पड़ोसन को स्कूटी सिखा कर चोदा-2

(Real Sex Story: Padosan ko Scooty Sikha kar Choda- Part 2)

राजेश 784 2017-11-01 Comments

पड़ोसन को स्कूटी सिखा कर चोदा-1

अब तक इस रियल सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा कि कैसे मैंने अपनी पड़ोसन को एक आधे बने मकान में ले जा कर चोदा.
अब आगे:

अगले दिन 11.00 बजे ही उसका फ़ोन आया- काम वाली चली गई है, लड़की स्कूल गई है, अतः तुम आ जाओ.

सोसाइटी के मकानों में दो एंट्री हैं अर्थात एक कमरे को किराये पर दिया जा सकता है. उसने मेन गेट पर ताला लगा रखा था तथा दूसरे कमरे, जिसकी एंट्री बाहर से भी थी और अंदर से भी थी, वहां से मुझे आने को कहा. मैं बाहर वाले कमरे से अंदर गया. बाहर से ऐसा लग रहा था जैसे फ्लैट में कोई नहीं है.

वह ड्राइंग रूम में मेरा इन्तजार कर रही थी, मुझे देखते ही भाग कर मेरे सीने से लग गई. मैं उसे देखता ही रह गया. वह एक पारदर्शी गाउन में अप्सरा लग रही थी. पूरा मेकअप करके, बहुत ही मदहोश करने वाला परफ्यूम लगा रखा था. उसने नीचे कोई कपड़ा नहीं पहना था. मैंने कमरा अंदर से लॉक कर दिया था और उसे बाँहों में उठा लिया. पहले दिन, रात होने के कारण उसका जिस्म ठीक से दिखाई नहीं दे रहा था.

उसका शरीर एकदम गोरा, गोल गोल भारी और खड़ी चूचियाँ गजब ढा रही थीं. मैंने खड़े खड़े ही उसके गाउन के अंदर से सारे शरीर पर हाथ फिरा दिया. मैं वियाग्रा की गोली खाकर आया था. मेरा लंड तनकर लोहे की रॉड बना हुआ था.
उसने मेरी पैंट खोली और लंड को बाहर निकाला. मैं सोफे पर बैठ गया, वह नीचे कालीन पर घुटने के बल बैठ कर मेरा लंड मुंह में ले कर चूसने लगी. करीब 15 मिनट तक उसने तरह तरह से मेरे लंड को चूसा.

मैं उसे उठा कर बैडरूम में ले गया और 69 की पोजीशन में आकर उसकी गुलाबी, गोरी, चूत को चूसने लगा. पाव रोटी की तरह से फूली हुई चूत पर एक भी बाल नहीं था. थोड़ी देर में वह झड़ गई. मैंने उसकी चूत का रस पिया.

वह मुझे अपने ऊपर खींचने लगी. उसका इशारा लंड को चूत में लेने का था. मैंने उसकी टांगों के बीच बैठ कर उसके घुटने मोड़े और चूत को दो उंगलियों से खोल कर देखा. जालिम की चूत का छेद कुँवारी लड़की जैसा था.

मैंने चूत के दाने को रगड़ा तो वह सीत्कार भरने लगी. चूत और लंड दोनों गीले हो कर चिकने हो गए थे. मैंने उसकी टांगों को अपने कन्धों पर रख कर लंड पर दबाव दिया, लंड चूत के छेद में घुसता चला गया. वह कसमसाने लगी और आनंद से उसने आँखें बंद कर ली. मैंने एक जोर का झटका देकर सारा लंड अंदर घुसेड़ दिया. वह दर्द और मजे से चीखने लगी. मेरे ऊपर वियाग्रा का असर इतना हो गया था कि मैंने उसकी चूत में तूफान उठा दिया. वह मजे से चिल्लाने लगी. आह… ऊह…. हाय… चोदो…. जोर से चोदो…. मेरी चूत को फाड़ दो… इसको चोद चोद कर फाड़ दो.

बहुत देर तक उसी पोजीशन में मैं उसे चोदता रहा. उसकी टाँगें थक गई थीं. उसने थोड़ा रुकने को कहा. इस बीच वह कई बार झड़ चुकी थी.

मैंने उसे बेड के कोने पर घसीट लिया और नीचे फर्श पर खड़ा हो कर उसे चोदने लगा. दस मिनट की चुदाई के बाद मैंने उसे खड़ा किया और दीवार के साथ लगा कर खड़ा कर दिया. उसकी टांगों को चोड़ा करके लंड को चूत में डाला और उसे ऊपर की ओर उठा लिया. वह मेरे लंड पर चढ़ गई, उसने अपने हाथ मेरी गर्दन पर डाल लिए और अपने पैर मेरी कमर से लपेट लिए.
अब वह मेरे लंड पर झूल रही थी और मैं उसे दीवार से सटा कर चोद रहा था. मैंने अपने दोनों हाथों से उसके चूतड़ों को पकड़ रखा था और झूला झूला कर लंड की ठाप मार रहा था. उसकी चूत बार बार पानी छोड़े जा रही थी, जिसकी बूंदें फर्श पर गिर रही थी.

वह आनंद से सिसकारियाँ ले कर तरह तरह की आवाजें निकाल रही थी. हम दोनों पसीना पसीना हो रहे थे. मेरा लंड वीर्य छोड़ने का नाम नहीं ले रहा था. जब उसकी चूत चोदते हुए मुझे एक घंटा हो गया था तो उसकी चूत दुखने लग गई थी, उसने थोड़ा रेस्ट करने को कहा. मैंने उसे छोड़ दिया.

