हंसी तो फंसी-2

एक बार फिर से हाजिर हूँ चूत में से पानी निकालने और लंड में से अमृत रस निकालने के लिए।
मैंने आपको अपनी कहानी के पिछले भाग
हंसी तो फंसी-1
में बताया था कि कैसे मैंने मोनिका को चोदा था। इस कहानी में आपको बताऊंगा कि कैसे मैंने मोनिका की बड़ी बहन मानसी को चोदा।

एक दिन मानसी मेरे पास आई किसी बहाने से और कहने लगी- तुमने मेरी बहन की जिंदगी बर्बाद कर दी है, अब वो किसी को मुँह दिखाने के काबिल नहीं रही।

मैंने उससे उसके लिए माफ़ी मांगी और कहने लगा- वो बस मैं और मोनिका अपने आप पर काबू नहीं रख सके।
तब वो कहने लगी- तुमने कहा था कि जो मैं मांगूंगी, वो तुम मुझे दोगे?

मैंने हाँ में सर हिलाया तो उसने कहा- मेरी छोटी बहना की प्यास बुझा दी और मेरी प्यास कौन बुझाएगा? तुमने यह भी नहीं सोंचा कि बड़ी बहन तड़प रही होगी।
मैंने मन ही मन सोचा कि मेरी तो लाटरी खुल गई।

मैंने उससे पूछा- कब आ जाऊँ तुम्हारी प्यास बुझाने के लिए?
उसने कहा- जब मौका मिलेगा, तब बता दूँगी।

कई दिन बीत गए। कोई मौका नहीं मिला।
घर पर तो मौका नहीं मिलता था इसलिए मैं उसको लेकर एक पार्क में गया। करीब 6 बजे होंगे ठण्ड का मौसम था तो बहुत कम लोग थे वहाँ पर।
आधे घण्टे में ही सभी लोग चले गए। सिर्फ मैं और मानसी ही बचे थे।
मैंने चौकीदार को सौ का नोट दिया, वो समझ गया।

वहाँ हम एक सुनसान जगह पर बैठ गए, एक पेड़ के नीचे। अँधेरा हो गया था। मैं बैठ गया और वो मेरे गोद में बैठ गई। मैंने निक्कर और टी-शर्ट पहनी थी और उसने स्कर्ट घुटनों तक की और टी-शर्ट पहनी थी।
मैंने उसे चूमना शुरु किया। वो मेरे गोद में बैठी थी। मैं उसकी चूचियाँ दबा रहा था और वो मेरा लंड सहला रही थी।
करीब दस मिनट तक हमने एक दूसरे को चूमा।

मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी, उसने ब्रा नहीं पहनी थी। मैं उसकी एक चूची को दबाने लगा और दूसरी को मुँह में लेकर चूसने लगा। फिर मैंने उसकी स्कर्ट भी उतार दी। अब वो सिर्फ पेंटी में थी।

उसने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिए और कच्छे में से लंड निकाल कर चूसने लगी, ऐसे चूस रही थी जैसे भूखी शेरनी हो।

अब मैंने उसकी पेंटी भी उतार दी। मैंने उसे सीधा लिटा और उसकी चूत पर लंड रखा और जैसे ही धक्का दिया, एकदम से आधा लंड अंदर चला गया, और उसने उफ़ तक नहीं की।
मैंने उससे पूछा तो कहने लगी- वो पहले भी 5-6 बार चुद चुकी है।

मैंने एक और धक्का दिया और पूरा लंड अंदर चला गया। अँधेरा और साथ में खुला आसमान और साथ में चूत का साथ क्या मजा था।

हम करीब बीस मिनट तक चुदाई करते रहे और 20 मिनट बाद दोनों झड़ गए। कुछ देर लेटे रहे, फिर उसने मेरा लंड लेकर चूसना शुरु कर दिया।
मैंने उससे कहा- अब चलते हैं!
तो उसने कहा- अब मेरी गांड कौन मारेगा? चौकीदार?

मैंने भी जोश में आकर उसकी गांड में उंगली दे दी।
मेरा लंड भी दुबारा से खड़ा हो गया और उसकी गांड भी अब खुजलाने लगी।
मैंने देर न करते हुए लंड को उसकी गांड पर लगाया और धक्का दिया। उसकी गांड भी उसकी चूत की तरह ढीली थी बल्कि उससे भी जयादा ढीली थी। एक ही बार में चला गया।

मैंने दनादन तेज रफ़्तार से उसकी गांड की चुदाई की और 15 मिनट बाद जब झड़ने वाला था तो लंड उसकी गांड से निकाल कर उसके मुँह के पास ले गया और उसके मुँह को अपने वीर्य से भर दिया। वो सारा रस पी गई।
उस दिन उसको चोदने में बड़ा मजा आया।

कुछ दिन में मोनिका और मानसी को एक दूसरे के बारे में पता लग गया। और फिर 2-3 बार मैंने दोनों की एक साथ चुदाई कर दी।

तो दोस्तो कैसी लगी आपको मेरी कहानी? मुझे मेल करें!
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