पड़ोसन भाभी की लॉकडाउन में मस्त चुदाई
(New Bhabhi Sex Kahani)
न्यू भाभी सेक्स कहानी मेरे पड़ोस में आयेक नवविवाहिता भाभी की है. उनके पति लॉकडाउन में फंस गए थे. मेरी नजर उन पर थी और उन्हें भी लंड की जरूरत थी. हमने एक दूसरे की मदद की.
प्यारे दोस्तो, मेरा नाम अविनाश है और मैं हरियाणा के करनाल से हूं.
मेरी उम्र 27 साल है. मेरा रंग हल्का सांवला है और हाइट 5 फुट 8 इंच है.
मेरा लंड साढ़े छह इंच लंबा और 4 इंच मोटा है.
मैं काफी पढ़ा-लिखा हूं जिस वजह से मेरे पूरे ही परिवार में कोई भी मुझ पर आंख बंद करके यकीन करता है.
अंतर्वासना पर यह मेरी पहली और सच्ची न्यू भाभी सेक्स कहानी है.
सच्ची मतलब बिल्कुल सच्ची केवल पात्रों के नाम बदले गए हैं.
आज से एक महीना पहले की बात है.
उस वक्त मैं अपनी पढ़ाई पूरी कर रहा था.
यह सेक्स कहानी मेरी और और मेरे पड़ोस की एक भाभी की है; उनका नाम अनीता भाभी है.
अनीता भाभी की हाइट 5 फुट 2 इंच है, उनका पेट थोड़ा सा बाहर की तरफ निकला है और उनकी गांड का साइज करीब 38 इंच का है.
भाभी के चूचों का साइज भी काफी बड़ा है. ये करीब 36 इंच के एकदम ठोस नारियल के आकार जैसी चौंच निकाले हुए हैं.
हुआ कुछ इस तरह कि मैं पंजाब से अपने शहर करनाल आया हुआ था तो मैं यहां पर बोर हो रहा था.
इधर कुछ करने को तो था नहीं तो बस ऐसे ही सुबह जिम जाना और शाम को पार्क में घूमने निकल जाना.
यही रूटीन रह गया था.
एक दिन मुझे अपने पड़ोस में एक हॉट आइटम दिखी.
वे ही अनीता भाभी थीं और अभी उनकी नई नई शादी हुई थी.
उस दिन भाभी ने अपने बदन से एकदम चिपकी हुई काले रंग की साड़ी पहनी हुई थी.
उस साड़ी में भाभी की गांड का उभार साफ़ नजर आ रहा था.
एक पल को तो मैं उन्हें बस देखता ही रह गया.
उन्होंने मेरी तरफ देखा और इशारा किया कि क्या देख रहे हो?
मैंने भी सर हिला कर इशारे से कहा कि कुछ नहीं, बस ऐसे ही.
वे कुछ नहीं बोलीं और मुझे देखती हुई अन्दर चली गईं.
ऐसे ही दो-चार दिन गुजरे.
कभी-कभी मुझे भाभी मार्केट जाते हुए दिख जाती थीं.
एक दिन मैंने अपनी मम्मी से पूछा- हमारे पड़ोस में कोई नए लोग रहने आए हैं क्या?
मम्मी ने कहा- हां बेटा, बेचारी की 6 महीने पहले शादी हुई है. इसका घर वाला अक्सर काम के सिलसिले में बाहर रहता था और वो लॉकडाउन में बाहर ही कहीं फंस कर रह गया है. इसी लिए बेचारी अकेली ही रहती है. इसके घर में केवल एक बूढ़ी सास है और ये है.
मैंने कहा- बड़ा बुरा हुआ मम्मी.
उस समय ही बातों बातों में मां से पता चला था कि उन भाभी का नाम अनीता है.
अगला दिन रविवार था.
रविवार को अनिता भाभी हमारे घर आईं और मां के साथ बातें करने लगीं.
मैं सीढ़ियों से नीचे आ रहा था, तभी मेरी नजर भाभी पर पड़ी.
भाभी को देखते ही मेरे लौड़े में धमकन सी हुई.
मैं भी उन दोनों के पास चला गया.
