मकान मालकिन के साथ होली

प्रेषक: मयंक शर्मा

मेरा नाम मयंक है, मैं 24 साल का लड़का हूँ, मेरी शादी हो चुकी है। मेरा शरीर दुबला है पर एक बड़े लंड का मालिक हूँ। मैं भोपाल में एक प्राइवेट कंपनी में काम करता हूँ, वैसे मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ और यहाँ भोपाल में किराये के घर में रहता हूँ।
मेरी मकान मालकिन बहुत सेक्सी हैं, उनकी आयु करीब 38 साल है। उनका एक बेटा है पर वो लगती बहुत सेक्सी हैं बिल्कुल गुड़िया जैसी। उनके पति बाहर नौकरी करते हैं और दो महीने में एक बार ही घर आते हैं। शायद इसीलिए आंटी मुझे देखती रहती थी क्योंकि उनकी सेक्स कि प्यास बुझ नहीं पाती होगी।

होली की बात है, मेरी बीवी अपने मायके गई हुई थी और मैं भोपाल में ही था। अंकल भी होली पर घर नहीं आये थे।

सुबह सब लोग होली खेल रहे थे पर मैं अकेला था तो अपने कमरे में अकेला बैठा टीवी देख रहा था। आंटी का बेटा अपने दोस्तों के साथ होली खेलने गया हुआ था। आंटी भी मोहल्ले में होली खेल कर थोड़ी देर में वापस आ गई।

वो सीधे मेरे पास आई, मैंने उन्हें होली की शुभकामनाएँ दीं तो वे शरारत से मेरे गाल पर रंग लगा कर हँसने लगी। फिर वो अपने घर चली गईं नहाने के लिए। थोड़ी देर में उनकी आवाज आई, शायद वो मुझे बुला रही थी।

मैं ऊपर गया, वहाँ देखा तो बाथरूम का दरवाजा खुला था, मैं बाहर ही खड़ा रहा तो आंटी ने आवाज देकर कहा- अंदर आ जाओ ! यह नल नहीं खुल रहा है, इसे खोल दो।

मैं अंदर गया, आंटी नंगी थी तो मुझे कुछ झिझक हुई, आंटी ने कहा- अरे आ जाओ ! नल खोल दो !

तो मैंने कहा- आप तो…….!

आंटी बोली- तो क्या हुआ, आ जाओ ना ! क्या तुम अपनी बीवी के रहते बाथरूम में नहीं जाते क्या?
शर्माओ मत और नल खोल दो…..

आंटी बिलकुल नंगी थी और उनका फिगर मेरी बीवी जैसा ही था, बिल्कुल सुडौल ! लग ही नहीं रहा था कि 38 साल की हैं और एक बेटे की माँ हैं !

मैंने जैसे ही नल खोला, उन्होंने मेरे ऊपर पानी डाल दिया और मैं पूरा भीग गया।

मैंने आंटी से कहा- ऐसे मैं कैसे नीचे जाऊँ?

तो वो कहने लगी- तुम भी यहीं नहा कर अपना रंग छुड़ा लो…..

मैंने दूर होते हुए मना किया तो आंटी ने मुझे अपनी बाँहों में भर के कहा- मैं तो तुम्हारे अनुभव का लुत्फ़ उठाना चाहती हूँ, जब तुम अपनी बीवी को चोदते हो तो मुझे ऊपर अपने बेडरूम तक उसकी सिसकारियाँ सुनने को मिलती हैं। बहुत दिनों से मैं तुमसे चुदना चाहती थी।

मैं तो तुम्हारी चुदाई की आवाजों से ही समझ गई थी कि तुम चोदने में तेज हो, भले ही दिखते छोटे हो।

और उन्होंने मेरा लोअर और अंडरवियर उतार दिया और बनियान भी उतार फेकीं।

अब तक मेरा भी लंड उनकी भरी चूत को देख कर पूरा खड़ा हो चुका था। उनके स्तन तो इतने गोल मटोल थे कि मेरा भी ईमान डोल गया और मैंने भी आंटी को कस कर जकड़ लिया। आखिर मेरी बीवी 15 दिन से बाहर थी तो मेरा लंड भी तबसे सो रहा था।

