पड़ोसन भाभी की चुत मेरे लंड से चुदी- 1
(Hot Bhabhi X Kahani)
हॉट भाभी X कहानी में मेरे पड़ोस नया परिवार रहने आया. भाभी बहुत मस्त और उसका पति पेटू और भद्दा सा था. मुझे लगा कि मेरे जैसे सुंदर बांके जवान से भाभी पट जायेगी.
नमस्ते दोस्तो, कैसे हैं आप सभी!
मेरा नाम सनी है.
अन्तर्वासना पर मेरी पहली कहानी यह थी: पहले प्यार की बेइन्तहा चुदायी
अब मैं आपके लिए एक नई सेक्स कहानी लाया हूं.
यह मेरी दूसरी सेक्स कहानी है.
उम्मीद करता हूं कि आप मेरी हॉट भाभी X कहानी को भी अपने दिल में जगह देंगे.
मैं उम्मीद करता हूं दोस्तों कि आप मेरी इस तड़कती भड़कती सेक्स कहानी को पढ़कर 2-3 बार तो मुठ मार ही लेंगे.
आपके हाथ चलाने से मेरी कलम को बड़ा सुकून मिलेगा व मेरे लौड़े को नई ताकत मिलेगी, जिससे मैं और कई भाभियों को चोद कर उनकी प्यास बुझा पाऊंगा.
इस कहानी के बीच-बीच में मैं आपको चुदाई के ज्ञान की बातें भी बताऊंगा जिससे आपका भी नॉलेज बढ़ेगा और आप भी मेरी तरह चुदाई में एक्सपर्ट हो जाएंगे.
जैसा कि मैंने अपना नाम आपको बताया कि मेरा नाम सनी है. मेरा 6 इंच का लंड अन्तर्वासना व फ्री सेक्स कहानी की पाठिकाओं को सलाम करता है.
आज आपको मैं बैंक वाले भैया वाली भाभी की मस्त चुदाई की कहानी सुना रहा हूं.
मैं जिस अपार्टमेंट में रहता हूं, वहां एक नया परिवार रहने को आया था. एक भाईसाब, उनकी पत्नी और उनका 3 साल का बेटा.
चूंकि मैं वहां काफी समय से रहता हूं तो पूरा मोहल्ला मुझे अच्छे से जानता है.
एक दिन मैं छत पर टहल रहा था, तो वह बैंक वाले भैया अपने बेटे को घुमाने छत पर ले आए.
मैं भी वहीं था, तो उन्होंने मुझे देखा और मुझसे बात करने लगे- क्या करते हो आप … और कैसे हो?
हम दोनों के बीच यही सब सामान्य बातें चल रही थीं, तभी भैया की पत्नी यानि भाभी जी ऊपर आईं.
जैसे ही मैंने भाभी की ओर देखा, मेरे मुँह से अनायास ही ‘आहहह ..’ निकल गई.
एक खूबसूरत हिरनी सी लहराती हुई भाभी जी आईं और अपने बेटे को गोद में लेकर चली जाने को हुईं.
भाभी की सुंदरता के आगे बड़ी-बड़ी हीरोइन फेल थीं.
लंबी सी गर्दन, अच्छा भरा-पूरा गदराया जिस्म, अच्छे मोटे-मोटे चूतड़, कमर भरी हुई और सबसे ज्यादा पागल कर देने वाले उनके हरे-भरे दूध थे. ऐसा जान पड़ रहा था मानो कुर्ते को फाड़ कर बाहर निकलने को आतुर हों.
तभी भैया ने परिचय कराया- ये सनी हैं, यहीं रहते हैं.
मैंने कहा- नमस्ते भाभी जी.
भाभी ने मुझसे नमस्ते कर ली.
बस यही टर्निंग पॉइंट था, मुझे ऐसा लगा मानो भाभी जी ने मेरे लंड के नीचे आकर अपनी चुत चुदवा ली हो.
मैंने भाभी को गौर से देखा.
हल्का सांवला सा रूप, लंबे-लंबे काले बाल, पर चेहरे पर एक भी शिकन नहीं. अजीब सा नूर … जो किसी का भी मन मोह ले.
उनकी 5 फीट की हाइट, पर अच्छे रस भरे दूध और मटकते हुए पोंद क्या गजब ढा रहे थे कि समझो लौड़े की तो मां चुद गई थी, साले ने पैंट में ही रस टपका दिया था.
लंड ने प्रीकम छोड़ा तो मन ने एक आह भरी और उनके कातिल जिम का मुआयना करने में ही भलाई समझी.
भाभी ऐसे मटक कर लहराती हुई चल रही थीं कि उनका एक चूतड़ इधर से शॉट मार रहा था और दूसरा कलेजे को चीर रहा था.