वह फ्रीज़ से बियर ले कर आई और नंगी मेरी गोद में आकर बैठ गई. हमने दो मग बियर के पिए और फिर शुरू हो गए.

अबकी बार मैंने उसे घोड़ी बनाया और अपना लंड एक ही बार में उसके पीछे से उसकी चूत में घुसेड़ दिया. उसकी चीख निकल गई ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ मैंने उसके दोनों चूतड़ों को पकड़ा और स्पीड से चोदने लगा. नीचे से दोनों हाथों से उसकी चूचियों को मसलता रहा. उसने अपना मुँह और चूची बेड पर टिका दी, उसकी गांड और चूत अब ठीक मेरे लंड के सामने आ गई. मुझे उसको चोदते हुए बहुत देर हो गई थी, यह गोली का असर था.
अब उसने कहा- मेरी बेटी आने वाली है, अब अपना यह तूफ़ान शांत कर लो.

मैंने उसे फिर बेड पर कमर के बल लिटाया और उसकी टांगों को अपने कन्धों पर रख कर चोदने लगा. जबदस्त चुदाई के बाद आखिरकार मैंने अपने वीर्य से उसकी चूत को सराबोर कर दिया. सारी चादर गीली हो गई थी.
उसने कहा- अब मैं एक महीना चूत नहीं मरवाऊँगी. मैं पूरी तरह से रज गई हूँ.

सुमन ने बताया कि वह लड़की से परेशान है. उसका अपने एक सड़क छाप क्लास मेट बॉय फ्रेंड से चक्कर है. वह छुड़ाना है.
उसने मुझे कहा कि तुम मेरा कमरा किराये पर ले लो और कुछ ऐसा करो जिससे लड़की का उसके बॉय फ्रेंड से पीछा छूटे.
उसने कहा- कल तुम अनजान बन कर मेरे घर आना और कमरा किराये पर लेने की बात करना. मैं तुमसे कहूँगी कि तुम स्वीटी को पढ़ा भी देना.

अगला दिन इतवार था. मैं उसी समय 11.30 पर उसके घर गया. बैल बजाई तो दरवाजा लड़की ने खोला, वह स्वीटी थी. जबरदस्त जवानी चढ़ी हुई थी उस पर. उसने टाइट टीशर्ट और बहुत ही छोटी टाइट, बदन से चिपकी हुई पतली सी निक्कर डाल रखी थी, जिसमें से उसकी चूत के उभार साफ दिखाई दे रहे थे. उसका फिगर भी 36-32-36 होगा.

उसने मेरे बारे में पूछा तो मैंने पूछा- आपके घर कमरा किराए पर मिलेगा?
तभी उसकी मम्मी आ गई और नमस्कार करके बोली- बाहर क्यों खड़े हैं, अंदर आ जाइये, मैं आपको अच्छी तरह से जानती हूँ.

सुमन ने कहा- वैसे तो हमें किरायेदार की जरुरत नहीं है, परंतु यदि आप स्वीटी की स्टडी में मदद कर दें तो हम आपको कमरा दे सकते हैं.
मैंने तुरंत हाँ कर दी और कहा- मैं पिछले फ्लैट में 7000 रूपये में पेइंग गेस्ट के रूप में रह रहा हूँ, वही आपको दे दूँगा.
सुमन ने कहा- ठीक है.

सुमन चाय बनाने किचन में चली गई. मैं स्वीटी से उसकी स्टडीज के बारे में बातें करने लगा, परंतु मेरा सारा ध्यान उसकी उभरी हुई चूत, टीशर्ट फाड़कर बाहर दिखाई देते मम्मे व उसके गोरे गोरे मांसल पटों को देखने में था. उसके हुस्न को देख कर मेरा आठ इंची लौड़ा मेरी पैंट को फाड़ने लगा था. स्वीटी ने यह सब भांप लिया था कि मैं उसकी चूत को देख रहा हूँ. वह भी मेरे अकड़े हुए लंड को देख रही थी.

उसने कहा- आप मेरी हेल्प कर देंगे न?
मैंने कहा- तुम चिंता मत करो, तुम्हारी हर समस्या का समाधान कर दूंगा.

मैंने उसी दिन उस कमरे में शिफ्ट कर लिया.
उस कमरे की लोकेशन ऐसी थी कि उसका एक गेट बाहर खुलता था, एक ड्राइंग रूम में, तथा एक अटैच्ड बाथ रूम था जो सुमन के कमरे के साथ कॉमन था. स्वीटी अलग बेड रूम में सोती थी.

हम रात का खाना खा कर ड्राइंग रूम में बातें कर रहे थे. तभी स्वीटी का फ़ोन आ गया, फ़ोन लेकर वह अपने कमरे में चली गई.

सुमन ने कहा- उसी बॉयफ्रेंड का फ़ोन है.
कुछ देर बाद स्वीटी ने अपना दरवाजा बंद कर लिया.

सुमन ने बताया- यह लड़की हाथ से निकल चुकी है और उस लड़के के साथ पिक्चर देखने व बाहर घूमने जाती है, शायद यह उससे चुदवा भी चुकी होगी.

मैंने सुमन को बताया- उस लड़के को भगाने के लिए मुझे स्वीटी से फ्रेंडशिप करनी होगी.
सुमन ने कहा- कोई बात नहीं, तुम इसका उससे पीछा छुड़वाओ.
सुमन ने बताया- यह लड़की मुझसे तो बात भी नहीं करती, हमारा तो झगड़ा ही होता रहता है.

रात के 10 बज गए थे. हम अपने अपने कमरों में सोने चले गए.

यह रियल सेक्स स्टोरी जारी रहेगी. आप अपने विचार मुझे लिखें!

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