बड़े मम्मों वाली भाभी की चूत चुदाई
(Moti Bhabhi Ki Chudai)
मोटी भाभी की चुदाई मैंने तब की जब शादी के बाद पहली बार मेरी बीवी मायके गयी. एक मस्त सेक्सी भाभी से मेरी दोस्ती थी. मैंने उनको फोन करके अपनी सेक्स की जरूरत बताई.
दोस्तो, मेरा नाम राज है और यह नाम बदला हुआ है.
मैं उत्तराखंड का रहने वाला हूं.
मेरी हाइट 5.5 है, लंड का साइज 6.5 इंच है और यह काफी मोटा है.
मेरी उम्र 26 साल थी, यह तब की मोटी भाभी की चुदाई कहानी है. उस वक्त मेरी शादी को 6 महीने ही हुए थे.
मैंने पहली बार सेक्स अपनी पत्नी के साथ ही सुहागरात को किया था.
हुआ यूं कि मेरी पत्नी कुछ दिनों के लिए अपने मायके चली गई थी.
उसके जाने के तीन चार दिन बाद चुदाई की तलब लगने लगी थी. मुझे बिना चूत चुदाई किए नींद नहीं आ रही थी.
मैं ऐसे ही फोन पर ब्लू फिल्म देख रहा था.
उसी समय मुझे उस भाभी का ख्याल आया, जिसके साथ मैं सेक्सी मजाक भी कर लेता था.
वह भाभी थोड़ी मोटी थी और उनके मम्मे बहुत बड़े बड़े थे.
मैंने उस भाभी को फोन लगाया और भाभी से सेक्सी बातें करने लगा.
भाभी भी गर्म होने लगी.
मैंने भाभी से चुदाई के लिए बोला तो भाभी भी टांगें खोलने के लिए तैयार हो गई.
वह बोली- अब तक तो कभी चूत चुदाई के लिए नहीं बोले थे?
मैंने कहा- भाभी, मैंने मन में ठान रखा था कि अपने लंड की सील अपनी बीवी की चूत में खोलूँगा.
यह सुनकर भाभी बड़ी खुश हुई और मुझे प्यार जताने लगी.
मैंने भाभी को उसके पीछे वाले मकान में बुला लिया क्योंकि जब उसका पति घर में नहीं रहता था तो वह अपने इसी मकान के दूसरे कमरे में सोती थी.
मेरे बुलाने पर मोटी भाभी आधी रात को अपने पीछे वाले मकान में आ गयी और मैं भी वहीं चला आया.
भाभी बहुत ही सेक्सी लग रही थी. मेरे पहुंचते ही भाभी मेरे गले से लग गई.
हम दोनों आपस में चिपक गए और चूमा चाटी करने लगे.
फिर उसने मुझे बैठने के लिए कहा और हम दोनों बैठ कर सेक्सी बातें कर रहे थे.
बातों के बीच में ही हम दोनों एक दूसरे के होंठों पर किस भी कर रहे थे और एक दूसरे के मुँह में जीभ डाल रहे थे.
मैं उसके दूध भी दबा रहा था.
कभी कभी दोनों टांगों के बीच में चूत टटोलने की कोशिश भी कर रहा था
लेकिन भाभी अपनी टांगों को सिकोड़ ले रही थी, तो चूत तक मेरा हाथ नहीं जा पा रहा था.
फिर यूं ही 5 मिनट तक किस करने के बाद मैंने अपने दोनों हाथ से भाभी के बड़े बड़े और सेक्सी दोनों मम्मों को कमीज के ऊपर से ही पकड़ा और दबाने लगा.
भाभी आह आह करने लगी.
उसको दूध दबवाने में बड़ा जा आ रहा था.
मैं उसके निप्पल भी मींज रहा था तो उसकी आंखों में चुदाई की खुमारी भरती जा रही थी.
कुछ देर के बाद मैंने भाभी की कमीज निकाल ली और देखा तो उसने लाल रंग की ब्रा पहनी थी.
लाल ब्रा में भाभी और भी सेक्सी लग रही थी.
मैं उसके मम्मों पर टूट पड़ा और ब्रा के ऊपर से मम्मों का हलवा बनाने लगा.
फिर मैंने भाभी की 36 साइज की ब्रा भी उतार दी.
अब भाभी मेरे सामने ऊपर से नंगी थी.
मैं उसके गोरे और गुलाबी चूचे देख कर पगला गया और जल्दी से अपने मुँह में उसका एक दूध भर लिया.
उसका चूचा काफी रसीला था और एकदम नर्म था तो आधा दूध मैंने अपने मुँह में दबाया और जोर जोर से पीने लगा.
मैं एक हाथ से भाभी के दूसरे दूध को मसल भी रहा था.
