अनोखे प्रेम की प्रिया कथा-2
प्रेषक : अमित शुक्ला
लेकिन मैं अब मुट्ठ मार-मार कर थक गया था और उसको हर हाल में चोदना चाहता था !
एक दिन भगवान ने मेरी सुन ली और मेरे परिवार को एक शादी में मुंबई जाना पड़ा एक हफ्ते के लिए।
मैंने उसको अपने घर बुलाया तो थोड़ी ना-नुकुर के बाद आने को तैयार हो गई..
जैसे ही वो कमरे में आई मैंने उसको अपनी बाहों में भर लिया और बोला- कब से तुम्हरे लिए तड़प रहा था !
उसने भी मुझे अपनी बाहों में ले लिया और चूमने लगी….. मैं चूमते हुए उसकी चूचियाँ दबा रहा था और धीरे से उसकी चूत को सहलाने लगा, उसके मुँह से सेक्सी-सेक्सी आवाजें निकलने लगी… धीरे से मैंने उसको बिस्तर पे लिटाया और कपड़े उतारने लगा, लेकिन उसने कहा कि वो शादी के पहले सेक्स नहीं करना चाहती..
मैंने बोला- ठीक है, जब तक तुम नहीं चाहोगी मैं सेक्स नहीं करूँगा … लेकिन मैं तुमसे प्यार करता हू और तुम्हारे पूरे बदन को मैं चूमना चाहता हूँ…
यह सुनने के बाद उसने मुझे नहीं रोका।
फिर मैंने उसका कुरता उतारा, काले रंग की ब्रा में क्या चूचियाँ थी बिल्कुल मक्खन जैसी…. मैंने उसके होंठो को चूसते हुए उसके पूरे चेहरे को चाट-चाट कर गीला कर दिया और दोस्तो, आप तो जानते ही हैं कि कड़कियों के गले पत चूमने और चाटने में उनको कितनी उत्तेजना होती है.. वो बिल्कुल पागल सी होती जा रही थी।
मैं उसकी चूचियों को चूसता हुआ एक हाथ से चूची दबा भी रहा था और जब भी मैं उसके चेहरे को देखता तो उसकी आँखे बंद थी और बस वो आहें भर रही थी!!!!!!!!!!!!!!!!
फिर जब मैंने उसके पेट को चाटते हुए उसकी सलवार का नाड़ा खोला तो उसने कोई विरोध नहीं किया.. जैसे ही मैंने उसके नंगी टांगों को चाटना शुरू किया तो वो ऐसे तड़पने लगी जैसे बिना पानी के मछली !
फिर उसकी पैंटी को उतार कर उसको नंगा कर दिया और उसको देखने लगा- क्या लग रही थी- बिल्कुल मक्खन जैसा बदन ! जिसके नाम की ना जाने कितने सालों से मुट्ठ मार रहा था आज वो हुस्न की मल्लिका मेरे सामने नंगी लेटी थी।
उसने पूछा- ऐसे क्या देख रहे हो..?
बहुत अच्छी लग रही हो ! तुम्हारे इस रूप को हमेशा के लिए अपनी आँखों में बसा लेना चाहता हूँ..
उसने शरमा कर अपनी आँखों को हाथों से ढक लिया….. मैं उसके ऊपर झुक कर उसके हाथों को हटाते हुए चूमने लगा और एक हाथ से उसकी चूत को सहलाने लगा। उसका बदन ऐंठने लगा। उस दिन उसने अपनी झांटें साफ़ कर रखी थी, उसकी बिना बालों की गुलाबी चूत बहुत सुंदर लग रही थी।
मैंने पूछा- इसके पहले तो हमेशा नीचे बाल रहते थे? आज तो बहुत चिकनी लग रही हो ?
उसने कहा- आज सुबह साफ़ की है सिर्फ तुम्हारे लिए !
मैंने कहा- जान क्या बात है…..! आई लव यू ……. !
फिर धीरे से मैंने अपने होंठ उसकी जलती हुई चूत पर रख दिए.. फिर उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा और जीभ से चोदने लगा।
थोड़ी देर बाद उसने बोला- जान, मेरे नीचे कुछ निकल रहा है ! मैं उसका पूरा पानी चाट गया, कितना स्वादिष्ट पानी था..