फिर तो मैंने आंटी को चूमना शुरू कर दिया और उनके स्तन दबाने लगा और वो भी मेरी गांड पर हाथ फेर रही थी।
अचानक से उनकी नज़र मेरी छाती पर पड़ी जहाँ चुदाई के समय मेरी बीवी ने काट कर निशान बनाये थे तो कहने लगी- तुम लोग धांसू चुदाई करते हो !

निशान देख कर आंटी को भी मदहोशी छाने लगी और मेरे मुँह को अपने वक्ष पर दबाने लगी। मैंने उनके चुचूक चूसना शुरु किया तो वो काटने को कहने लगी।

मैंने उनके वक्ष पर काटना चालू कर दिया और उनका शरीर अकड़ने लगा और मैं उनकी चूत को सहलाने लगा। फिर तो वो खूब गर्म हो गई-

उनके मुँह से आआह्ह्ह……ओह्ह्हह्ह निकलने लगा और उनकी पकड़ मेरे लंड पर और तेज हो गई।

फिर तो उन्होंने मेरे लंड को अपनी चूत पर टिका दिया और कहने लगी- मयंक चोद दो मुझे !

मैंने अपने लंड को चूत के मुख पर रख कर धक्का दिया तो वो आराम से अंदर चला गया। इसी समय बस मुझे लगा कि आंटी एक बच्चे की माँ हैं नहीं तो बाकी तो सब इतना सुडौल है कि कोई भी उनके नाम की मुठ मार सकता है।

फिर मैंने आंटी को बाथरूम में ही लिटा दिया और उनके ऊपर चढ़ कर चुदाई करने लगा। मैं उनकी चूत में अपना लंड अंदर-बाहर करता रहा और साथ ही साथ उनके वक्ष पर काटता भी रहा। जब भी मैं उन्हें काटता, वो बस आआआहऽऽऽ मार डाला ! करती रही, कहती-

मयंक, आज तो जोर से चोदो और मेरी चूत को ढीला कर दो !

मैं भी उन्हें खूब पेलता रहा,

मैंने कम से कम ३० मिनट आंटी को चोदा, फ़िर आंटी का शरीर अकड़ने लगा तो उन्होंने मुझे भींच लिया और मैंने भी चुदाई की गति बढ़ा दी।

थोड़ी ही देर में आंटी झड़ गई और मेरा लण्ड उनके लसलसे पदार्थ से नहा गया।

थोड़ी ही देर में जब मैं भी झड़ने वाला था तो मैं अपना लंड बाहर निकलने लगा। इतने में उन्होंने लंड को पकड़ कर कहा- पूरी चुदाई चूत में ही करो ! बाहर मत निकालो ! जैसे तुम अपनी बीवी को पूरा चोदते हो, वैसे हो चोदो !

मैंने पूछा- आपको कैसे पता?

तो कहने लगी- मैं सुनती रहती थी कि तुम्हारी बीवी कहती थी कि जानू, पूरा कर दो !

मैंने कहा- आंटी उस समय मैं कंडोम लगाये रहता था, अगर अभी चूत में पानी छोड़ा तो गड़बड़ हो जायेगी।

आंटी ने कहा- राजा, मेरी नसबंदी हो चुकी है। तुम चिंता मत करो और मजे से चोदो !

बस फिर क्या था, मैं निश्चिंत हो कर उन्हें चोदने लगा और करीब दस मिनट बाद दोनों एक साथ झड़ गए और मैंने अपना वीर्य उनकी चूत में भर दिया।

तो दोस्तो, इस तरह मैंने अपनी सेक्सी मकान मालकिन को चोदा और अपनी होली सफल कर ली।

आपको मेरी कहानी कैसी लगी, जरूर बताएँ..

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