मस्त मम्मों वाली मकान मालकिन की चूत चुदाई
(Mast Mammon Vali Makan-Malkin Ki Chut Chudai)
हैलो फ्रेंड्स.. मेरा नाम प्रेम है और मैं गुजरात के जूनागढ़ सिटी में रहने वाला हूँ.. और मैं अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूँ।
मेरी कहानी सत्य घटना है। यह घटना कुछ 4 महीने पहले की है।
मेरी हाइट 6 फुट है.. स्लिम बॉडी है.. मेरा डिप्लोमा कंप्लीट होने के बाद मुझे आमेडबॅड में एक कंपनी में जॉब मिली.. तो यही रहने आ गया। यहाँ मैं मेरे कुछ फ्रेंड्स के साथ रहता हूँ। हमारे ऊपर वाले फ्लोर पर मकान-मालिक का परिवार रहता है.. जिसमें मकान मालिक भैया बैंक में जॉब करते हैं। उनका 5 साल का एक लड़का है.. और भाभी का नाम है प्रिया.. और वो हाउसवाइफ थी।
क्या माल लगती है वो.. पूछो मत.. उसकी हाइट 5.3″ और फिगर 34″ के चूचे 28″ कमर और 36 के चूतड़।
पहले-पहल तो मेरी और उसकी कोई बात नहीं होती थी.. बस यूँ ही ‘हाय हैलो’ होती थी। बाद में 2-3 महीनों के बाद हमारे बीच में कभी-कभी बातें होने लगी थीं।
जब वो रविवार को सुबह अपने कपड़े धोने नीचे आती थी.. तब वो हमेशा गाउन पहने होती थी। तब हम कभी-कभी मज़ाक कर लिया करते थे और थोड़ी देर उसी बहाने बातें होती रहती थीं।
इसी दौरान कभी-कभी उसके मम्मे भी दिखाई दे जाते थे, मैं तो उसके मम्मों का दीवाना हो गया था। कभी-कभी तो ऐसा लगता था कि उसके मम्मों को पकड़ कर अभी चोद डालूँ।
मैंने उसके नाम की कितनी बार मुट्ठ भी मारी थी, मैं सोचता था कि काश ये मुझे एक बार मिल जाए.. बस ‘आह..’ भर कर रह जाता था।
भाभी भी कभी-कभी कुछ ऐसा इशारा भी करती.. जिसके कारण में समझ गया था कि वो अपनी सेक्स लाइफ में ज़्यादा खुश नहीं है.. और इसी बात पर वो कभी-कभी भाई से झगड़ा भी होता था.. जो मुझे एक बार पता चल गया।
बाद में एक दिन हुआ यूँ कि उसका कंप्यूटर किसी वजह से चल नहीं रहा था और उसके पति और उसका बेटा बाहर गाँव गए हुए थे।
तो उसने मुझे उसका कंप्यूटर देखने के लिए मुझे ऊपर बुलाया.. तो मैं ऊपर जाकर उसका कंप्यूटर देखने लगा।
उस वक्त उसने ब्लैक कलर की नाइटी पहनी हुई थी, उस नाईटी में क्या मस्त पटाखा माल लग रही थी वो..
वो बोली- मैं तुम्हारे लिए चाय बनाती हूँ.. तब तक तुम कंप्यूटर देख लो।
तो मैंने उसके कंप्यूटर के तारों को ठीक करके कंप्यूटर स्टार्ट किया.. तो वो स्टार्ट हो गया।
तब तक वो चाय बना कर लाई.. तो मैंने कहा- भाभी आपका कंप्यूटर ठीक हो गया है..