मुझे नहीं पता था कि इसको झड़ना कहते हैं…
फिर उसने मुझे अपनी बाहों में ले लिया और कहने लगी- अच्छा ! बहुत चालाक हो ? मुझे तो नंगा कर दिया और खुद सब कुछ पहने हो ! तुम भी अपने कपड़े उतारो….
मैंने कहा- रानी, तुम अपने हाथों से उतारो ना…….
उसने झट से मेरे सारे कपड़े उतार कर मुझे भी नंगा कर दिया और हम एक दूसरे की बाहों में चिपक गए। बस यही लग रहा था कि ये पल कभी खत्म ना हों !
लेकिन नीचे लंड महाराज की हालत ख़राब हो रही थी, मैंने उसका हाथ अपने लंड पर रख दिया। वो धीरे सहलाने लगी… उसके स्पर्श से तो ऐसा लग रहा था कि मेरे लंड का सुपारा फट जाएगा ..
फिर मैं उठा और 69 की अवस्था में आकर फ़िर से चूत चाटने लगा और वो भी मेरे लंड को चूमने लगी।
मैंने कहा- जान, इसको मुँह के अन्दर डाल कर लॉलीपॉप की तरह चूसो ना !
लेकिन लंड बड़ा होने की वजह से पूरा उसके मुँह में नहीं आ रहा था इसलिए मुझे भी उलझन होने लगी और मैंने खड़े होकर उसके मुँह के पास अपना लंड कर दिया। वो मेरे लंड को चूसने लगी। मैं भी जोश में आकर उसके मुँह में चोदने लगा और उसके मुँह में अपना वीर्य निकाल दिया और उसको थूकने का मौका नहीं दिया जिससे मज़बूरी में उसको मेरा माल पीना पड़ गया…
मैं तो कुछ देर ठंडा पड़ गया लेकिन उसकी आग फिर से जल रही थी और वो लगातर मेरे लंड को रगड़ रही थी जिससे लंड महाराज फिर जोश में आने लगे।
प्रिया ने कहा- जान, जब तुम मेरी चूत को चाट रहे थे तो बहुत अच्छा लग रहा था ! एक बार फिर वैसे ही करो ना !
मैं समझ गया कि आज यह चुदने का पूरा मूड बना कर आई है। मैं उसकी चूत चाटने लगा लेकिन उसका पानी बंद होने का नाम ही नहीं ले रहा था।
फिर मैंने कहा- अगर तुम बोलो तो मैं अपना लंड तुम्हारी चूत में ऊपर से सहला सकता हूँ..
तो उसने कहा- नहीं। तुम अन्दर कर दोगे !
मैंने कहा- नहीं, मैंने तुमसे वादा किया है ! जब तुम नहीं चाहोगी मै नहीं चोदूंगा…
क्योंकि मै तो यह चाहता था कि वो मेरे लंड की आग से इतना जल जाए कि खुद ही बोले कि डाल दो इस लंड को मेरे अन्दर…..
जैसे जैसे मैं लंड रगड़ रहा था, उसकी आग बढती जा रही थी…
जब उससे रहा नहीं गया तो वो बोली- जान, अगर हमारे बीच में सेक्स हो गया तो किसी को पता नहीं चलेगा?
मैंने कहा- तुम बताओगी या मैं !
“शादी के बाद मेरे पति को पता चल गया तो ?”
मैंने कहा- पागल हो क्या ? अगर ऐसा होता तो शादी के पहले कोई किसी से प्यार नहीं करता…
ना जाने क्या क्या ! खैर उन सब बातों का यहाँ कोई मतलब नहीं ….. क्योंकि आप सभी लोग इतने समझदार तो है कि क्या क्या मैंने उसको समझाया होगा…
जब उससे नहीं रहा गया तो मेरा लंड पकड़ कर खुद ही चूत में अपने अन्दर डालने की कोशिश करने लगी और मै उसको होंठों को चूमते हुए उसकी चूचियों को दबा रहा था। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉंम पर पढ़ रहे हैं।
वो बोली- जान, अन्दर करो ना … मेरे नीचे आग से लग रही है….
