प्यासी विवाहिता लड़की की प्यास बुझाई- 2

(Hot Padosan Xxx Kahani)

सोनम वर्मा 2025-01-27 Comments

हॉट पड़ोसन Xxx कहानी में मेरी जवान पड़ोसन के साथ नैन मटक्का चल रहा था. दोनों ही चुदाई का मजा लेना चाहते थे पर हमारी उम्र में आधे दूने का फर्क मुझे रोक रहा था. तब भी …

कहानी के पहले भाग
जवान पड़ोसन के साथ खेली होली
में आपने पढ़ा कि किस तरह से मेघना मेरे घर में किरायेदार के रूप में रहने के लिए आई और कैसे हम दोनों एक दूसरे के करीब आते चले गए।
लेकिन अभी तक हम दोनों के बीच बस देखना हँसना मुस्कुराना ही चल रहा था हम दोनों ने एक दूसरे को कुछ भी नहीं कहा था।

अब आगे हॉट पड़ोसन Xxx कहानी:

मेरे और मेघना के बीच रोज नजर ही नजर में एक दूसरे को देखने और मुस्कुराने का खेल चल रहा था.
लेकिन हम दोनों में कोई भी आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं कर रहा था।
हम दोनों को ही ये पता था कि हम दोनों के मन में क्या चल रहा है।

मेघना अगर मेरी उम्र की होती तो मैं कब का उसे कह चुका होता.
लेकिन मैं बस इसलिए अपने आप को रोक रहा था क्योंकि मेघना मुझसे आधी उम्र की लड़की थी और अगर उसने मना कर दिया या उसने किसी को ये सब बता दिया तो मेरी काफी बदनामी हो जाती।

लेकिन ऊपर वाले को हमें मिलाना ही था शायद … इसलिए ही हम दोनों को एक बेहतरीन मौका दे दिया.
और मैं उस मौके का पूरा फायदा उठाकर मेघना को चोदने में सफल हो गया.

पूरे 4 दिनों तक मैंने और मेघना ने चुदाई की सारी हदें पार कर दी।

हुआ यूं कि 2019 में मेरी बीवी और मेघना के पति की चुनाव में 4 दिन के लिए ड्यूटी लग गई.
वे दोनों एक साथ ही 4 दिन के लिए बाहर रहने वाले थे।

मेरे घर पर केवल मैं और मेघना के घर पर केवल मेघना ही रहने वाले थे।

मेरी पत्नी ने मेघना को मेरे लिए खाना बनाने के लिए कह दिया था और मेघना ने भी इसके लिए मना नहीं किया था।

जल्द ही वह दिन आ गया जब वह दोनों चुनाव ड्यूटी के लिए जाने वाले थे।

सुबह सुबह ही मैं उन दोनों को अपनी कार से उनके कार्यालय तक छोड़कर आया और वापस आते समय मैंने चिकन की दुकान से एक किलो चिकन भी ले लिया क्योंकि मुझे और मेघना दोनों को ही चिकन बहुत पसंद था और मेघना चिकन भी बहुत अच्छा बनाती है।

घर आकर मैंने मेघना को चिकन दिया और दोपहर में बनाने के लिए कह दिया।
उसके बाद मैं अपने घर आ गया।

मैं नहा धोकर बाजार की तरफ निकल गया और वापस आते समय मैंने बियर बार में जाकर दो बियर पी और घर आ गया।

दोपहर के 1 बज रहे थे और मैं नशे में चूर होकर घर पहुँचा।

अपने घर जाकर मैंने कपड़े बदले और फिर मेघना के घर पहुँच गया।

दरवाजा खुला हुआ था और मैं सीधा ही अंदर चला गया।
मैंने देखा कि टीवी चल रहा है और मेघना सोफे पर लेटी हुई सो रही है।
शायद टीवी देखते हुए उसकी आंख लग गई थी।

उसने उस वक्त गाउन पहन रखा था और मैं उसके पास जाकर खड़ा हो गया और उसे देखने लगा।

सोते हुए भी मेघना कयामत लग रही थी उसकी गोरी गोरी चिकनी सुडौल बाहें देख कर मेरा मन डोलने लगा।

