्म होने लगी थी। मेरे हाथ उनके मम्मों पर चले गए थे और मैं नाइटी के ऊपर से ही उन्हें दबाने लगा, उन्होंने ब्रा नहीं पहन रखी
थी।
दबाते-दबाते मैंने उनकी नाइटी उतर दी और उनके मम्मे चूसने लगा। उनकी साँसें अब तेज होने लगी थी। मैंने उनके मम्मों के चुचूकों
को अपने होंठों में दबा लिया और धीरे धीरे उन्हें चूसने लगा। उनकी आहें निकलने लगी। पूरा कमरा मानो गर्मी से भर गया।
मैंने उनके चुचूकों को चूसते हुए अपना हाथ उनकी पैंटी में डाल दिया। उनकी चूत चिकनी थी, ऐसा लगा कि उन्होंने आज ही बाल साफ़
किए हों!
मेरी ऊँगलियाँ उनकी चूत की दरार में पहुँच गई, वो सिसक पड़ी और बोली- अच्छे से करो! मसल दो आज…
मैं भी पूरी उतेजना में आ चुका था, मेरा हथियार भी तन कर खड़ा हो गया था और उनकी चूत को सलामी दे रहा था।
उन्होंने मेरा लण्ड पकड़ लिया और अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। मेरी सिसकी निकल गई।
वो इतने अच्छे से उसे चूस रही थी कि मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। इतना मज़ा कभी मुठ मारने में भी नहीं आया था। वो चूसे जा रही
थी और मैं बस असीम आनंद में घुसा जा रहा था।
मेरे ऊँगली करने से उनकी चूत ने पानी छोड़ना शुरु कर दिया, उन्होंने कहा- मेरी चूत को चाटो!
मुझे कुछ अजीब सा लगा तो उन्होंने कहा- तुम मेरे गुलाम हो ना!
मैं बेमन उनकी चूत चाटने लगा। थोड़ी देर में मुझे मजा आने लगा और मैंने अपनी जीभ उनकी चूत की दरार में फिरानी शुरू कर दी
तो उनके मुँह से सीईईईइ की आवाज निकल पड़ी।
उन्होंने मेरे सर को कस के दबा दिया और मैं उनकी चूत का मज़ा लेने लगा। 10-12 मिनट में वो झड़ गई और मैंने उसकी चूत का
सारा पानी चाट लिया।
फिर मैंने उन्हें गोद में उठाया और सोफे पर लिटा दिया और उनके मम्मों को चूसने लगा। वो बिल्कुल गर्म थी और कहने लगी- अब देर
ना करो! बेचैनी बढ़ रही है! जल्दी से मेरी बेचैनी शांत करो!
मैं उनका इशारा समझ गया, मैंने कहा- इसे तो तैयार करो!
उन्होंने मेरा लंड चूसना शुरू किया और वो फिर से तन कर खड़ा हो गया। मैंने पास रखी अपनी पैंट से कंडोम निकाला, उसे लगाकर
अपना लंड उनकी चूत से रगड़ने लगा।
वो बेचैन हुए जा रही थी, कहने लगी- जल्दी करो! अब बर्दाश्त नहीं होता!
मैंने ज्यादा देर तड़फ़ाना ठीक नहीं समझा और अपना लंड उनकी चूत में डालने की कोशिश करने लगा। वो मुझे देख कर हंसी और
बोली- तुम निरे बुदू हो! नीचे वाले में पकड़ कर डालो!
मैंने डाला और जोर से धक्का दिया तो उसके मुँह से सिसकी निकल पड़ी- सीईऽऽऽ… कहा- मार डालोगे क्या? धीरे करो!
मेरा लंड थोड़ा सा छिल गया था शायद पहली बार के कारण! लेकिन मुझे मज़ा आ रहा था, मैंने धीरे-धीरे धक्का लगाना शुरू किया।
उनकी सिसकारियाँ निकलनी शुरु हो गई, वो कह रही थी- और जोर से! और जोर से! और जोर से!
और मेरा जोश बढ़ता जा रहा था। मैंने तेज रफ़्तार से धक्के लगाने शुरू कर दिए। लगभग 20 मिनट बाद उनका शरीर अकड़ने लगा,
शायद वो झड़ने वाली थी पर मेरा अभी नहीं हुआ था।
उन्होंने कहा- राहुल मैं तो गयीईईई ऽऽऽ…
मैंने अपने धक्के तेज कर दिए थे। थोड़ी देर में मैं भी झड़ गया और उनके ऊपर गिर गया। थोड़ी देर हम ऐसे ही बेसुध पड़े रहे। फिर वो
उठी और मेरे गाल पर चूमा और कहा- इतना मजा मुझे कभी नहीं आया था!
मैंने कहा- अभी तो बहुत समय है, आप देखो कितना मज़ा आयेगा!
वो हंस कर बाथरूम में चली गई। मैं थोड़ी देर वहीं सोफे से उन्हें बाथरूम में फ्रेश होते देखता रहा।
बाद में मैंने उनकी गांड भी मारी और तीन दिनों तक बहुत मज़ा किया। यह कहानी फिर कभी!
आपको मेरी आपबीती कैसी लगी जरूर बताएँ।
आप अपनी प्रतिक्रया मुझे [email protected] पर दे सकते हैं, मुझे इंतज़ार रहेगा।
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