चुद ही गई पड़ोस वाली भाभी-3
प्रेषक : हैरी बवेजा
भाभी पूरी गर्म हो गई थी और सिसकारियाँ ले रही थी- ऊऊ ऊह्ह्हा आ आआ आअह कर रही थी !
मैंने भाभी की चूत के दाने को खूब चाटा और चूत के अन्दर भर अपनी जीभ करने लगा।
मैंने भाभी को कहा- भाभी, आज 69 की अवस्था में चुसाई करते हैं।
मैंने भाभी की चूत में अन्दर जीभ घुसा दी और भाभी मेरे लंड को गप-गप चूस रही थी मजे से, वो बीच-बीच में मेरे लंड को दांतों से काट भी लेती।
मैं भी उनकी चूत के दाने को काट लेता तो वह उछल पड़ती।
हमने करीब दस मिनट एक दूसरे की चूत और लण्ड की चुसाई की। उनकी चूत से जोर से पानी गिरने लगा, वो शायद झड़ गई थी, भाभी ने मेरा मुंह अपनी चूत पर दबा लिया और मेरे लंड को जोर से काट लिया।
भाभी फिर सीधी बिस्तर पर लेट गई और बोली- आओ, बगल में लेट जाओ !
मैं उनकी बगल में लेट गया और उनके चुचूक चूसने लगा, भाभी मुझे चूमने लगी।
मैंने भाभी से कहा- भाभी, आज एक चीज़ मांगूँ? मना तो नहीं करोगी?
वो बोली- पहले कभी मना किया, जो आज मना करुँगी? बोलो !
मैंने कहा- नहीं रहने दो !
भाभी ने कहा- बोलो न, मैं मना नहीं करुँगी ! तुम्हें मेरी कसम, बताओ, मैं बिल्कुल मना नही करुँगी।
मैंने भाभी से कहा- भाभी, आज मुझे आपकी गांड मारनी है !
वो सोच में पड गई पर मना नहीं किया, कहा- चलो, कोई बात नहीं ! वैसे भी कुछ दिनों में बाद शायद अब कभी कभी ही मिलोगे। पर धीरे धीरे करना ! वैसे मुझे अच्छा नहीं लगता यह गांड मरवाना ! सुना है कि दर्द बहुत होता है?
मैंने कहा- भाभी, तुम चिंता मत करो, वैसे भी आपको तो बवासीर है, आपको तो मजा आएगा गांड मरवाने में !वो बोली- चलो, बनाओ मत ! मुझे फुसलाने के लिए य सब बोल रहे हो !
मैंने कहा- भाभी, सच में मैंने सुना है कि जो गांड मरवाता है उसे कभी बवासीर नहीं होती, और जिसे हुई है वो मरवाता है तो उसे मजा आता है !
वो बोली- चलो, देखते हैं आज, पर धीर धीरे करना !
मैं तो भाभी की मस्त मोटी गांड का दीवाना कितने दिनों से था पर वो कभी नहीं मानती थी। आज भगवान मेरे ऊपर मेहरबान था, मैंने भाभी को कहा- भाभी, लंड को पूरा गीला कर दो चूस-चूस कर ताकि आपकी गांड में दर्द न हो !
भाभी मेरा लंड जोर जोर से चूसने लगी मजे लेकर !
अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मैंने पूछा- भाभी, सरसों का तेल है क्या?
उसने कहा- हाँ रुको, ले आती हूँ !
वो रसोई में से सरसों का तेल लाई कटोरी में ! मैंने उनके पूरे चूतड़ों पर मालिश की तेल से, गांड के छेद में खूब सारा सरसों का तेल डाला और अपने लंड को पूरा सरसों के तेल में डुबो दिया, उनकी टांग ऊपर करके कंधे पर रख लिया और लण्ड को गांड के छेद पर रख कर अंदर धकेलना चाहा पर लंड फिसल कर चूत में चला गया।
मैंने फिर से लंड को गांड के भूरे छेद पर रखा। अबकी मैंने अपने लंड को जोर से पकड़ कर छेद में दबा दिया।
लंड थोड़ा सा अन्दर गया तो वो चीखने लगी- ऊउई ईईए निकालो बाहर !
मैंने कहा- थोड़ा सब्र करो ! दर्द तो होगा ही, पहली बार जो है !
फिर मैंने थोड़ा और धक्का दिया गांड पर, अबकी बार लंड थोड़ा और अन्दर चला गया। वो फिर से चीखी, कहने लगी- रहने दो, दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा है !
