घर मालिक की बहू की चुदाई
दोस्तो, मैं यह कहानी अपने जिगरी दोस्त राजेश की तरफ से अन्तर्वासना पर भेज रहा हूँ, यह उसकी आपबीती है और यह बात मुझे, राजेश को और उसके घर मालिक की बहू रीना भाभी को ही मालूम है !
राजेश की उम्र 31 साल है, उसकी शादी 2009 में हो गई और एक बच्चा भी है। वो दिखने में एकदम गबरू जवान है और नंबर एक का चुदक्कड़ है ! उसने अभी तक खुद की सगी चाची, बुआ, चचेरी भाभियों और ममेरी बहनों को चोदा है और मैं इसका अकेला राजदार हूँ ! कभी कभी तो साले का डर भी लगता है कि कहीं मेरी बीवी को भी चोद न दे ! लेकिन उस पर भरोसा भी है कि ऐसे नहीं करेगा !
अब मैं कहानी पर आता हूँ !
उसकी शादी होने के बाद वो नागपुर में किराये पर रहने लगा। घर-मालिक के रूप में उसे यहाँ एक बुजुर्ग दम्पति, उनके दो बेटे, बड़ा बेटा पुलिस में था उसकी पत्नी रीना और उन दोनों की एक लड़की थी, रीना का एक 26 साल का देवर बबलू था।
2-3 महीने बीत जाने के बाद राजेश की और घर-मालिक के परिवार से अच्छी जमने लगी। रीना भाभी भी कभी-कभी इनके कमरे राजेश की बीवी के साथ बातें करने के लिए आती रहती थी और जैसे ही राजेश आता तो रीना चली जाती थी। रीना भाभी की राजेश की बीवी के साथ अच्छी पटने लगी थी।
इतने में राजेश की बीवी की गर्भवती हो गई और अपने मायके चली गई। अब राजेश रात को अकेला घर पर रहता था। वैसे ही वो चुदक्कड़ होने की वजह से उसकी नियत पहले से ही रीना भाभी पर थी। रीना भाभी थी भी ऐसी ही 25 साल की 34-30-36 का गठीला बदन ऊपर से साड़ी में तो एकदम सुंदरी दिखती थी !
अब आगे की कहानी राजेश की जुबानी !
मेरी रविवार को छुट्टी रहती थी तो मैं दिन भर घर में ही रहता था। मेरी बीवी जाने के बाद रीना अब मुझसे भी घुलमिल गई थी और बातें करती थी ! उसका पति को पुलिस में होने की वजह से उसे अक्सर दूसरे शहरों में जाना पड़ता था। रीना का देवर बबलू भी कभी दिन तो कभी रात की शिफ्ट की वजह से काम पर जाता था और रीना के सास ससुर के लिए तो चलना मुश्किल था इसीलिए वो नीचे ही अपने कमरे में रहते थे।
एक दोपहर को रीना ऐसे ही मेरे कमरे में आई, तब मैं अपने बाथरूम में नहा रहा था।
रीना ने मुझे आवाज दी- अरे, कहाँ है आप?
मैं बोला- भाभी, मैं नहा रहा हूँ, आप बैठिये !
रीना- ठीक है !
मैं बाथरूम में अपने झांटें साफ कर रहा था। फिर उसके बाद मैं नहा-धोकर सीधा अपने बेडरूम में चला गया और कपड़े पहनकर हॉल में आया। रीना बैठी टीवी देख रही थी।
मैं- और बोलिए भाभी, मैं आपके लिए क्या कर सकता हूँ?
रीना- देखिये ना, ये ड्यूटी की वजह से 15 दिन आने वाले नहीं हैं और बबलू भैय्या को भी समय नहीं मिल रहा है !
मैं- किस बात के लिए भाभी?
रीना- गर्मी बढ़ गई है और कूलर का पता नहीं !
मैं- चलिए, मैं फिट कर देता हूँ, इसमें संकोच की क्या बात है !
रीना- आपकी मेहरबानी होगी !