मैं उसके पास खड़ा होकर काफी देर तक उसके जवान बदन को निहारता रहा।

फिर मैंने हल्की आवाज से कहा- मेघना!
मेरी आवाज सुनकर मेघना हड़बड़ा कर उठ गई और अपने कपड़े ठीक करती हुई बोली- मैं आपका ही इंतजार कर रही थी और आँख लग गई थी।

उसके बाद वह रसोई में गई और खाना निकालने लगी।
मैं भी उसके साथ साथ ही रसोई में चला गया और उसकी मदद करने लगा।

बीच बीच में हम दोनों में बातें भी हो रही थी.
मेरे बातों से मेघना समझ गई थी कि मैं नशे में था।

उसने मुझसे कहा- आज आंटी नहीं है तो दिन में ही जश्न मनाने चले गए थे क्या आप?
मैंने भी उसे मजाक में कह दिया- तुम्हारे भी पति तो नहीं हैं, तुम भी जश्न मना लो।

मेघना बोली- अरे, मैं ऐसा जश्न नहीं मनाती।
“तो फिर कैसे जश्न मनाती हो?”

मेरे सवाल पर मेघना मुस्कुरा दी लेकिन कुछ बोली नहीं।

मैं मौके की नजाकत को भाम्पते हुए फिर से बोला- बताओ कैसे जश्न मनाती हो? मैं वैसे ही जश्न मनवा दूँगा।

मेघना हँसती हुई बोली- रहने दीजिए, आपका जश्न मेरे लिए भारी पड़ जायेगा. जानती हूं आपको!
“क्या जानती हो?”

मेघना बोली- देख चुकी हूँ होली पर कि आप कैसे जश्न मनवाते हैं।
मैं बोला- वह सब तो ऐसे ही था. वह कोई जश्न थोड़े ही था।

ऐसे ही बात करते हुए हम दोनों खाना खाने लगे।

मेघना मेरे सामने बैठी हुई थी और बीच बीच में हम दोनों एक दूसरे को देखते हुए मुस्कुरा भी रहे थे।
मैं समझ गया था कि लोहा बिल्कुल गर्म है बस हथौड़ा मारने की देर है।

उस वक्त ही मैंने पूरा मन बना लिया था कि आज तो आर-पार कर ही देता हूँ.
क्योंकि मेघना के बर्ताव से साफ पता चल रहा था कि मेघना पूरी तरह से तैयार है, बस अपने से पहल नहीं करना चाह रही है।

कुछ देर में हम दोनों ने अपना खाना खत्म किया और मैं वहीं सोफे पर बैठ गया।

मेघना अंदर से प्लेट में गुलाबजामुन लेकर आई और मुझे देते हुए बोली- खाने के बाद कुछ मीठा खाना अच्छा रहता है।
मैंने कहा- गुलाब के हाथों से गुलाबजामुन कुछ ज्यादा ही मीठा होगा।

मेरी बात सुनकर मेघना के चेहरे पर शर्म भरी हँसी नजर आ रही थी।

उसके बाद मैंने गुलाबजामुन खत्म किया और बड़े उदास मन से बोला- चलो तो ठीक है. अब हम चलते हैं अपने अकेले घर की तरफ!
मेरी बात सुनकर मेघना बोली- इतना ही अकेलापन महसूस हो रहा है तो यहीं रहिए फिर!
मैं बोला- अरे यहाँ तुम्हारे साथ रहूंगा तो तुम्हें देखते हुए पागल हो जाऊँगा।

मेघना- अच्छा क्यों पागल हो जायेंगे आप?
मैं- तुम हो ही ऐसी की कोई भी देखकर पागल हो जाये।
मेघना- मतलब?
मैं- मतलब तुम मत समझो. वह मेरे तक ही रहने दो।

इसका जवाब देते हुए मेघना बोली- मतलब तो सब पता है मुझे … इतनी बच्ची नहीं हूँ मैं!

उसका जवाब सुनकर मैं उसकी आँखों में देखते हुए बोला- बच्ची नहीं हो, यह तो मुझे भी पता है. तभी तो कह रहा हूँ कि यहां रहूंगा तो पागल हो जाऊँगा।

इतना सुनकर मेघना हल्का सा मुस्कुराई और अपनी आँखें नीचे करती हुई बोली- अकेला महसूस कर रहे हैं तो यहीं आराम कर लीजिए।

इतने में मैं मेघना के पास गया और उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया और अब मैं खुलकर बोला- अगर तुम चाहो तो रुकने में कोई दिक्कत नहीं है।
मेरे इस सवाल पर मेघना शर्मा गई और हाथ छुड़ाने लगी।

मैंने अब उसका हाथ कस कर पकड़ लिया और बोला- बोलो रुकना है या जाना है?

