पड़ोसन आंटी संग चुदाई की कहानी
(Padosan Aunty Sang Chudai Ki Kahani)
दोस्तो, हिंदी में सेक्स स्टोरीज की साईट अन्तर्वासना पर आपका स्वागत है। मेरा नाम अभिषेक है। पहले मैं अपने बारे में बताना चाहता हूँ। मैं 5 फुट 7 इंच का कूल और हैंडसम ब्वॉय हूँ।
मैं बिहार का हूँ.. यह सेक्स स्टोरी 2 साल पुरानी है। मेरी फैमिली दिल्ली में रहती है। मैं अपनी अपनी कब से अपना एग्जाम देकर अपनी फैमिली के पास दिल्ली आया था। उस टाइम मैं जवान हो चुका था। दिल्ली आने के बाद मुझे कुछ अच्छा नहीं लग रहा था क्योंकि माहौल अलग सा हो गया था। मेरा इधर मन नहीं लग रहा था.. जिस वजह से मैं कहीं आता-जाता नहीं था। मैं सारा दिन कमरे में या तो टीवी देखता.. या फिर फोन में उलझा रहता था।
मेरी उस टाइम तक कोई गर्लफ्रेंड भी नहीं थी।
अब मैं नेहा आंटी के बारे में बता दूँ.. वो मेरे कमरे के बगल में ही रहती हैं। वो 32 साल की हैं.. गोरी हॉट सेक्सी और वो शादीशुदा हैं, उनके पति का नाम राहुल है। उनका एक 7 साल का बेटा भी है उसका नाम रोहन है।
मैं गर्ल्स से बातें करने में झिझकता हूँ तो मैं नेहा आंटी से बातें नहीं करता था। पहले तो मैं उनकी दिल से बहुत रिस्पेक्ट करता था.. लेकिन धीरे-धीरे पता नहीं मुझे उनके प्रति कैसी फीलिंग आने लगी।
एक दिन मैं अपने कमरे के दरवाजे पर खड़ा था और वो झाड़ू लगा रही थीं। उस समय मैं घर में अकेला था।
उन्होंने मुझसे कहा- अभिषेक दरवाजे पर ऐसे क्यों खड़े हो?
मैंने कहा- कुछ नहीं बस यूं ही..
वो झाड़ू लगाने के बाद बोलीं- अगर अकेला फील कर रहे हो तो मेरे कमरे में आ जाओ।
जैसा कि आप जानते हो मैं लेडीज से बातें करने में घबराता हूँ, इसलिए मैंने कहा- नहीं आंटी, मैं ठीक हूँ।
नेहा आंटी एक कूल बिंदास और थोड़ी फन्नी किस्म की हैं। मेरे मना करते ही उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर खींचा और मुझे अपने कमरे में ले गईं।
उनके घर पर कोई नहीं था.. वो मुझे बिठा कर बोलीं- मैं चाय बना कर लाती हूँ।
मैंने मना कर दिया तो वो बोलीं- अरे इतना भी मत शरमाओ.. मैं यूं गई और यूं आई।
वो चाय बनाने किचन में चली गईं।
मैं अकेला बैठा टीवी देख रहा था, तभी अचानक मेरी नज़र उनके कपड़ों पर पड़ी। वो ज्यादातर मॉडर्न कपड़े ही पहना करती थीं… जैसे टी-शर्ट्स, जीन्स और मिनी टू-पीस वगैरह।
मैं ये सब देख कर पागल सा हो रहा था।
तभी नेहा आंटी चाय लेकर आईं। अब उन्होंने कपड़े बदल कर एक लूज़ कैपरी और एक पीले रंग की टी-शर्ट पहन ली थी, जिसमें से उनकी ब्रा पूरी तरह सिनेमा दिखा रही थी। उनके चूचे ऑलमोस्ट 36डी साइज़ के हैं।
फिर हम दोनों चाय पीने लगे।
नेहा आंटी ने मुझसे एक सवाल किया- तुम सारा दिन कमरे में पड़े रहते हो.. क्या तुम बोर नहीं होते? कहीं आया-जाया करो.. कम से कम मेरे घर ही आ जाया करो, मेरा भी मन लगेगा और तुम्हारा भी..!
