नई भाभी चूत चुदवाने आई हमारे मोहल्ले में
(New Bhabhi Porn Kahani)
न्यू भाभी पोर्न कहानी हमारे घर के पास रहने आई एक हुस्न की परी सविता भाभी की है। उनका पड़ोसी होने के कारण उनकी सहायता मैं ही करता था. मैंने भाभी की चुदाई कैसे की?
दोस्तो, मेरा नाम विकास है, मैं पहली बार अपना खड़ा लंड लेकर अन्तर्वासना पर आया हूँ.
मैं अपने बारे में बस इतना ही कहूंगा कि अगर कोई भी लड़की मुझे एक बार देख ले, तो रात को पक्का अपनी चूत से मेरे बारे में वार्तालाप करेगी.
चलिए, अब जिस भाभी को मैंने चोदा, उसकी न्यू भाभी पोर्न कहानी बताता हूँ.
बात आज से करीब एक साल पहले की है, गर्मियों का मौसम था. उस समय पसीना शरीर से ज्यादा, लंड के इर्द गिर्द आकर झांटें गीली करता था.
उन्हीं गर्मियों में हमारे पुराने मोहल्ले में एक नई नई चूत की रानी रहने आयी थी.
मुझे क्या पता कि उनकी चूत का राजा मैं हूँ.
उस हुस्न की परी का नाम सविता भाभी था।
उनका गोरा रंग, फिगर 34-30-36 की थी।
भाभी के चूचे एकदम नुकीले, सामने को तने हुए थे और गांड थिरकती हुई एकदम गोल मटोल थी.
क्या बच्चा, क्या बूढ़ा और क्या जवान … जो भी देख ले, उनको खाने के लिए भाग कर आ जाए.
भाभी का घर मेरे घर के कुछ ही दूर पर था.
उनके पतिदेव किसी कंपनी में काम करते थे.
कंपनी वाले हर महीने उनकी गांड मारने के लिए उनको कहीं ना कहीं काम के सिलसिले में इधर उधर भेजते रहते थे.
उनकी अनुपस्थिति में भाभी से मेरी बातचीत होना शुरू हो गई थी.
वे लोग मोहल्ले में नए नए आये थे तो उनको मोहल्ले का ज्यादा कुछ पता नहीं था.
उनका पड़ोसी होने के कारण उनकी सहायता मैं ही करता था.
भाभी जी को कोई भी बाहर का काम होता तो वे मुझे ही बोलती थीं.
कभी सब्जी लाने के लिए भाभी मुझसे कहतीं, तो कभी कोई किराने की सामान मंगाने के लिए मुझे याद करतीं.
उन्होंने मेरा नाम उपयोगी रख दिया था. वे मुझसे उपयोगी जी कह कर बात करती थीं.
मैंने उन्हें बताया भी कि भाभी मेरा नाम विकास है.
वो बोलीं- हां होगा, पर मेरे लिए तो तुम उपयोगी ही हो.
मैंने कहा- अच्छा नाम रखा है आपने … मुझे उपयोग करने लगीं, तो मेरा नाम उपयोगी रख दिया!
वो हंस कर बोलीं- तो क्या योगी कह कर बुलाऊँ?
मैंने कहा- हां, योगी तब भी ठीक लगेगा. कम से कम योग करने का अहसास तो होगा!
वो बोलीं- जब वक्त आएगा, तब तुम्हें उपयोगी भी अच्छा लगने लगेगा।
मैंने एकदम से उनकी बात का मर्म समझा और कहा- उपयोगी तो वो होता है, जो हर तरह से उपयोग में लाया जाए।
शायद भाभी मेरी बात को समझ गई थीं. वो बोलीं- तुम्हें हर वक्त उपयोग में नहीं लिया जा सकता है.
मैंने पलट कर पूछा- तो किस वक्त उपयोग में लिया जा सकता है, वो बताएं … मैं उसी वक्त हाजिर हो जाता हूँ.
भाभी हंस कर अन्दर चली गईं.
इस तरह मैं भाभी को सामान देने के बहाने ही उनसे बात कर लेता था और उनकी जवानी का दीदार कर लेता था.