भाभी अब और भी चुदासी होने लगी थी.
वह मेरे सर को अपने हाथ से अपने दूध पर जोर से दबाने लगी और कसमसाने लगी.
उसकी आह आह की आवाज आ रही थी.
मैं भी उत्तेजित हो गया था और जोर जोर से पीने लगा था.
फिर भाभी अपना हाथ धीरे से मेरे लंड पर ले गई और पकड़ कर बोली- ये तो बहुत मोटा और लम्बा है! ये मेरी चूत में कैसे जाएगा?
मैंने उसकी बात का कोई उत्तर नहीं दिया.
बस भाभी की सलवार का नाड़ा खोला और सलवार को भाभी की टांगों से खींच कर जमीन पर गिरा दिया.
भाभी लाल पैंटी में तो कयामत ही ढहा रही थी.
उसकी चूत पूरी पनिपायी हुई थी क्योंकि चूत वाली जगह पर भाभी की लाल कच्छी भी गीली हो गई थी.
जैसे ही मैंने भाभी की कच्छी के ऊपर से ही गीली वाली जगह पर हाथ रखा तो उसको जैसे करंट वाला झटका लगा हो, वह ऐसे कांप उठी.
मैंने धीरे से भाभी के कच्छी के अन्दर हाथ डाला तो भाभी की चूत पूरी गीली थी.
तब मैंने चूत को सहला कर अन्दर उंगली डालनी चाही तो भाभी ने इशारा किया कि अपने कपड़े उतार दो.
मैंने झट से अपने कपड़े निकाल दिए और भाभी की कच्छी भी निकाल दी.
अब हम दोनों पूरे नंगे थे.
भाभी को बिस्तर पर लेटा कर मैंने उसकी चूत में जीभ लगाई तो भाभी कसमसाने लगी और मेरा मुँह अपनी चूत पर दबाने लगी.
मैंने काफी देर तक भाभी की चूत चूसी और चूत के अन्दर जहाँ तक मेरी जीभ जा सकती थी, उतनी अन्दर तक जीभ डाली.
ऐसा करने से भाभी झड़ गयी और निढाल हो गई.
अब मैंने भाभी को अपना लंड चूसने को कहा.
तो भाभी लॉलीपॉप की तरह मस्ती से लंड चूसने लगी थी.
जैसे ही मेरा माल निकलने वाला था तो मैंने भाभी को रोक दिया और लंड निकाल दिया.
उसके बाद भाभी बोलने लगी- अब चोद भी दो मुझे!
मैंने भाभी के ऊपर आकर लंड चूत के मुख पर सैट किया और एक ही झटके में पूरा लंड चूत में पेल दिया.
लंड भी चिकनी और चुदी हुई चूत में सरसराता हुआ चला गया.
भाभी की जोर से आवाज निकल गयी. वह तो अच्छा हुआ कि उसके इस वाले मकान में कोई नहीं रहता है और यह वाला घर सूनी जगह पर है.
इसी कारण से उसकी आवाज को कोई नहीं सुन सकता था.
मैं भाभी को जोर जोर से चोदने लगा और भाभी भी जोर जोर से चिल्ला रही थी.
वह साथ में सीई सीई आह मर गई …’ की कामुक आवाज भी कर रही थी.
वह यह भी कह रही थी कि आह और जोर से चोदो … आह मैं बहुत समय से चुदी नहीं हूँ … आह मेरी चूत बहुत परेशान करती है … मेरी चूत में बहुत गर्मी है … आज इसकी पूरी गर्मी बाहर निकाल दो.
मैं भी आंख बन्द करके भाभी को जोर जोर से चोद रहा था. भाभी एक बार झड़ चुकी थी.
अब मेरा भी होने वाला था, तो मैंने भाभी से कहा कि मेरा होने वाला है … बताओ रस कहां निकालूँ?
भाभी बोली कि मेरी चूत में ही निकालो, मैं तुम्हारा माल अपनी चूत में महसूस करना चाहती हूं.
मैंने उसकी चूत में धकापेल आठ दस धक्के लगाए और माल छोड़ दिया.
भाभी की चुदाई करने के बाद तो अब जब भी हम दोनों को मौका मिलता, हम दोनों जल्दी जल्दी में सेक्स कर लेते.
पर इस तरह से टांगें उठा कर लंड पेलने में मजा नहीं आता था. जब तक चुदाई से पहले फ़ोरप्ले न हो और पूरे नंगे होकर सेक्स न हो तो चुदाई का मजा ठीक उसी तरह का होता है कि रसगुल्ला को चाट कर छोड़ दिया हो.
इस बार बहुत समय बाद जब बीवी अपने मायके गई तो फिर से मुझे उस भाभी के घर में जाकर चुदाई करने का मौका मिला.