मैंने कहा- जान, सुना है कि बहुत दर्द होता है पहली बार में……
तो वो बोली- इस दर्द से अच्छा है कि मैं वो दर्द बर्दाश्त करूँ …… प्लीज़ जानू ! डालो ना ! वरना मैं पागल हो जाउंगी…
मैंने कहा- ठीक है, तैयार हो जाओ..
मैं उसकी तांगों के बीच में बैठ गया और उसकी चूत को चूमा और लंड को उसकी चूत पर रख दिया …..
वो बोली- जान, प्लीज़ डालो ना…..
मैंने कोशिश की लेकिन उसकी चूत इतनी तंग थी कि जा ही नहीं रहा था … 2-3 बार कोशिश करने के बाद भी नहीं गया तो वो बोली- जाओ, रसोई से तेल ले आओ….
फिर मैंने ढेर सारा तेल अपने लंड पर लगाया और उसकी चूत में उंगली से अन्दर तक लगाया और फिर से कोशिश की …..
आह !
इस बार लंड का सुपारा थोडा अन्दर गया तो उसके मुह से एक आःह्ह्ह निकली……
फिर थोड़ा जोर लगाया तो दो इंच लंड घुस गया लेकिन उसको दर्द होने लगा…
जैसे ही थोड़ा और धक्का लगाया तो वो पैर पटकने लगी, उसकी आँखों से आँसू बहने लगे और कहने लगी- प्लीज़ बाहर निकालो ! मैं मर जाउंगी….
मैंने बहुत समझाया लेकिन वो मान ही नहीं रही थी….
बातों बातों में मैंने एक जोरदार धक्का दिया जिससे मेरा ८ इंच का लंड उसकी चूत में समा गया…
उसकी तो आँखें खुली रह गई !
उसकी हालत देख कर मेरी तो गांड फट गई..
जब मैंने उसको सहलाया, तब 1-2 मिनट बाद बोली- आज के बाद मैं तुम्हारा चेहरा भी नहीं देखना चाहती…
मैंने उसको बताया- जान, पहली बार में तो दर्द होता ही है… देखो पूरा चला गया है अब दर्द नहीं, बस मज़ा है….
थोड़ी देर में जब वो कुछ सामान्य हुई तो मैंने धीरे धक्के लगाने शुरू किये …
कुछ ही देर में उसको भी मज़ा आने लगा ….. और वह अपनी कमर उठा उठा कर चुदवाने लगी और सेक्सी सेक्सी आवाज़े निकलने लगी…. आऽऽहऽऽ और करो ना आ आऽऽअ… …अऽऽसऽअऽशऽऽऽ ……..और जोर से जान ……….. प्लीज्ज्ज्ज
थोड़ी देर बाद बोली- जान कुछ निकल रहा है ! मेरी चूत से कुछ निकल रहा है…
तब मुझे लगा कि प्रिया झड़ गई है, लेकिन मैं अपनी स्पीड से चोदता रहा … इसी बीच वो दो बार और झड़ी।लगभग 20 मिनट चोदने के बाद मैं बोला- जान, मेरा निकलने वाला है।
तो बोली- जान, मैं अपने अन्दर महसूस करना चाहती हूँ… मेरे अन्दर ही निकाल दो..
और मैंने अपने लंड के प्रेम रस से उसकी चूत को सराबोर कर दिया ….
उस दिन वो मेरे घर में 5 घंटे रही, हमने साथ में खाना खाया और और तीन बार चुदाई की….. मम्मी 5 दिनों तक नहीं आई तब तक रोज़ वो अपना कॉलेज गोल करके मुझसे चुदवाने आती रही। रोज़ मै उसकी जम कर चुदाई करता था…..
मम्मी के आने के बाद हमारी चुदाई मतलब प्रेम कैसे आगे बढ़ा और उस प्रेम को पाने के लिए मुझे क्या क्या करना पड़ा …
यह आप लोगों की प्रतिक्रिया देखने के बाद लिखूंगा….
उम्मीद है कि मेरी यह घटना मतलब सुखद घटना आप लोगों को पसंद आई होगी….
अपने सुझाव मुझे मेल करें !
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