मैं हमेशा उनके उभरे हुए मम्मों को निहारता था.
इसका अंदाजा शायद उनको था पर उन्होंने कभी कुछ कहा नहीं।
एक दिन हुआ यूं कि उनके पतिदेव अपना लंड लेकर बाहर गए थे.
शायद ये वो दिन था कि मैं अपना लंड को उनकी चूत में डाल कर ठंडा कर सकता था.
उस दिन सविता भाभी ने मुझे अपने घर पर खाने के लिए बुलाया था.
मैं भी खुशी खुशी अपना लौड़ा धो पौंछ कर, झांटें छील छाल कर उनके घर पहुंच गया था।
रात का वक़्त था, करीब 8 बजे थे.
मैंने उनके घर की डोरबेल बजाई.
जैसे ही उन्होंने दरवाजा खोला, मेरा लंड उनको सलामी देने के लिए उठ गया।
क्या बताऊँ … क्या माल लग रही थीं उस दिन।
उन्होंने एक जालीदार, लाल रंग की नाइटी पहनी हुई थी.
जालीदार नाइटी होने के कारण उनकी काले रंग की ब्रा भी दिख रही थी और उनके उभरे हुए चूचे ऐसे तने थे, मानो मेरे सलामी देते लंड को खुद ही सौंप देना चाहते हों.
उन्होंने पहले मुझे देखा, फिर नीचे मेरे पैंट को फाड़ कर बाहर आना चाहता हुआ मेरा लंड देखा.
फिर हंस कर बोलीं- अन्दर चलोगे कि बस यहीं सपने देखते रहोगे?
मैंने उनकी तरफ देखा तो उनकी आंखों में एक अलग सी शोखी दिखी.
तो मैंने लंबी आह भरते हुए कहा- फिलहाल तो भाभी जी, सपने ही मेरा साथ देते हैं.
वो भी मुझे अन्दर आने का इशारा करती हुई कहने लगीं- क्यों, क्या हाथ काम नहीं करते हैं?
उनकी बात को मैं तुरंत समझ गया कि भाभी मुठ मारने की कह रही हैं.
मैं अन्दर आया और भाभी ने दरवाजा बंद कर दिया.
अन्दर ए सी की ठंडक से दिल खुश हो गया.
मैंने हाथ हवा में फैलाए और शोले फिल्म के डायलॉग बोलते हुए कहा- यही तो बेबसी है भाभी जी … मेरे हाथ गब्बर सिंह ने काट दिए हैं.
भाभी मुझे देखती हुई बोलीं- और वो गब्बर सिंह कौन है?
मैंने उनके मम्मे देखते हुए कहा- वो गब्बर सिंह आप हैं भाभी जान!
जानबूझ कर मैंने उन्हें जान कहा था.
जिस पर भाभी का तुरंत जवाब आया- अच्छा जी, अब मैं जान भी हो गई हूँ?
मैंने कहा कुछ नहीं, बस उन्हें देख कर मुस्कुराने लगा.
भाभी ने कहा- कभी गब्बर सिंह कहते हो देवर जी, तो कभी जान कहते हो। मुझे तुम्हारी नियत साफ़ नहीं लग रही है।
मैंने कहा- अभी आपने मेरी नीयत देखी ही कहां हैं भाभी जान!
वे बोलीं- और वो नीयत देखने को कब मिलेगी?
मैंने कहा- अब सब कुछ अभी ही देखने का इरादा है क्या? अरे मेहमान घर बुलाया है, कुछ खातिरदारी नहीं करेंगी अपने देवर की … या अपने उपयोगी की?
वो उपयोगी शब्द सुनकर मुस्कुरा दीं और बोलीं- हां हां बताएं उपयोगी जी, क्या सेवा की जाए आपकी … मेरा मतलब आप खाने के पहले क्या लेना पसंद करेंगे?
मैंने उनके दूध देखते हुए कहा- कुछ ऐसा गर्म सा पिला दो, जिससे आत्मा तृप्त हो जाए.
