मेरी मस्त पड़ोसन रिया

दोस्तो, आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद, कि आपने मेरी कहानियाँ ‘माला की चुदाई, मजा और मलाई, व जब गांड मारी जमके’ पढ़ी, आपने जो मेरा साथ दिया उसके लिये एक बार और धन्यवाद!

दोस्तो, आज नई कहानी लेकर आया हूँ।

मेरी पड़ोसन जिसका नाम रिया है और उसकी उम्र भी १९-२० की है। रिया बहुत ही खूबसूरत है, उसके स्तन बहुत ही शानदार, जैसे दो नारियल के बड़े गोले रखे हों, एकदम टाइट कहने का मतलब।

वो जब भी मेरे घर किसी काम से आती तो मुझे अलग कमरे में जाकर मुठ मारनी पड़ती, अब आप ही सोचो दोस्तो कि जब आपका ये चोदू संजय को मूठ मारनी पड़े तो उस नारी का क्या कहना।

ऐसा नहीं कि मैं ही उसे देखा करता था, वो भी जब भी मेरे घर आती तो उसकी आंखे कुछ ना कुछ तलाशती रहती, शायद मुझे!

मैं उसको चोदने का रास्ता तलाशने लगा।

एक रोज घर कोई नहीं था और वो मेरे घर आई। उस वक्त मैं अपने कमरे में टी.वी. पर बहुत गरमागरम चोदू पिक्चर देख रहा था। घर की घंटी बजी तो मैंने उठकर तौलिया लपेटा और दरवाजे को खोलने गया। दरवाजा खोलते ही मैंने देखा कि मेरी पड़ोसन रिया खड़ी हैं। वो मुझे देखते ही मुस्करा पड़ी और पूछा- क्या बात है संजू ? नहाने जा रहे थे?

मैंने कहा- हां !

तो उसने कहा- मम्मी कहाँ गई?

तो मैंने कहा- बाहर गई हैं।

रिया बात करते करते अन्दर आ गई और मैं भी टी.वी. पर चल रही नंगी पिक्चर के बारे में भूल गया क्योंकि उसकी आवाज तो मैंने पहले ही बंद कर रखी थी। मैंने कहा- रिया ! क्या काम था?

तो उसने रसोई में से कोई चीज लेनी थी, तो मैं रसोई में उसका बताया सामान लेने गया और रिया मेरे कमरे में कब चली गई मुझे पता ही नहीं चला। मैं जब रसोई से वापस आया तो रिया को ना देख मैं उसे तलाशता हुआ अपने कमरे की तरफ गया तो देखा रिया बेड पर बैठी बड़े गौर से टी.वी. पर चल रही पिक्चर को देख रही थी, रिया को होश भी नहीं था कि मैं कमरे में आ गया हूँ।

इधर रिया को पिक्चर देखते हुए मेरा लंड भी फटाफट बिस्तर छोड़ खड़ा हो गया और अंगड़ाई पर अंगड़ाई लेने लगा। चूंकि रिया की पीठ मेरी तरफ थी तो उसे पता ही नहीं चला कि मैं कब आकर उसके पीछे खड़ा हो गया। रिया पिक्चर देखते हुए गरम हो गई थी, वो अपने स्तनों को अपने ही हाथों से दबाती तो कभी अपनी चूत को अपनी उंगली से कुरेदने लगती तो कभी अपने होठों को अपने ही दांतो से काटने लगती।

लोहा गरम देख मैं घर का दरवाजा बंद कर रिया के पीछे चुपचाप गया और पंलग पर बैठते हुवे पीछे से उसके स्तन दबाने लगा। एकदम से मेरे हाथ को देख वो डर गई। मगर मैं अब चुप रहने वाला थोड़े ही था, मैंने रिया के होठों को अपने होठों से दबा लिया और चूसने लगा। कुछ देर तो रिया मुझे दूर हटाने की कोशिश करती रही मगर रिया तो खुद गरम हो चुकी थी।

धीरे धीरे मेरा एक हाथ उसके कुरते पर गया और उसके स्तन दबाने लगा। अब वह भी मेरा साथ देने लगी थी, उसका एक हाथ मेरी कमर पर गया और मेरी कमर को सहलाने लगी। अब मुझमें भी ताकत आ गई और मैंने रिया का कुर्ता उतार दिया, कसम से मैं उसके तने चूचों को देखता ही रह गया। रिया ने पूछा- क्या देख रहे हो?

