पराई नारी की चुदाई से बसा एक परिवार- 2

(Jawan Hot Padosan Ki Chudai)

सनी वर्मा 2024-10-21 Comments

जवान हॉट पड़ोसन की चुदाई करके उसे खुश किया नए आये जवान किरायेदार ने! पड़ोसन का पति नशेड़ी था, वह अपनी बीवी को कभी ढंग से चोद ही नहीं पाया था.

कहानी के पहले भाग
हुस्न और जवानी का रसिया
में आपने पढ़ा कि जतिन चूत का रसिया था. उसकी शादी हुई तो उसने अपनी बीवी के तीनों छेद पेल पेल कर उसे बीमार कर दिया. वह गर्भवती भी थी तो उसकी माँ उसे अपने साथ ले गयी.
इधर जतिन जॉब के लिए किराये का घर देख रहा था.

जतिन के पास शादी में मिली नयी बुलेट मोटरसाइकिल थी.
वह बाबा के साथ उनके घर पहुंचा.
एक पतली सी गली में घर था बाबा का.

मकान तो ठीक-ठाक बना था.

दरवाजा रागिनी ने ही खोला.

अब आगे जवान हॉट पड़ोसन की चुदाई:

अस्त व्यस्त, चेहरे पर झुंझलाहट भरी हुई! पर जब उसने कोई मेहमान देखा वह भी गबरू जवान … तो रागिनी थोड़ी संभली.

जतिन ने आगे बढ़कर नमस्ते की तो उसने मुस्कुरा कर जवाब दे दिया.

जतिन अपने साथ मिठाई लाया था तो उसने रागिनी को डिब्बा देते हुए कहा- पहली बार घर आया हूँ, यह रख लीजिये.

मकान में नीचे वाली मंजिल पर बाबा और उनकी पत्नी रहते थे.
ऊपर नया बना हुआ पोरशन था. जिसमें दो कमरे, एक स्टोर और एक बाथरूम और बाहर बरामदा था.

एक कमरा बंद था और दूसरे में रागिनी रह रही थी. दोनों कमरे आपस में बीच के दरवाजे से मिले थे.

बाबा ने जतिन को बिठाया और बड़ी घबराहट से जतिन से पूछा- चाय पियोगे?

और दिन होता तो रागिनी तमककर कुछ जवाब दे देती.
इसलिए उन्होंने धीरे से पूछा.

इससे पहले की रागिनी कुछ कहती, जतिन ही बोल उठा- हाँ, भाभी के हाथ की चाय तो जरूर पियूँगा.

रागिनी चाय लायी.
तो जतिन ने हंस कर उससे कहा- मुस्कुरा कर चाय पिला रही हैं या इनकी तरह मुझसे भी नाराज हैं?
रागिनी शायद पहली बार हंस पड़ी.

अब जतिन ने उसी से पूछा- क्या मैं यहाँ रह सकता हूँ. मुझे केवल एक कमरा चाहिए. और हाँ … इसका जो किराया मैं दूंगा वह सिर्फ तुम्हारा होगा. बाबा और अम्मा को नहीं देना होगा.

बाबा चुप रहे.
उन्हें मालूम था कि उन्हें तो वैसे ही रोज के पैसे जतिन दे ही देता है.

बाबा बोले- आपसे किराया कैसा?
पर जतिन बोला- नहीं, मैं तीन हज़ार रूपये किराए के दूंगा. कम हों तो बता दीजिये. पर कमरा देना है या नहीं यह भाभी बतायेंगी क्योंकि इन्हीं के हिस्से से ले रहा हूँ.

रागिनी बोली- मैं मना नहीं करूंगी. आप रह लीजिये. पर आप पीते तो नहीं हैं न?
जतिन बोला- नहीं, मैं नहीं पीता. और आप झगड़ा मत किया करो, बाबा को भी नहीं पीने दूंगा.

समस्या केवल यह थी कि इस पोर्शन में बाथरूम केवल एक था.
रागिनी को तीन हज़ार आते दिख रहे थे तो वह बोली- आप ये वाला बाथरूम इस्तेमाल कर लीजिएगा. मैं आपके उठने से पहले नहा लिया करुँगी या नीचे वाला इस्तेमाल कर लूंगी.

तो बात तय हो गयी.
अगले दिन जतिन सुबह ही होटल से अपना सामान ले आया.

