मोना की चूत चुदास
(Mona Ki Choot Chudas)
दोस्तो, मेरा नाम राज सैन है, मैं राजस्थान के सीकर जिले से बी.ए फाइनल वर्ष का छात्र हूँ। मैं अपनी सत्य घटना आपके सामने लाना चाहता हूँ आपको कैसी लगी, आप मुझे बाद में बताना…
मेरे पड़ोस में एक शादीशुदा औरत रहती है जिसका नाम मोनिका पर प्यार से उसको मोना या मोनू कहते हैं, उसकी एक बच्ची भी है, उसकी उम्र मुझे बाद में पता चली, उसने बताया कि वो 26 साल की है लेकिन दिखने में 20 की कच्ची कली लगती है, उसका आदमी बारत से बाहर काम करता है जिससे उसकी सेक्स प्यास अधूरी रह गई है। उनका घर मेरे घर से सटा हुआ है। मेरा मोना के घर आना-जाना था, घर में उनकी सास और वो खुद रहती थी, देवर और जेठ के घर अलग अलग और काफी दूर थे।
एक दिन मैं उनकी खिड़की के पास अपने किसी दोस्त से बात कर रहा था, बातों बातों में दोस्त ने कह दिया कि कल रात उसने अपनी मामा जी की लड़की यानि बहन को चोद दिया।
मैंने कहा- ये पाप है, वो तेरी बहन है।
तो उसने कहा- चुदाई जब होती है तब कोई पाप नहीं दिखता, बस चूत दिखती है, तू भी किसी को चोद ले!
मैंने कहा- किसको चोदूँ, कोई है भी तो नहीं, कोई पड़ोसन भी नहीं है, सब शादीशुदा हैं, क्या करूँ मैं?
मुझे आभास हुआ कि मेरी बातें कोई सुन रहा है, खिड़की से अजीब सी आवाज़ आई, शायद किसी ने सुन ली मेरी बात!
मैं उसी टाइम अपने रूम में चला गया।
एक दिन मोना चाची घर आई, उस समय मैं और मेरी माँ घर पे थे, उन्होंने मेरी मम्मी को प्रणाम किया और बात शुरू की।
कुछ देर बाद मम्मी ने पूछा- और मोना कैसे आना हुआ?
तो उसने कहा- बाज़ार का कुछ काम था तो राज से मिलने आई हूँ।
उन्होंने कहा- रुको, मैं बुलाती हूँ।
मुझे आवाज़ लगाई मम्मी ने लेकिन मैंने अनसुना कर दिया तो मोना ने कहा- मैं चलती हूँ, बाद में मेरे घर भेज देना, कुछ काम है।
मैं एक घंटे के बाद उनके घर गया तो उन्होंने कहा- राज कहाँ थे इतनी देर? मैं इंतज़ार कर रही थी।
मैंने कहा- क्या काम था?
तो उन्होंने कहा- काम तो बहुत छोटा सा है पर कोई करने वाला होना चाहिए!
मैंने कहा- बताओ तो?
उन्होंने कहा- चलो छोड़ो!
मैं कुछ नहीं बोला, उन्होंने कहा- राज कुछ जूस या चाय दूँ?
मैंने कहा- मैं बस आपके लिए आया था, अब चलता हूँ।
तो उन्होंने कहा- राज रुको, घर में कोई नहीं है, कुछ देर बातें करते हैं।
कह कर उन्होंने घर का दरवाज़ा बंद कर दिया।
मैं हैरान रह गया, मैंने कहा- ये क्या?
तो उन्होंने कहा- मैंने उस दिन की तुम्हारी सारी बात सुन ली थी, मैं जानती हूँ तुम्हारी कोई लड़की दोस्त नहीं है और तुम सेक्स चाहते हो।
ये सब सुन कर मैं शर्मा गया और खुश भी हुआ मन ही मन में…
उन्होंने कहा- जो तुम्हें चाहिए, मैं दे सकती हूँ, पर यह बात किसी को मत कहना।
मैंने कहा- मुझे खुद को डर है, प्लीज आप किसी को मत कहना !
इतना कह कर मैं चुप हो गया तो वो बोली- मुझे आप नहीं तुम कह के बात करो तो चलेगा।
मैंने कहा- ठीक है।
मैंने कह दिया- मोनी, तुम इतनी खूबसूरत हो, अगर मेरी पत्नी तुम होती तो मैं तुम्हें दिन रात चोदता!
