हॉट मधु की चूत का मधु निकाला- 1
(Hot Babe Sex Story)
हॉट बेब सेक्स स्टोरी मेरे पड़ोस में रहने वाली एक सेक्सी लड़की से दोस्ती और यौनाकर्षण की है. दोस्ती होने के बाद एक रात वो मेरे कमरे में आ गयी!
अन्तर्वासना के लंडधारी दोस्तो और खूबसरत चूत की मालकिनो, आप अपने आशीष कुमार का नमस्कार स्वीकार करें.
मैं पटना का निवासी हूं और दिल्ली में जॉब करता हूं.
मेरी हाईट 5 फुट 7 इंच है और मैं एक हट्टा-कट्टा 23 साल का हैंडसम मर्द हूं.
मेरा लंड 7 इंच लम्बा और 3.5 इंच मोटा है.
यह मेरी पहली कहानी है एक हॉट बेब सेक्स की!
मैं 2019 में अपनी पढ़ाई पूरी करके जॉब करने के लिए दिल्ली गया था.
वहां मैंने एक फ्लैट किराए पर लिया.
फ्लैट बहुत सुंदर था और बाल्कनी से सामने बना पार्क साफ दिखाई देता था.
मैं रोज पार्क मैं बैठी तितलियों को देखता था. लाल, हरी, पीली एक से एक रंग बिरंगी तितलियां दिल खुश कर देती थीं.
सुबह सुबह मचलती तितलियों को देख कर मूड फ्रेश हो जाता था.
ऐसे ही काफी दिन सुंदरियों को देखते देखते बीत गए.
मेरे अपार्टमेंट में मैंने अभी तक एक भी सुंदरी नहीं देखी थी.
एक दिन मैं जैसे ही अपने ऑफिस के लिए निकला, ठीक उसी वक्त मेरे सामने वाले फ्लैट से एक गजब का माल निकली.
मैंने उसे देखा तो दंग रह गया.
मैं सोचने लगा कि साला मैं गधा, बगल में इतनी मस्त माल को छोड़ दूर की तितलियों को निहारता रहा. कितना बेवकूफ हूं, मैं शायद इसी लिए अभी तक सिंगल हूं.
वो दरवाजा लॉक कर आगे की ओर बढ़ गई.
मैंने सोचा कि इसका पीछा करना चाहिए, कहीं निकल गई तो फिर हाथ से काम चलाना पड़ेगा.
बस अब मैं उसके पीछे पीछे जा रहा था.
क्या मस्त नजारा था दोस्तो. एकदम कमर के नीचे 38″ का मस्त हिल स्टेशन था.
उसके मस्त और बड़े बड़े तरबूज मेरे सामने इस कदर मटकते जा रहे थे, जैसे कह रहे हों, आ जाओ मेरे पीछे पीछे मेरी जान और मार लो मेरी गांड.
मैं मस्त हुआ उसके पीछे पीछे चला जा रहा था. मेरे पैर जैसे पैर खुद ब खुद जा रहे थे.
फिर वो लिफ्ट के अन्दर चली गई, मैं भी दौड़ कर लिफ्ट में घुस गया.
जैसे ही घुसा, उसकी आंखों से आंखें टकरा गईं और मैं भी उससे टकराता टकराता रह गया.
क्या मस्त बड़ी बड़ी आंखें थीं उसकी, ऐसे जैसे गहरी झील हों.
उसने मुझे अपने हाथों से रोका, नहीं तो मैं वास्तव में उससे टकरा जाता.
उसने कहा- ओ हैलो … कहां?
उसने गुस्सा दिखाते हुए पूछा, तब मुझे होश आया.
मैंने कहा- ऑफिस.
बस ये कह कर मैं उसकी आंखों में देखते हुए साइड हो गया.
क्या नूर था चेहरे का. गोल रसगुल्ले जैसे गाल. गुलाब जैसे लाल होंठ. गर्दन सुराहीदार और उस पर एक सोने की चैन.
मैं देख ही रहा था कि उसने मुझे टोका- क्या देख रहे हो … कभी लड़की नहीं देखी क्या?
मैं शर्मा गया और नीचे देखता हुए धीरे से बोला- हां आपके जैसी तो अब तक नहीं!
वो सुन कर बोली- क्या बोले?
मैंने आश्चर्य से कहा- कुछ नहीं.
मैं लिफ्ट के बटनों की तरफ देखने लगा और वो मुस्कुरा कर दरवाजे की तरफ देखने लगी.
लिफ्ट हमारे 7 वें माले से नीचे 5वें माले पर आ कर रुक गई और बहुत सारे लोग अन्दर आ गए.