कमरे में बेड और कुर्सी मेज तो पड़ी ही थीं.

बाबा ने बहुत कहा कि चाय आपको रागिनी दे दिया करेगी.
पर जतिन ने साफ़ कहा- नहीं, मेरे पास गैस स्टोव है, मैं बना लिया करूंगा. और खाना मेरा टिफिन का आता ही है, वह दे जाया करेगा.

पर रागिनी ने जोर देकर कहा- नहीं, मेरे रहते आप चाय वगेरा मत बनाइएगा.

अब रागिनी जतिन की मदद भी कर रही थी और मीठे से बोल भी रही थी.

जतिन का टिफिन सुबह जल्दी ही आ जाता क्योंकि उसका फील्ड वर्क था.
शाम का टिफिन घर पर आ जाता.

उसके बहुत मना करने पर भी रागिनी उसके आने पर टिफिन गर्म कर देती.

अगले दिन शनिवार को रागिनी का पति मनोज घर आया.
उसे देख कर कोई नहीं कह सकता था कि उसे रागिनी जैसे हूर मिली होगी.
उजड़े हुए से बाल, बाहर निकला पेट और सांवला रंग.

चूँकि जतिन घर पर था तो मनोज ने उसे नमस्ते की और नहाकर उसके पास आकर बैठ गया.

उसकी हैसीयत नहीं थी जतिन के पास बैठने की.
जतिन इस्पेक्टर और वह चपरासी.
सबसे बड़ी बात वह नशेड़ी.

जतिन ने उससे कहा- नशा मत किया करो!
तो वह मुस्कुरा दिया.

बार बार किसी न किसी बात पर रागिनी उसे झिड़क रही थी.

रात को जतिन कमरे में सोने की कोशिश कर रहा था तो उसे रागिनी और मनोज के झगड़े की आवाज फिर आई.

मनोज शायद उसके नजदीक जाने की कोशिश कर रहा था और रागिनी उसे झिड़क रही थी.
शायद मनोज ने किसी तरह रागिनी को सेक्स के लिए मना लिया होगा.
पर हमेशा की तरह वह फुस्स हो गया.
तो रागिनी उसे गाली दे रही थी- नामर्द और न जाने क्या क्या!
वह कह रही थी कि कोई ठोर होता तो वह घर से भाग जाती.

देर रात उसके धीरे धीरे रोने की आवाज आती रही.
सुबह जतिन की आँख जब रागिनी से मिलीं तो उसकी आँख सूजी हुई थीं.

उसने जतिन से मुंह छिपा लिया.
वह फिर सामने पड़ी ही नहीं.

दोपहर बाद मनोज वापिस चला गया.

शाम को जतिन ने बाबा से कहा- मुझे कुछ खाने पीने का सामान और एक तकिया लाना है. क्या वे रागिनी को उसके साथ भेज सकते हैं. वह सामान पकड़ कर ले आएगी और हम एक घंटे में वापिस आ जायेंगे.

रागिनी सकुचाती रही.
पर उसकी सास ने कहा- दरोगा ज़ी कह रहे हैं तो चली जा.

उसकी सास को भी मालूम था कि जब से जतिन बाबा को पैसे दे रहा है तब से उनका घर खर्च आराम से चल रहा है.
रागिनी की सास वैसे ऊंचा सुनती थी तो बातचीत कम ही करती थी.

जतिन ने अपने कमरे से रागिनी के कमरे के दरवाजे को हल्के से खटखटाया.
तो रागिनी ने खोला.

जतिन बोला- यहाँ की बोरियत से तुम्हें बाहर ले जा रहा हूँ, अच्छे से तैयार हो जाना.

रागिनी मुस्कुरा दी और बोली- फिर पहले नहा लेती हूँ.
वह नहाकर सलवार सूट पहन कर बाहर आयी और जतिन की बाइक पर संभल कर बैठ गयी.

थोड़ी दूर जाकर जतिन ने उससे कहा कि अगर वह चाहे तो दोनों और पैर करके बैठ जाए, यहाँ उन्हें कौन जानता है.

रागिनी ने एक पल तो सोचा, फिर वह दोनों और पैर करके बैठ गयी.

बाकी जतिन ने एक दो बार ब्रेक मारे तो वह आगे खिसक गयी.
रागिनी को भी शादी के बाद पहली बार किसी मर्द का साथ मिला था.

