पड़ोसन भाभी की चुत मेरे लंड से चुदी- 2
(Hot Bhabhi Xx Kahani)
हॉट भाभी Xx कहानी में मैं पड़ोस की सेक्सी भाभी को सेट करने की कोशिश कर रहा था और वह लाइन पर आ रही थी. एक दिन मैंने उसे किस किया और वह सेक्स के लिए मान गयी.
हैलो दोस्तो, मैं सनी आपको अपने पड़ोस में रहने वाले एक बैंक कर्मी भाईसाब वाली भाभी को सैट करके चोदने की कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
पड़ोसन भाभी को अपना सेक्सी बदन दिखाया
में अब तक आपने पढ़ा था कि भाभी मुझसे बात करने लगी थीं और उनकी आंखों में छिपी वासना को मैं पढ़ने की कोशिश कर रहा था.
अब आगे हॉट भाभी Xx कहानी:
जब बात करते करते भाभी को आदत लग गयी, तब मैंने स्टेज टू की ओर कदम रखा. जहां मैं बात करते करते डबल मीनिंग बात कर देता था.
भाभी- यार, आज तबियत अच्छी नहीं लग रही है!
मैंने कहा- क्या हुआ हमारी भाभी जी को, कहीं भैया ने रात को ज्यादा परेशान तो नहीं किया!
भाभी जी- भक्क … ऐसी बात न किया करो!
‘अच्छा सॉरी!’
‘कोई बात नहीं!’
ऐसे ही बात करते करते एक दिन उन्होंने पूछा- गर्लफ्रेंड क्यों नहीं बना लेते?
मैंने कहा- आप मेरी इतनी अच्छी फ्रेंड बन गयी हो, तो अब गर्लफ्रेंड की क्या जरूरत!
तो भाभी बोलीं- नहीं, बना लो … वह प्यार करेगी!
मैंने कहा- क्यों, आप अपने देवर को प्यार नहीं करेंगी!
उन्होंने कहा- अरे पागल, वह दूसरे टाइप से प्यार करेगी!
मैंने कहा- प्यार, प्यार होता है भाभी जी, उसमें टाइप-वाइप कुछ नहीं होता!
ये सब बातें मैं भोला सा बन कर करता था.
ऐसे ही एक दिन हम बात कर रहे थे.
भाभी ने कहा- तुम कैसी लड़की से शादी करोगे?
मैंने सोचा कि अच्छा मौका है, मैंने कहा- आप जैसी खूबसूरत और समझदार लड़की तो मिलना मुश्किल है, पर मिल जाए तो उससे कर लूंगा.
उन्होंने कहा- मुझ जैसी क्यों?
मैंने कहा- आप परफेक्ट बीवी मटेरियल हो. मेरी आपके जैसी इतनी सुंदर इतनी प्यारी क्यूट सी बीवी हो, तो मैं तो उससे इतना प्यार करूं, इतना प्यार करूं कि वह पागल हो जाती. सुबह दोपहर शाम हर टाइम उससे प्यार करता, उसको कुछ न करने देता, सिर्फ प्यार प्यार प्यार.
ऐसा सुनकर भाभी हंसने लगीं.
फिर वे बोलीं- तुम्हारी बातें बहुत अच्छी लगती हैं!
मैंने कहा- और मैं?
उन्होंने कहा- हां तुम भी.
मैंने कहा- मुझे भी आप बहुत अच्छी लगती हो भाभी. थैंक्यू भगवान जी, इतनी प्यारी दोस्त जैसी भाभी देने के लिए.
एक बात है दोस्तो, पति की तारीफ सुन सुनकर पत्नी बोर हो जाती है. पति का घिसा-पिटा चोदने का तरीका भी उसे बोर कर देता है कि थोड़ा सा चूमे चाटे और डाल कर चुत में लंड धक्के मारे और हो गया.
शादी के बाद सबकी यही हालत हो जाती है. चुदाई सिर्फ खाना पूर्ति रह जाती है और पतियों से एक ही तरीके से चुद-चुदकर बीवियां भी बोर हो जाती हैं. उनको चाहिए कि चुदाई में नयापन ताजापन कुछ एक्साइटमेंट हो.