मैं- अरे क्या भाभी, इसमें मेहरबानी की क्या बात, आज छुट्टी है, ख़ाली बैठा हूँ, आपका काम कर दूँगा तो आप भी कभी हमारे काम आएँगी !
रीना- ठीक है, आप नीचे मेरे बेडरूम में आ जाईये ! मैं कूलर निकाल कर रखती हूँ !
उस दिन घर पर कोई नहीं था, रीना के सास-ससुर अपनी लड़की के यहाँ गए थे और बबलू ड्यूटी पर गया था !
लगभग दस मिनट के बाद मैं नीचे हॉल में पहुँचा और रीना को आवाज दी- भाभी, कहाँ हैं आप?
अन्दर से आवाज आई- मैं यहाँ हूँ, आप आ जाओ !
मैं भाभी के बेडरूम में पहुँचा और कूलर को फिट करना शुरु किया, कूलर फिट करते-करते मैं भाभी के साड़ी में ढके हुए ब्लाउज के उभार देख रहा था, आज बड़े ही उठे-उठे दिख रहे थे !
कूलर अब तक फिट हो चुका था, अब बस उसे उठा कर स्टैंड पर खिड़की में लगाना था ! मैंने भाभी को एक हाथ लगाने को बोला और कूलर को उठाना शुरु किया। भाभी की ताक़त कम होने की वजह से कूलर ठीक से उठ नहीं रहा था। अब मैंने एक साइड से अपना एक हाथ और दूसरा हाथ से भाभी के पीछे से कूलर को उठा रहा था, भाभी साड़ी पहनी हुई थी जिसकी वजह से मेरा हाथ बारबार उनकी पीठ को रगड़ रहा था या बोलो कि मैं जानबूझ कर रगड़ रहा था।
रीना का स्पर्श होने की वजह से मेरी पैंट में तम्बू बनने की शुरुआत हो गई थी और अच्छा खासा तम्बू बन भी चुका था। कूलर हम दोनों ने मिल कर स्टैंड पर रख दिया पर कूलर को छोड़ कर रीना पलटने लगी तो वैसे ही उनका बैलेंस बिगड़ गया और मेरे शरीर पर आ गई !
मैं रीना को गिरने देने वाला नहीं था इसीलिए मैंने उसके दोनों हाथों को पकड़ लिया और वो संभल गई।
मैं अभी भी रीना को पकड़े हुए था, बोला- भाभी, क्या हो गया अचानक आपको?
रीना- कुछ नहीं, बस बैलेंस बिगड़ गया !
हम ये बातें कर रहे थे लेकिन इधर मेरा तम्बू रीना के गांड से सटा हुआ था। मैं हौले-हौले अपना तम्बू रीना की गाण्ड से रगड़ रहा था ! जैसे ही रीना को मेरे लंड का अहसास हुआ तो वो मुझसे दूर हो गई और बोली- अन्दर चलिए, मैं आपके लिए चाय बनाती हूँ !
मैं फिर से अपना खड़ा लंड लेकर रीना के बेडरूम में आया और कूलर चालू करके बैठ गया !
उधर रीना रसोई में मेरे लिए चाय बना रही थी !
मेरे अन्दर वासना भड़क चुकी थी अब बस मैं रीना को चोदने के बारे में ही सोच रहा था, मुझे रीना चोदने देगी या नहीं पता नहीं लेकिन इस काले मोटे 7″ के लंड का क्या? इसे तो शांत करना ही पड़ेगा।
मुझे मालूम था कि चाय बनाने में करीब दस मिनट तो लग ही जायेंगे !
मैं रीना के बेडरूम में छानबीन करने लगा तो मुझे उसकी ब्रा और चड्डी दिखाई दी !
मैंने उसे उठा लिया और सूंघा तो उसमें से बढ़िया सी भीनी-भीनी खुशबू आ रही थी। मैं इतना बेखबर हो गया कि मुझे याद ही नहीं रहा कि घर में भी कोई है यानि रीना !