मेघना अब शर्म से पानी पानी हुए जा रही थी और उसके मुंह से शब्द नहीं निकल रहे थे.
बस चेहरे पर मुस्कान और आँखे नीचे किये हुए वह खड़ी थी।

मैं भी अब पीछे हटने के मन में भी नहीं था और उनके हाथ को अपनी तरफ खीचने लगा जिससे मेघना मेरे करीब आ गई।
वह नीचे चेहरा किये हुए थी.

जल्द ही मैंने उसके चेहरे को ऊपर उठाया और उसकी आँखों में देखने लगा।
हम दोनों एक दूसरे की आखों में देख रहे थे और दोनों के अंदर ही वासना की लहर दौड़ रही थी।

अब तक मैं समझ चुका था कि मेघना की तरफ से हरी झंडी मिल गई है।

मैं अपने चेहरे को उसके चेहरे के करीब ले जाने लगा और जैसे ही मैं उसके कांपते हुए होंठों के करीब पहुँचा, उसने अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लिया और मैंने उसके गालों पर पहला चुम्बन लिया।

मैं फिर से उसके होंठों की तरफ बढ़ गया लेकिन मेघना ने फिर से चेहरा घुमा लिया और मैंने दूसरे गाल पर दूसरा चुम्मन ले लिया।

मैं बार बार उसके होंठों की तरफ जा रहा था लेकिन वह बार बार चेहरे इधर उधर कर लेती थी।

फिर मैंने दोनों हाथों से उसके चेहरे को पकड़ लिया और उसके पतले पतले गुलाबी होंठों पर अपने होंठ रख दिये और बारी बारी से ऊपर नीचे के होंठ चूमने लगा।

कुछ ही सेकेंड में मेघना ने मुझे धक्का दिया और दूर हटकर बोली- कोई आ जायेगा?

मैं दरवाजे की तरफ गया और दरवाजे को अच्छे से बंद कर दिया।

इसके बाद मैं दुबारा मेघना के पास गया और उसका हाथ पकड़ते हुए एक झटके में उसे गोद में उठा लिया और उसे लेकर बेडरूम की तरफ चल दिया।

बेडरूम में जाकर मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया और उसके दोनों हाथों को जकड़ते हुए उसके बगल में लेट गया और उसके होंठों को चूमने लगा।

अब मेघना बड़े आराम से मुझे अपने होंठ चूमने दे रही थी और बीच बीच में अपनी जीभ बाहर करके मुझे अलग ही मजे का अहसास करा रही थी।

फिर मैंने अपना एक हाथ उसके घुटनो पर रखा और उसके गाउन को ऊपर की तरफ उठाने लगा।
जल्द ही उसकी गदराई हुई चिकनी गोरी जांघ खुलकर गाउन के बाहर आ गई और मैं उसकी मोटी चिकनी जांघ को सहलाने लगा।

अब मेघना भी अपना हाथ मेरे बालों पर चला रही थी और हम दोनों ही एक दूसरे के होंठों को चूम रहे थे।

सच कहूँ तो इतने में ही मुझे पता चल गया था कि मेघना काफी गर्म लड़की थी और वह चुदाई के लिए बेताब थी।

काफी देर तक मैंने उसके होंठों का रसपान किया और फिर उसके पैरों के पास जाकर बैठ गया।

मैंने उसका एक पैर उठाया और पैर के अंगूठे को चूमते हुए ऊपर की तरफ बढ़ने लगा।
जल्द ही मैं उसकी जांघ तक जा पहुँचा और उसकी जांघ को चूमने लगा।

मेघना जितनी गोरी बाहर से थी उससे दोगुणी गोरी वह अंदर से थी.
उसकी जांघ ही देख कर मेरी हालत खराब हो गई थी क्योंकि इतनी गोरी चिकनी जांघ मैंने पहले नहीं देखी थी।