हम जैसे लौंडों को जो इतनी मुश्किल से चुत मिलती है, हम उसे बड़े प्यार से भोगते हैं, इसलिए शायद भाभी मेरी तरफ आकर्षित हो रही थीं.
नयी चुत और नया लंड किसको नहीं पसंद आता है.
फिर एक दिन बातों ही बातों में मैंने कह दिया कि साक्षी भाभी, मैं आपको बहुत ज्यादा लाइक करता हूं. आई रियली लव यू. पर साथ ही साथ आपकी रिस्पेक्ट भी बहुत करता हूं, यदि आप मना कर दोगी तो मैं बुरा नहीं मानूँगा.
जैसा मुझे मालूम था भाभी ने मना कर दिया क्योंकि वे भले एक नया अहसास चाह रही थीं, पर भैया को पता चलता तो उनकी ऐसी की तैसी कर देता.
उन्होंने इस कंडीशन के साथ मुझे मना कर दिया कि सनी हम सिर्फ दोस्त रह सकते हैं, इससे ज्यादा कुछ नहीं.
अब बारी थी मेरे अंतिम पासे की.
मैंने कहा- ठीक है, मैं आपकी बात मानता हूं और जिंदगी भर मानूँगा भी क्योंकि आप मेरे लिए बहुत स्पेशल हो. थैंक्यू मेरी लाइफ में आकर मेरी लाइफ को इतना हसीन बनाने के लिए.
इतना बोलकर मैं ऑफलाइन हो गया.
ये सब मेरे प्लान का हिस्सा था.
चूंकि मेरे से बात करने की उनको इतनी आदत लग गई थी कि बड़ी मुश्किल से उन्होंने एक दिन काटा.
दूसरे दिन जैसे ही भैया ड्यूटी गए उन्होंने कॉल किया.
मैंने रिसीव नहीं किया.
उन्होंने जब 4-5 बार लगाया.
तब मैंने कहा- हैलो!
उन्होंने कहा- कॉल क्यों नहीं उठा रहे और कल से ऑनलाइन क्यों नहीं आए?
मैंने कहा- मैंने गलत किया है आपसे प्यार करके … तो भगवान मुझे सज़ा दी. मेरी तबियत खराब हो गयी है, तेज़ बुखार है.
फिर उनका प्यार वाला रूप सामने आया. उन्होंने कहा- अरे ये क्या हो गया! मैंने यह तो सोची ही नहीं थी. तुम दवाई खाओ … और अभी कुछ मत सोचो!
मैंने कहा- हम्म्म.
फिर उन्होंने कहा- थोड़ा तबियत ठीक लगे तो घर आना.
मैं बोला- हम्म.
फिर मैंने फोन काट दिया.
उन्होंने 3-4 घण्टा खूब सोचा.
यहां मैंने प्लानिंग की, खूब एक्सरसाइज की और पूरी बॉडी गर्म की. बाम लगाई और भाभी का गेट नॉक किया.
भाभी ने गेट खोला और मुझे देखते ही बोलीं- आ जाओ, दिखाओ कितना बुखार है.
मैंने कहा- गोली खाई है इसलिए अभी कम है!
उन्होंने कहा- बैठो चाय बनाती हूं और सॉरी मेरी वजह से तुम्हारी तबियत …!
मैंने कहा- भक्क … ये सब मत सोचो प्यार से छू बस लो, तो मैं ठीक हो जाऊंगा.
उन्होंने फिर गाल में तेज़ सी चुटकी काट ली, मैं बोला- आह दर्द हो रहा है!
वे बोलीं- रुको बेटा, अब ठीक हो जाओ, फिर बताती हूं.
वे हंसने लगीं.
मैं शातिर खिलाड़ी, मैंने मन ही मन में सोचा कि जब चोदूंगा तुझे, तब भी ऐसे ही हंसना.
फिर मैं चाय पीकर घर आ गया और व्हाट्स एप्प पर भाभी से खूब बात की.