आदमियों की संख्या बढ़ी, तो उसे पीछे होना पड़ा और वो धीरे धीरे मेरी तरफ को खिसकने लगी.
अंत में वो मेरे बगल में खड़ी हो गई.
जब एक फ्लोर लिफ्ट और नीचे गई तो कुछ लोग और आ गए.
मुझे उसे इंप्रेस करने का आईडिया आया. मैं थोड़ा सा आगे बढ़ गया और वो कॉर्नर की तरफ आ गई.
मैं घूम गया और उसके फेस के सामने आ गया.
जब लिफ्ट में और लोग आए तो लोग मुझे दबाने लगे.
मैं उसके दोनों साइड हाथ करके उससे दूरी बना कर खड़ा हो गया.
अब वो मुझे देख रही थी और मैं उसे!
क्या फिल्मी सीन था.
लिफ्ट जैसे ही चलना शुरू हुई लोगों का भार और बढ़ा और मेरी छाती उसकी छाती से टकरा गई.
एक करंट जैसा मुझे महसूस हुआ. उसके चूचे एकदम भरे हुए थे … शायद 36 इंच के रहे होंगे.
मेरे दिमाग में बस यही चल रहा था कि कितने बड़े बड़े हैं इसके.
फिर भी मैंने अपनी नजरें उसकी नजरों से नहीं हटाईं.
अब वो मुस्कुरा रही थी.
मैं समझ गया कि रास्ता साफ है.
मैंने उसे अपना नाम बताया.
उसने अपना नाम बताया मधु.
बिल्कुल नाम की तरह थी एकदम मधु यानि शहद जैसी.
फिर लिफ्ट ग्राउंड फ्लोर पर पहुंची और भीड़ बाहर निकलने लगी.
हम दोनों भी अलग हो गए.
हम जा तो रहे थे पर आंखें एक दूसरे को ही देख रही थीं.
वो बाहर में गेट पर खड़ी होकर ऑटो के लिए नजरें दौड़ाने लगी.
मैं अपनी बुलेट लेकर निकला और जैसे ही गेट पास पहुंचा तो उसे देखा.
मैंने उससे लिफ्ट के लिए पूछा तो उसने बताया- मैं महिंद्रा टेक में काम करती हूं.
ये मेरे ऑफिस के उल्टी दिशा में था.
मैंने उससे पूछा कि आप ऑटो से उतनी दूर जाओगी?
उसने कहा- मेट्रो स्टेशन तक जाऊंगी.
मैंने कहा- चलो, वहां तक छोड़ देता हूं.
पहले तो उसने मना किया पर फिर मान गई.
मैंने बाईक स्टार्ट की और उसे मेट्रो स्टेशन तक बातें करते हुए छोड़ दिया.
मैंने उसे बाय बोला और अपने ऑफिस के लिए चला गया.
अब ऑफिस में पूरा दिन उसका ख्याल आता रहा. उसके 36 के चूचे बार बार मेरी आंखों के सामने आते रहे. उसका 36-28-38 का फिगर बार बार कंप्यूटर स्क्रीन पर दिखाई दे जाता.
कैसे भी करके दिन कट गया.
जैसे ही 5 बजे, मैं ऑफिस से तुरंत निकला और मेट्रो स्टेशन के लिए बढ़ गया.
मैं रास्ते में उसके ही बारे में सोचता जा रहा था और दुआ कर रहा था कि वो आए और मेरी ही बाईक पर बैठे.
भगवान ने मेरी दुआ कुबूल कर ली.
मैं जैसे ही मेट्रो स्टेशन पहुंचा, वो बाहर निकलती हुई ही मिल गई.
मैंने उसे देखा और उसने मुझे.
तब मैंने आश्चर्य से कहा- अरे आप … व्हाट अ कोइंसिडेंट!
वो मुस्कुरा दी.
मैं- घर जा रही हैं तो मैं आपको छोड़ दूँ?
उसने हां में सर हिलाया.
मैं तो बहुत खुश हो गया था.
अब वो मेरी बाईक पर पीछे बैठी थी.
मैं उसे लेकर अपने अपार्टमेंट की तरफ निकल गया.
वो पूछने लगी- इधर किसी को लेने आए थे?
मैं पहले तो सकपका गया और मन में आया कि हां कह दूँ कि तुम्हें ही लेने आया था.
फिर मैंने सोचा कि कहीं गलत न समझ ले.
मैंने कहा- नहीं, मुझे अपने एक दोस्त को मेट्रो तक छोड़ने आना था.
वो हंस दी. शायद उसने मेरा झूठ पकड़ लिया था.
