किरायेदार के लंड से बुझाई चूत की आग

(Hot Sex Married Girl Kahani)

रेहाना खान 2024-03-20 Comments

हॉट सेक्स मैरिड गर्ल कहानी में एक जवान चुदक्कड़ भाभी घर में अकसर अकेली रहती थी. उसने घर में एक लड़का किरायेदार रखा हुआ था. उसने लड़के को पटाकर उसका लंड कैसे खाया?

हमारा दो मंजिला घर कानपुर में है।
नीचे की मंजिल में हम लोग रहते हैं और ऊपर की मंजिल को किराये पर उठा देते हैं जिससे हमारी कुछ आमदनी हो जाती है।
किरायेदार आते जाते रहते हैं।

कुछ किरायेदार बहुत कम समय के लिए आते हैं और कुछ लम्बे समय तक रह जाते हैं।

हम लोग सभी किरायेदारों से अच्छे सम्बन्ध बनाकर रखते हैं ताकि हमारी साख बनी रहे और कोई भी ऐसा टाइम न आये जब हमारी आमदनी बंद हो जाए।

इस बार मुझे एक मस्त जवान लड़का किरायेदार के रूप में मिल गया।
वह एक बड़ी कंपनी में काम करता है और मैंने जितना किराया माँगा, उतना वह देने के लिए तैयार हो गया और रहने लगा।
उसकी उम्र लगभग 28 साल की थी।
पूछने पर उसने बताया- मेरी शादी तय हो गयी है और अगले महीने हो जाएगी।

उसका नाम था आकाश!
इधर मैं थी मिसेज मधुमिता मकान मालकिन के रूप में!
मेरे पति दिल्ली के काम करते हैं और हर शुक्रवार को आते हैं और सोमवार को सुबह चले जाते हैं।

मैं आपको थोड़ा अपने बारे में बता दूँ।
मैं 26 साल की हूँ, खूबसूरत हूँ, गोरी हूँ और गज़ब की सेक्सी हूँ।
मेरे बूब्स बड़े भी हैं और आकर्षक भी!
मेरी गोलाईदार खुली खुली बाहें लोगों को खूब लुभाती हैं।
मेरी मस्तानी गांड तो लोग आते जाते देखते ही रहते हैं।

मैं अक्सर साड़ी और ब्रा टाइप का ब्लाउज पहनती हूँ।
मेरी तंग ब्रा से मेरे बूब्स झांकते रहते हैं और यही बूब्स लड़कों के लण्ड में आग भी लगाते रहते हैं।

मैं सच में बहुत हॉट दिखती हूँ.
यह मैं नहीं कहती हूँ, लोग कहते हैं.

इसकी खबर मुझे मेरी सहेलियों से मिलती रहती है।

मैं कानपुर की ही पढ़ी लिखी हूँ और मेरी शादी भी यहीं हो गयी है।

मेरी ससुराल यहीं है लेकिन वह गाँव में है शहर से लगभग 50 किलो मीटर दूर!
मेरे ससुराल वाले सब के सब गाँव में ही रहते हैं।

हमारा एक पुस्तैनी घर कानपुर में है।
हम दोनों हसबैंड वाइफ वहीं रहते हैं।
इससे मकान की देखभाल भी हो जाती है और किराया भी मिल जाता है।

एक बात तो बताना भूल ही गयी कि मैं शादी के पहले खूब चुदी हुई थी।
मुझे चोदने वाले कॉलेज के लड़के ही थे।

यह हॉट सेक्स मैरिड गर्ल कहानी मेरी ही चुदास की है.

एक बार पिकनिक हुई थी. उसमें मैंने रात भर दो लड़कों से एक साथ चुदवाया था।

मुझे चोदने वाला एक टीचर भी था जो अकेला ही रहता था।
मैं उसके पास पढ़ने जाया करती थी और एक दिन पढ़ते पढ़ते ही उसका लण्ड पकड़ लिया था मैंने!
मुझे लण्ड पकड़ने की जबरदस्त आदत थी.

उस टीचर ने फिर मुझे खूब चोदा।
मुझे उसका लौड़ा बहुत पसंद था।

आज भी मैं जब कब उसके पास जाती हूँ और चुदवाकर आती हूँ।
आप अगर मुझे बुर चोदी हरामजादी चुदक्कड़ मधुमिता कहें तो मुझे बुरा नहीं लगेगा बल्कि ख़ुशी होगी।

मेरे हसबैंड फ्राइडे की रात में आते हैं तो मुझे चोदते हैं, फिर शनिवार और रविवार को भी खूब चोदते हैं।
सोमवार से शुक्रवार तक मुझे लण्ड के दर्शन तक नहीं होते थे।

लेकिन मुझे तो लण्ड हर रोज़ चाहिए था।
मुझे तो बिना चुदे नींद नहीं आती इसलिए मैंने पराये मर्दों के लण्ड का इंतज़ाम करना शुरू कर दिया।

मैंने सोचा कि अपनी चूत की गर्मी बुझाने के लिए पराये मरद से चुदवाना कोई बुरी बात नहीं है।

आजकल हमारे पास 3-4 लण्ड का जुगाड़ है।
मैं बारी बारी से उनसे चुदवाती रहती हूँ।

एक दिन मेरा दिमाग ठनका कि मेरे घर में ही एक लण्ड है … किरायेदार आकाश का लण्ड।
तो क्यों न उसके लण्ड तक पहुंचा जाए?