मैंने सोचा कि अब बस कोई बात न बिगड़ जाए इसलिए बहुत प्यार से आराम-आराम से बात की कि कहीं किसी चीज़ का बुरा न लग जाए.
मैं भाभी को छेड़ने लगा कि कल काहे को बुलाया था. बस चाय ही पिलाना था क्या मैं तो सोचा था कि मुँह भी मीठा कराओगी.
मेरा मतलब लिप-किस से था.
उन्होंने कहा- थोड़ा इंतज़ार का मज़ा तो लो.
फिर भैया के आने का टाइम हो गया तो उन्होंने कहा- कल बात करती हूं ओके बाय!
मैं भी खाना पीना खाकर भाभी के मस्त ख्यालो में खो गया और सो गया.
सुबह उठा तो चड्डी गीली थी.
रात भर सपने में मैंने भाभी को बहुत चोदा था.
बिस्तर से उठा और बाथरूम में आ गया.
उधर खुद को साफ किया और भाभी के मैसेज आने का वेट करने लगा.
जैसे ही भैया डयूटी गए, तुरंत भाभी का मैसेज आया कि क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- आपके ही मैसेज का इंतजार!
उन्होंने कहा- ऐसा क्यों?
मैंने कहा- प्यार जो हो गया है आपसे!
फिर उन्होंने कहा- मेरा भी हाल कुछ ऐसा ही हो गया है. हर जगह सनी सनी ही दिखता है. बात न करूं तो मन नहीं लगता.
तो मैंने कहा- आ जाऊं क्या आपके पास!
वे चहक कर बोलीं- आ जाओ, किसने रोका है!
मेरी तो खुशी का ठिकाना नहीं था.
मैं मस्त नहाया, परफ्यूम लगाया और तैयार होकर भाभी से मिलने गया.
मैंने गेट नॉक किया.
भाभी ने जैसे ही गेट खोला. मेरा मुँह खुला का खुला रह गया.
भाभी ने रात वाली नाइटी पहनी थी. कसम से ऐसा लग रहा था कि झपट कर पकड़ लूं, पर उनका बेटा भी वहीं था.
भाभी ने प्यार से अन्दर बुलाया.
इतने में उनका बेटा आया और बोला- अरे सनी भैया आ गए, अब हम खेलेंगे … चलो!
मम्मी बोलीं- रुको, अभी थक गए होंगे जब तक तुम टीवी देखो.
बेटा टीवी देखने दूसरे कमरे में भाग गया.
यहां भाभी मेरे लिए पानी लेकर आईं और मेरे बगल में बैठ गईं.
फिर बोलीं- क्या जादू कर दिया है मुझ पर, हर टाइम तुम ही तुम नजर आते हो.
मैं भी उनसे रोमांटिक बातें करने लगा और उनका हाथ पकड़ लिया.
उनका कोई प्रतिरोध न देखकर मैंने उनके गाल पर जल्दी से किस ले ली.
हमेशा छोटे छोटे स्टेप से शुरूआत करना चाहिए, तब जाकर मंजिल मिलती है.
मैंने कहा- पूरा प्यार कब मिलेगा!
तो हंसते हुए उन्होंने कहा- बड़ी जल्दी है तुम्हें?
मैंने कहा- अब ये दूरी बर्दाश्त नहीं होती.
उन्होंने कहा- बेटा रहता है, कैसे बनेगा!
फिर उन्होंने सोचा और कहा- अभी जाओ, दोपहर को जब बेटा सो जाएगा, तब मैसेज करूँगी, तुम आ जाना.
मैंने कहा- ठीक है.
मैं फिर से घर आ गया.
अब मेरे लिए एक एक पल काटना मुश्किल हो रहा था.
दोपहर को एक बजे मैसेज आया- आ जाओ.
मैंने अपने लंड को पकड़ कर कहा- चल बेटा, अब तेरा काम आ गया है.
मैं चुपचाप से गया.
भाभी ने गेट खोल दिया.
