पड़ोस की लड़की से बुझी तन की आग
(New Story Of Sex Without love)
न्यू स्टोरी ऑफ़ सेक्स में पढ़ें कि मैं अकेला घर में पोर्न मूवी देख लंड मसल रहा था. मेरी पड़ोसन लड़की एकदम से आ गयी. उसने देख लिया और फिर क्या हुआ?
दोस्तो, मेरा नाम किशन कुमार है. मैं छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले से हूं. रायपुर से मेरा गांव 60 कि.मी. की दूरी पर पड़ता है.
मेरी उम्र है 29 साल, लम्बाई 5’10” है. मेरा लंड 5 इंच लम्बा और 1.5 इंच मोटा है.
मैं दिखने में साधारण सा गांव का लड़का हूं. मेरा सांवला रंग है और कसा हुआ शरीर है.
यह न्यू स्टोरी ऑफ़ सेक्स तब की है जब मैं 18 साल से कुछ महीने ऊपर का हो गया था.
उस वक्त मेरी स्कूल की पढ़ाई खत्म होने वाली थी और कुछ ही महीने स्कूल के बचे थे. तब मैंने नई नई पोर्न फिल्में देखना शुरू किया था दोस्तों के साथ मिलकर!
हम लोग किराए का एक वीसीडी प्लयेर और किराए की ही पोर्न मूवी की वीसीडी लेकर आये थे. जिसे हम 4 दोस्तों ने मिलकर एक दोस्त के घर में छुप कर देखा था. उसके बाद हमें जब भी मौका मिलता हम छुप छुप कर पोर्न मूवी देखा करते थे.
मेरे पापा नेटवर्क मार्केटिंग करते थे तो उन्हें नवंबर महीने में एक लैपटॉप गिफ्ट में मिला और मेरे घर में बाइक भी आ गयी थी. पापा को लैपटॉप चलाना आता नहीं था तो लैपटॉप घर में रहता था, जिसे अब मैं मूवी देखने और गेम खेलने के लिए इस्तेमाल करने लगा.
मैंने लैपटॉप में बहुत सारी पोर्न मूवी कॉपी करके रख ली. जिसे मैं रोज़ देखता और मुठ मारा करता था.
यह सितम्बर महीने की बात है. मेरे पड़ोस में एक मोनिका (बदला हुआ) नाम की लड़की रहा करती थी.
वो अक्सर हमारे घर आया करती थी. वो मुझसे 3 साल बड़ी थी तो मैंने कभी उसे ऐसी नज़र से देखा ही नहीं था. उस दिन रविवार था और दोपहर का वक्त हो रहा था.
मोनिका मेरे घर आई और उस दिन मैं इत्तेफाक से अकेला था.
मेरे घर का मेन गेट अंदर से लॉक नहीं था. चूंकि मैं घर में अकेला था तो मैंने इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और सोचा कि कोई नहीं आयेगा इस वक्त।
मैं अपने रूम में था और अपने कमरे के बेड पर लैपटॉप लेकर पड़ा हुआ था. कानों में ईयरफोन था और मैं मजे से पोर्न मूवी देखता हुआ लंड को सहला और मसल रहा था.
मेरा सिर दरवाजे की ओर था इसलिए मुझे बाहर का नहीं दिखा. मोनिका ने कब मुझे लंड सहलाते देख लिया मुझे पता नहीं चला.
अचानक से उसकी परछाई मुझे लैपटॉप की स्क्रीन पर दिखी.
मैंने पलट कर देखा तो वो एकदम से पीछे हट कर साइड हो गयी.
मेरा हाथ मेरे लंड पर ही था. मैंने जल्दी से लैपटॉप बंद किया और उठकर बैठ गया.
मुझे बहुत शर्म आ रही थी. लड़की के सामने मैं ऐसी हरकत करते पकड़ा गया था.
उसके देखने के बाद मेरा लंड एकदम से बैठ गया था. मेरे चेहरे का रंग उड़ गया था. गांड तो जैसे फट ही गयी थी. यही सोच रहा था कि काम से गया आज तो … मार पड़ेगी. लैपटॉप भी हाथ से जायेगा अब.