बस मैं अगले दिन सवेरे सवेरे ऊपर उसके कमरे में पहुँच गयी, चुपके चुपके धीरे धीरे दबे पाँव चली गई।

मैंने खिड़की से देखा कि आकाश एकदम नंगा लेटा है।
उसका लण्ड खड़ा है और वह आँखें बंद किये हुए अपने लण्ड को मुट्ठी में पकड़े हुए ऊपर नीचे कर रहा है।

मुझे यह समझने में देर नहीं लगी की वह मुट्ठ मार रहा है।
मैं उसे मुट्ठ मारते हुए बड़े गौर से देखने लगी।

वह जोश में था इसलिए मैंने उसे डिस्टर्ब नहीं किया.
लेकिन मेरी नज़र उसके लण्ड पर लगी रही।

लण्ड बहनचोद मोटा भी था और लंबा भी!
मुझे तो एक ही नज़र में भा गया उसका लण्ड!

मैं अपनी चूत सहलाने लगी क्योंकि मेरी चूत बहनचोद गीली हो गयी थी।

लण्ड का टोपा बड़ा खूबसूतत लग रहा था।
ऐसा टोपा तो मेरे हसबैंड के लण्ड का भी नहीं है।

मैं अंदर से गनगना उठी कि मुझे घर बैठे हमेशा के लिए एक बढ़िया मस्ताना लण्ड मिल गया।

लण्ड की छोटी छोटी झांटें भी थीं जिससे और ज्यादा सेक्सी लग रहा था।
मैं तो लण्ड देख कर मस्त हो गयी।

आखिर में जब वह झड़ा और उसके लण्ड से पिचकारी निकली तो उसे देखने में बड़ा मज़ा आया।

उसका गाढ़ा गाढ़ा सफ़ेद सफ़ेद वीर्य देख कर मेरी जबान लपलपाने लगी।
मेरा मन हुआ कि मैं दौड़ कर लण्ड चाटने लगूँ … पर मैं रुक गयी।
मैंने चुपचाप उसका वीडियो बना लिया।

फिर मैं नीचे उतर आई.
उसे यह बिल्कुल नहीं मालूम हुआ कि मैं वहां थी और मैंने उसे सड़का मारते हुए देखा है।

मेरी चूत में आग लगी हुई थी।
उसका लण्ड बहनचोद मेरी आँखों के सामने टन टना रहा था।
मैं जल्दी से जल्दी उसे पकड़ना चाहती थी।

शाम को जब वह ऑफिस से आया तो मैंने कहा- आकाश, तुम कपड़े बदल कर मेरे पास आ जाओ. आज शाम की चाय तुम मेरे साथ पियो।

वह यह सुनकर खुश हो गया और आधे घंटे में आ भी गया।
उसने पजामा और एक शर्ट पहनी हुई थी।

इधर मैंने एक तंग ब्रा पहन ली थी जिससे केवल मेरे निप्पल ही छिपे हुए थे, बाकी सब बाहर दिख रहा था।
नीचे एक एलास्टिक वाला घुटनों तक वाला लोअर पहन लिया।
थोड़ा मेकअप भी कर लिया था।

वह जब आया तो बोला- मैडम, आज आप बहुत सुन्दर दिख रही हैं।
मैंने कहा- आकाश, तुम मुझे भाभी कहा करो, मैडम नहीं! यह मेरा घर है, कोई ऑफिस नहीं।

उसे मैंने बड़े प्यार से बैठाया और चाय नाश्ता की तैयारी कर ली।
हम दोनों जब चाय पी ही रहे थे तो मैं उठी और किचन में नाश्ता लेने चली गई।

आते समय मैं गिर गयी, मेरी कमर में चोट आ गई।
मैंने उठने की कोशिश की पर उठ नहीं पायी।

तब उसने मुझे गोद में उठा लिया और बेड पर लिटा दिया।
वह बोला- भाभी, बॉम हो तो मैं मालिश कर दूं।
मैंने इशारा किया- देखो वहां रखा है।