मैं जाकर सीधा लिपट गया और बांहों में भरकर उन्हें चूमने लगा.
उन्होंने कहा- रुको, गेट तो बंद करने दो.
मैंने कहा- अब रहा नहीं जाता, बहुत प्यार करता हूं आपको!
मेरे यह कहते ही भाभी ने भी जल्दी से गेट को बंद किया और वे भी मेरे गले से लग गईं.
हम दोनों पागलों के जैसे एक दूसरे को चूमने लगे.
मैं यहां अपने गुरु इमरान हाशमी जी का धन्यवाद करना चाहूंगा. मैं रोज उनकी पूजा करता हूं.
उनके सिखाये तरीकों से ही मैं इतना अच्छा रोमांस करना सीख पाया हूं.
मैंने सबसे पहले भाभी के रसीले होंठों को अपने होंठों से दबाते हुए चूम लिया और मस्ती से होंठों का रस पीने लगा.
उसके बाद मैंने अपनी जीभ को उनके मुँह में ठेल दिया.
हम दोनों की जीभ एक दूसरे से खेलने लगीं.
वाह … भाभी के रसीले होंठों को चूसकर क्या आनन्द आ रहा था.
कभी मैं उनके ऊपर वाले होंठ को लेकर चूमता, कभी नीचे वाले को दांतों में दबा लेता, तो कभी भाभी की जीभ मेरी जीभ से लड़ती, कभी वह मेरी जीभ को दांतों से दबा लेतीं.
लगभग 5 मिनट तक हमें और किसी चीज़ की सुध ही नहीं आई.
फिर मुझे ध्यान आया कि अरे उनका बेटा तो यहीं सोया है.
मैंने खुद को अलग किया.
भाभी तो और पागल हो गईं, वे मुझसे अलग ही नहीं हो रही थीं.
मैं समझ गया कि ये भी बहुत प्यासी हैं, बहुत दिनों बाद इनको नया माल मिला है.
मैंने कहा- रुको दूसरे कमरे में चलते हैं.
फिर मैंने उन्हें अपनी बांहों में उठाया और उन्हें देखा तो उन्होंने फिर से अपने होंठ मेरे होंठों से जोड़ लिए.
हे भगवान! इतनी प्यासी औरत!
मैंने आज तक नहीं देखी थी.
भाभी मेरे होंठ ही नहीं छोड़ रही थीं.
मैंने बिस्तर पर आहिस्ता से लेटाया औऱ फिर उनके होंठों को अपने होंठों से अलग किया.
मैंने कहा- गेट बंद कर लूं.
उन्होंने बेमन से मुझे छोड़ा.
मैंने जल्दी से जाकर गेट बंद किया और पलटा तो एक मिनट के लिए रुक गया.
मैंने उन्हें देखा और खुद को शाबासी दी.
मैंने गौर से भाभी को देखा.
कामुकता से भरी हुई अर्धनग्न भाभी बिल्कुल स्वर्ग की अप्सरा सी, होंठों से लार टपकाती हुई पड़ी थीं.
मुझे देख कर उन्होंने अपने होंठों पर अपनी जीभ फेरी, तो ऐसा लगा मानो मैंने उन्हें नहीं पटाया बल्कि उन्होंने मुझे पटाया है.
उनका पूरा जिस्म अंगड़ाई ले रहा था, आधे खुले बूब्स मुझे बुला रहे थे कि आ जाओ जल्दी से.
यहां लंड महाराज का बुरा हाल था.
पैंट में मुंडी घिस घिस कर कुछ माल तो चड्डी में ही गिरा चुके थे.
अब मैंने सोचा कि मैंने जल्दबाज़ी की, तो अभी निपट जाऊंगा और भाभी के सामने लौड़े की इज्जत चली जाएगी. फिर एक बार यह मुझसे छूटी तो दोबारा हाथ भी नहीं लगाने देगी.
मैंने दिमाग को ठंडा किया, लंबी लंबी सांसें लीं और कहा- भाभी, बस एक मिनट आता हूं.
मैं वाशरूम गया. वहां लंड को धोया और अच्छे से साफ किया.