उसके बाद जैसे ही मैं उसका गाउन जांघ से ऊपर करने लगा. मेघना मुझे रोकती हुई बोली- रुकिए न … पहले लाइट बंद करिए।

मैं समझ गया कि मेघना को पहली बार मेरे सामने नंगी होने पर शर्म आ रही है।
इसलिए मैं भी उठा और जाकर कमरे की लाइट बंद कर दी।

कमरे में अंधेरा हो गया था लेकिन रोशनदान से बाहर की रोशनी आ रही थी और कमरे में हल्की रोशनी थी।

मैं वापस बिस्तर पर आ गया और मेघना के हाथ पकड़कर उसे बिस्तर पर बैठा दिया।
मैंने उसका गाउन ऊपर उठाना शुरू किया और जल्द ही उसका गाउन निकालकर अलग कर दिया।
अब वह केवल ब्रा पेंटी में ही थी।

अंधेरे के बावजूद उसका गोरा बदन बिस्तर पर दमक रहा था।
उसके 36 साइज के बड़े बड़े दूध ब्रा के अंदर जकड़े हुए थे।

मैंने भी अपनी शर्ट बनियान और लोवर निकाल दिया और केवल चड्डी में हो गया और अपनी बाहें फैलाते हुए मेघना को अपने सीने में जकड़ लिया और उसे बेइंतहा चूमना शुरू कर दिया।
जैसे ही मेरा 100 किलो का वजन उसके शरीर पर पड़ा उसके मुंह से निकला- आआह मम्मीई ईई!

मेरा शरीर भले ही 100 किलो वजन का था लेकिन मेघना जैसी गदराई हुई जवानी को ऐसे ही शरीर की जरूरत थी जो उसे निचोड़ ले।

मेघना भी मुझसे लिपटकर बेताब हो उठी और वह भी मुझे सहलाने लगी और मेरी पीठ को अपनी तरफ़ दबाने लगी।

उसके बड़े बड़े सुडौल दूध मेरे सीने से दबे जा रहे थे और मैं भी उनको और ज्यादा सीने से दबा रहा था।
मैं भी उसके चेहरे, गालों, होंठों, गले को चूमते हुए दोनों हाथों से उसके जांघ पेट कमर को सहलाये जा रहा था।

आज मैं भी अपनी इतने दिनों की प्यास को बुझाने के लिए बेताब था।
मेघना भी अपने पैरों को चला रही थी और अपनी जांघों से मेरी जांघों को सहला रही थी।

उसके मुंह से गर्म गर्म सांसें निकल रही थी और वह लगातार ‘ऊऊ आआह ऊऊओ ओऊऊ आआ आह ऊउफ़्फ़ ओओ ओओह सीईई ओ’ कर रही थी।

मेघना इतनी ज्यादा गर्म लड़की थी कि उसे शांत करने के लिए एक अनुभव वाले आदमी की ही जरूरत थी।

उसका पूरा बदन किसी भट्टी की तरह गर्म था और उसकी बेताबी और गर्मी को देख मैं भी अपने आप पर काबू नहीं रख पा रहा था।
जल्द ही मेघना मुझे अपने नाखूनों से हल्के हल्के नोचने लगी थी और उसके अंदर चुदाई का जोश बढ़ता ही जा रहा था।

मैंने देर न करते हुए जल्द ही उसकी ब्रा निकाल फेंका और उसके दोनों दूध आजाद हो गए।

मैं उसके दूध पर टूट पड़ा और दोनों हाथों से दबाते हुए उसके निप्पलों को बुरी तरह से चूसने लगा।
मेघना ‘ऊऊईई आआआह आआह मम्मी आआह ऊऊई’ करती हुई मचल रही थी।

कुछ देर उसके दूध के साथ खेलने के बाद मैं सीधा उसकी पैंटी तक पहुँच गया और एक बार में ही उसकी पैंटी उतारकर उसे पूरी तरह से नंगी कर दिया।

हल्की रोशनी में उसका बेहद गोरा बदन दमक रहा था, उसका बदन बिल्कुल दूध की तरह सफेद लग रहा था।

मैंने उसके दोनों घुटनों को पकड़ा और उसके पैरों को फैला दिया।
मैं तुरंत ही उसकी चूत पर झुक गया और अपना मुंह उसकी चूत पर लगाया।