जतिन को कुछ लेना वेना तो था नहीं, उसने रागिनी के साथ चाट पकोड़ी खायी और रागिनी के मना करने के बावजूद भी उसे नेल पेंट, लिपस्टिक, पाउडर वगैरा दिलवा दिया.
उसने रागिनी को एक लेडीज शॉप के बाहर उतारा और कहा- जाओ अपने लिए एक दो अंडरगार्मेंट्स के अच्छे सेट ले लो!
कहकर उसके हाथ में कुछ रूपये दे दिए और कहा- ये बचने नहीं चाहियें, कम पड़ें तो और ले लेना बाहर आकर.

जतिन बाहर खड़ा रहा.

थोड़ी देर में रागिनी मुस्कुराती हुई बाहर आई, उसके पास एक थैला था.
उसने बचे रूपये जतिन को लौटने चाहे तो जतिन ने कहा- रख लो.

जतिन एक मेडिकल स्टोर पर रुका और कुछ सामान लेकर आया.

उन्हें निकले एक घंटा हो गया था.
जतिन ने फटाफट एक तकिया खरीदा और कॉफ़ी पाउडर वगैरा कुछ नाश्ते का सामान भी लिया.
और वे घर आ गए.

लौटते समय रागिनी अब जतिन से चिपक कर बैठी थी.
घर से पहले वह उतरकर एक ओर पैर रखकर बैठ गयी.

रात को जतिन नहाकर लुंगी और टीशर्ट में बैठा मोबाइल देख रहा था तो रागिनी उसके लिए खाना गर्म करके लायी.

जतिन ने उससे पूछा- बाबा और अम्मा कहाँ गए?
रागिनी बोली- पड़ोस में जागरण है, वहां गए हैं. देर रात आयेंगे.

जतिन ने रागिनी को जबरदस्ती अपने साथ ही खाना खिलाया.

बाद में बिस्तर पर बैठे बैठे रागिनी ने उसे अपनी पूरी राम कहानी सुनाई.
वह रो रही थी.
जतिन ने उसे प्यार से चुप कराया तो रागिनी ने उसके कंधे पर सर रख लिया.

तब जतिन ने उसके बालों में हाथ फेरना शुरू किया और उसका एक हाथ अपने हाथ में लेकर सहलाने लगा.

रागिनी ने कोई प्रतिरोध नहीं किया.
जतिन ने आहिस्ता से उसका सर ऊपर किया, रागिनी उसकी आँखों में झाँकने लगी.

अब जतिन तो खेला खाया था, उसने दोनों हाथों से रागिनी का चेहरा पकड़ कर धीरे धीरे अपनी और किया और उसके माथे पर चूम लिया.
रागिनी लिपट गयी उससे!

अब जतिन ने उसके होंठों पर अपने होंठ जड़ दिए.
रागिनी काँप रही थी पर उसने अपने को समर्पित कर दिया था जतिन को.

उसे शादी के बाद पहली बार किसी मर्द का प्यार और साथ मिल रहा था.

जतिन ने उठकर कमरे की लाईट बंद कर दी.
बाहर से हल्की रोशनी आ रही थी.

जतिन ने रागिनी को बेड पर अपने से चिपका कर लिटा लिया.
उसने रागिनी की नाइटी ऊपर सरकाई तो रागिनी कसमसा गयी, बोली- मुझे जाने दें. ये गलत है.
जतिन ने उससे कहा- क्या गलत है? क्या तुम्हारा पति तुम्हें ये सब दे पाता है? क्या तुम्हें खुश रहने का अधिकार नहीं है? अब मेरी पत्नी यहाँ नहीं हैं, मुझे उसकी जरूरत है. तो अगर हम एक दूसरे की जरूरत पूरी कर रहे हैं तो इसमें क्या गलत है?

रागिनी फिर भी उठ खड़ी हुई.
पर जतिन ने उसे अपनी ओर खींच लिया.

अब रागिनी उससे लिपट गयी और ताबड़ तोड़ उसे चूमने लगी और जवान हॉट पड़ोसन की चुदाई का रास्ता साफ़ हो गया.

जतिन ने अपनी टी शर्ट उतार फेंकी और साथ ही रागिनी की नाईटी भी उतार दी.

रागिनी नीचे पेंटी और ब्रा पहने थी.

जतिन की लुंगी भी खुल चुकी थी और उसका फनफनाता लंड रागिनी के हाथ में था.