पूरी वीर्य की चिकनाई को हटा कर लौड़े को चूसने के लिए रगड़ा और अब मैं तैयार था भाभी के जिस्म को खा जाने के लिए.
मैं वाशरूम से बाहर निकला और अपनी शर्ट उतार कर फेंक दी.
भाभी मेरी तरफ काम वासना से देख रही थीं. मैंने जीन्स को भी उतार दिया.
अब मैं सिर्फ निक्कर में था और भाभी नाईट मैक्सी पहनी हुई थीं.
चूंकि मैं थोड़ा कसरत व्यायाम भी करता हूं तो मेरा सीना निकला हुआ है. थोड़ा कट्स एब्स भी बने हुए थे.
भाभी तो वैसे ही मदहोश थीं, मेरी बॉडी देख कर पागल हो गईं.
मैंने वहीं रखा भाभी का फ़ेवरेट परफ्यूम लगाया और भाभी के ऊपर कूद गया.
Xx भाभी ने पहले मेरी पूरी बॉडी को अपने हाथ से सहलाया, हाथ से टटोल टटोल कर एक एक अंग को चैक किया.
उनके स्पर्श से मेरी पूरे शरीर में करंट जैसा दौड़ने लगा.
मैंने कहा- अब मुझे भी मौका दो.
मैंने फिर से उनके होंठ दबा लिए और लेट कर बड़े प्यार से उनके होंठों को पीने लगा.
होंठों को पीते हुए ही मैंने उनकी गर्दन पर चूमना शुरू कर दिया.
औरत की गर्दन बहुत कामुक होती है. वहां पर चूमने से औरत और लड़कियां पागल हो जाती हैं.
चूमते चूमते मैंने भाभी के बूब्स को ऊपर से ही हल्के से दबाया. मैंने देखा कि भाभी पूरी तरह से कामुकता के जाल में फंस गयी हैं तो मैं दोनों हाथों से उनके दूध दबाने लगा. फिर धीरे से मैक्सी को खोल दिया.
मैक्सी खुलने के बाद भाभी का मस्त जिस्म दिखा. वे ऊपर ब्रा और नीचे पैंटी बस पहनी थीं.
मैंने ब्रा के ऊपर से ही बूब्स चूमना स्टार्ट कर दिया और दोनों हाथों से पेट को पीठ को सहलाता रहा ताकि शरीर में सनसनी बनी रहे.
नीचे से हाथ डालकर बांहों में कसता रहा. हॉट Xx भाभी ने अपनी मदहोशी में आंखों को बंद कर लिया.
मैंने धीरे से पीछे से ब्रा की स्ट्रिप खोल दी और ब्रा को नीचे सरका दिया.
ये सब काम मैं बड़ी सावधानी से कर रहा था. एक झटके में करने से कभी कभी पतिव्रता औरतों की आंख खुल जाती और उन्हें लगने लगता कि ये सब गलत है और उस वक्त वे मना भी कर सकती हैं.
यदि ऐसा मेरे साथ होता, तो खड़े लंड पर धोखा हो जाता.
मैं जानता था कि अगर इनको आज चोद लिया, तो फिर ये रोज देंगी. इसलिए मैं जो भी कर रहा था, बड़े आहिस्ता-आहिस्ता से कर रहा था.
दोस्तो, इस वक्त मैं अपनी कलम को रोकना तो नहीं चाहता था, पर बीच चुदाई में कलम को रोकता तो आप सभी पाठकों के लंड और पाठिकाओं की पिघलती चुत की बद्दुआएं मिलतीं.
बस आप अगले भाग को कल ही पढ़ेंगे, यह मेरा वादा है आपसे.
आपसे एक इल्तिजा भी है कि प्लीज हॉट भाभी Xx कहानी पर अपने कमेंट्स और मेल जरूर भेजें, यही मेरी कलम की खुराक होती है.
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हॉट भाभी Xx कहानी का अगला भाग: पड़ोसन भाभी की चुत मेरे लंड से चुदी- 3
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