मैं शर्मिंदगी से उठा और उसे आवाज दी- कुछ काम था क्या मोनी?
वो फिर अंदर आकर बोली- नहीं, मैं तो वैसे ही आ गयी थी.
उसने मेरे लंड की ओर देखा जो मेरी शॉर्ट्स में सो चुका था. मगर उसने मेरे शॉर्ट्स पर प्रीकम का एक दाग बना दिया था.
मुझे बहुत ज्यादा शर्म आ रही थी.
वो बोली- ये सब करता है तू लैपटॉप में? बता दूं आंटी को?
उस समय मैं कुछ कहने लायक नहीं था. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या बोलूं.
मैं बोला- सॉरी, मां को मत बताना. मैं क्या मुंह दिखाऊंगा पापा को?
मोनी- क्यूं, वो खुद ही देख लेंगे कि क्या है उनके लैपटॉप में.
मैं बोला- यार कैसी बात कर रही है, मरवायेगी क्या?
वो ये सुनकर हंसने लगी और बोली- नहीं कहूंगी, ये बातें बताने की नहीं होती.
फिर मैं थोड़ा नॉर्मल हुआ. मेरी थोड़ी सांसे नॉर्मल हुईं.
अब मेरे अंदर हवस तो जागी ही हुई थी पहले से ही.
मैंने पूछा- यार, हम लड़के तो हाथ से हिलाकर कर लेते हैं, तुम लड़कियां कैसे करती हो?
वो बोली- बकवास मत कर … चपेट मारूंगी एक!
मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और बोला- बता ना मोनी यार, मुझे जानना है, मेरी कभी किसी लड़की से बात नहीं हुई.
वो बोली- हां, हम भी ऐसे ही करते हैं.
तभी मैंने लैपटॉप को खोला और फिर से पोर्न चला दी. उसकी ओर लैपटॉप घुमा दिया.
उसमें एक लड़की जोर जोर से अपनी चूत को सहला रही थी.
मैंने पूछा- ऐसे ही करते हो क्या?
वो एक बार तो नजर हटाने लगी लेकिन फिर उसकी नजर मेरे लंड पर गयी. वो फिर से आकार में आ रहा था.
उसके बाद मैंने दूसरी क्लिप चला दी. उसमें एक गोरी लड़की अपनी चूत में डिल्डो डाल रही थी.
अब मेरे लंड में काफी तनाव आ गया था. मैं पानी पीने के बहाने से चला और जाते हुए मैंने मोनी की गांड पर लंड छुआ दिया.
वो इस हरकत पर भी चुप ही रही. जब मैं वापस आया तो वो पोर्न क्लिप को ध्यान से देख रही थी. मेरा लंड पूरा तना हुआ था. मैंने आकर उसके पीछ लंड लगा दिया.
उसने मुझे हटा दिया और बोली- लिमिट में रह!
मगर मेरे ऊपर वासना सवार हो चुकी थी. मैंने उसके हाथ को पकड़ा और अपने लंड पर रखवा कर फिर से उसके चूतड़ों पर लंड सटा दिया.
दोबारा से उसने हाथ हटा लिया.
मैं बोला- थोड़ा टच करने दे ना प्लीज, दोस्त और पड़ोसी के नाते इतनी तो हेल्प कर मेरी?
उसने कुछ नहीं कहा.
मैंने उसकी गांड की दरार में लंड को सटा दिया.
फिर तो मुझसे रुका ही नहीं गया. मैं उससे चिपट गया और उसकी गांड में लंड लगाकर उसकी चूचियों को भी भींचने लगा.
वो भी गर्म होकर कसमसाने लगी और बोली- क्या कर रहा है? आ जायेगा कोई, इतना बहुत है, अब छोड़ मुझे.
मैंने उसकी चूचियों को दोनों हाथों से जोर से दबाते हुए कहा- बस दो मिनट और करने दे यार … आह्ह … मजा आ रहा है.
मेरे लंड में जोर जोर से झटके लग रहे थे.