मैं अपनी मदहोशी में गहराता जा रहा था और इसी मदहोसी में मैंने अपनी पैंट की चेन खोली, चड्डी से अपना लंड निकला जो अब पूरी तरह से 7″ का बन गया था, रीना की चड्डी और ब्रा को अपने लंड के मुँह पर रख कर मैंने मुठ मारनी शुरु कर दी। मैं अपनी आँखें बंद करके रीना को सोच-सोच कर जोर-जोर से अपने लंड को हिला रहा था। लगभग 5 मिनट के बाद मेरा पूरा पानी रीना की ब्रा और चड्डी पर गिर गया और तब मैंने अपनी आँखें खोली तो अपने सामने रीना को खड़ा पाकर मेरे होशोहवास उड़ गए !
मैं- सॉरी भाभी !
रीना हँसते हुए- क्या सॉरी, आपने मेरी चड्डी और ब्रा दोनों गन्दी कर दी ! ऐसा कोई करता है क्या? आपको ये सब करना ही था तो मुझे क्यों नहीं बोल दिया?
रीना के इतना बोलते ही मैंने उसको अपने बाँहों में पकड़ लिया और उसके होंठों को चूमने लगा ! वो भी मुझे एक प्यासी औरत की तरह चूम रही थी !
मैंने उसके साड़ी को निकाल फेंका और उसके दोनों आमों को ब्लाउज के ऊपर से ही चूसने, काटने लगा।
मुठ मारने की वजह से मेरा लंड ढीला हो गया था लेकिन रीना के स्पर्श से फिर से उसमें जान आ रही थी ! यह कहानी आप अन्तर्वासना.कॉम पर पढ़ रहे हैं।
लगभग 5 मिनट के बाद मैंने रीना को अपने सामने खड़ा करके उसकी गांड से अपना लंड चिपका दिया और होंठों से उसकी गर्दन, कानों को चूम रहा था। इधर दोनों हाथों से उसकी दोनों चूचियाँ मसल रहा था !
कभी दोनों हाथ तो कभी एक हाथ से चूचियाँ सहला रहा था और एक हाथ उसके नंगे पेट पर घुमा रहा था।
रीना काफी गर्म हो चुकी थी, वो अपनी गांड मेरे लंड से रगड़ रही थी !
मैंने उसकी ब्लाउज के हुक खोल कर उसका ब्लाउज और काला ब्रा निकाल कर उसके दोनों गोरे-गोरे स्तन नंगे कर दिए। अभी भी मैं पीछे से ही उसके दोनों चूचियाँ दबा रहा था और निप्पल उंगलियों के बीच मसल रहा था।
रीना- चलो भी अब बेड पर या ऐसे ही खड़े खड़े करने का इरादा है?
मैंने भी हाँ बोला और हम दोनों भी बिस्तर पर आ गए। रीना ने मेरा शर्ट और पैंट उतार दिए और मैंने उसका पेटीकोट उतार दिया। अब हम दोनों के शरीर पर सिर्फ चड्डी के अलावा कुछ भी नहीं था।
मैं रीना के बदन पर चढ़ गया और सिर से लेकर पाँव तक उसके पूरे शरीर को पागलों की तरह चूम रहा था ! उसकी दोनों चूचियों को एक-एक करके अपने मुँह में भर कर चूस रहा था !
इधर रीना भी मेरी पीठ को सहला रही थी, अपने पैरों से मेरे पैरों को रगड़ रही थी !