मैंने कहा- ओके आंटी..
उसके बाद मैं अपने कमरे में लौट आया। उनका हसीन चेहरा मुझे हर जगह नज़र आ रहा था। उनकी वो रसीली बातें.. उनके वो बदन का मदमस्त अहसास मुझे दीवाना बना रहा था। तब मैंने सोच लिया कि बहुत हो गया, अब नेहा आंटी को पटा कर उनके साथ सेक्स करना ही है।
अब मुझे अगले दिन का इन्तजार था।
आख़िरकार दिन बदला और सब रोज़ की तरह अपने काम पर निकल गए। मेरे मॉम-डैड एक ही ऑफिस में काम करते थे, तो वो अपने ऑफिस चले गए। आंटी के पति भी अपने काम पर चले गए। उनका बेटा भी स्कूल चला गया था।
मैं अपने कमरे में लेट कर प्लान बना रहा था.. तभी मेरे दिमाग़ में एक खुराफाती आइडिया आया। मैंने अपना लैपटॉप उठाया ओर एक ट्रिपल एक्स वीडियो डाउनलोड किया और उसे देखने लगा। अब मैं नेहा आंटी के बुलावे का वेट कर रहा था।
आख़िरकार उनका बुलावा आया..
मैं अपने लैपटॉप पर फिल्म को चलता छोड़ कर बिस्तर के नीचे छुप गया। आंटी के बहुत आवाज़ लगाने पर भी मैं नहीं गया।
तो वो मेरे प्लान के मुताबिक मेरे कमरे में आ गईं। जैसे ही वो अन्दर आईं और उनकी नज़र मेरे लैपटॉप पर पड़ी.. थोड़ी देर तक तो वो शांत होकर वीडियो को देखती रहीं.. और अचानक भागकर अपने कमरे में चली गईं।
तब मैंने बाहर आकर लैपटॉप बंद कर दिया और उनके कमरे पर चला गया। मैंने आंटी के कमरे का दरवाजा नॉक किया.. लेकिन उनका कोई उत्तर नहीं आया। मैं उनके कमरे में घुस गया लेकिन कमरे में कोई नहीं था।
जैसे ही मैं लौट रहा था वैसे ही किसी ने मेरा हाथ पकड़ लिया मैंने मुड़ कर देखा तो वो नेहा आंटी थीं।
मैं ये देख कर चौंक गया।
मैंने नेहा आंटी से पूछा- आप किधर थीं?
उन्होंने बिना कुछ बोले मुझे एक तमाचा रसीद कर दिया।
आंटी के इस एक्शन से मैं पूरी तरह डर चुका था।
मैंने मासूमियत से पूछा- क्या हुआ आंटी?
तब उन्होंने कहा- माँग लिया होता, मैं दे देती।
मैंने कहा- लेकिन क्या?
नेहा आंटी ने कहा- अब इतने भी भोले मत बनो।
ये कह कर उन्होंने मेरी कमर को पकड़ कर अपने पास खींच लिया। मैं ये देखकर समझ चुका था कि आज मेरे साथ क्या होने वाला है। मैं जीते जी जन्नत की सैर करने वाला था।
मैं भी देर ना करते हुए उनके होंठ चूसने लगा.. वो भी हॉट हो गईं और उन्होंने मुझे बेड पर धक्का देकर गिरा दिया।
मैंने उन्हें किस करना शुरू कर दिया। उन्होंने मुझे रोककर बोला- ऐसे क़िस नहीं करते.. मैं बताती हूँ कि किस कैसे करते हैं।
आंटी मेरा मुँह खोलकर उसमें थूकने लगीं.. मैं इसका मज़ा उठाने लगा। तभी उन्होंने मेरे मुँह का सारा थूक अपने मुँह में ले लिया और मेरी जीभ को चूसने लगीं।
ऐसे ही हम दोनों कुछ मिनट तक किस करते रहे। तब धीरे-धीरे उनका हाथ मेरे लंड पर आ गया और उन्होंने मेरी पेंट उतार दी। मैंने अंडरवियर नहीं पहन रखी थी.. सो पैंट उतरते ही मेरा 6.7 इंच का लंड बाहर निकल आया।
नेहा आंटी ‘सो बिग…’ कह कर मेरा लंड जोर-जोर से हिलाने लगीं। अगले ही कुछ पलों में मेरे लंड को आंटी ने अपने मुँह में रख लिया और चूसने लगीं।
यह मेरा फर्स्ट टाइम था इसलिए मैं जल्दी ही झड़ गया।
उन्होंने कहा- इतनी जल्दी?