वे बोलीं- गर्म में मेरे पास चाय है, कॉफी है कोल्डड्रिंक है, हॉट ड्रिंक है, उसके आगे और भी ज्यादा हॉट ड्रिंक है … बोलिए देवर जी क्या पीना पसंद करेंगे?
मैं उनके मुँह से और भी ज्यादा हॉट ड्रिंक सुनकर उत्तेजित हो गया और मैंने कहा- तो वही ‘और भी ज्यादा हॉट ड्रिंक.’ पिला दीजिए, ऊपर वाला आपको खूब खुशियां देगा. आपकी झोली भी भर देगा.
भाभी ने कहा- काश, ऊपर वाला मेरी पुकार सुन लेता और मेरी झोली भर देता.
मैंने उनकी तरफ देखा.
तो वे जल्दी से बोलीं- तो आपकी भाभी आपकी सेवा में और भी ज्यादा हॉट ड्रिंक पेश करती है.
ये कह कर भाभी अन्दर गईं और पाँच मिनट बाद वो ब्लैक डॉग की बोतल, पानी और नमकीन लेकर आ गईं।
मैंने उनके हाथ में पकड़ी हुई ट्रे में ये सब देखा, तो खुश हो गया.
भाभी ने सारा सामान टेबल पर रखा और मेरे बाजू में बैठ कर बोलीं- लीजिए उपयोगी जी … पैग बनाइए.
मैंने दो पैग बनाए और भाभी को देखा.
उन्होंने गिलास उठाया और चीयर्स बोल कर अपने होंठों से लगा लिया.
मैंने भी सिप लिया और उनकी तरफ देख कर कहा- आप बड़ी जल्दी समझ जाती हैं कि मेहमान को क्या चाहिए!
वो हंस कर बोलीं- अभी देखते जाओ उपयोगी जी … वक्त आने पर मैं क्या क्या समझ चुकी हूँ, उसका अंदाजा भी तुम्हें लग जाएगा.
मैंने कहा- भाभी जान, आप बड़ी उस्ताद हो!
वे गिलास खत्म करती हुई बोलीं- आज तुम मुझे सिर्फ जान भी बुला सकते हो और शायद आज ही तुम मेरी ले लोगे।
ये सुन कर मैं सन्न रह गया और मेरा लंड झटके से दहल गया.
मैंने गिलास खत्म करते हुए पूछा- क्या बोलीं भाभी आप?
उन्होंने गिलास में फिर से शराब भरते हुए कहा- वही, जो तुमने सुना!
अब मुझसे से रहा नहीं गया।
मैंने सोचा ये तो बिंदास हो गई हैं और लेने की कह रही हैं … तो पहले इनकी चूत ही ले लेता हूं।
मैं दूसरा गिलास नीट ही खींच गया और पागलों की तरह उनके चूचों पर टूट पड़ा.
मैं इतनी जल्दी में था कि मैंने उनकी नाइटी को भी फाड़ दिया।
वे इस बात पर उत्तेजित होने लगी थीं और उन्होंने मेरी गांड को अपनी दोनों हाथों में भर कर दोनों पर हल्के से थप्पड़ मारते हुए तबला सा बजाया.
मैंने अपने होंठ उनके होंठों पर रख दिए और उनको आम की फांक समझ कर चूसने लगा।
कसम से दोस्तो, औरतों के होंठ में गजब का स्वाद होता है. एक बार चूसने लग जाओ तो छोड़ने का मन ही नहीं करता।
अब वे भी इतनी गर्म हो चुकी थीं कि उनके जिस्म पर अब चाय भी उबाली जा सकती हो।
हमारी सांसें बहुत तेज हो गई थीं, ऊपर से उनके मुँह से निकलती मादक आवाजें ‘आंह … ओह … आंह … आंह.’ मेरे लौड़े को फौलाद बना रही थीं.
फिर उन्होंने चुदासी आवाज में मुझे गरियाया- साले लौड़ू, लौड़ा अन्दर डाल मादरचोद … आंह आज अपनी चूत को फड़वा कर ही तुझे घर जाने दूँगी।
मैंने फट से खड़े होकर अपने कपड़े उतार कर फेंके और नंगा होकर उनके सामने अपना हथियार निकाल कर लहरा दिया.
