पड़ोसन भाभी की चूत की प्यास नहीं बुझ पाती
(Padosan Bhabhi Ki Chut Ki Pyas Nahi Bujh Pati)
मेरा नाम कुमार है, पूना में रहता हूँ, मेरी उम्र 22 साल है। मैं अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूँ।
अब मैं कहानी पर आता हूँ। मेरे घर के पास एक भाभी रहती हैं.. उनका नाम अनीता है, वे देखने में बहुत सेक्सी हैं, उनकी उम्र 25 साल थी, उनका फिगर 30-30-36 का है।
उनके पति सेना में हैं इसलिए वो कभी-कभार ही घर आ पाते हैं।
मुझे अनीता भाभी बहुत अच्छी लगती हैं। उस दिन मेरी किस्मत खुल गई। मैं कॉलेज से आ रहा था.. भाभी ने मुझे आवाज दी- कुमार इधर आना..
मैं उनके घर में अन्दर चला गया।
‘जी भाभी?’
भाभी ने कहा- जरा देखना.. मेरे मोबाइल पर गाने नहीं लग रहे हैं।
मैंने देखा तो मेमोरी कार्ड ठीक से इन्सर्ट नहीं हुआ था.. मैंने ठीक किया.. तो मोबाइल में बजन गाने शुरू हो गए। गाने देखते-देखते मैंने एक फोल्डर ओपन किया तो उसमें बहुत सारी ब्लू-फ़िल्में थीं।
मैंने भाभी से पूछा- आप यह सब देखती हो?
और भाभी थोड़ा घबरा कर बोलीं- हाँ मैं ये देखती हूँ।
‘क्यों..?’
अब भाभी ने मुस्कुराते हुए कहा- वो क्या है न… तुम्हारे अंकल साल में एक बार आते हैं.. तो मुझे चोदते हैं लेकिन 5 मिनट के अन्दर ही झड़ जाते हैं और मेरी चूत की प्यास नहीं बुझ पाती है तो देख कर मैं अपनी उंगली से काम चला लेती हूँ।
उनकी इतनी खुल्लम खुल्ला भाषा सुनकर मेरा लौड़ा खड़ा हो गया।
मैंने कहा- मैं आपकी प्यास बुझा दूँ भाभी?
वो बोलीं- तुम से चुदने के लिए कब से तैयार हूँ।
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तो मैंने उनके होंठों के ऊपर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा, उनके मम्मों को भी दबाने लगा।
उनकी साँसें तेज हो गई थीं। हम दोनों बेडरूम में चले गए।
उस दिन भाभी ऐसा माल लग रही थीं कि जैसे कोई जन्नत की हूर हों।
मैंने भाभी के होंठ पर अपने होंठ रख दिए, हम दोनों 10 मिनट तक चूसते रहे, फिर मैंने भाभी के धीरे-धीरे सारे कपड़े उतार दिए।
भाभी ने काली रंग की ब्रा पहनी हुई थी, मैंने उनके चूचे मुँह में ले लिए, मैंने अपने कपड़े उतार फेंके।
भाभी मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगीं, अब हम 69 की अवस्था में आ गए थे।
भाभी ने कहा- अब नहीं रहा जाता.. अपना लंड मेरी चूत में डाल दे।
तो मैंने अपना लंड चूत के छेद पर रखा और धक्का मारा.. तो लंड आधा अन्दर घुस गया.. भाभी जोर से चिल्ला पड़ीं।
मैंने अपने होंठ भाभी के होंठों पर रख दिए और फिर जोर से धक्का मारा.. तो मेरा 7 इंच का लंड पूरा भाभी की चूत में समा गया। भाभी बहुत दिनों में चुद रही थीं तो उनको बहुत दर्द हो रहा था।
भाभी के मुँह से ‘आआई ईइईआ आउइ..’ की आवाजें आ रही थीं।
थोड़ी देर बाद उनका दर्द कम हो गया.. और वे अपने चूतड़ों को उठाने लगीं, मैंने लंड अन्दर-बाहर करना चालू कर दिया।
अब भाभी को मजा आने लगा। भाभी की चूत कसी हुई थी, इस वजह से भाभी के मुँह से बार-बार ‘आआइ इईऊ ईइइ उऊ..’ की आवाजें आ रही थीं।
करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद मेरा माल निकलने वाला था।
उस दौरान वो दो बार झड़ चुकी थीं, मैंने उनसे पूछा- मेरा निकलने वाला है.. किधर लोगी?
उन्होंने कहा- मुझे तुम्हारा माल पीना है..
मैंने चूत में से लंड निकाला और उनके मुँह में पेल दिया।
थोड़ा हिलाने के बाद मेरा रस निकल गया और आँटी सारा माल पी गई।
उस रात मैंने भाभी को 3 बार चोदा।
फिर सुबह हम दोनों साथ में नहाने चले गए।
मैंने भाभी की गाण्ड भी मारी.. लेकिन वो अगली कहानी में लिखूँगा।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी जरूर बताना।
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