उसकी गांड को सहलाते हुए मैंने कहा- बेड पर लेट जा ना यार एक बार!
वो बोली- नहीं, रहने दे. दिन का टाइम है कोई आ जायेगा.
मैंने उसे अपने साथ धेकलते हुए बेड पर गिरा लिया और उसके ऊपर चढ़ गया.
मैं उसके होंठों को चूसने लगा तो उसके हाथ मेरे सिर पर आ गये.
हम दोनों एक दूसरे में खो गये. काफी देर तक होंठ चूसे और जब उसने मुझे पीछे हटाया तो वो हांफ रही थी.
वो हांफते हुए बोली- मैं तेरे को पहले से ही पसंद करती थी. मगर कभी बताने की हिम्मत नहीं हुई.
ये सुनकर मैंने उसको फिर से जोर से चूस लिया. फिर उसका कमीज उतरवा दिया और वो ऊपर से केवल में ब्रा में हो गयी.
मैंने उसकी ब्रा के ऊपर से चूचियों को दबाया और उसकी सलवार के ऊपर से चूत को सहलाने लगा. फिर मैंने उसकी ब्रा उतरवायी और चूची पीने लगा. वो अब सिसकारने लगी.
तभी मुझे ध्यान आया कि गेट तो बंद किया ही नहीं, अगर सच में कोई आ गया तो मुसीबत हो जायेगी.
मैं जल्दी से उठा और लंड को शॉर्ट्स में दबा कर मेन गेट और कमरे का दरवाजा दोनों बंद कर आया.
मोनिका उस वक्त अपने चूचों को अपने हाथ से हल्के हल्के सहला रही थी.
आते ही मैं उसके चूचों पर फिर से टूट पड़ा और जोर जोर से पीने लगा; उसके निप्पलों को दांतों से काटने लगा.
वो सिसकारते हुए बोली- आह्ह … आराम से कर यार … दर्द हो रहा है.
फिर मैं चूचियों से हटकर उसकी सलवार के नाड़े की ओर बढ़ा.
मैंने उसकी सलवार खोली और उसको नीचे से भी नंगी कर दिया. अब उसके बदन पर केवल उसकी पैंटी ही बची थी.
मैंने उसकी लाल पैंटी को सूंघा तो उसमें से चूत के रस की खुशबू आ रही थी जो उसकी पैंटी को भी गीला करने में लगा हुआ था.
फिर मैंने पैंटी को ही मसल दिया तो वो सिसकार उठी.
अब मुझसे रुका न गया और मैंने उसको नंगी करके उसकी चूत पर हमला बोल दिया; उसकी टांगों को अपनी गोद में रखवाकर मैं उसकी चूत को जोर जोर से चाटने और काटने लगा.
वो जोर से सिसिया गयी और पागल सी होने लगी.
मेरी जीभ उसकी गोरी गीली चूत में तेजी से अंदर बाहर हो रही थी.
उसकी चूत के रस का स्वाद मुझे मेरी जीभ पर मिल रहा था जो मुझे पागल कर रहा था.
जब उससे रुका न गया तो बोली- बस … बस … आह्ह … डाल दे अब … जान लेगा क्या मेरी … आह्ह … ओह्ह … रुक जा … आह्ह!
मैंने जल्दी से उसकी चूत को छोड़ा और अपनी टीशर्ट और शॉर्ट्स उतार कर पूरा नंगा हो गया.
फिर उसकी चूत के मुंह पर लंड टिकाया और उसके ऊपर लेट गया. उसके होंठों को चूसते हुए मैं धीरे धीरे धक्के लगाने लगा.
वो मेरे सिर को सहलाते हुए चूत को लंड की ओर धकेलती रही.
चूत और लंड दोनों चिकने हो चुके थे.
वो बोली- डाल ना अंदर … अब … आह्ह … क्यों तड़पा रहा है?
मुझे इतना मजा आ रहा था कि बस लंड रगड़े जा रहा था.
फिर मैंने उसकी चूत पर निशाना साधा और लंड को छेद के मुंह पर रख कर धक्का दे दिया.