कसम से भाभी की गांड की चाल देखकर तो मुर्दा हो चुके बूढ़ों के भी लंड खड़े हो जाएं. अच्छे-अच्छे जवान लौंडे तो लंड पकड़ कर तड़प कर रह जाएं और मुठ मार लें.
ऐसी जवान गदर माल थीं हमारी नई पड़ोसन भाभी जी.
मैंने भैया और भाभी से कहा- कभी मेरी कोई जरूरत पड़े तो मुझे बेहिचक बुला लेना.
फिर भैया भाभी अपने फ्लैट में चले गए.
धीरे-धीरे भाभी जी मेरे घर आने लगीं और वे मेरी फैमिली से मिलने लगीं.
मेरी मम्मी थोड़ी ज्यादा मिलनसार हैं और उनका व्यवहार बहुत से भी बहुत अच्छा है, इसलिए आस पड़ोस की भाभियां, आंटियां मेरे घर आती ही रहती हैं … और उन भाभियों आंटियों को देख कर मैं और मेरा लंड लार टपकाता रहता है.
कोई भाभी या आंटी को देखकर लगा कि ये पट सकती तो लग जाता हूं उसकी लेने की जुगाड़ में.
इन भाभी जी को तो मैं हवस से भरी हुई खा जाने वाली निगाहों से देखता था.
एक दिन उन्होंने मुझे अपने घर बुलाया. गर्मी के दिन थे, भैया बैंक गए थे.
भाभी बोलीं- सनी गैस खत्म हो गई है, आकर सिलिंडर लगा दो.
जैसे ही मैं उनके घर पहुंचा, तो मैंने देखा भाभी जी ने नाइटी पहनी है, जिसमें से उनके मम्मों का क्लीवेज साफ साफ दिख रहा था.
भाभी खाना बना रही थीं, पसीने से बिल्कुल तरबतर थीं.
मैं तो भाभी के भरे-पूरे दूध देख कर पागल हो रहा था.
तभी मैंने देखा कि पसीने की एक बूंद उनके कान से होते हुए गालों को चूमते हुए नीचे आई और उनके बड़े बड़े मम्मों के बीच की घाटी में होकर गायब हो गयी.
मैं उनका ये रूप देखकर पागल सा हो गया था और लंड ने तुरंत सलामी दे दी. मैंने अपने तने हुए लंड को छिपाते हुए बड़ी मुश्किल से गैस का सिलिन्डर लगाया और भागकर अपने घर आ गया.
मैंने घर में बाथरूम में आकर लंड सहलाया और सोचा कि साली ये भाभी चोदने को मिल जाए तो जन्नत मिल जाए.
मैंने ठान लिया था कि अब इनको कैसे भी करके पटाना ही है.
मैं मौका ढूंढने लगा कि कैसे मिला जाए, कैसे भाभी को अपने जाल में फँसाऊं.
अब इधर मैं आपको थोड़ा भैया के बारे में बता देता हूँ.
भैया ठिगने से थे, मतलब थोड़ा कम हाइट के सांवले रंग के मोटे थे और उनकी तोंद निकली हुई थी.
कुल मिला कर सरकारी बैंक की नौकरी के कारण इतना अधिक मक्खन माल पा गए थे कि शरीर ने भाभी जी का साथ देना लगभग खत्म ही कर दिया होगा.
मैंने मन ही मन सोचा कि भगवान मुझ मेहरबान हैं कि मैं जिनको देखकर रोज मुठ मारता हूं, वे शायद अतृप्त हैं.
ये साला भोसड़ आदमी रोज उन भाभी जी के ऊपर चढ़ कर उनको चोदने की कोशिश करता होगा और भाभी जी की प्यास शायद बुझ ही नहीं पाती होगी.
इतनी सुंदर माल को साला रोज खराब करता है.
साले लंगूर के हाथ में मलाई लग गयी है.
मुझे भैया की किस्मत से जलन होने लगी.
जिस तरह लड़कों को नई-नई चूत चोदने का शौक रहता है, उसी तरह लड़कियों और भाभियों को भी नए नए लंड अपनी चूत में घुसवाने का मन करता है.
उनको भी लगता है कि कोई पटक कर चोद दे उनको, उनकी भी चुत में खुजली होती है और आग लगी रहती है. उन्हें बड़ी कुलबुलाहट होती है, जो सिर्फ तगड़ा लंड ही मिटा सकता है.
अब मैं भाभी को पटाने का मौका ढूंढने लगा था.
कहते हैं कि दिल से कुछ चीज़ चाहो तो भगवान भी वह चीज़ तुम्हें दे देता है.
एक दिन भाभी मेरे पास आईं और बोलीं- सनी मुझे मार्केट में कुछ काम है. तुम अपना नंबर मुझे दे दो, मैं कॉल कर दूंगी … तो मुझे लेने आ जाना!