मम्मी ने भाभी को बताते हुए कहा- अनीता, यह मेरा बेटा अविनाश है. यह अभी चंडीगढ़ से पढ़ाई पूरी करके आया है.
भाभी मेरी तरफ देख कर मुस्कुराईं और चाय पीने लगीं.
मैं बस उन्हें ही देख रहा था.
सफेद रंग के कप के ऊपर उनके होंठों के लगने से लाल लिपस्टिक का निशान पड़ गया था.
भाभी ने मुझे देख लिया और जानबूझ कर लिपस्टिक लगी साइड को मेरी तरफ कर दिया.
मैंने कप को देखा फिर उनकी आंखों को देखा.
वे मुझे देख कर सिर्फ मुस्कुराईं.
कुछ देर बाद भाभी वहां से चली गईं.
उनके जाने के बाद मैं मां की नजरों से बचा कर उनके होंठ लगे कप को अपने कमरे में ले गया और उधर होंठ लगा कर भाभी की लिपस्टिक को चाटने लगा.
ये सब बड़ा ही सेक्सी लग रहा था.
अब भाभी अक्सर हमारे घर आने लगी थीं.
धीरे धीरे मेरी उनसे बातचीत बढ़ने लगी और हमारा दोस्ती का रिश्ता आगे बढ़ने लगा था.
एक दिन भाभी ने कहा- आंटी, मुझे अविनाश से कुछ काम है. मुझे इसे घर ले जाना है, कुछ सामान रखवाना है … मुझसे उठेगा नहीं.
मम्मी ने कहा- कोई बात नहीं, ले जाओ!
मैं भाभी के घर गया.
घर को भाभी ने अन्दर से काफी सजाया हुआ था क्योंकि भाभी के पास करने को तो कुछ काम था नहीं.
उन्होंने मुझे सोफे पर बैठने का इशारा किया और मेरे लिए किचन से दूध लेने की कह कर किचन में जाने लगीं.
मैंने कहा- भाभी दूध किस लिए?
भाभी इठला कर बोलीं- ताकत का काम करवाना है न इसलिए!
मैं उनकी बात सुनकर हैरान हो गया कि ऐसा कौन सा काम करवाना है इनको?
भाभी ने कहा- कोई बात नहीं, पहले दूध पियो … काम फिर बाद में आराम से कर लेना.
मैंने कहा- नहीं, आप पहले काम बताओ … फिर मुझे जाना है.
जैसे ही मैंने जाने की बात कही, भाभी एकदम से परेशान सी हो गईं और बोलीं- मेरे साथ ऊपर आओ.
जैसे ही मैं ऊपर गया, भाभी मुझे सीधे अपने बेडरूम में ले गईं.
उन्होंने कहा- अविनाश सुनो, यह बेड की सैटिंग सही करवानी है. मेरा पंखा बेड के ऊपर नहीं है, तो हवा ठीक से नहीं लगती. इसको दीवार की तरफ करना है.
मैंने कहा- ओके भाभी.
अब मैंने और भाभी दोनों ने बेड को एक तरफ से पकड़ा और दीवार की तरफ खींचना शुरू किया.
अचानक से मेरा हाथ फिसल कर तेजी से भाभी के हाथ को टच हुआ और भाभी गिरने लगीं.
मैंने एकदम से भाभी की कमर के नीचे हाथ डाला और भाभी को गिरने से बचाया.
लेकिन इस बीच बचाव में मेरा हाथ भाभी के बूब्स को टच कर गया.
भाभी शरमा गईं और बोलीं- अविनाश क्या कर रहे हो … पकड़ना कहां है और पकड़ कहां रहे हो?
एक बार को तो मैं भी शरमा गया.
फिर मैंने कहा- सॉरी भाभी.
भाभी बोलीं- कोई बात नहीं इट्स ओके … होता है, होता है.
वे यह कह कर मुस्कुरा दीं.
फिर हम दोनों ने मिल कर जैसे तैसे करके बेड को ठीक किया.
लेकिन भाभी मुझे बार-बार देखे जा रही थीं और उनकी नजर मेरे शॉर्ट्स पर थी.