अब तक भाभी को एक बच्ची हो चुकी थी तो उसके स्तनों में दूध आने लगा था.
मेरे मन में बहुत दिन से था कि भाभी के बड़े मम्मों से दूध पीने का सुख लेना है.
मैं जब भाभी के कमरे में गया, तो भाभी की छोटी बच्ची सो रही थी.
भाभी ने हम दोनों के लिए नीचे जमीन पर एक गद्दा बिछा दिया, ताकि हमारी चुदाई से छोटी बच्ची ना उठ जाए.
मैंने भाभी को अपने आगोश में लिया और उसके होंठों को चूसने लगा.
भाभी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी, तो मजा बढ़ता ही जा रहा था.
मैं होंठों के चुंबन के साथ जीभ चुसवाने का मजा भी लेने लगा था और साथ ही धीरे धीरे से भाभी के दूध भी दबाता जा रहा था.
भाभी ने कमीज पहनी हुई थी, तो मैंने धीरे से उसकी कमीज के दोनों निचले किनारे पकड़े और होंठ चूसते हुए कमीज को ऊपर उठाने लगा.
भाभी ने भी साथ दिया.
कमीज उतरते ही देखा कि आज भाभी ने काले रंग की नई ब्रा पहनी थी.
भाभी के गोरे बदन पर यह काली रेशमी ब्रा उसके मम्मों में चार चांद लगा रही थी.
मैं ब्रा के ऊपर से ही भाभी के दूध दबाने लगा और आगे बढ़ कर भाभी के होंठों पर किस करता जा रहा था.
कुछ देर के बाद मैंने भाभी की ब्रा भी उतार दी और उसके बड़े बड़े दूध हवा में झूलने लगे.
मैंने भाभी के एक चूचे के निप्पल को अपने हाथ की दो उंगलियों के बीच में दबा कर मींज रहा था, जिससे भाभी और भी ज्यादा मस्ती में आ गई थी.
कुछ देर तक मैंने उसके दोनों दूध के निप्पल मींज कर उसको अति उत्तेजित कर दिया.
अब भाभी से रहा नहीं गया तो उसने भी मेरे ऊपर के कपड़े निकाल दिए और मेरे लंड को पकड़ने लगी.
मैं अभी भी भाभी के एक दूध को दबा रहा था और साथ ही साथ उसके दूसरे दूध को मुँह में दबा कर पी रहा था.
भाभी की चूची में से दूध आ रहा था, तो भाभी ने मुझसे कहा कि पूरा दूध मत पी लेना, बच्ची के लिए भी बचा कर रखना.
बच्ची की याद आते ही मैंने भाभी के दूध से मुँह हटा लिया.
उसके बाद मैंने भाभी की नाभि पर किस किया, तो भाभी और भी मचलने लगी.
वह अपने हाथ और सर को बिस्तर पटकने लगी.
मैं भी अपने होंठों से भाभी की नाभि और चूत के ऊपरी हिस्से को चूम चूम कर उसको ऐसे ही 5 मिनट तक तड़पाता रहा.
उसके बाद भाभी की सलवार का नाड़ा खोल कर सलवार को उसकी टांगों से खींच कर अलग कर दिया.
अब भाभी सिर्फ काली पैंटी में ही रह गई थी.
मैंने भाभी की पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत पर किस किया, तो वह बिन पानी की मछली के जैसे तड़प उठी.
भाभी की चूत तो पहले से ही गीली हो रही थी, वह अब और भी ज्यादा पानी छोड़ रही थी.
उसके बाद मैंने उसकी पैंटी भी निकाल कर उसे पूरी नंगी कर दिया.
भाभी मुझे सेक्सी नजरों से देख रही थी. वह मेरी आंखों में वासना भरी नजरों से नजरें मिलाती हुई बोली कि अपने भी कपड़े निकालो न!
मैंने भाभी से कहा- आप ही निकाल दो न!
भाभी ने झट से मेरा पजामा मय कच्छा के नीचे खींच कर उतार दिया.
मेरा लंड पहले से ही खड़ा था. भाभी ने लंड को अपने हाथ में लिया और उसकी चमड़ी को पीछे करके सुपारे पर एक किस कर दिया.
मेरा खड़ा लंड और भी कड़क हो गया.
भाभी लौड़े की सख्ती को देख कर बोली कि यह तो आज और भी मोटा और लम्बा हो गया है!
मैंने भाभी से कहा- यह सब आपके होंठों का कमाल है. बस मुँह में लेकर प्यार कर दो तो यह आपकी चूत के चिथड़े उड़ा देगा.
भाभी ने हंस कर मेरा लंड मुँह में ले लिया और लपर लपर चूसने लगी.
मैं भाभी के मुँह को ही चूत समझ कर चोदने लगा.