तो मैंने कहा- रिया डार्लिंग ! कसम से आज तक ऐसा हुस्न कहीं नहीं देखा।

नंगे स्तनों को मैं दोनों हाथों से दबाने लगा जैसे फिर कभी मौका मिले या ना मिले। रिया का भी एक हाथ मेरे तौलिए पर गया और मेरे लंड को तलाशने लगा, वो कामयाब हो गई, आखिर मेरे लन्ड को तलाश ही लिया था।

उसने कुछ देर तक मेरे लन्ड को सहलाया, फिर बेड पर बैठ गई और मेरे लन्ड के सुपाड़े को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी, सच में मुझे एक ऐसी अनोखी यात्रा का आनन्द प्राप्त हो रहा था कि मैं शायद कहीं रास्ते में ही पंचर ना हो जाऊं।

मैंने रिया से जबरदस्ती अपने लन्ड को छुड़ा कर उसकी सलवार पैन्टी समेत एक बार में ही उतार दी और उसकी चूत के दर्शन कर चूत को ऐसे चाटने लगा जैसे बिल्ली कटोरे में रखी मलाई को चाटती हो ! उसकी चूत को जीभ से ही चोदने लगा, रिया का शरीर अकड़ने लगा था और अजीब सी आवाजें आने लगी- हाऽऽऽऽय सं……..जू बस करो ! मेरा पाऽऽऽनी निकऽऽऽल रऽऽऽहा हैं हाााााय मााााार डााालााााा।

मैंने लोहा गरम देखा और अपने लन्ड देव तो पहले से ही अंगड़ाइयाँ लेकर तैयार थे। लंड को सीधा रिया की चूत पर रखा और उसके होठों को अपने होठों में लेकर चूसने लगा। रिया भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। साथ तो लन्ड देव भी गजब का दे रहे थे, अपने आप ही रिया की चूत में धीरे-धीरे चुपके-चुपके जगह बनाने में लगे थे।

अब तक मेरा सुपाड़ा रिया की चूत में जा चुका था, जिससे उसके चेहरे पर दर्द की शिकन आने लगी थी। मगर उसकी जुबान मेरे होठों की गिरफ़्त में थी इसलिये रिया चाह कर भी चिल्ला नहीं पा रही थी।

मैंने हलका सा झटका दिया और मेरा ९ इंची का लौड़ा सीधा रिया मैडम की चूत में आधा धंस गया। रिया की चूत से निकल रहे चिकने पानी के कारण लंड को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो रही थी, मगर रिया को थोड़ा बहुत तो दर्द हो ही रहा था। एक हाथ से मैं रिया के बोबे सहला रहा था जिससे रिया वापस मस्त हो रही थी, अब एक झटका और दिया तो लन्ड देव चूत रानी से गले जा मिला यानि मेरा लन्ड सीधा रिया की बच्चेदानी को बजाने लगा जिससे रिया को काफी दर्द होने लगा और अपने आप को छुड़ाने की नाकामयाब कोशिश करने लगी।

मैं कुछ देर रूक गया और उसे हर तरीके से सहलाने लगा। रिया का दर्द जब कुछ कम हुआ तो धीरे धीरे लन्ड को आगे पीछे करने लगा। रिया को भी मस्ती चढ़ने लगी और वह भी नीचे से मेरा साथ देने लगी। अब तो मैंने भी स्पीड पकड़ ली। रिया की आवाजें नशीली होने लगी- उंमऽऽ हाययययय संज….उ……. मा…र…….डााााााा ला….. संजू डार्लिंग चोदो आज मेरी चूत को जैसे तुम चाहो जल्दी करो मेराााा हो रहा और १५-२० मिनट बाद ही हम दोनो ही का एक साथ पानी छुटा और एक दूसरे पर ढेर हो गये।

फिर तो मैंने और रिया ने एक बार और सेक्स किया फिर रात को मिलने के वादे के साथ ही वो चली गई।

दोस्तो तुम्हारे पत्रों का मुझे बेदर्दी से इंतजार रहता हैं।

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