भाभी बार-बार अपने होंठ भी दबा रही थीं और मुझे देख कर हल्का-हल्का मुस्कुरा रही थीं.
मैंने कहा- भाभी कुछ और काम हो तो बताएं!
भाभी ने कहा- काम तो बहुत है, पर पता नहीं तुमसे हो पाएगा या नहीं.
मुझे लगा कि भाभी डबल मीनिंग बात कर रही हैं.
मैंने कहा- आप बोल कर तो देखो.
भाभी ने कहा- और दूध पियोगे?
मैंने भी डबल मीनिंग जवाब देते हुए अपना जवाब देते हुए अपना गिलास भाभी के बूब्स की तरफ कर दिया.
मैंने कहा- हां भाभी … बिल्कुल पी लूंगा अगर आप पिलाओगी तो!
भाभी भी मेरा मतलब समझ चुकी थीं.
वे बोलीं- बैठो.
मैंने कहा- भाभी, अरुण भाई साहब कहां गए हैं?
यह सुनते ही भाभी के चेहरे पर उदासी छा गई.
वे बोलीं- उनकी बात मत करो.
मैंने कहा- भाभी आप नाराज हो गईं?
भाभी ने कहा- नहीं ऐसी बात नहीं है, बस उनकी बात मत करो.
मैंने सॉरी बोला.
भाभी बोलीं- सॉरी वाली बात नहीं है. बस ऐसे ही.
यह कहकर भाभी मेरे पास बैठ गईं और उम्मीद भरी निगाहों से मुझे देखने लगीं.
मैंने भी हिम्मत करके अपना हाथ भाभी के कंधे पर रखा और उन्हें समझाते हुए कहा- भाभी, हिम्मत रखो भैया आ जाएंगे.
यह सुनकर भाभी की आंखों में आंसू आ गए.
भाभी को हिम्मत देते देते मेरे हाथ कब उनके गालों और कानों तक चले गए, मुझे पता ही नहीं चला.
अचानक से भाभी ने एकदम से अपने होंठों को मेरे होंठों से मिला दिया.
मुझे झटका लगा और मैं पीछे हो गया.
मैंने कहा- भाभी, आप ये क्या कर रही हो?
भाभी ने रोते हुए कहा- मैंने तो आपसे पहले ही कहा था अविनाश, पता नहीं तुमसे हो पाएगा या नहीं.
अब मैं भाभी की बात का मतलब समझ गया था.
मैंने भी देर ना करते हुए भाभी के होंठों को चूसना शुरू कर दिया.
यूं कहूं कि खाना शुरू कर दिया.
भाभी सिसकारियां ले रही थीं और बार-बार कह रही थीं- अविनाश, एक वादा करोगे!
मैंने कहा- भाभी बोलो!
भाभी- तुम मुझे कभी छोड़कर नहीं जाओगे.
मैं भी अंतर्वासना का पुराना पाठक हूं; इसके एक लेखक चूतनिवास सर मेरे आदर्श हैं.
मैंने भी उनका डायलॉग रिपीट करते हुए कहा- मेरे पास जितनी भी भाभियां और आंटियां हैं. वे ज्यादा तो नहीं हैं, पर जो हैं. वे जब भी मुझे बुलाती हैं, मैं कहीं भी रहूं … तुरंत उनके पास चला ही जाता हूं. फिर जब तक वे खुश नहीं हो जातीं, तब तक उनके पास ही रहता हूं.
यह सुनकर भाभी और ज्यादा भावुक हो उठीं और कहने लगीं- अविनाश, आई लव यू.
मैंने भी जवाब में आई लव यू टू भाभी कहा.
धीरे-धीरे इस चुम्मा चाटी में हमें इतना मजा आने लगा कि हमारे कपड़े कब उतर गए, कुछ पता ही नहीं चला.
बस फिर क्या था.
अब भाभी इतनी प्यासी और मैं पानी से भरा कुआं … भाभी ने फटाफट से मेरा निक्कर नीचे किया और मेरा साढ़े छह इंच का लौड़ा गप से मुँह में ले लिया.
