पड़ोसन भाभी से प्यार और फिर चुदाई-2
(Padosan Bhabhi Se Pyar Aur Fir Chudayi-2)
दोस्तो कैसे हो आप सब? कहानी के पिछले भाग
पड़ोसन भाभी से प्यार और फिर चुदाई-1
में आपने पढ़ा कि मेरी पड़ोसन भाभी पर मेरा दिल आ गया था. मैं उसकी चुदाई के सपने देख रहा था.
उसके पति की गैरमौजूदगी में एक दिन मैंने भाभी को अपने दिल की बात बोल दी. मैंने भाभी को सोने की अंगूठी भी दी लेकिन भाभी ने उसको पहनने के लिए मना कर दिया.
भाभी ने कहा कि वो भी मुझे चाहती है इसलिए मैंने भाभी को पकड़ कर उनके होंठों को चूम लिया. भाभी की चूचियों को नंगी करके मैंने उनके दूध को भी पीया.
जब मैं चूत की ओर बढ़ा तो भाभी ने मना कर दिया. भाभी कहने लगी कि उनके पीरियड्स चल रहे हैं इसलिए चुदाई नहीं हो सकती है. भाभी के साथ मैंने भी कोई जबरदस्ती नहीं की.
उनके पति जब तक बाहर रहे, मैं रात को भाभी के साथ ही सोता था. चूमा-चाटी और चूचियां दबाने से आगे भाभी कुछ नहीं करने दे रही थी. अब मैं आगे की कहानी आपको बताता हूं.
अब मैं और शिवानी भाभी काफी मस्ती करते थे. कुछ दिन के बाद फिर भैया भी आ गये. मैंने भाभी को कसम दे दी कि जब तक वो मेरे साथ सेक्स नहीं कर लेगी तब तक वो भैया के साथ भी सेक्स नहीं करेगी.
भैया के आने के बाद उनसे भी मेरी बात हुई. हम दोनों ने साथ में बैठ कर बीयर भी पी. भैया ने दो-तीन दिन तक तो कुछ नहीं किया. चौथे दिन भैया का मन भाभी की चुदाई के लिए करने लगा. भाभी ने उनको टाल दिया ये कह कर कि उनके पीरियड्स चल रहे हैं.
चार दिन भाभी ने किसी तरह से निकाले. उन्होंने भैया के साथ भी सेक्स नहीं किया. भाभी भी मुझको प्यार करती थी. अब हम दोनों ही इंतजार कर रहे थे कि कब भैया दोबारा घर से बाहर जायेंगे.
एक दिन भैया ने बताया कि उनको 6 दिन के लिए गुजरात जाना है. ये बात सुन कर मैं और शिवानी भाभी खुश हो गये. हम दोनों को अब मौका मिलने वाला था सेक्स करने के लिए.
जिस रात को भैया निकले उस रात को मैं भाभी के साथ सोया. मगर हम दोनों ने कुछ नहीं किया.
मैंने भाभी से कहा कि मैं आपके साथ सुहागरात मनाना चाहता हूं.
भाभी भी राजी हो गयी.
फिर अगले दिन वो तैयारी में लग गयी. वो अपना मेकअप करवाने के लिए गयी. जब तक वो लौट कर आयी तब तक मैंने रूम साफ कर दिया था. आज हमारी सुहागरात होने वाली थी.
जब वो आई तो बहुत ही सुंदर लग रही थी. उसके बाद हम दोनों शॉपिंग के लिए निकल गये. जो भी हम दोनों को देख रहा था वो यही सोच रहा था कि हम दोनों पति पत्नी हैं. भाभी के साथ मेरी जोड़ी खूब जम रही थी.
हम दोनों ने शॉपिंग की और कुछ सजावट के लिए कुछ फूल भी लेकर आये. उसके बाद हमने बाहर ही खाना खा लिया. घर आकर मैं रूम को सजाने की तैयारी करने लगा. भाभी के साथ मेरी सुहागरात होने वाली थी.