उसकी चूत से बेहद पानी निकलने के कारण चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और अंधेरे में मुझे इतना समझ में नहीं आया और उसका पूरा पानी मेरे मुँह और नाक में लग गया।

मैं बिना रुके अपनी उंगलियों से उसकी चूत को फैलाया और अपनी जीभ से उसकी चूत चाटना शुरू कर दिया।

जैसे ही मैंने अपनी खुरदुरी जीभ उसकी चूत पर चलाई, मेघना जोर जोर से आहें भरने लगी- आआ आहआ आआह ऊऊ ऊहह ऊऊ ससीईईहह ऊऊफ़!

मेघना ने मेरे सर को पकड़ लिया और अपनी चूत में दबाने लगी उसने अपनी गांड को हवा में उठा लिया था और मैंने भी उसकी चूत को पूरी तरह से मुँह में भर लिया था।

आज मुझे पहली बार ऐसी गर्म लड़की मिली थी जो मेरे साथ खुलकर मेरा इस तरह से साथ दे रही थी।
ऐसा लग रहा था जैसे मेघना कई सालों से प्यासी थी और आज मेरे अंदर ही डूब जाएगी।

मैं लगातार उसकी चूत को चाट रहा था और कुछ देर बाद मेघना मेरे सर को हटाते हुए जोर जोर से कहने लगी- बस्स … बस करो … बस्स्श्स करो!

तब मैं समझ गया कि मेघना और बर्दाश्त नहीं कर पायेगी और झड़ जाएगी.
लेकिन मैं नहीं चाहता था कि वह झड़ जाए क्योंकि मैं उसकी इस गर्मी को इतनी जल्दी शांत नहीं होने देना चाहता था।
मैं उसे ऐसी ही गर्मी के साथ चोदना चाहता था।

तब मैं उठ गया और जल्दी से अपनी चड्डी निकाल कर नंगा हो गया।
मैं अपना लंड सहलाते हुए सुपारे को बाहर निकाला और एक झटके में मेघना के ऊपर लेट गया।

मेघना के टमाटर जैसे गालों को चूमते हुए मैं उससे बोला- डाल दूँ?
मेघना गर्म सांस भरती हुई बोली- हाँ!

मैंने अब देर न करते हुए मेघना की दोनों टांगों को अपने हाथों में फंसाकर ऊपर उठा लिया और मेरा लंड अपने आप ही उसकी चूत में सेट हो गया।

पहले मैंने हल्के से लंड को अंदर किया और लंड का सुपारा छेद को खोलता हुआ गप्प से अंदर चला गया।

उसकी चूत अंदर से किसी भट्टी की तरह गर्म थी.
और जैसे ही मेरा गर्म सुपारा अंदर गया मेघना बोली- ऊऊईई मम्मीई!

मैं बोला- क्या हुआ?
“बाप रे … इतना मोटा?”
“मोटा ही तो मजा देगा तुझे!”
इतना कहते हुए मैंने जोर लगाया औऱ लंड फिसलता हुआ चूत की गहराई में उतर गया।

मेघना ने मुझे जोर से जकड़ लिया और जोर से बोली- आआ आह … आराम से डालो … आपका बहुत बड़ा है।

मैंने उसकी बात को अनसुना कर दिया और उसके होंठों को अपने मुँह में भरते हुए लंड बाहर निकालकर जोर से अंदर धक्का लगा दिया।
मेघना का पूरा बदन कांप उठा और उसने मुझे जोर से जकड़ लिया और अपनी जीभ निकालकर मेरे मुँह में डाल दी।

मैं उसकी जीभ को चूसता हुआ जोर जोर से धक्का लगाने लगा।

उसकी चूत की कसावट से साफ साफ पता चल रहा था कि उसका पति उसे कितना खुश करता होगा।
क्योंकि मेघना की चूत शादी के दो साल बाद भी पूरी तरह से टाइट थी।

मैंने अपने दोनों हाथों को उसकी गांड के नीचे लगाया और उसकी गांड को जकड़कर दनादन धक्के लगाना शुरू कर दिया।
मेघना बुरी तरह से मेरे होंठों को चूम रही थी और हम दोनों के मुँह की लार एक दूसरे के गालों पर लग रही थीं।