वे लंड को दबा दबा कर चूसने लगीं; चपड़ चपड़ कर चूसने लगीं.
दोस्तो, मेरे लौड़े की चुसाई से मुझे मानो जन्नत की सैर करने मिल रही थी.
जवाब में मैंने भी 69 की पोजीशन ली और भाभी की चूत चाटना शुरू कर दी.
बस फिर क्या था दोस्तो … मैं और भाभी दोनों एक साथ छूट गए.
थोड़ी देर हम दोनों लेटे रहे.
धीरे-धीरे भाभी मेरी छाती के ऊपर अपनी उंगलियां फेरती रहीं.
मेरा लंड दोबारा से खड़ा हो गया और मैंने भाभी से कहा- भाभी, अब जल्दी से एक बार और चूस दो.
भाभी ने कहा- सिर्फ चूसना ही है या …
मैंने कहा- भाभी, आप शुरू तो करो.
जैसे ही भाभी ने लौड़े को चूसना शुरू किया, बस दो मिनट बाद मैंने भाभी से कहा- भाभी अपनी कमर के नीचे दो तकिया लगा कर आ जाओ. अब आपकी चूत पूजा कर देता हूँ.
भाभी ने फट से अपनी गांड के नीचे दो तकिया लगा लिए.
उनकी गोरी झांट रहित चूत किसी फूली हुई कचौड़ी सी मेरे सामने मुझे ललचाने लगी थी.
मैंने भाभी की दोनों टांगों को अपने दोनों कंधों पर रख कर पोजीशन सैट कर ली.
मैंने अपने लंड का सुपारा भाभी की चूत की फांकों में रगड़ा तो भाभी गांड उठाने लगीं.
मैंने एक पल की भी देर नहीं की और उनकी चूत में अपना लंड पेल दिया. मेरा एक इंच लंड अन्दर चला गया.
भाभी ने दर्द से कराह कर कहा- उई मां मर गई … आह क्या कर रहा है भोसड़ी के … एक ही बार में डाल दे न कमीने. ऐसे दर्द होगा.
मैंने कहा- भाभी, आपकी चूत बहुत टाइट है. एक बार में डालूँगा तो आपकी चूत फट सकती है.
भाभी ने कहा- मुझे चोदना मत सिखाओ … तुम बस पेलो … चाहे मैं मर भी क्यों न जाऊं … तुम रुकना नहीं. एक बार में पूरा डाल दो.
मैंने एक लंबी गहरी सांस ली और अपनी कमर का पूरा वजन भाभी की चूत पर डाल दिया.
फिर क्या था … भाभी ने जोर से सीत्कार भरी- रुक जा आह.
मैंने उसी पल अपने होंठों से भाभी को लिप लॉक कर दिया और भाभी की आवाज अन्दर ही घुट कर रह गई.
दोस्तो, अगर आप किसी की चूत मार रहे हो और नीचे दबी चूत वाली ऐसे ही चिल्लाने को मचले तो उसको ऐसे देखने का मजा ही कुछ और होता है.
भाभी की आंखों से आंसू बहने लगे थे.
मैं 30 सेकंड के लिए भाभी के ऊपर ऐसे ही बिना हिले-डुले लेटा रहा.
फिर अचानक से भाभी ने कमर हिलाना शुरू कर दिया.
बस अब क्या था … दे घचके दे घचके … मैं तूफान खड़ा कर दिया.
सारे कमरे में फट फट फच्च फच्च की आवाज गूंजने लगी.
जैसे खेतों में पानी निकालने वाला इंजन शुरू हो जाता है, मैं भी भाभी के ऊपर ऐसे ही शुरू हो गया था.
सच बताऊं पिछले 6 महीने से भाभी की चूत बिना चुदी थी तो ऐसा लग रहा था भाभी की सील भी नहीं टूटी है.
बाद में भाभी ने कहा- तुम्हारे भैया का लंड तो सिर्फ 4 इंच का है. अविनाश अगर तुम ना होते तो मेरा क्या होता.
मैंने कहा- अब मैं हूं … तो बस चुदाई होगी.