मैंने भाभी को तैयार होने के लिये बोल दिया. भाभी चली गयी. उसके बाद मैं बाहर गया और मेडिकल शॉप से कॉन्डम का पैकेट लिया. इसके साथ ही मैंने सेक्स टाइम को बढ़ाने वाली कुछ दवाई भी ले ली. मैंने कुछ चॉकलेट भी ले ली.
घर वापस आकर मैं तैयार हो गया. मैंने भाभी को कॉल किया कि मैं कितनी देर में आऊं?
भाभी बोली- बस दस मिनट में मैं आपको कॉल करूंगी. मेरे कॉल करने के बाद ही आना. तब तक मैं कुछ तैयारी कर रही हूं.
अब मुझसे इंतजार करना मुश्किल हो रहा था.
10 मिनट के बाद भाभी का कॉल आया और उन्होंने मुझे रूम में आने के लिये कहा. मेरी खुशी का ठिकाना न था. मैंने वो अंगूठी भी रख ली थी जिससे मैंने भाभी को प्रपोज किया था. मैंने कॉन्डम का पैकेट, दवाई और चॉकलेट ली और भाभी के रूम में गया.
भाभी तैयार होकर बेड पर बैठी हुई थी. उसने घूंघट डाला हुआ था. जब मैं भाभी के करीब गया तो उसने उठ कर मेरे पैर छूना चाहा लेकिन मैंने भाभी को अपने पैर नहीं छूने दिया. मैं उनको दिल से प्यार करता था.
फिर वो बोली- मैं चाहती हूं कि तुम मेरी मांग भी भर दो.
मैंने भाभी का हाथ पकड़ा और मंदिर के सामने ले जाकर उनकी मांग में सिंदूर भी लगा दिया. उसके बाद हम लोग रूम में आये. शिवानी भाभी ने मुझे दूध पीने के लिए दिया.
मैंने आधा दूध खुद पीया और आधा भाभी को पीने के लिए दिया. साथ में ही मैंने आधी दवा खुद खा ली और आधी भाभी को खाने के लिए दी. उसके बाद भाभी को मैंने रिंग दी.
भाभी ने मेरी दी हुई रिंग बहुत ही प्यार से पहनी. फिर मैंने भाभी को चॉकलेट दी. हम दोनों ने लिप किस किया और फिर चॉकलेट को आधी आधी खा लिया. उसके बाद मैंने भाभी के गहने धीरे धीरे उतारने शुरू किये.
हम दोनों किस करते जा रहे थे और बीच बीच में मैं भाभी के गहने भी उतार रहा था. सारे गहने उतारने के बाद मैंने कपड़े उतारे और कॉन्डम निकाल कर रख लिया. भाभी ने वो कॉन्डम देख लिया.
उन्होंने साफ मना कर दिया कॉन्डम लगाने से. वो बोली कि ऐसे ही करो.
मैंने कहा- अगर आप पेट से हो गयी तो?
वो बोली- मैं तुम्हारे बच्चे को अपने पेट में और इस दुनिया में लाना चाहती हूं. तुम बिना कॉन्डम के ही करो.
मैंने भाभी के होंठों को चूम लिया. फिर कॉन्डम का पैकेट एक तरफ डाल कर मैंने भाभी के पूरे कपड़े उतार दिये. मैं उनको किस करने लगा. भाभी पूरी नंगी हो गयी थी. मैंने भाभी की चूचियों को दबाते हुए पीना शुरू कर दिया.
काफी देर भाभी के बूब्स को चूसने के बाद मैंने अपने कपड़े भी पूरे निकाल दिये और मैं भी नंगा हो गया. मैंने भाभी की चूत पर लंड लगाया और अंदर धकेल दिया.
जैसे ही मैंने भाभी की चूत में लंड को अंदर किया तो भाभी के मुंह से चीख निकल गयी- आआआ …. आई … फाड़ दी … मेरी चूत।
मैंने भाभी के होंठों को कस कर स्मूच करना शुरू कर दिया उसकी आवाज अंदर ही दब गयी.
कुछ देर तक मैं लंड को आराम आराम से भाभी की चूत में धकेलने की कोशिश करता रहा. भाभी को अब आराम हो गया था. वो अपनी चूत में लंड को पूरा ले गयी थी. धीरे धीरे करके पूरा लंड देने के बाद मैंने भाभी की चूत को चोदना शुरू कर दिया.