उसने एकदम पिंक साड़ी पहन रखी थी… सच कह रहा हूँ वो एकदम किसी एक्ट्रेस से कम नहीं लग रही थी।
वो हंसी और बोली- अब क्या हो गया, मेरे पति में तो दम है नहीं जो मुझे खुश कर दे और वो भी एक साल और नहीं आयेंगे।
मैं यह सुन कर बहुत खुश हो रहा था, वो मेरे पास आकर सोफे पर बैठ गई और अपना हाथ मेरी जांघ पे रख कर ऊपर सरकाने लगी।
मैंने कहा- घर में और कोई हुआ या आ गया तो हम पकड़े जायेंगे।
तो उसने कहा- मेरी बेटी सो रही है और सास बाहर गई है।
मैंने कहा- तब ठीक है।
दोस्तो, मैं बताना चाहूँगा कि उनका शरीर कसा हुआ था, साइज़ होगा 32-28-36, एकदम गोरी… वो मेरी जांघ सहला रही थी थी, मैंने शर्म छोड़ के उनको कस के पकड़ा और उनके होटों को चूसने लग गया।
क्या खुशबू थी उनके मुँह की… ऊपर से उसने लिप्स्टिक और लगा रखी थी।
मैं मज़े से चूस रहा था, बीच में ही उसने कह दिया- चलो, मेरे बेडरूम में चलते हैं। वहाँ मुझे चोद डालो।
रूम में जाते ही उसने लाइट जल दी और कूलर चला दिया। उसने अपना रूम बंद किया, अपने बाल खोल कर खड़ी हो गई, फिर उसने कहा- राज, अब मैं तुम्हारी हूँ जो तुम्हें करना है, अब तुम करो, मुझे जो करना था मैंने कर डाला… मैं जानती हूँ राज कि तुम प्यासे हो।
मैंने कह दिया- तुम नहीं हो क्या??
तो उसने हंस कर हाँ में अपना सर हिला कर इशारा कर दिया।
बस फिर क्या था, मैं उसको गले लगा चुका था, हम दोनों खड़े थे, पास में ही उसका बेड था पर मैं खड़े खड़े उसका कुछ देर तक मज़ा लेना चाहता था, मैं उसको चूम रहा था, एक हाथ से उसके बालों को सहला रहा था और दूसरा हाथ उसके चूतड़ों पर था।
सच में ऐसा मज़ा मुझे कभी नहीं आया था।
वो साथ साथ में अजीब सी आवाज़ें निकालने लग गई- अ अ अ अ इ इ इ इ…
मैं रुक नहीं पा रहा था, मैंने कह दिया- डियर साड़ी उतार दो ना!
उसने कहा- राज, अब तुम्हें ही सब कुछ करना है।
मैंने कहा- ठीक है।
मैंने उसका पल्लू पकड़ा और साड़ी खींची, वो दो बार घूम गई और साथ में हंस पड़ी, कहा- ओह राज, मुझे पता नहीं था मेरा राज इतना जवान हो गया है।
फिर उसने कहा- राज, आज अपनी मोनी को खुश कर दो!
मैंने कहा- इसीलिए तो आया हूँ मैं यहाँ मोनी, अब कुछ मत बोलो, मैं कर रहा हूँ न तुम्हारे लिए!
उसने हँसते हुए हाँ में सर हिला दिया। अब वो पेटीकोट और बलाउज में थी, मैंने नाड़ा पकड़ा और खींचा, इतने से पेटीकोट नीचे गिर गया, इतने में ही मेरे होश उड़ गए, मैंने ऐसा पहले कभी नहीं देखा था, इतनी मस्त वो अंदर से निकली… क्या लग रही थी… लंबी गदराई हुई उसकी टाँगें…
फिर मैंने उसका बलाउज़ भी उतार फेंका, अब वो मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी, उसने ब्लैक ब्रा और ब्लैक ही पैंटी पहन रखी थी।
वो अब तक मेरे सामने खड़ी थी, इतना काम हम दोनों ने खड़े खड़े किया था, फिर मैंने कहा- मोनी अब लेट जाओ !