हॉट पड़ोसन Xxx करते हुए मेरे धक्कों से पूरा पलंग बुरी तरह से हिल रहा था।
मेघना जैसी माल को चोदने का जो मजा मुझे मिल रहा था वह मजा अभी तक मुझे भी नहीं मिला था क्योंकि चुदाई में लड़की अगर बराबर का साथ देती है तो चुदाई का मजा दुगना हो जाता है।

कुछ देर बाद मैंने मेघना के होंठों को छोड़ दिया और अपने धक्के और भी तेज कर दिए।

मेरे पहलवानी वाले धक्कों को मेघना बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी और बुरी तरह से ‘आआ आहआ आआह … ऊऊई ईई ऊई मम्मीई ईई … आआ आह आआआ’ कर रही थी।

धक्के जब उसकी चूत पर पड़ते थे तो पूरा कमरा चट चट चट चट की आवाज से गूंज रहा था।

मेरी पहलवाली वाली चुदाई को मेघना ज्यादा देर बर्दाश्त नहीं कर सकी और तेज आवाज के साथ झड़ गई- आआह आआ आह ओओ ओ ओह्ह ओ ओओओ ह्ह!
मैं अभी भी उसे लगातार चोदे जा रहा था लेकिन उसकी चूत से निकलता हुआ गर्म पानी मैं भी बर्दाश्त नहीं कर पाया और उसके अंदर ही झड़ गया।

हम दोनों एक दूसरे को जकड़े हुए ऐसे ही लेटे रहे.
दोनों का बदन पसीने से भीग चुका था और दोनों की सांसें बुरी तरह से चल रही थी।

मेरा लंड अभी भी मेघना की चूत के अन्दर धंसा हुआ था।

करीब पांच मिनट बाद लंड खुद ही ढीला होकर चूत के बाहर आ गया और मैं भी पलटकर मेघना के बगल में लेट गया।

हम दोनों एक दूसरे से बिना कुछ कहे ऐसे ही लेटे हुए थे।

कुछ देर बाद मैं उठा और जाकर लाइट चालू करने लगा.

और ऐसा करते देख मेघना जल्दी से उठकर अपने कपड़े खोजने लगी।

लेकिन उसे कपड़े नहीं मिल रहे थे और मैंने लाइट चालू कर दी।

मेघना अपने हाथों से अपने गुप्तांग छुपाने की कोशिश कर रही थी और मैंने पहली बार उसे पूरी तरह से नंगी देखा।

सचमुच में वह किसी मलाई की तरह गोरी थी और उसकी चूत किसी टमाटर की तरह गुलाबी थी उसके स्तनों के निप्पल बेहद ही गुलाबी रंग के थे।

उसे ऐसी नंगी देख मेरा लंड फिर से झटके मारने लगा और मैंने फिर से उसे अपनी आगोश में ले लिया.

लेकिन मेघना ने फिर चुदवाने से मना कर दिया क्योंकि अब शाम होने वाली थी और कोई भी घर पर आ सकता था।

तब मैंने मेघना से वादा लिया कि आज रात हम दोनों साथ में ही सोयेंगे.
मेघना भी इसके लिए तैयार हो गई।

इसके बाद हम दोनों ने कपड़े पहने और मैं अपने घर वापस आ गया।

दोस्तो, उसके बाद मैं रात होने का बेसब्री से इंतजार करने लगा.
अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था क्योंकि शेर के मुँह में खून लग चुका था और मेघना जैसी माल को चोदने के लिए मैं बेताब था।

कहानी के अगले भाग में आप पढ़िए कि किस तरह से रात में मैंने मेघना को इतनी बुरी तरह से चोदा की मेघना की हालत खराब हो गई.
और सबसे बड़ी बात यह कि मैंने पहली बार मेघना की गांड की सील तोड़ी क्योंकि अभी से पहले मेघना ने कभी भी गांड से चुदाई नहीं की थी।

तो कैसे मैं मेघना की गांड को चोदा ये सब जानिए अगले भाग में!
आप सब इस हॉट पड़ोसन Xxx कहानी पर अपने विचार मेल और कमेंट्स में बताएं.
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हॉट पड़ोसन Xxx कहानी का अगला भाग: प्यासी विवाहिता लड़की की प्यास बुझाई- 3

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