वह गया और बॉम उठा कर मेरी मालिश करने लगा।
मैंने लोअर नीचे खसका दिया और अपनी पूरी कमर खोल दी।
वह मालिश करने लगा।

मैं पेट के बल लेटी थी।
मैंने इशारा किया कि चूतड़ों पर भी मालिश कर दो।
उसका चूतड़ों पर मालिश करना मुझे बड़ा मज़ा दे रहा था।
मैं मस्त होती जा रही थी।

फिर मैं एकदम से घूम कर चित हो गयी।
मेरी लोअर इतनी नीचे थी कि मेरी छोटी छोटी झांटें उसे दिख गईं.
चूत दिखने में बस एक इंच का ही बाकी था।

मैंने उसका पजामा देखा तो समझ गई कि उसका लण्ड अंदर ही अंदर खड़ा हो गया है।
उसका लण्ड बार बार मेरे बदन से टच कर रहा था।
मैं अंदर से सिहर उठती थी।
मन करता था कि मैं अभी इसे नंगा कर दूँ और इसका लण्ड पकड़ लूं.

तब तक मेरी ब्रा भी बहनचोद काफी इधर उधर हो चुकी थी।
उसे मेरे निप्पल भी दिख गए।
वह आँखें फाड़ फाड़ कर मेरी चूचियाँ देखने लगा।

मैं बहुत उत्तेजित थी, मेरे निप्पल भी तने हुए थे।
जब उसने मेरी नंगी चूँचियाँ देखीं तो मैंने उसे अपने बदन से चिपका लिया और बोली- आकाश, मैं तुमसे प्यार करती हूँ। तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो। बहुत सेक्सी और हॉट लगते हो।

उसने भी मुझे अपने बदन से चिपका लिया, बोला- भाभी जी, मैं भी तुम्हें प्यार करता हूँ; तुम्हें पाना चाहता हूँ।

मैंने फिर अपने हाथ से अपनी ब्रा खोल दी और बोली- लो आकाश, अब मैं तुम्हारी हो गई। मेरा लोअर भी उतार दो।

उसने उतार दिया तो मैं पूरी तरह उसके आगे नंगी हो गयी।
तब मैं मस्ती से बोली- तुमने मुझे नंगी किया है, अब मैं तुझे नंगा करूंगी। तेरा लण्ड पकड़ कर देखूंगी।

फिर मुझे उसे नंगा करने में एक मिनट भी नहीं लगा।
जब वह नंगा हुआ तो मैं लण्ड देख कर बोली- हाय दईया, तेरा इतना बड़ा लण्ड बहनचोद? इतना मोटा और चिकना लण्ड? इतना सेक्सी और हॉट लण्ड? मैं तो इस पर मर मिटी यार! तूने इतने दिन से मुझसे छिपा कर क्यों रखा अपना ये मस्ताना लण्ड? तेरी माँ का भोसड़ा मादरचोद आकाश, तूने मुझे लण्ड के लिए बहुत तड़पाया है। आज मेरी इच्छा पूरी हुई। जब से तुम आये हो, तब से मेरी इच्छा तेरा लण्ड पकड़ने की थी। मैंने पहले ही दिन ठान लिया था कि एक दिन तेरा लण्ड पकड़ूँगी जरूर! अब ये मेरी पकड़ में आया है अब मैं इसे जाने नहीं दूँगी। आज रात भर तेरे लण्ड का मज़ा लूंगी मैं!

मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित थी।

इतना बढ़िया लण्ड पाकर बड़ी उत्साहित भी थी।
बड़ी देर तक उसका लण्ड चूसती रही, पेल्हड़ चाटती रही।

उसकी गांड तक चाटना शुरू कर दिया था मैंने!
वह भी मेरी चूत चाटता रहा, मेरे नंगे जिस्म पर हाथ फिराता रहा, मेरी चूचियाँ मसलता रहा, मेरे चूतड़ों पर प्यार से थप्पड़ मारता रहा, थप्पड़ मार मार कर चूमता रहा.

मेरी गोरी गोरी जाँघों पर भी हाथ फिराया, उन्हें चूमा।
मेरी नाभि भी चूमी और पेट पर हाथ फिराया।

जब किसी पराये का हाथ मेरे मेरे नंगे जिस्म पर घूमता है तो मुझे बड़ा मज़ा आता है।

उसने फिर पैन्तरा बदला और मुझे घोड़ी बना दिया।

वह पीछे गया, मेरी कमर अपने दोनों हाथों से पकड़ा और लण्ड गच्च से पूरा पेल दिया मेरी चूत में!