उसने कहा- राज, मैंने कहा था न जो भी करना होगा, वो तुम्हें ही करना होगा।
मैं समझ गया, मैंने अपना एक हाथ उसकी कमर और दूसरा हाथ ठीक उसके घुटनों के पीछे की साइड में डाला और झुक कर उसको उठा लिया और बेड पर लेटा दिया।
उसने टाँगें खड़ी कर रखी थी सीधी नहीं थी, मैं उसके ऊपर जाने लगा और पूछा- क्या कभी किसी आदमी से अपनी चूत चटवाई है?
उसने कहा- छीः… क्या ऐसा भी ही होता है…???
मैंने कहा- हाँ होता है।
तो उसने कहा- मुझे तो कभी नहीं पता था।
मैंने कहा- तुम्हारे घर वाले ने नहीं चाटी?
तो उसने थोड़े में कह डाला- उनको करना ही नहीं आता है। दो मिनट में गिर पड़ते हैं।
मैंने कहा- उदास मत हो मोनी, मैं हूँ ना, बताओ क्या चूत चाट लूँ??
उसने कहा- मैं अब तुम्हारी हूँ, जो करना है वो कर सकते हो।
मैंने कहा- ठीक है, पर साफ़ तो कर रखी है न?
उसने कहा- राज, क्या लगता है? मैं इतनी खूबसूरत होकर भी क्या गन्दी रह सकती हूँ?
मैं हंस दिया और उसके ऊपर झुक गया, उसके स्तनों को दबाने लगा, मेरे दबाते ही उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी।
मैं टाइम बर्बाद नहीं करना चाहता था, पहली बार किसी अच्छी और खूबसूरत औरत को चोदने वाला था, मैंने अपना हाथ नीचे डाला और ब्रा का हुक खोल डाला, उसके स्तन बाहर लपक पड़े। उसका शरीर एकदम कसा हुआ था और एकदम गोरा था, उसकी टाँगें भी गदराई हुई थी पर एड़ियाँ, घुटने और निप्पल लाल थे।
जैसे ही उसके स्तन बाहर आये, मैं उनको दबाने लगा और साथ साथ में चूस भी रहा था। मैं उनको कई बार काटना भी चाहता था पर डर लगा कि कहीं बुरा ना मान जाए।
फिर मैंने हल्के से काटा तो उसने कहा- राज, डरो मत… जैसे चाहो वैसे करो!
मैं खुश था क्योंकि वो साथ बराबर दे रही थी। मैंने 3-4 बार काटा और चूसा तो उसके स्तनों से दूध रिसने लग गया था, उसको पता चला तो उसने कहा- राज, इसको बर्बाद न करो, इसको पी लो, मुझे भी अच्छा लगेगा।
मैं इतना सुनते ही मोनी का दूध पीने लग गया दूध ठंडा था और मीठा भी था।
अब मैं घुटनों के बल बैठा था और उसकी पैंटी सरकाने लगा, इतने में उसने कह दिया- राज, इतना मत तड़पाओ, अब मुझे चोद डालो, मैं प्यासी हूँ एक साल से!
मैंने कहा- हाँ हाँ, अब वही तो करने वाला हूँ जान, बस थोड़ी सी चूत देख लूँ और उसको चाट लू थोड़ा सा उसको मुँह से!
उसे हंसी भी आ रही थी, शर्म भी थी आँखों में और चुदाई की प्यास छुपी थी जो मुझे साफ़ नज़र आ रही थी, उसकी आँखें ऐसी बहक रही थी जैसे कोई नशा किया हुआ था।
जैसे ही मैंने पेंटी उतारी, क्या नज़ारा मुझे दिखा, जिसका मैं कब से इंतज़ार कर रहा था। उसकी चूत कसी हुई थी, मेरी हथेली जितनी बड़ी थी, मैंने कहा- टांगें चौड़ी करो।
उसने कर ली।
ओह दोस्तो, क्या बताऊँ मैं आपको… जैसे ही उसने अपनी टांगों को चौड़ा किया, उसकी झिरी साफ़ दिख रही थी, बल्ब की रौशनी में उसकी गहरी लाल चूत चमक उठी, मुझे पल भर के लिए लगा जैसे मेरे लण्ड से कुछ निकलने वाला है।
मैंने जैसे ही उसकी चूत को छुआ उसकी चूत गीली गीली लगी और मेरा लण्ड एक झटका खा के झड़ गया पर मैंने उसको बताया नहीं था क्योंकि मैंने अंडरवियर पहन रखा था।
पर मैं आज उसको चोदे बिना नहीं छोड़ने वाला था, जब मेरा पानी निकला तो मुझे ऐसा लगा जैसे करंट का झटका लगा हो… जो हुआ वो हो चुका था, मैं शांत रहा क्योंकि मुझे मोनी को चोदना था, चूत चाटनी थी।
मैंने देखा कि उसके हल्के भूरे बाल भी थे चूत पे… पर बदन गोरा चिट्ठा था पर चूत से लगा के गांड तक की जगह पर हल्का भूरा रंग था।
मैं धीरे धीरे उपर जाने लगा था क्योंकि मैं काफी नीचे आ गया था पेंटी उतारने के चक्कर में!