मैंने कहा- बस थोड़ा सा और दर्द होगा, पूरा अन्दर चला गया तो दर्द नहीं होगा !
और मैं भाभी की चूचियाँ मुंह में लेकर चूसने लगा। मुझे लगा कि अब उसे दर्द कम हो रहा है तो अबकी बार मैंने एक जोर का धक्का मारा तो पूरा का पूरा लंड उसकी गांड में चला गया।
उसने अपनी गांड को सिकोड़ लिया। मेरा लंड मानो ऐसे लग रहा था जैसे किसी सुरंग में चला गया हो।
मैंने कहा- भाभी, गांड को ढीला छोड़ो, तभी मजा आएगा।
थोड़ी देर ऐसे ही गांड में लंड रखा और फ़िर लंड अन्दर-बाहर करने लगा और उनके दूध पीने लगा। अब भाभी को भी शायद मजा आने लगा था, वो भी नीचे से अपनी गांड उठाने लगी। मैं पूरे जोश में भाभी की गांड चुदाई करने लगा। वो भी मजे में आ गई और अपनी गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी और मुझे चूमने लगी, कहने लगी- हैरी, मैंने तो सोचा भी नहीं था कि गांड मरवाने में भी इतना मजा आता है।
उफफ्फ्फ आआह्ह उईईए उईईए करके वो गांड उठा-उठा कर लंड लेने लगी गांड में, मुझे भी बहुत मजा आ रहा था गांड चोद कर भाभी की !
मैंने भाभी को कहा- भाभी, चलो जरा घोड़ी बन जाओ !
भाभी झट से घोड़ी बन गई। मैंने उनकी कमर पकड़ी और फिर जोर से लंड अन्दर पेल दिया।
बहुत मजा आ रहा था सच में !
भाभी अपनी गांड मेरे लंड पर जोर जोर से मार रही थी, मजे से चुद रही थी, उईईई आअई ईई सीईईइ ऊऊऊउ करके भाभी मजे के रही थी, गांड चुदाई के लिए कह रही थी कि मुझे मालूम नहीं था कि गांड में भी इतना मजा होगा, नहीं तो तुमसे कभी की चुदवा ली होती। कम ओन हैरी ! जोर जोर से करो ! मजा आ रहा है !
मैं भी जोर जोर से उनकी गांड से लंड निकालता और फिर अन्दर पेल देता और बीच-बीच में भाभी की चूत में भी उंगली करता रहता जिससे वो और कामुम होकर गांड मरवाती।
इसी तरह भाभी की चूत में उंगली करते करते और उनकी गांड मारते मारते भाभी की चूत से ढेर सारा पानी निकलने लगा, वो जोर जोर से गांड मेरे लंड में मारने लगी और शांत हो गई, ढीली पड़ गई। मैं अभी भी जोर जोर से गांड में लंड घुसा रहा था, भाभी ने कहा- अब बस भी करो ! जल्दी गिरा दो ! मैं बहुत थक गई हूँ।
मैं हाँ-हाँ करते हुए जोर जोर से अपना लंड उनकी गांड में करते हुए चोदने लगा और 10-15 धक्के मारने के बाद मैंने भी अपना ढेर सारा पानी उनकी गांड में गिरा दिया। उनकी गांड पूरी मेरे लंड के रस से भर गई और गांड के छेद से बाहर निकलने लगा मेरा वीर्य ! गांड बिल्कुल लाल रंग की दिख रही थी।
हम दोनों बहुत थक गए थे, हम साथ में लेट गए, थोड़ा सामान्य हुए ही थे कि भाभी के घर की दरवाज़े की घण्टी बज गई। मैं डर गया कि कौन आ गया ? मैंने सोचा कहीं उसका पति तो नहीं आ गया?
भाभी ने कहा- मैं झांक कर देखती हूँ कि कौन है।
बाहर उसकी सहेली अंजू खड़ी थी, भाभी ने दरवाज़ा खोला, अंजू अन्दर आ गई, उसने मेरे बारे में पूछा।
भाभी ने कहा- मेरा कंप्यूटर ख़राब हो गया था, वही ठीक करने आये हैं।
पर शायद अंजू को शक हो गया था कि मैं क्या करने आया था।
फिर मैं वहाँ से थोड़ी देर में चला आया।
थोड़े दिन बाद मेरे और अंजू मेरे बीच में क्या हुआ, जानने के लिए थोड़ा इंतजार करिए।
तो दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरी यह पड़ोस वाली भाभी की गांड चुदाई?
मेल जरुर करियेगा !
आपका हैरी
What did you think of this story??
Comments