अब उसके मुंह से सिसकारियां निकल रही थीं- आह्ह फक मी, आह्ह … और तेज से चोदो.
मैं भी तेजी के साथ भाभी की चूत को पेल रहा था. भाभी मस्त हो गयी थी और मैं भी चुदाई का मजा ले रहा था.
20 मिनट तक चुदाई हुई, उसके बाद मैंने अपना माल भाभी की चूत के अंदर ही निकाल दिया. उसके बाद हम लोग एक दूसरे के ऊपर नंगे ही लेटे रहे काफी देर तक. कुछ देर के बाद फिर से लंड खड़ा हो गया और मैंने फिर से भाभी की चूत चोदी.
इस तरह से उस सुहागरात में मैंने भाभी की चूत 3 बार चोदी. मैंने अपना माल भी भाभी की चूत में अंदर ही निकाला. उसके बाद हम दोनों सो गये.
दोस्तो, आप सोच रहे होगे कि मैं चुदाई का इतना शौकीन हूं तो मैंने भाभी की चूत को चाटा नहीं और भाभी ने मेरे लंड को भी नहीं चूसा! तो दोस्तो, यह हम दोनों के बीच में पहला सेक्स था. मुझे चूत चाटना बहुत पसंद है लेकिन पहली रात को मैंने नहीं चाटा.
शिवानी भाभी को भी लंड चूसना पसंद नहीं है इसलिए मैंने उनको फोर्स नहीं किया. मगर उस दिन के बाद जब भी चुदाई हुई मैंने भाभी की चूत को खूब चाटा.
एक दिन की बात है कि मैं भाभी के साथ सेक्स कर रहा था और भाभी की चूत को मस्ती में चाट रहा था. अचानक ही भाभी की चूत से पानी निकल गया और मैं सारा पानी पी गया.
फिर मैंने भी भाभी के मुंह में लंड दे दिया. पहले तो वो मेरे लंड को मरे मन से चूसने लगी लेकिन कुछ देर के बाद उसको लंड चूसने में मजा आने लगा. उसके बाद से भाभी ने मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया.
अब वो खूब लंड चूसती है. अब तो वो मेरे माल को अपने मुंह में ही गिरवाने लगी है लेकिन शुरूआत में ऐसा नहीं था. सुहागरात के अगले दिन क्या हुआ, ये जानकर आपको पता चल जायेगा.
सुहागरात मनाने के अगले दिन जब हम लोग उठे तो हम काफी खुश थे. हमने देखा कि हमारे कपड़े सारे बिखरे हुए पड़े थे.
भाभी बोली- आपके भैया ने तो इस तरह से मेरी चुदाई कभी नहीं की थी. ये बोल कर वो हँसने लगी. मैं भी मुस्करा दिया.
भाभी ने कहा- अब जाकर फ्रेश हो जाओ.
मैंने कहा- मुझे गुड मॉर्निंग किस नहीं मिलेगी क्या?
भाभी मेरे पास उठ कर आई और मेरे होंठों पर होंठ रख दिये. भाभी के बूब्स मेरे सीने से सट गये. हम दोनों नंगे ही थे इसलिए लंड भी तुरंत खड़ा हो गया.
मैंने एक बार फिर से भाभी को बेड पर पटक लिया और उनकी चूत को चोदने लगा. वो भी मजे से चुदने लगी. रात की चुदाई के कारण शिवानी भाभी की चूत में जल्दी ही दर्द होने लगा और वो चिल्लाने लगी.
मगर अब मैं नहीं रुक सकता था. मैं भाभी की चूत में लगातार लंड को पेल रहा था. भाभी चिल्लाती रही और आवाजें करती रही. मैंने चुदाई चालू रखी.
30 मिनट तक भाभी की चूत को चोदा और फिर मैंने उनकी चूत के अंदर ही पानी निकाल दिया. भाभी मेरी इस हरकत पर नाराज हो गयी कि मैंने उनकी बात नहीं सुनी. मैंने उनको मनाया तो वो फिर जल्दी ही मान भी गयी.