भाभी बोली- आई लव यू अविनाश … फक हार्ड … फक मी हार्ड … हाय आह हाय … हाय मेरी मां मैं मर गई.
क्या बताऊं दोस्तो, मादक आवाजों में मुझसे चुदाई की कहते कहते भाभी का शरीर अकड़ने लगा और उन्होंने बंद मुट्ठी की तरह मेरा लौड़ा अपनी चूत में भींच लिया.
जब कोई औरत लौड़ा चूत में भींचती है ना … और उस वक्त धकापेल चुदाई होती है तो ऐसा लगता है जैसे दीवार में लंड आर पार हो रहा हो.
बिल्कुल लौड़े के नीचे जन्नत की हूर सी दबी होने का अहसास होता है.
ऐसे ही 20 मिनट चोदन करने के बाद मैंने भाभी को कुतिया बनने के लिए कहा.
भाभी झट से कुतिया बन गईं.
मैंने कहा- भाभी, मेरी एक बात मानोगी?
भाभी ने कहा- बता तो … मैं तेरी रंडी हूं … आज से मैं तेरी सारी बात मानूंगी.
मैंने कहा- तुम मुझे गालियां दो.
मुझे सेक्स करते वक्त गालियां सुनना बहुत पसंद है.
भाभी ने कहा- मुझे गालियां देना ज्यादा पसंद नहीं है. वो तो अपने आप कभी निकल जाए तो बात अलग है.
मैंने थोड़ा सा फोर्स किया तो भाभी मान गईं और बोलीं- बहनचोद, मां के लौड़े … खींच कर चोद मुझे … चोद मुझे. बना दे मेरी चूत का भोसड़ा का … मार डाल रे आज मुझे खा जा.
बस पूछो मत दोस्तो, लंड में मानो आग लग गई.
जब भी कोई औरत चुदते वक्त गालियां देती है ना … तो मुझे बड़ा मजा आता है.
धीरे-धीरे मैं भाभी की चुदाई करते हुए हांफने लगा क्योंकि लगभग 25 मिनट हो चुके थे.
मैंने कहा- एक काम कर चुदने वाली बहन की लौड़ी … रांड अब तू मेरे ऊपर आ जा!
भाभी मेरी बात सुनकर मेरे ऊपर आ गईं और मैंने भाभी की कमर अपने मुँह की तरफ करवा ली.
भाभी का मुँह अपने पैरों की तरफ करवा लिया और कहा- अब शुरू हो जाओ.
यह एक ऐसी पोजीशन है जिसमें आपको बेइंतहा मजा आता है. कभी ट्राई करके देखना.
धीरे-धीरे मेरा शरीर अकड़ने लगा. मैंने भाभी को एकदम से नीचे किया और भाभी के ऊपर आ गया.
मैंने कहा- मेरा होने वाला है, कहां डालूँ?
भाभी ने कहा- साले बहन के लौड़े … इतनी देर चोदने के बाद अभी भी ये पूछने की जरूरत है. जहां तेरा मन करे, रस डाल दे … तेरी ही रांड हूं मादरचोद.
मैंने कहा- ठीक है बहन की लौड़ी … यह ले तेरी चूत में मेरा गर्म गर्म घी.
मैंने भी सारा का सारा गर्म गर्म माल उनकी चूत में डाल दिया.
भाभी के चेहरे पर संतुष्टि के भाव साफ नजर आ रहे थे.
मैंने भाभी की चूत को चाट चाट कर साफ कर दिया और जो मेरा वीर्य मेरे मुँह में चला गया था, वह मैंने अपनी भाभी के मुँह में डाल दिया.
भाभी ने भी पोर्न स्टार की तरह आधा अन्दर पिया और बाकी होंठों पर किनारे से बाहर निकाल दिया.
दोस्तो, अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है. उम्मीद है आपको न्यू भाभी सेक्स कहानी पसंद आई होगी.
अपने सुझाव जरूर भेजें. मैं अगली सेक्स कहानी में बताऊंगा कि कैसे मैंने भाभी और उसकी बहन की गांड मारी.
आप मुझे मेल कर सकते हैं.
मेरी मेल आईडी है.
[email protected]
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