भाभी की आंखें मेरे बड़े लंड को देख कर चमक उठी थीं.
उन्होंने शराब की बोतल उठाई और मेरे लंड पर शराब डाल कर लंड को सहलाया.
लंड को साफ करने का ये तरीका बढ़िया था.
उसके बाद भाभी ने लंड चूसना शुरू किया और मैंने आह आह करना चालू कर दिया.
कुछ पल लंड चूसने के बाद भाभी ने टेबल की दराज में से सिगरेट की डिब्बी निकाली और एक सिगरेट सुलगा कर मेरे लंड पर धुआं छोड़ते हुए उसे चूसना चालू कर दिया.
आह आज जिंदगी में पहली बार स्मोकिंग और सकिंग कोक का मजा मिला था.
मैंने उनकी चूचियां हाथ से सहलाईं, तो भाभी ने खड़ी होकर अपनी फटी हुई नाइटी पूरी तरह से उतार कर अलग कर दी और अपनी ब्रा से दूध बाहर निकाल दिए.
कुछ देर ऐसे ही लंड चुसाई हुई. फिर मैंने उन्हें फर्श पर 69 में आने को कहा।
वो लेट गईं और मैंने उनकी पैंटी हटा दी. मैंने लंड को उनके मुँह में देकर खुद उनकी चूत पर आ गया.
उनकी चूत काफी बड़ी और खुली हुई थी और उनकी चूत की जीभ भी बाहर की तरफ निकली हुई थी.
ऐसी चूत को भोसड़ा कहा जाता है।
उस समय लगा कि भाभी बहुत बड़ी वाली रांड हैं. भांति भांति के लौड़े अपनी चूत में लेकर उसको भोसड़े में तब्दील करवा चुकी हैं.
कुछ देर बाद भाभी बोलीं- अब देर ना करो राजा … जल्दी से अन्दर पेल दो.
मैंने सीधे होकर उनकी फटी सुरंग के मुहाने पर अपना लंड टिकाया और उनकी चूत में अन्दर की तरफ दागना शुरू कर दिया.
वे तेज़ी से ‘आह … आह … चोद दो विकास फाड़ दो.’ कहने लगीं.
मगर उन न्यू पोर्न भाभी को दर्द ज्यादा हो रहा था, शायद उनके लौड़ू पतिदेव ने काफी दिन से उनकी चुदाई नहीं की थी।
पर मैं कहां रुकने वाला था … पहली बार तो चूत मिली थी और वो भी किसी भाभी की.
फिर बिना कंडोम के बुर चोदने में जो मजा है, वो अलग ही है।
मैंने फिर से अपने होंठ उनके होंठों पर रख कर उनको शांत करवाया और अपनी खुदाई में लग गया।
वे धीरे धीरे सेक्सी और ऐसी मादक आवाजें निकालने लगीं मानो कोई पॉर्न फिल्म की शूटिंग हो रही हो।
कुल चार मिनट बाद वो झड़ गईं और अपना पानी निकाल एकदम शांत हो गईं।
यह देख कर मैं और तेज़ी से झटका मारने लगा और इस बार मारता ही गया.
वे तड़फ कर बोलीं- आह … आज ही मुझे मार डालेगा क्या? अब तो ये तेरा ही छेद है, जब मन करे … पेलने आ जाना.
इसी खुशी मैं भी 5 मिनट बाद ही झड़ गया।
उसके बाद हम दोनों ने खाना खाया और उनसे विदा लेते वक्त कुछ देर के लिए फिर से उनको चोद कर घर आ गया।
आज भी मैं जाता हूँ, सविता भाभी को अपना लंड दिखाने और बदले में उनके चूचों का शिकार कर आता हूँ.
दोस्तो, आपको न्यू भाभी पोर्न कहानी में मजा आया होगा. प्लीज मुझे मेल करें.
[email protected]
What did you think of this story??
Comments