भाभी एक बड़ी पेशेवर रांड की तरह मेरे लौड़े को अपने गले के अंतिम छोर तक ले रही थी.
काफी देर तक उसके मुँह को चोदने के बाद मैंने अपना माल भाभी ने मुँह में ही निकाल दिया.
जिस वक्त मैंने लंड से माल छोड़ा तो उसके सर को अपने लंड पर दबा लिया. इस वजह से भाभी को ना चाहते हुए भी मेरा पूरा माल पीना पड़ा.
मेरा लंड झड़ कर मुरझा गया था, तो मैंने सोचा कि जब तक लंड खड़ा होता है, तब तक इसकी चूत को चूसने का मजा लिया जाए.
भाभी भी पूरे मजे से अपनी चूत चुसवा रही थी और अपने हाथों से मेरे मुँह को अपनी चूत में दबा रही थी.
कुछ ही देर के बाद भाभी झड़ गयी और मैं भी भाभी का पानी पी गया.
अब मेरा लंड टनटन करने लगा था तो मैंने भाभी की गांड के नीचे तकिया सैट किया और चूत के मुँह पर लंड रख दिया.
मैंने धीरे धीरे करके लंड को चूत में घुसाया तो भाभी को बड़ा मजा आया.
उसने अपनी गांड उठा कर लंड को झटके से अन्दर लिया तो मैं भी समझ गया कि अब इससे रहा नहीं जा रहा है.
मैं जोर जोर से चोदने में लग गया.
भाभी भी पूरी दम से चूत की मां चुदवा रही थी.
कुछ देर के बाद भाभी की दोनों टांगों को अपने कंधे पर रख कर मैंने लंड चूत में पेला और चूत के अंतिम छोर पर अड़ा दिया.
इससे भाभी की आह निकल गई और उसको और भी ज्यादा मजा आने लगा.
अब भाभी बोलने लगी- आह मजा आ रहा है … जोर जोर से चोदो देवर जी बहुत गर्मी है इस मादरचोद चूत में … आज इसकी सारी गर्मी निकाल दो आह आह!
बस इतना कह कर भाभी जोर जोर से झड़ने लगी.
मैं भी भाभी को चोदता ही रहा.
मेरा लंड अभी झड़ने के मूड में नहीं था तो कुछ देर के बाद मैंने भाभी को घोड़ी बनने के लिए बोला.
भाभी घोड़ी बन गई और मैंने पीछे से चूत में लंड घुसा कर जोर जोर से लंड को चूत में अन्दर बाहर करने लगा.
अब भाभी की चूत इतनी गीली हो गई थी कि कमरे में फच फच की आवाज आ रही थी.
भाभी फिर से गर्म होने लगी थी.
वह भी अपनी गांड आगे पीछे करने लगी थी.
इस तरह से मैं भाभी को अलग अलग पोजीशन में चोदता रहा.
फिर जब मेरा पानी निकलने वाला था तो मैंने भाभी से कहा कि मेरा निकलने वाला है!
भाभी ने भी कहा- हां, मेरा भी होने वाला है.
मैंने फिर भाभी को पीठ के बल लेटा कर चूत में लंड पेल दिया और जोर जोर से चोदने लगा.
कुछ 15-20 तूफ़ानी धक्कों के बाद मैं भाभी की चूत में झड़ गया और साथ में भाभी भी झड़ गयी.
मैं ऐसे ही भाभी के ऊपर लेट गया.
जब तक लंड सिकुड़ कर खुद बाहर नहीं आ गया, तब तक मैं उसके ऊपर ही पड़ा रहा.
उसके बाद भाभी ने उठ कर अपनी चूत साफ की और मैंने भी अपना लंड साफ किया.
मैं भाभी के बगल में लेट गया.
कुछ समय बाद भाभी मेरे लंड से फिर से खेलने लगी और दूसरा राउंड शुरू हो गया.
इस बार बहुत देर तक मोटी भाभी की चुदाई का दौर चला.
उस रात मैंने भाभी को 3 बार चोदा और 4.30 बजे सुबह वापस अपने घर आ गया.
उसके बाद भी मैं भाभी को चोदता रहता था पर वैसा टाइम नहीं मिल पाता था.
फिर 4 साल बाद भाभी के बच्चे बड़े हो गए तो भाभी ने उनको पढ़ाने के लिए एक अलग जगह कमरा लिया. वह वहाँ चली गई थी.
मैं एक बार रात को उसके नए वाले कमरे पर गया तो वहाँ भी भाभी की चुदाई की.
वह सेक्स कहानी मैं फिर कभी लिखूंगा.
आपको मेरी मोटी भाभी की चुदाई कहानी कैसी लगी, प्लीज बताएं.
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