पड़ोसी और उसकी बीवी की चूत की तमन्ना -2
(Padosi Aur Uski Biwi Ki Chut Ki Tamnna-2)
अब तक आपने पढ़ा..
उसने बोला- आप अब जाओ.. अगर कोई यहाँ से निकलेगा.. तो अच्छा नहीं लगेगा.. आप प्लीज़ जाओ.. मैं आज रात को देखती हूँ.. कुछ करती हूँ। अगर बात बन गई.. तो तुम मुझे नज़दीक से भी सेक्स करते हुए देख सकते हो.. लेकिन मैं तुम्हें कुछ करने नहीं दूँगी।
मैं बोला- ठीक है..
मैं मन ही मन में खुश होते हुए चला गया।
अब आगे..
फिर शाम को घर पर आया.. थोड़ा काम किया और रात होते ही मैं छत पर टहलने चला गया। रात को करीब एक बजे जब मैंने देखा.. तो वो दोनों नीचे एक-दूजे को बाँहों में भर कर चुम्बन कर रहे थे।
फिर उसका पति अपनी वाईफ की नाइटी ऊपर करके उसकी चूत को चूसने लगा ओर उसकी वाईफ मेरी तरफ देखकर उससे बोली- यार आज कोई मस्ती भरी बात क्यों नहीं कर रहे हो?
तब उसका पति बोला- आज तुम इतनी क्यों गर्म हो रानी?
तो वो बोली- यार मुझे बहुत ही इच्छा हो रही है.. तुम कल बोल रहे थे कि कोई दोस्त हो तो.. उस बात को सुन कर मुझे कल बहुत मज़ा आया था।
तो बोला- यार मुझे भी इच्छा है यार.. मैं भी तुम्हें चुदते हुए देखना चाहता हूँ।
वो बोली- यार तो चुदवा दो ना.. आज मुझे भी आपके सामने किसी को दिखा कर चुदवाने का मन है।
यह बात सुनकर उसका पति बोला- सच बोलो?
तो वो बोली- सच में..
तो वो बोला- यार अभी इस वक्त किसको बोलूँ..?!?
तो उसने फटाक से बोला- यार हमारे नीचे वाले फ्लैट में जो विजय रहता है न.. वो मुझे बहुत घूरता है..
यह बात सुन कर तो मैं चौंक गया कि साली कैसी बात कर रही है?
तब उसका पति बोला- क्या यार.. तुम उसे लाइन दो ना..
तभी उसकी वाईफ बोली- अगर वो मेरे साथ कुछ कर देगा तो?
‘ऐसे कुछ नहीं होगा यार..’
वो बोली- नहीं बाबा.. अगर तुम साथ में हो तो बात अलग है.. तुम चाहो तो उसे हमारे सामने बैठा कर चुदाई दिखाने का मज़ा ले लेंगे.. लेकिन अगर आप चाहो तो.. लेकिन मैं उसे कुछ करने नहीं दूँगी..
तो वो बोला- अच्छा ठीक है.. उसे बुलाओ..
मैं भी जान गया था कि वो भी अपनी पत्नी के मन की बात को समझ गया है..
वो बोला- मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है..।
तो उसकी वाईफ ने मेरे सामने इशारा किया और उसके पति ने मुझे अपने सामने देखा.. वो एकदम से चौंक गया।
वो तुरंत ही खड़ा हुआ और तौलिया लपेट कर मुझको घर में अन्दर बुलाया।
मैं तो एकदम से डरता हुआ उसके सामने गया.. उसके पति ने मुझसे पूछा- ये सब कब से चल रहा है?