फिर बार बार लण्ड पेलता गया और मेरी कमर आगे पीछे करता गया।
उधर मैं भी उसके साथ अपने चूतड़ आगे पीछे करती गयी।

सच वह मुझे वैसे ही चोदने लगा जैसे कोई घोड़ा घोड़ी को चोदता है।
धच्च धच्च भच्च भच्च की आवाज़ मुझे मदमस्त करने लगी।

लौड़ा भी आसानी से पूरा घुसने लगा।
मैं तो मन से बिलकुल रंडी हो गयी।
मेरे मन में आया कि अब मुझे कोई भी चोदे, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, मैं तो ख़ुशी ख़ुशी चुदवा लूंगी।

उसके मुंह से निकला- भाभी प्लीज, मुझे इसी तरह की चुदी हुई चूत और दिलवाओ न चोदने के लिए!
मैंने कहा- भोसड़ी के, पहले तू मुझे अच्छी तरह चोद ले … फिर देखती हूँ। अब तो तेरा लण्ड मेरी चूत के बंधन में बंध गया है।

मेरे मुंह से सिसकारियां निकलने लगी।
मुझे चुदाई में स्वर्ग का मज़ा आ रहा था।
इतनी बढ़िया चुदाई मेरी किसी ने की नहीं थी।
मेरे हसबैंड ने भी नहीं की थी।

फिर उसने मुझे अपने लण्ड पर बैठा कर चोदा और बड़ी देर तक भकाभक चोदा।
मेरी मस्ती जब और बढ़ी तो मैंने उसे चित लिटा दिया और उसके ऊपर चढ़ कर बैठ गयी उसके खड़े लण्ड पर.

मुझे नंगी नंगी लण्ड पर बैठने का बड़ा शौक है क्योंकि बैठते ही लण्ड पूरा का पूरा अंदर घुस जाता है।
फिर मैं कूद कूद कर और उसके ऊपर घूम घूम कर रगड़ रगड़ का लण्ड का पूरा मज़ा लेने लगी।

वह बोला- यार, आज तक किसी लड़की ने मेरे लण्ड का मज़ा इस तरह नहीं लिया।
मैंने कहा- यार, मैं एक मस्त चुदक्कड़ औरत हूँ. मुझे पराये मर्दों से चुदवाने में बड़ा मज़ा आता है। मैं लण्ड से चुदवाती भी हूँ और लण्ड चोदती भी हूँ।

मैं सच में थोड़ा आगे झुक कर अपनी गांड उठा उठा के लण्ड पर पटकने लगी और बोली- इसे कहते हैं लण्ड चोदना।
मैं बड़ी देर तक ऐसा ही करती रही।

फिर मेरी चूत में छोड़ दिया पानी।
मैं खलास हो गयी।

उसके बाद मैं लण्ड से उतरी और उसे मुट्ठी में लेकर मुट्ठ मारने लगी।
बस पल भर में लण्ड से छूट गयी पिचकारी।

इस तरह मैंने आकाश से रात में 3 बार चुदवाया और अपनी चूत की आग बुझाई।

फिर मैंने उसे नंगा अपने बिस्तर पर लिटा लिया।
मैं उसके बगल में चिपक कर लेट गयी; मैं भी पूरी नंगी थी।
हम दोनों सो गए।

सवेरे 6 बजे मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि आकाश का लण्ड बिचारा अपना टोपा निकाले हुए सो रहा है।
मुझे उस पर प्यार आ गया।

फिर मैंने झुक कर अपनी जबान से लण्ड का टोपा उठाया और आहिस्ते से मुंह में भर लिया।

मैं अंदर ही अंदर जबान टोपा पर फिराने लगी तो वह जग गया, बोला- अरे भाभी जी क्या कर रही हो?
मैंने कहा- मैं तेरे लण्ड को प्यार कर रही हूँ। अभी इसे मेरी चूत के अंदर जाना है।

यह सुनकर उसने मुझे घसीट लिया और लण्ड मेरी चूत पर रगड़ने लगा, बोला- अभी पेल देता हूँ लण्ड तेरी चूत के अंदर भाभी जी!

उसने जैसे ही पेला लण्ड चूत में … मैं वैसे ही अपनी गांड उचका उचका कर चुदवाने लगी।
इस बार की चुदाई ज्यादा मज़ा दे रही थी।

उसके बाद तो मेरा रास्ता खुल गया।
उधर मेरा हसबैंड जब बाहर जाता तो इधर मैं आकाश का लौड़ा अपनी चूत में पेलवा लेती।

उसकी बीवी आ गयी.
तब भी मैंने आकाश से चुदवाना नहीं छोड़ा।
आज भी मैं आकाश के लण्ड का मज़ा ले रही हूँ।

मेरे यारो, यह हॉट सेक्स मैरिड गर्ल कहानी कैसी लगी आपको?
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मेरी पिछली कहानी थी: गई थी पढ़ने, मज़ा ले लिया लण्ड का

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