तब जतिन ने रागिनी की ब्रा के कप ऊपर किये और उसके मम्मे चूमने लगा.
रागिनी के मम्मे भारी थे और उसके निप्पल नुकीले.

जतिन बैठा और उसने रागिनी को ब्रा पेंटी से आज़ाद कर दिया और उसके मम्मे चूमते हुए उसकी चूत में उंगली कर दी.

रागिनी की झांटों पर बालों का जंगल था जबकि जतिन का लंड चिकना था.
जतिन ने रागिनी से पूछा- सफाई क्यों नहीं करती?
तो वह बोली- किसके लिए करूं?
जतिन बोला- अब मेरे लिए करना.

तब जतिन ने नीचे होकर रागिनी की चूत में जीभ घुसा दी.
चूँकि रागिनी ने सफाई नहीं की हुई थी तो उसकी चूत में से गंध आ रही थी.

जतिन ने ढेर सारा थूक छोड़ा और रागिनी के ऊपर आ गया.
उसने रागिनी की टांगें चौड़ायीं और पेल दिया अपना लंड उसकी चूत में … और लगा रेलम पेल करने.

उसको बहुत आश्चर्य हुआ जब रागिनी उसका सेक्स में पूरे दमखम के साथ साथ दे रही थी.

आज इतने दिनों बाद चूत मिली थी जतिन को तो वह अपने रुके अरमान पूरे करना चाह रहा था.
उसकी चुदाई की स्पीड बढती गयी.

और जब उसे लगा की उसका होने वाला है तो उसने रागिनी से पूछा- कहाँ निकालूं?
रागिनी ने उसे झटके से बाहर निकाल दिया और बोली- तुम तो गड़बड़ कर देते.

जतिन ने उसके पेट पर सारा माल निकाल दिया.
रागिनी कसमसाती हुई बोली- मेरा नहीं हुआ अभी.

तभी बाहर दरवाजी की कुण्डी खड़की.
तो रागिनी झटके से उठी और नाईटी पहन कर बाहर जाकर किवाड़ खोला और अपने कमरे में चली गयी.

अंदर घर पर सब ओर अन्धेरा था.

सास ने आवाज देकर पूछा- दरोगा बाबू सो गए क्या?
तो रागिनी ने कहा- बहुत देर पहले ही सो गए थे.

अब सभी अपने अपने कमरे में आ गए.
रागिनी ने बाहर से कमरा बंद कर लिया.
उसकी चूत में चीटियाँ रेंग रही थीं.

वह बेड पर लेट गयी और नाईटी ऊपर करके अपनी चूत में उंगली करने लगी.

तभी जतिन के कमरे के दरवाजे पर हल्के से आहट हुई.
रागिनी समझ गयी कि जतिन है.
उसने बिना आवाज किये किवाड़ खोल दिया.

जतिन लुंगी पहने खड़ा था.
उसने रागिनी को चिपटा लिया और अपने रूम में ले आया.

उसका लंड फिर खड़ा हो गया था.
अब रागिनी ने खुद अपनी नाईटी उतारी और जतिन के ऊपर चढ़ कर उसका लंड अपनी चूत में ले लिया.

रागिनी पूरे मजे ले कर चुदाई कर रही थी और जतिन उसकी दोनों मम्मे मसल मसल कर लाल कर रहा था.

अब रागिनी के मुंह से आहें निकालनी शुरू हो गयी थीं.
वह कोशिश तो ये कर रही थी कि बेड भी आवाज न करे.

रागिनी का होने वाला था … वह एक झटके से उछली और फिर जतिन की छाती पर लुढ़क गयी.
जतिन का भी हो गया था और उसका सारा वीर्य अब रागिनी की चूत में घुस चुका था.

रागिनी बगल में लुढ़क ली … उसकी चूत से वीर्य बाहर आ रहा था.

थोड़ी देर बाद संभल कर उसने जतिन से कहा- कल मेडिकल स्टोर से मेरे लिए दवाई ला देना!

रागिनी अपने कमरे में चली गयी और बीच का दरवाजा बंद कर लिया.

जवान हॉट पड़ोसन की चुदाई कहानी चार भागों में है.
आप इस भाग पर अपने विचार मुझे मेल और कमेंट्स में बताएं.
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जवान हॉट पड़ोसन की चुदाई कहानी का अगला भाग: पराई नारी की चुदाई से बसा एक परिवार- 3

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