फिर हम दोनों नहाने के लिए गये और दोनों साथ में ही नहाये. वहां पर भी मेरा लंड खड़ा हो गया और मैं चुदाई करने के लिए तैयार हो रहा था लेकिन भाभी ने मना कर दिया.
उसके बाद हम लोग बाहर आ गये. मैं तैयार हो गया और ऑफिस के लिए रेडी होकर निकल गया. इस तरह से भाभी के साथ रोज मस्ती होने लगी. अब हम दोनों रोज रात में सेक्स करते थे. हमारे पास पांच दिन थे और पांचों दिन हमने खूब सेक्स का मजा लिया. उसके बाद भैया घर लौट आये.
अब हम लोगों को मिलने का मौका नहीं मिलता था. इसलिए चुदाई बंद हो गयी थी. भैया कहीं बाहर नहीं जाते थे. मगर जब भी थोड़ी बहुत देर के लिए जाते तो भाभी मुझे बुला लेती थी. मैं दिन में ही आकर भाभी की चूत चोद देता था.
इस तरह से कई बार हमने दिन में भी चुदाई की. भाभी रोज कहने लगी कि तुम्हारे भैया भी मेरी चूत को चोदते हैं.
मैंने कहा- तो फिर ये तो अच्छी बात है. भैया को लगेगा कि आपका जो बच्चा होगा वो उनका होगा लेकिन असल में वो मेरा होगा.
तीन महीने के बाद भाभी ने मुझे बताया कि उनके पीरियड्स बंद हो गये हैं. मैंने मार्केट से उपकरण लाकर दिया तो पता चला कि भाभी के पेट में बच्चा है. वो बच्चा मेरा ही था क्योंकि भैया घर पर तो रहते नहीं थे. उन दोनों के बीच में कभी कभार चुदाई होती थी.
जब भैया को पता लगा कि उनकी पत्नी पेट से है तो भैया बहुत खुश हो गये. वो भाभी को एक अच्छी महिला डॉक्टर के पास ले गये. वहां पर भैया ने डॉक्टर से पूछा- क्या हम अभी भी सेक्स कर सकते हैं?
डॉक्टर बोली- हां कर सकते हो लेकिन पांचवे महीने तक ही कर सकते हो. सेक्स बहुत ही आराम से करना.
घर आने के बाद भाभी ये सारी बातें मुझे भी बताईं. मैं बहुत खुश था कि भाभी के पेट में मेरा बच्चा है. फिर भैया को 10 दिन के लिए फिर से गुजरात जाना पड़ा.
भैया भी मेरे ऊपर बहुत भरोसा करते थे. वो मुझे बोल कर गये थे कि अपनी भाभी का खयाल रखना. भैया ने कहा कि मैं काम से जा रहा हूं और जल्दी ही वापस लौट आऊंगा. मैंने भी भैया को उनकी बीवी का खयाल रखने का भरोसा दिलाया.
उसके बाद भाभी और मैंने कई बार सेक्स किया. मगर अब हम आराम से धीमे धीमे करते थे. अब भाभी का पेट भी काफी निकल आया था. उनके बच्चे की डिलीवरी का समय भी जल्दी ही पास आता जा रहा था.
फिर भैया लौट आये. आने के बाद भैया ने कहा कि अब जब तक बच्चे की डिलीवरी नहीं हो जाती वो कहीं भी बाहर नहीं जायेंगे. ऑफिस का काम कम ही करेंगे. मगर इस दौरान भैया की ड्यूटी रात में लग गयी थी.
अब भाभी का ध्यान रात को भी मुझे ही रखना पड़ रहा था. मुझे परेशान होता देख कर भाभी बोली- तुमने इतने मजे लिये हैं तो थोड़ी सज़ा भी मिलेगी.
मैंने कहा- मुझे सारी सज़ा मंजूर है.
भाभी मेरी ओर देख कर मुस्कराने लगी और मैंने उनके माथे को चूम लिया.
कहानी अगले भाग में जारी रहेगी.
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