मेरे मन में तो लड्डू फूटने लगे. मैंने जल्दी से उनका मोबाइल लेकर अपने पर कॉल किया और उनका नंबर साक्षी भाभी के नाम से सेव कर लिया.
फिर मैं उनके कॉल आने का इंतजार करने लगा. जल्दी से नहाया, परफ्यूम लगाया ही था कि इतने में भाभी का कॉल आ गया.
‘सनी आ जाओ लेने!’
मुझे सुनाई दिया कि भाभी ने कहा हो कि सनी मेरी लेने आ जाओ.
मैं हीरो की तरह अपनी बाइक से गया और जैसे ही भाभी ने मुझे देखा, बोलीं- क्या बात है, आज बड़े स्मार्ट स्मार्ट लग रहे हो सनी!
मैंने कहा- कहां भाभी जी, आप इतनी सुंदर हो आपके सामने तो मुझे कोई देखता भी नहीं है. पूरे मार्केट में आप ही आप दिखाई दे रही हो.
भाभी बोलीं- वेरी फनी!
वे हंस दीं और गांड उचका कर बाइक में पीछे बैठ गईं.
आप सभी को बता दूँ कि मैं बड़ा हरामी किस्म का लौंडा हूं.
जब भैया भाभी साथ में मिलते तो मैं बड़े अदब कायदे और तमीज़ से भैया जी भाभी जी करके बात करता, जिससे भैया भी आंख बंद करके भरोसा कर लेते थे कि लड़का बड़ा शांत है.
बाकी वह क्या जानें कि मैं उनकी बीवी को चोदने का प्लान बना कर बैठा हूँ.
बाइक से घर आते वक्त मैंने आम लड़कों के जैसे बार बार ब्रेक नहीं मारे बल्कि मैं बहुत सावधानी से गाड़ी चला रहा था, जिससे भाभी बहुत कॉन्फिडेंट होकर बैठी थीं.
भाइयो, आंटी और भाभियां सिर्फ उसी को चोदने को देती हैं, जिसके साथ वे सहज और अच्छा महसूस करती हैं.
फिर उन्होंने मेरे कंधे पर हाथ रखा और हल्के से दबा दिया.
मेरे तो नस नस में करंट दौड़ गया. मैं समझ गया कि बात बन सकती है.
आते वक्त हल्की सी बारिश हो गयी थी, जिससे हम दोनों थोड़े गीले हो गए थे.
फिर मैंने उन्हें घर छोड़ा और जाने लगा, तो भाभी ने कहा- अन्दर आओ न, मैं चाय पिलाती हूं.
मैं तो मौके की तलाश में ही था. मैं उनके साथ अन्दर गया और सोफे पर बैठ गया.
अब मुझे मालूम था कि भाभी पहले कपड़े चेंज करेंगी, फिर चाय बनाएंगी.
मैंने सोचा कि कुछ भी करके आज इनके मादक जिस्म का दर्शन करना है, मौका अच्छा है.
भाभी बोलीं- बैठो मैं आती हूं.
वे दूसरे कमरे में चली गईं और पर्दा लगाती हुई गईं.
मैं जल्दी से उठा और पर्दा किनारे करके देखने लगा.
भाभी ने साड़ी उतारना शुरू किया और पूरी साड़ी उतारने के बाद टॉवेल से बाल पौंछने लगीं.
भाभी अभी ब्लाउज और पेटीकोट में थीं, उनका पेट बिल्कुल चिकना था और उनकी गोल गहरी नाभि कामुकता बढ़ा रही थी.
मेरा लंड बिल्कुल खड़ा ऐसा लग रहा मानो मैं आगे बढ़ कर भाभी की नाभि में ही लंड डाल दूँ.
फिर भाभी ब्लाउज उतारने लगीं. ब्लाउज के उतरते ही गुलाबी ब्रा से भाभी के दूध झांकने लगे.
आह इतने बड़े दूध थे भाभी के कि ढंग से ब्रा में भी नहीं समा रहे थे.
भाभी का वह रूप इतना सुंदर लग रहा था कि क्या ही बताऊं. जो उस रस का आनन्द कर चुका होगा, सिर्फ वही जान सकता है कि उस समय मेरी हालत क्या रही होगी.
फिर भाभी ने पेटीकोट का नाड़ा खोला और पेटीकोट नीचे गिर गया.
भाभी की चिकनी गोरी गोरी टांगें मेरे सामने आ गईं.
हाय्य्य मैनू मर जावां.
हम लड़कों को लड़कियों की टांगें, उनकी कमर, नाभि, क्लीवेज ये सब बहुत आकर्षक लगते हैं.