उसकी टाँगें फ़ैली हुई थी, मैं जैसे ही उसकी टांगों के बीच अपना मुँह ले गया तो मैंने अपने हाथ से उसकी चूत को फ़ैला कर देखना चाहा क्योंकि मेरे साथ पहली बार हो रहा था, डर भी था पर साथ में ख़ुशी भी बहुत थी, मैंने जैसे ही उसकी चूत को फ़ैलाया तो ऐसा लगा जैसे किसी गीली चीज़ को छू रहा हूँ मैं… चूत की दोनों दीवारों को जब मैंने अलग किया जो हमारे मुँह के जैसे आकार की होती है तो एक गहरे लाल रंग की झिल्ली मुझे दिखी, एकदम लाल सुर्ख थी, उसके आगे का हिस्सा तीखा था आकार में…
फिर क्या था, मैंने अपना मुँह उस झिल्ली पे रखा और चूसने लग गया, मुझे अजीब तो पहले से लग रहा था पर हर काम पहले ऐसा ही लगता है, फिर आदत पड़ जाती है।
जैसे ही मैंने अपना मुँह चूत में डाला तो वो फड़क उठी थी, ‘श्ह्ह्ह श्ह्ह्ह अह्ह्ह ईई उई’ की आवाज़ें मेरे कानों तक आने लगी, उसको भरपूर मज़ा आने लगा, मैं देख रहा था कि वो अपने हाथों से बेडशीट को खींच रही थी और तकिये को दबा रही थी अपने स्तनों के बीच में, वो बोल रही थी- अह अह राज, ऐसा मज़ा तो मुझे मेरे पति ने भी नहीं दिया जैसा तुमने मुझे दिया है… अहह अह्ह्ह राज चाटो… ओह्ह्ह जोर से चाटो, जो करना है वो कर डालो… मैं अब तुम्हारी ही हूँ, मुझे चोद दो अब, राज मुझे चोद दो !
पर मैं रुका नहीं था क्योंकि मैं झड़ चुका था और अगली बार उसकी चूत में ही झड़ना चाहता था।
थोड़ी देर और चाटता रहा था उसकी चूत को मैं, पर मैंने देखा कि उसने झटका खाया जोर से, उसकी कमर और गांड एकदम से ऊपर उठ गए, फिर मुझे पता चला कि वो भी झड़ गई है।
मैंने देखा कि उसी झिल्ली में से गहरा दही की तरह एक गाढ़ा तरल पदार्थ निकल चुका था, मैं बिना झिझके उसको चाट गया। वो स्वाद में खट्टा सा था और अजीब सा लगा था मुझे… पर मैं पी गया था।
मैं अब तक उसकी चूत को चाट रहा था, फिर मैं अपने हाथ के बीच वाली दो अंगुलियाँ उसकी चूत और सबसे पहले वाली और लास्ट वाली छोटी अंगुली उसके चूत की दीवारों पे रख के जोर जोर से अंदर बाहर करने लगा।
वो मस्त हो चुकी थी ‘अहह अह्ह्ह्ह्ह उईईई’ करके मुझे जोश में ला रही थी।
अब मैं खुद अपने लण्ड को दुःख देना नहीं चाहता था, मैंने कहा- मोनी, अपनी टाँगें अब फ़ैला लो जान, अब मैं चोदने वाला हूँ।
उसने कहा- राज, अब मुझे मत तड़पाओ, मेरी जान जो मज़ा अभी तुमने मुझे दिया, वो अब तक मुझे मेरे पति ने भी नहीं दिया… मैं शुक्रगुजार हूँ तुम्हारी…
मैंने कहा- ऐसा मत कहो जान !