जब वो मुस्कुराते हुए चाय मुझे देने के लिए झुकी.. तो मुझे उसके बड़े-बड़े मम्मों के दीदार हुए.. और उसी वक्त मेरा 7″ का लण्ड खड़ा हो गया.. जिसे भाभी ने देख लिया था.. पर वो थोड़ी देर के लिए इसे नज़रअंदाज कर गई।
वो मेरे पास आ कर बैठ गई।
हमारे बीच थोड़ी बात हुई.. बाद में वो बोली- प्रेम तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
तो मैंने बोला- भाभी जॉब में से टाइम ही कहाँ मिलता है.. जो गर्लफ्रेंड बना पाऊँ।
मैं सोच रहा था कि आज बहुत अच्छा मौका है भाभी को पटाने का..
वो बोली- तो मतलब आज तक तुम कोरे हो?
तो मैं समझ गया कि भाभी कुछ मूड में है।
मैंने बोला- हाँ भाभी.. पर मेरा मन बहुत करता है कि मैं अब अपनी ये कमी तोड़ दूँ.. पर क्या करें.. कोई साथ तो दे..
भाभी थोड़ा हँसी और बोली- तुम किसी को पसंद करते हो?
तो मैंने सीधा बता दिया- हाँ भाभी.. आपको करता हूँ ना..
तो वो हँसने लगी और बोली- मैं तो शादीशुदा हूँ।
मैंने कहा- पर मुझे तो सिर्फ़ आप चाहिए..
वो मेरा इशारा समझ गई और मुस्कुराने लगी.. तो मैंने धीरे से अपना हाथ उसकी कमर पर रखा और धीरे से उसके नज़दीक जाकर एक ‘लिपकिस’ कर दिया।
वो एकदम से थोड़ा दूर हटी और कहने लगी- पहले दरवाजा तो बन्द करो.. वरना कोई आ जाएगा।
तो मैंने लपक कर दरवाजा बंद किया।
फिर मैं उसे चूमने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी और बोली- तेरे भैया तो 7-8 दिन में ही एकाध बार कुछ करते हैं और 2-3 मिनट में ही झड़ जाते हैं और सो जाते हैं.. तो मुझे मेरी आग उंगली से बुझानी पड़ती है। आज तू मेरी ये बरसों की प्यास बुझा दे मेरे राजा..
वो इतना बोली तो मैंने कहा- आप सही जगह पर आई हो भाभी.. आज मैं आप को तृप्त कर दूँगा।
मैंने उसकी नाइटी उतार दी.. वो अब ब्रा और पैन्टी में थी।
ब्लैक ब्रा में उसके मम्मे क्या लग रहे थे.. मैं ऊपर से ही उनको दबाने लगा। मम्मों पर किस करने लगा और उनको मसलने लगा.. तो वो ‘आहें..’ भरने लगी ‘आआअहह उूउउ..स्स्स्स्स सस्स..’
बाद में उसने भी मेरा पैन्ट और टी-शर्ट निकाल दी और मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से ही सहलाने लगी।
मैंने एक हाथ उसकी पैन्टी में डाला और उसकी चूत को रगड़ने लगा। उसके होंठों को किस करने लगा.. वो कभी-कभी अपनी ज़ुबान मेरे मुँह में डाल रही थी।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
इस तरह 10-12 मिनट तक किस करने के बाद मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी चूत को पैन्टी से आज़ाद कर दिया। मैं उसकी चूत के दाने को चाटने लगा और वो ‘आहें’ भरने लगी ‘आआअहह मेरे राआजज जजाआ.. आज चोद डाल मुझे.. चोद डाल मुझे..’
मैं उसकी चूत को चाटते समय कभी-कभी उसके दाने को काट लिया करता.. तो वो चिल्ला उठती और मैं अपनी जीभ को उसकी चूत में अन्दर-बाहर करने लगता।
अब उसकी आवाज़ से पूरा कमरा मादक और रूमानी हो गया था। थोड़ी देर बाद मैं उठा और अपना लंड उसके मुँह पर रख दिया.. तो वो उसे कुल्फी की तरह चूसने लगी। कभी वो मेरे सुपारे को चूमती.. तो कभी-कभी पूरा लंड मुँह में लेकर ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगती।
अब हम 69 की पोज़िशन में आ गए। मैं उसकी चूत चाट रहा था.. जो बहुत ही खुश्बूदार थी। थोड़ी देर बाद उसने अपना पानी छोड़ दिया.. तो मैं वो पूरा का पूरा पी गया।
क्या मस्त स्वाद लगा मुझे उसका.. नमकीन पानी था..