अब भाभी सिर्फ ब्रा और पैंटी में थीं और यहां मेरा एक हाथ लंड पर था, जो लंड को सहला रहा था.
बताओ हमारे लंड महाराज के सामने उनका शिकार हो, पर महाराज शिकार न कर पाएं तो कैसा लगेगा!
भाभी ने आहिस्ता-आहिस्ता अपने पूरे जिस्म को तौलिया से पौंछा और सामने रखी मैक्सी को पहन कर मेरी तरफ आने लगीं.
मैं जल्दी से सोफे पर जाकर बैठ गया.
उन्होंने बाहर आकर वही तौलिया मुझे दे दिया और कहा- तुम भी गीले हो गए होगे, शर्ट उतार कर पौंछ लो.
मैं इस मामले में बड़ा बेशर्म हूँ. मैंने तुरंत शर्ट उतार कर फेंक दी और भाभी को बॉडी दिखाते हुए तौलिया से पौंछने लगा.
जिस तौलिया ने भाभी के सुन्दर मखमली जिस्म को छुआ था, वही अब मेरे जिस्म से रगड़ रही थी.
उस तौलिया में भाभी के जिस्म की इतनी प्यारी खुशबू आ रही थी, जिसके सामने दुनिया के सारे इत्र फेल हो जाएं.
भाभी बड़ी गौर से कामुकता भरी निगाहों से मुझे देख रही थीं.
आग दोनों तरफ लगी थी.
फिर भाभी चाय बना कर ले आईं, हम दोनों ने साथ में चाय पी और उसके बाद मैं घर आ गया.
घर आकर उनकी ब्रा पैंटी वाले रूप के ख्याल में खो गया.
कुछ देर बाद उठा और खाना आदि खाया.
तभी अचानक से व्हाट्एप पर किसी का मैसेज आया.
मैंने देखा, तो भाभी ने हाय भेजा था.
मेरी खुशी का तो ठिकाना नहीं, मैंने तुरंत बोला- हैलो भाभी जी.
भाभी ने कहा- आग लगा कर चले गए.
मैंने कहा- क्या भाभी, मैं कुछ समझा नहीं!
भाभी बोलीं- कुछ नहीं, खैर आज के लिए थैंक्यू … तुमने बहुत मदद की.
मैंने कहा- आपके लिए तो जान हाजिर है. चाहो तो आजमा कर देख लो … और कोई काम पड़े तो आधी रात को भी बुला लेना, मैं तुरंत आ जाऊंगा.
हालांकि मेरा मतलब सिर्फ मदद करने का था, पर भाभी बोलीं- आधी रात को क्या करने आओगे.
यह कह कर वे हंसने लगीं.
मैं समझ गया कि हंसी तो फंसी.
फिर मैं धीरे धीरे बात करने लगा, पर मुझे डर भी था कि कहीं भैया मैसेज न पढ़ लें.
इसलिए मैंने एक रास्ता अपनाया, जब भैया ड्यूटी पर चले जाएं, तब मैं भाभी से चैट करूं. इसीलिए मैं भैया के जाने बाद ही उनको गुड मॉर्निंग का मैसेज भेजता था.
बस उसी समय हमारी बात शुरू हो जाती थी.
मैंने भाभी से बात करने में पहले उनको ये फील कराया कि मैं उनकी बहुत इज्जत करता हूं. फिर उनको स्पेशल फील कराया कि वे मेरे लिए कितनी स्पेशल हैं.
ऐसे रोज बात करते करते भाभी को मेरे साथ बात करने की आदत लग गयी.
मैंने भी भाभी को पटाने के लिए उनकी सुंदरता के कसीदे पढ़ना शुरू कर दिए.
एक दिन मैंने उनसे कहा कि भाभी आप कितनी सुन्दर हो. कसम से मेरी कभी शादी हो तो भगवान से प्रार्थना है कि मुझे आपके जैसी बीवी ही मिले.
उन्होंने पूछा कि ऐसा क्यों?
मैंने उनकी तारीफ कर दी कि आप हैं ही इतनी सुन्दर!
यूँ तो भाभी बड़ी पतिव्रता थीं, पर मुझ जैसा हरामी लड़का उनको पटाने के लिए लगा था, तो कहां तक बचतीं.
पता नहीं मुझे उनको पटाने में क्या-क्या पापड़ बेलने पड़े. इस सब का खुलासा मैं अपनी सेक्स कहानी के अगले भाग में विस्तार से करूंगा और आपको चुदाई के लिए किसी भाभी को कैसे सैट किया जा सकता है, यह भी लिखूँगा.
आपको मेरी हॉट भाभी X कहानी पर क्या लिखने का मन है, प्लीज जरूर लिखें.
हॉट भाभी X कहानी का अगला भाग: पड़ोसन भाभी की चुत मेरे लंड से चुदी- 2
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