मैं अभी कुछ बोलता तभी उसकी वाईफ ने सारी बात बता दी।
फिर उसके पति ने मुझे बताया- यार देखो.. हम दोनों की इच्छा है कि हमें सेक्स करते कोई देखे.. इसमें हमें मज़ा आता है.. लेकिन मेरी बात कोई समझेगा नहीं.. इसलिए हम लोग सिर्फ बातें करते हुए सेक्स करते हैं और ये बात किसी को बताना नहीं प्लीज़.. वरना हमारी बदनामी होगी।
मैंने बोला- मैं किसी को नहीं बोलूँगा.. आप मुझ पर विश्वास रखो।
फिर उसने बोला- मेरी वाईफ की इच्छा है कि उसे कोई चुदाई करवाते हुए देखे तो.. लेकिन उसके साथ कुछ करे नहीं।
तो मैं बोला- आप घबराओ मत.. मैं कुछ नहीं करूँगा.. आप बेफिकर होकर कुछ भी करे।
तब उसने दरवाज़ा बंद किया और दोनों एकसाथ बैठ गए और मैं उधर कुर्सी पर बैठ गया।
वो दोनों आपस में चुम्बन करने लगे.. मैं उसे देख रहा था.. उसकी वाईफ बार-बार मुझे देख रही थी।
फिर उसके पति ने उसके कपड़े एक-एक करके निकाल दिए, मैं ये सब देख कर पागल हो रहा था।
तभी उसकी वाईफ ने अपने पति का लण्ड पकड़ लिया और जोरों से दबाने लगी।
मैं भी पैन्ट के ऊपर से अपने लण्ड को दबाने लगा।
फिर उसके पति ने मेरे सामने देखा और वो भी पूरा नंगा हो गया।
वो दोनों मेरे सामने देख कर एक-दूसरे के अंगों को मसल रहे थे।
उसके पति ने उसकी दोनों टाँगें ऐसी फैलाईं जैसे वो रण्डी हो और उसकी चूत का चीरा मुझे ठीक से दिखने लगे।
मुझे दिखाते हुए वो उसकी चूत में उंगली करने लगा.. और मेरे चेहरे को देख कर उसे मालूम हो गया कि मैं भी बहुत गरम हो गया हूँ।
तो उसने मुझे कपड़े उतारने को बोला.. मैं तो सीधे ही नंगा हो गया।
तब उसकी वाईफ की आँखें बंद थीं.. तब वो बोला- यहाँ पर हमारे नज़दीक आ जाओ।
मैंने ऐसे ही किया और उसके नज़दीक चला गया।
अब मैं उसे नज़दीक से देखने लगा.. उसका पति ज़ोर-ज़ोर से उंगली अन्दर-बाहर करने लगा।
उसकी वाईफ मादक स्वर में चिल्लाती हुई अपनी आँखें खोल कर मुझे नज़दीक देख कर कंटीली स्माइल देने लगीम वो बड़ी ही कामुकता से मुझे देखते हुए अपने पति का लण्ड पकड़ कर ज़ोर-ज़ोर से हिलाने लगी।
उसका पति उसकी चूत पर मुँह रख कर चूत को चूमने लगा और फिर जीभ को उसकी चूत में डाल कर ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा।
उसकी वाईफ ने मेरे लण्ड की तरफ इशारा किया और इशारे से मुझसे बोली- तुम्हारा लण्ड भी मस्त है।
यह बात उसके पति को मालूम भी नहीं चली।
फिर वो अपने पति से बोली- दीप यार, मुझे आज बहुत ही मज़ा आ रहा है.. देखो ना विजय हमें कैसे देख रहा है..
मैं भी उसे अपना लण्ड मुठियाते हुए दिखा रहा था।
तभी उसका पति उसकी चूत को चोदते हुए बोला- हाँ यार.. मुझे भी मज़ा आ रहा है..
‘आह्ह.. मेरी चूत को और खोलो न..’
दीप मुझसे बोला- यार विजय.. इसकी चूत देखो.. तुम्हें पसंद आई?
मैं बोला- हाँ बहुत अच्छी है।
फिर वो बोला- यार एक बार चूस कर देखोगे?
मैं बोला- आपकी इच्छा है.. तो मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है।
उसने अपनी वाईफ के सामने देखा.. वो थोड़ी सी मुस्कुराई और दोनों किस करने लगे।
मैंने धीरे से उसकी टाँगें फैलाईं और उसने अपने पति को चूमना छोड़ कर मेरी तरफ देखा।
मैंने उसकी चूत पर मुँह रख दिया और वो किसी गैर मर्द से अपनी चूत चुसवाने के मज़े लेने लगी।
उसके पति मुझको चूत चूसते देख कर पागल हो गया और उसने अपनी वाईफ को देखा और वे दोनों एक-दूसरे को ऐसे देख रहे थे.. जैसे दोनों को दुनिया का सबसे बड़ा सुख मिल गया हो..
तभी उसकी वाईफ बोली- दीप देखो ना.. विजय मेरी चूत कैसे चाट रहा है..
वो बोला- हाँ.. रानी.. तुम्हें मज़ा आ रहा है न..
तो वो बोली- आह्ह.. बहुत मजा आ रहा है..
उन दोनों की बातें सुन कर मैं अपना लण्ड एक हाथ से हिलाने लगा।
यह देख कर दीप ने अपनी वाईफ को मेरा लण्ड पकड़ने को बोला और उसकी वाइफ ने अपने पति के सामने ही उसे देखते हुए मेरे लण्ड पर धीरे से पकड़ बना ली.. और लौड़े को हिलाने लगी।
मेरी हालत तो ऐसी हो गई कि मुझसे रहा नहीं जा रहा था।
फिर मैं उसके पति का लण्ड पकड़ कर हिलाने लगा।
यह देख कर दोनों चौंक कर मुझे देखने लगे। मैंने एक अश्लील सी स्माइल दी.. वो दोनों खुश हो गए।
अब मैंने उसके पति के लण्ड को हिलाते हुए ऊपर होकर उसकी वाईफ की चूचियों को अपने मुँह में भर लिया।
यह देख कर उसकी वाईफ मेरे लन्ड को पकड़ कर ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगी और उसका पति अपनी वाइफ से एक बगल को हो गया।
मैं उसके थोड़ा और ऊपर चढ़ गया.. उसकी दोनों टाँगें पूरी फैली हुई थीं.. तभी उसके पति ने मेरे लण्ड को पकड़ लिया, मेरे अन्दर जोश आ गया।
वो मेरे लौड़े को पकड़ कर अपनी वाईफ की चूत के ऊपर रगड़ने लगा।
यह देख कर मैं और उसकी वाइफ दोनों ही चौंक गए। मैं खुश हो गया और तभी दीप ने मेरे लण्ड को उसकी चूत के छेद में सैट कर दिया।
साथ ही उसने अपने हाथों से मेरी कमर को हल्का सा दबाया.. इधर मैंने भी अपने खड़े लौड़े को चूत के छेद में बढ़ाया.. उधर उसकी वाइफ ने भी चुदास से भर कर नीचे से अपने चूतड़ों को उठा दिया बस काम हो गया।
मेरा लण्ड उसकी चूत में सरसराता हुआ घुसता चला गया.. मेरे लौड़े के चूत में अन्दर जाते ही हम दोनों तो जैसे जन्नत में पहुँच गए।
उसका पति हम दोनों के बाजू से अपनी वाइफ से चिपक गया।
वो कामुक निगाहों से अपनी वाईफ को देखने लगा और उसकी वाईफ सिसकारियाँ लेते हुए बोली- दीप देखो ना विजय का लण्ड कैसे मेरी चूत में जा रहा है।
तभी दीप बोला- हाँ डार्लिंग.. तुम्हें कैसा लग रहा है?