लंड आधा अंदर घुस गया और उसने मुझे जोर से पीछे धकेलना चाहा मगर मैंने उसकी चूची जोर से भींच दी.
इतने में ही मैंने एक और धक्का दिया और पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया. लंड ज्यादा बड़ा नहीं था इसलिए पूरा आराम से अंदर चला गया.
वो शायद पहले भी चुद चुकी होगी.
उसकी चूत में लंड देकर मैं उसके ऊपर लेट गया. उसके होंठों को पीने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी.
मैंने चुदाई शुरू कर दी और उसने मेरी गांड पर टांगें लपेट लीं.
हम दोनों एक दूसरे में खो गये. दोनों मजे से होंठों को चूसते हुए चुदाई का आनंद ले रहे थे. उसकी चूत से पच पच की आवाज होने लगी.
दोनों के ही सेक्स अंगों ने बहुत ज्यादा पानी छोड़ दिया था.
मुझे अब और ज्यादा मजा आ रहा था क्योंकि चूत पूरी चिकनी हो चुकी थी. लंड उसकी चूत में गचागच चोद रहा था. फिर उसको मैंने उठने के लिए कहा और घोड़ी बना लिया.
फिर उसकी गांड को पकड़ कर मैं पीछे से चूत में चोदने लगा. वो सिसकारियां भर रही थी- आह्ह … आह्ह … ओह्ह … आराम से … आह्ह … आह्ह!
मेरे हर धक्के के साथ उसकी चूची हवा में झूल रही थी और हर धक्के के साथ ही उसकी आह्ह … आह्ह भी मुंह से निकल रही थी.
लगभग 10 मिनट की चुदाई के बाद मेरा निकलने को हो गया.
मैंने धक्के लगाते हुए बोला- होने वाला है यार … आह्ह … आह्ह … क्या करना है?
वो एकदम से आगे को हो गयी और उसने मेरे लंड को चूत से निकलवा दिया.
फिर वो घुटनों पर आकर मेरे लंड को झुक कर चूसने लगी.
मैंने उसके सिर को पकड़ लिया और उसका मुंह चोदने लगा. उसने मेरी गांड को कस कर पकड़ लिया और मेरे पूरे लंड को गले तक ले लिया.
इस आनंद को मैं बर्दाश्त नहीं कर पाया और मेरे माल की पिचकारी लंड से छूट पड़ी. मैंने उसके सिर को जोर से लंड पर दबा लिया और उसके गले में सारा वीर्य निकाल दिया.
उसने मेरे माल को अंदर ही गटक लिया. फिर वो और मैं दोनों हांफते हुए लेट गये. मैं उसके चूचों के ऊपर लेट गया और उसकी चूत को सहलाने लगा. उसकी चूत पूरी गीली हो गयी थी और मेरा लंड सिकुड़ गया था.
फिर हम पांच दस मिनट नंगे लेटे रहे और उसके बाद वो उठकर कपड़े पहनने लगी. मैंने भी अपने कपड़े पहन लिये. मेरी बेड की चादर पर चूत से निकला रस लग गया था और वो गीली हो गयी.
वो चादर मैंने निकाल दी और हमने दूसरी चादर बिछा दी.
फिर वो अपने घर चली गयी.
उसके बाद से मेरी उस पड़ोसन की चुदाई मैंने शुरू कर दी. जब तक वो रही हमने खूब मजे किये.
फिर उसकी शादी हो गयी. अब उसके दो बच्चे भी हैं लेकिन जब भी वो आती है तो हम मिलते जरूर हैं. कभी कभी चुदाई का मौका भी मिल जाता है. उसकी चूत मारकर मुझे अभी भी वैसा ही मजा आता है.
उसके बाद भी मैंने कई और लड़कियों की चूत मारी, वो सब कहानी भी बताऊंगा आपको.
यह न्यू स्टोरी ऑफ़ सेक्स आपको कैसी लगी मुझे कमेंट्स में बताना न भूलें. यदि आप भी अपनी स्टोरी मुझे बताना चाहते हैं तो मुझे ईमेल करें.
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