उसने कहा- मैं सच कह रही हूँ राज, मुझे ऐसा मज़ा कभी नहीं मिला, ये जवानी मैं तुम्हें देना चाहती हूँ, मुझे चोद डालो, मेरी चूत फाड़ दो।
सच में दोस्तो, उसकी दो साल की बच्ची थी पर फिर भी उसकी चूत कसी हुई थी, एक जवानी झलक रही थी उसके जिस्म से…
मैं रोक नहीं पाया अपने आपको और उसकी टाँगें फ़ैला दी पर लण्ड ठीक से नहीं गया तो उसने कहा- राज, एक बार बाहर निकालो जान!
मैंने कहा- क्यों?
उसने कहा- निकालो!
मैंने निकाल दिया, उसने मुझे तकिया दिया और कहा- मैं ऊपर होती हूँ, मेरी कमर के नीचे इसे लगा दो।
उसने सच में सही किया, जैसे ही मैंने तकिया लगाया, उसकी चूत और गांड ऊपर उठ गयी, मैंने उसकी गांड के पास एक अंगुली लगाई तो उसने हँसते हुए ‘उईई अह्ह्ह्ह’ की आवाज़ निकाली और कहा- राज, यह क्या कर रहे हो? मुझे गुदगुदी हो रही है।
मैंने कहा- सॉरी!
उसने कहा- अरे, मैंने तो बस कहा है, तुम कुछ भी करो, मैं तुम्हारी ही हूँ।
फिर क्या था, उसकी चूत तो ऊपर उठी हुई थी मैंने अपना गोरा लम्बा लण्ड अपने हाथ में पकड़ा जो मुठ मारने से इतना लम्बा और गोरा हो गया था, आगे से एकदम उसकी चूत की तरह लाल था, मैंने डालने से पहले कहा- मोनी, इसको थोड़ा सा चाट नहीं सकती क्या?
उसने कहा- राज आओ ना, मना थोड़ी ना किया है मैंने… तुमने मेरे लिए इतना किया, मैं कैसे मना कर सकती हूँ।
इतना कह कर उसने कहा- राज लेट जाओ ना…
मैं लेट गया और वो मेरी टांगों के बीच में आई और चूसने लग गई, बीच बीच में अपने बालों को पीछे कर रही थी जो एकदम खुले थे और इतने लम्बे थे जो उसके चूतड़ों तक आ रहे थे।
5 मिनट चाटने के बाद उसने कह दिया- राज, अब मत तड़पाओ जान प्लीज !
इतना कहके उसने मुझे एक और किस कर दिया, होटों को चूसते हुए वह एकदम से लेटी और अपनी टांगों को फ़ैला दिया अपने हाथों से!
मुझे जोश आ गया फिर से क्योंकि मुझे वो लाल झिल्ली दिख गई, एकदम चिकनी और सॉफ्ट थी !
जैसे ही मैंने अपना लण्ड डाला, वो ‘आहा अह्ह्ह्ह उईईई अह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ही’ आवाजों से सिसकारियाँ लेने लगी।
मैंने कहा- मोनी!
उसने कहा- हाँ राज?
मैंने कहा- दर्द हो रहा है क्या?
उसने कहा- नहीं रा,ज बस मुझे मज़ा आ रहा है और मैं जन्नत में जा रही हूँ तो आहें भर रही हूँ, मुझे दर्द नहीं हो रहा है, बस अच्छा लग रहा है।
मैंने कहा- जान मज़ा आ रहा है?
तो उसने कहा- हाँ जान, बहुत ही आ रहा है।
इतना कह कर वो मेरे पे लपकी क्योंकि मैं ऊपर उठा हुआ था, उसने झटके से एक किस किया और वापस बेड पे पड़ गई, उसने मुझे अपनी टांगों से जकड़ लिया और अपने हाथों से मेरी कमर को !
अब मुझे ज्यादा मज़ा आने लगा, मैं झटके जोर जोर से मारने लगा, वैसे ही उसकी सिसकारियाँ बढ़ती गई- अह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह ह्ह अह्ह्ह ह्ह्ह ऊ ऊऊऊ आआअ राज… अह्ह्ह चोदो मुझे… जान अह्ह्ह्ह जान हां अह्ह्ह्ह उईई!!