तो वो बोली- बहुत मज़ा आ रहा है.. ऐसा मज़ा आज तक नहीं आया.. सच में.. आह्ह.. आपको मज़ा आ रहा है?
दीप उसके मम्मों को दबाते हुए बोला- मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा है.. क्या तुम एक साथ दोनों के लौड़े लोगी?
तो वो बोली- हाँ ले लूँगी.. आ जाओ..
तब उन दोनों ने मुझे नीचे लेटाया और उसकी वाईफ मेरे ऊपर आकर मेरे लण्ड पर बैठ कर अपनी चूत में मेरा पूरा लण्ड ले लिया।
फिर दीप ने धीरे-धीरे उसकी गान्ड में अपना लौड़ा पेल दिया.. और धकापेल चुदाई चालू हो गई।
वो तो जैसे पागलों की तरह चुदवा रही थी.. जैसे कोई रंडी हो।
थोड़ी देर में उसका पति उसकी गान्ड में झड़ गया और वो बाजू में लेट गया।
अब वो हमें चुदाई करते हुए देखने लगा हम दोनों पूरी स्पीड से चुदाई कर रहे थे।
फिर वो थक गई और मैं उसके ऊपर आ गया, मैंने उसके एक पैर को अपने कन्धे पर लेकर पूरा लण्ड उसकी चूत में डाल दिया।
कुछ ही पलों में मेरा पूरा लण्ड बाहर निकलता और फिर जड़ तक घुसता चला जाता।
ऐसे चुदाई करवाते हुए उसे बहुत मज़ा आ रहा था, वो दो बार झड़ चुकी थी..
वो दोनों मेरी ताकत और चोदने के तरीके को देखते ही रह गए।
मैं उसे साइड में लेटा कर पीछे से उसकी चूत में लण्ड डाल कर ज़ोर-ज़ोर से चोद रहा था।
तभी वो दोनों फिर से गरम हो गए.. वो दोनों चुम्बन कर रहे थे।
वो बोली- दीप.. मुझे लगता है कि विजय दवाई लेकर चुदाई कर रहा है।
मैंने कुछ ध्यान नहीं दिया और देखते-देखते एक घंटे तक उसे चोदने के बाद मैंने लण्ड बाहर निकाल कर उसकी गान्ड में पेल दिया और कुछ देर चुदाई करने के बाद झड़ गया।
वो बहुत खुश थी.. तभी मैं बोला- मैं कोई दवाई नहीं लेता।
तो दोनों चौंक कर मुझे देखते रह गए और बोले- ये हो ही नहीं हो सकता।
मैं बोला- मैं पहले से ही ऐसा ही हूँ।
वो बोली- तुममें तो बहुत ताक़त है।
इसके बाद हम सब अलग हुए और चुदाई का खेल खत्म हो गया.. मैंने अपने घर चला गया।
इसके बाद मैंने उसके साथ बहुत बार मज़े किए.. लेकिन उसकी वाईफ ने मुझे अकेले कभी छूने भी नहीं दिया। दीप जब होता था तभी.. वो मुझे चोदने देती थी।
हर बार हमने चुदाई का खेल रात में ही किया।
थोड़े ही महीनों बाद दीप का ट्रांसफ़र हो गया और मैं फिर से अकेला हो गया। अपने जीवन में मैंने बहुत सी भाभियों को मज़े दिए हैं लेकिन कोई कपल नहीं मिला।
मेरी इस हकीकत भरी दास्तान पर आप अपने विचार मुझे जरूर भेजिएगा। मुझे आशा है कि यह स्टोरी आप सबको पसंद आई होगी.. मैं अपनी दूसरी कहानी भी जल्द ही आप सभी को भेजूँगा.. गुड बाय।
[email protected]
What did you think of this story??
Comments