और थोड़ी देर बाद मैं भी उसके मुँह में झड़ गया.. तो वो भी मेरा पूरा माल पी गई और बोली- बड़ा मज़ा आया राजा.. काफ़ी दिनों के बाद ऐसी मस्ती मिली।
बाद में हम थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहे। मैं उसे किस करता रहा.. और मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया।
मैंने कहा- भाभी चलो फिर से करते हैं।
तो तुरंत तैयार हो गई और थोड़ी देर मेरे लंड को चूसने के बाद बोली- मेरे राजा चोद डाल.. मुझे..
तो मैं समझ गया कि अब उससे रहा नहीं जा रहा है.. तो मैंने उसे बिस्तर पर चित्त लिटाया.. तो उसने भी अपनी टाँगें फेला कर चूत खोल दीं।
मैंने धीरे से उसकी चूत पर अपना लंड रखा और एक ज़ोरदार झटका लगा दिया।
मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया और वो चिल्लाई- अबे साले ये चूत है.. कोई भोसड़ा नहीं.. धीरे से कर मादरचोद..
तो मैंने उसे किस किया और उसके मम्मों को दबाने लगा.. जिनका मैं दीवाना था।
उसके मम्मों को दबाते-दबाते फिर से एक झटका लगा दिया और झटके पर झटके देते रहा।
वो कुतिया सी सेक्सी आवाजें निकालने लगी- आआअहह.. उस्स्स स्स्स्स्शह.. मर गईईईई.. रे.. चोद दे मुझे.. चोद और ज़ोर से चोद..
तो मेरी चोदने की स्पीड भी बढ़ गई और वो झड़ने लगी.. तो चोदते समय कमरे में मस्त आवाज़ आने लगी।
उसकी आवाज़ से पूरा रूम गूँज उठा था। बाद में मैंने उसे घोड़ी बनाया और ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा।
वो मस्ती में चिल्ला रही थी- चोद मादरचोद.. चोद मुझे.. आज मेरी बरसों की प्यास बुझा दे.. फाड़ दे मेरी चूत को.. रंडीबाज.. आआआहह.. म्मर गइईई ईई.. उउऊहह.. आआआआहह.. चोद चोद!
थोड़ी देर बाद बोली- मुझे तेरे ऊपर आने दे।
मैं नीचे आ गया.. और वो मेरे ऊपर बैठ कर हॉर्सराइडिंग करते हुए मुझे चोदने लगी।
मुझको उसे चोदते-चोदते काफी वक्त हो चुका था.. उस दौरान वो तीन बार झड़ चुकी थी।
अब मैं भी झड़ने वाला था.. तो मैं बोला- भाभी मैं झड़ने वाला हूँ।
तो वो बोली- अन्दर ही झड़ जा मेरे राजा.. और मेरी प्यास बुझा दे।
इतना सुनते ही मैं तेजी से काम पर लग गया और थोड़ी देर बाद अन्दर ही झड़ गया।
वो मेरे ऊपर ही दो-तीन मिनट तक पड़ी रही और मुझे किस करती रही।
बाद में हम दोनों एक साथ ही नहाने गए.. वहाँ भी मैंने नहाते-नहाते उसे एक बार और चोदा.. बड़ा मज़ा आया मुझे.. उस दिन मैंने भाभी को 4 बार चोदा.. अब जब भी मुझे मौका मिलता.. हम दोनों ये चूत चुदाई का खेल.. खेल लेते थे।
आप लोगों को मेरी कहानी कैसी लगी यदि पसंद आई हो तो मुझे मेल कीजिएगा।
[email protected]
What did you think of this story??
Comments