तब मैंने जवाब दिया- इट्स माय फर्स्ट टाइम..!
आंटी मेरे लंड से निकला सारा पानी पी गईं, तब भी चूसना जारी रखा।
कुछ ही देर में लंड फिर से कड़क होने लगा। अब आंटी पूरी मस्ती से मेरे पूरे लंड को अपने मुँह के अन्दर लेने लगीं। मैं लड़कियों की तरह आवाजें निकाल रहा था- इश.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… अहह..
फिर मैं उन्हें अपनी तरफ़ खींच कर क़िस करने लगा। मैं उनके कपड़े उतारना शुरू करने लगा, जैसे ही मैंने उनकी टी-शर्ट उतारी वैसे ही उनका 36डी साइज़ के चूचे मेरे आँखों के सामने उछलने लगे।
मैं पागलों की तरह उनके मम्मों को चूसने लगा। एकदम भरी हुई बड़ी-बड़ी चूचियां थीं, उन पर पिंक निप्पल एकदम कड़क थे। मैं लगातार आंटी के दूध चूसे जा रहा था। आंटी भी अजीब सी आवाजें निकाल रही थीं।
वैसी आवाजें मैंने अब तक सिर्फ ट्रिपल एक्स फिल्मों में ही सुनी थीं।
आज ब्लू-फिल्म का सीन मेरे सामने था। मैंने भी देर न करते हुए मैंने उनकी पेंटी भी निकाल फेंकी। आंटी की पिंक चुत घने बालों से घिरे हुए थे। आंटी की चुत पर बहुत बाल थे। मैं उनके पैरों को अपने कंधों पर रखकर चूत को सूंघने लगा। फिर मैंने चूत पर अपनी जीभ रख कर उसे गीला किया और चूत के बालों को साइड में करके चुत में अपनी जीभ लंड की तरह कड़क करके अन्दर पेल दी।
अब मैं अपनी जीभ से ही उन्हें चोदने लगा। मैंने आंटी की चूत के बालों सहित मुँह में भर ली और जानवरों की तरह चूत को चूसने लगा। आंटी बहुत कामुक होकर मजा ले रही थी और आहें भर रही थीं। अचानक आंटी का बदन ऐंठ गया और उनका सारा पानी छूट गया। मैंने उनकी चूत का सारा पानी पी लिया।
अब मैंने अपना लंड उनकी चुत पर रगड़ा और उस पर थूक कर अपना लंड उनकी चुत में डालना शुरू किया। मैंने एक ही झटके में अपना पूरा लंड उनकी चुत में डाल दिया.. वो जोर-जोर से चीख रही थीं ‘अहाहह.. शिश.. अहाह.. उहह..’
आंटी को करीब दस मिनट तक चोदने के बाद वो और मैं एक साथ झड़ने को हो गए। आंटी झड़ीं तो मैंने लंड को बाहर निकाला और सारा पानी उनके मुँह के पास ले जाकर छोड़ा। आंटी ने मेरे लंड को मुँह में रख कर साफ किया और हम दोनों नंगे ही सो गए। जब आँख खुली तो तीन बज चुके थे.. रोहन के स्कूल से आने का टाइम हो चुका था। हम दोनों जल्दी से उठे और एक साथ नहाने के बाद एक-दूसरे को किस किया। मैं अपने कमरे में लौट आया।
मेरी सेक्स स्टोरी पर प्लीज़ कमेंट्स मेल से भेजिएगा।
नेहा आंटी की चूत चुदाई की कहानी में आगे बहुत कुछ है।
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