ये सब सुन कर मुझे जोश आ रहा था, उसकी टाँगें एकदम सॉफ्ट थी, गोरी थी और मुझे जब उसने अपनी टांगों से जकड़ रखा था तो मुझे पता चल रहा था और इतना मज़ा आ रहा था क्योंकि पहली बात तो वो एकदम जवान और गोरी खूबसूरत थी, दूसरी बात उसकी टाँगे गदराई हुई थी जो मेरे से चिपकी हुई थी।
और दोस्तो, वो मुझे एकदम बर्फ की तरह ठंडी लग रही थी।
मैं झटके मार रहा था, उसकी अह्ह्ह मादक भरी सिसकारियाँ सुनते सुनते सच में हम दोनों पागल बन चुके थे और चुदाई का मज़ा ले रहे थे।
सच में वो दिन मेरे लिए खुशनसीब दिन था। क्या जवानी थी मोनी की, जितनी वो बाहर से खूबसूरत नहीं लगी, उससे दस गुना अंदर से थी।
हम 15 मिनट तक ऐसे ही करते रहे हल्के हल्के से…
उसने कहा- राज, मैं हो गई।
मैं समझ गया क्योंकि उसकी चूत से फच फच की आवाज़ें ज्यादा आने लग गई थी।
मैंने कहा- जान, बस मैं भी होने वाला हूँ।
वो लेटी रही, मज़ा लेती रही, ऐसा लग रहा था कि उसको जन्नत का मज़ा मिल रहा है, क्योंकि उसके हाथ पैर मुझे सहला रहे थे, उसकी आँखें बंद थी, होटों से ‘अह्ह्ह अह्ह श्ह्ह्ह श्ह्ह्ह्ह उईईई श्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह… जान चोदते रहो राज…’ ये शब्द निकल रहे थे।
5 मिनट के बाद मैं अकड़ने लगा, वो समझ गई, उसने कहा- राज निकल रहा है ना?
मैंने कहा- हाँ जान!
मैंने पूछा- कहाँ छोडूँ पानी?
तो उसने कहा- जहाँ तुम्हारा मन हो!
मैंने सोचा कि उसका बुरा ना हो इसके लिए उसके पेट पे छोड़ दिया, झटके से मेरे लण्ड से एक दूध भरी पिचकारी निकल सारा माल उसके पेट पे निकल गया, थोड़ा उसकी प्यारी नाभि में भी निकल गया और 4-5 चावल के दाने से उसके स्तनों पे भी चिपक गए, पानी इतना गाढ़ा था, जिसमें चावल जैसे कुछ लग रहा था।
मैंने कहा- मोनी, अब खुश हो?
उसने वो पानी बलाउज़ से साफ करते हुए हाँ कहा और मुझे बेड पे गिरा कर मुझे वापस किस करने लग गई, मैं भी उसके बड़े चूतड़ों को अपने हाथों से दबा रहा था, बालो में हाथ डाल रहा था।
मैंने हँसते हुए पूछ लिया- क्या दोबारा चोदना होगा मुझे?
उसने मुझे किस करते हुए कहा- मैं अब तुम्हारी हूँ, जब मन हो आ जाना, मुझे बता देना, मैं चुदवा लूँगी।
मैंने कहा- मुझे अब जाना है।
तो उसने कहा- बाथरूम में नहा लो, फिर चले जाना, तब तक मैं जूस बना देती हूँ।
मैंने कहा- ठीक है।
फिर मैं नहा कर आया और जूस पीकर अपने घर चला आया।
उस दिन के बाद मुझे जब भी मन होता, मैं मोनी को चोदता, वो भी मेरे लिए हर मदद करती, मैंने कई बार उसको पोर्न मूवी भी दिखाई जिससे वो खुश हो गई।
ऐसे मैंने मोनी की जवानी को देखा और मैंने उसको कितनी बार चोदा इसकी कोई गिनती भी नहीं है, न मैंने याद रखा।
यह पहली चुदाई थी जो मुझे याद है। दोस्तो, कहानी आपको कैसी लगी मुझे जरूर बताना मेल करके।
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