मेरा लंड अभी भी पूरे तरीके से खड़ा नहीं हुआ था। मैंने अपनी पोजीशन बदल ली, अब मेरा मुँह रीना की चूत की तरफ और मेरा लंड रीना के मुंह की तरफ था। मैंने रीना को मुँह में लेने के लिए इशारा किया तो रीना ने मेरी चड्डी उतार दी और मेरे लंड को अपने मुँह में भर कर चूसने लगी।
इधर मैंने भी रीना की चड्डी उतार दी और उसकी चिकनी चूत के दर्शन करने के बाद चूत चाटना शुरु कर दिया। उसकी चूत ने थोड़ा पानी छोड़ दिया था, बड़ा खट्टा-खट्टा लग रहा था।
रीना मेरा लंड जोर-जोर से चूस रही थी जिसकी वजह से मेरा लंड अब पूरा 7″ का हो गया था। इधर मैं रीना चूत को अन्दर तक जाकर चाट रहा था उससे वो अब पूरी गर्म हो गई और अपने पैरों को भींच रही थी- आह्ह्ह… आःह्ह्ह… उम्म्म… उम्म… आह्ह्ह… की आवाजें स्पष्ट सुनाई दे रही थी।
रीना- प्लीज राजेश जी, अब वक़्त मत जाया करो, डाल दो लंड मेरी चूत में, बहुत दिन से लंड नहीं खाया है, आज मेरी फाड़ डालो, जैसे चोदना है, जिस तरीके से चोदना है, चोद डालो लेकिन जल्दी… अब बरदाश्त नहीं हो रहा !
अब मैं और मेरा लंड भी रीना को चोदने के लिए तैयार हो गया था। हम फिर से सीधी अवस्था में आ गए और रीना को मैंने अपने लंड पर बैठा दिया! रीना मेरे ऊपर पैरों के सहारे बैठी थी, मैंने अपना एक हाथ अन्दर डाला और अपने लंड को रीना की चूत के मुँह पर रख कर एक जोरदार धक्का दिया ! वैसे ही रीना की चीख के साथ मेरा पूरा लंड रीना की चूत में घुस गया।
रीना चिल्ला रही थी- …प्लीज राजेश जी, दर्द हो रहा है.. रुक जाईये…
थोड़ी देर रुकने के बाद मैंने अपने लंड को रीना चूत में अन्दर बाहर करना शुरु कर दिया !
अब रीना को दर्द नहीं हो रहा था और वो भी अपनी गांड को हिला हिला कर मेरे लंड पर दबा रही थी। इधर मैं अपने दोनों हाथों से उसकी चूचियाँ मसल रहा था और वो आह्ह्ह… आह्ह… जोर से चोदो… और जोर से ! चिल्ला रही थी।
5 मिनट के बाद मैंने अपना लंड निकाला और रीना को घोड़ी बनाकर बिस्तर पर लिटा दिया और मैंने पीछे से उसकी चूत के द्वार पर अपना लंड टिका दिया। अपने दोनों हाथों से उसकी दोनों चूचियाँ पकड़ ली एक जोर का धक्का देकर पूरा लंड उसकी चूत में घुसेड़ दिया !
रीना जोर-जोर से चिल्ला रही थी-…प्लीज निकालो.. इसमें दर्द हो रहा है.. पूरा अन्दर चुभ रहा है !
मैं- रीना मेरी जान, तूने ही तो बोला कि किसी भी तरीके से चोदो ! तो ले मेरी जान खा ले मेरा लंड, ऐसा लंड तुम्हें मिलने वाला नहीं !
और मैंने और जोर से चोदना शुरु किया ! इधर रीना की आवाजें निकल रही थी, उधर मेरा लंड रीना की चूत में हाहाकार मचा रहा था।
ठीक 5 मिनट के बाद रीना का पानी छुट गया, फिर भी मैं रीना को चोदे ही जा रहा था ! फचक-फचक करके लंड अन्दर बाहर हो रहा था।मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी और अपना पूरा लावा रीना की चूत में छोड़ दिया !
हम ऐसे ही 5 मिनट पड़े रहे फिर हमने अपने कपड़े पहन लिए !
रीना ने चाय बनाई, हम दोनों ने पी और रात को मेरी कमरे में चुदाई का वादा करके मैं निकल आया !
रीना आज बहुत ही ज्यादा खुश थी क्योंकि उसने 15 दिन से लंड नहीं खाया था और मैं भी भूखा ही था तो मैं भी बहुत खुश था !
रात को मैंने रीना की गांड कैसे मारी यह मैं अगली कहानी में बताऊँगा !
प्रकाशित : 18 जुलाई 2013
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