मैं कुछ नहीं बोला.
शाम का समय था तो ट्रैफिक ज्यादा था.
मैं ब्रेक ज्यादा यूज कर रहा था.
और हर ब्रेक के साथ उसके मम्मों की छुअन मुझे करंट दे रही थी.
उसने एक बार भी मुझे नहीं टोका; शायद उसे भी मजा आ रहा था.
ऐसे ही झटकों के साथ हम अपने अपार्टमेंट आ पहुंचे.
वो गेट के पास उतर गई क्योंकि पार्किंग दूसरी साइड थी.
मधु लिफ्ट की तरफ जाने लगी, मैं बाईक पार्क करने आ गया और जल्दी से ही उसके पास जाने लगा.
जब मैं वहां पहुंचा तो लिफ्ट रुकी हुई थी और वो लिफ्ट में थी, शायद मेरा इंतजार कर रही थी.
मैं पहुंचा तो अपने फ्लोर का बटन दबाने लगा. तभी मुझे याद आया कि इसका भी फ्लोर तो सेम ही है.
फिर मैं साइड हो कर उससे बातें करने लगा.
बातों ही बातों में मैंने उसका नंबर मांग लिया.
उसने मुस्कुरा कर नंबर दे दिया.
हम दोनों अपने फ्लोर पर पहुंचे.
जैसे ही हम अपने अपने फ्लैट में एंटर करने वाले थे तो उसने मुझे कॉफी के लिए पूछा.
मैंने फट से हां कहते हुए कह दिया- बस एक मिनट में आया.
अब कौन कमबख्त इस खूबसूरत हसीना के खूबसूरत ऑफर को मना करता.
मैं ट्राउजर और टी-शर्ट पहन कर गया ताकि मेरी माचो बॉडी उसे दिखे.
उसके दरवाजे पर नॉक किया.
वो शॉर्ट्स और टी-शर्ट में थी.
शॉर्ट्स उसकी गोरी जांघों को दबा रहा था.
उसके दो पके आम जैसे चूचे उसकी टी-शर्ट को फाड़ कर बाहर आने को थे.
उसे देख मेरे लंड ने हरकत करना शुरू कर दिया.
उसने मुझे अन्दर बुलाया.
मैं जल्दी से अपने लंड को छुपाते हुए वहां रखी एक कुर्सी पर बैठ गया.
वो मुझे बैठने को बोल कर किचन में चली गई.
मैंने फ्लैट को देखा. अच्छा था पर बालकनी की कमी थी.
मेरे दिमाग में आईडिया आया कि क्यों ना इस अपने फ्लैट में ले जाया जाए.
मैंने कहा- मधु! आपके फ्लैट में बालकनी नहीं है क्या?
उसने ना कहा.
मैंने कहा- मुझे बालकनी में बैठ कर कॉफी पीने की आदत है.
उसने हंसते हुए कहा- तो कहां से लायें आपके लिए बालकनी जनाब?
मैं- ला तो नहीं सकते, पर वहां तक जा जरूर सकते हैं. अगर आप चाहो तो!
मधु- क्या … वो कैसे?
मैं- हां मेरे फ्लैट में बालकनी है और नजारा भी बहुत ही अच्छा है. आप चलोगी?
वो कॉफी लेकर बाहर आयी और बोली- चलें नजारे देखने … हा हा हा.
हम दोनों वहां से निकले और मेरे फ्लैट में आ गए. मैं एक कुर्सी बालकनी में ही रखता हूं.
मैंने उससे कहा- आप वहां बैठो, मैं दूसरी चेयर लेकर आता हूं.
वो गांड मटकाती हुई वहां पड़ी मेरी कुर्सी पर बैठ गई.
जब मैं कुर्सी लेकर आया तो वो बोली- वाकयी में बहुत अच्छा नजारा है.
मैंने कहा- हां ठीक आपकी तरह!
ये कह कर मैं मुस्कुरा दिया.
वो समझ गई.
फिर हम दोनों ने बातें करनी शुरू की.
उसने बातों ही बातों में बताया कि उसका कोई बॉयफ्रेंड नहीं है.
मेरी तो लॉटरी लग गई.
फिर कुछ देर यूं ही बातें करने के बाद वो चली गई.
अब व्हाट्सएप पर हमारी चैटिंग शुरू हो गई.
हम बहुत देर देर तक बातें करने लगे; कभी कभी साथ घूमने जाने लगे.
एक दिन अचानक से उसने पूछा- तुमने कभी सेक्स किया है?
उसके इस सवाल पर मैं सकपका गया.
मैंने ना कहा.
वो हंसने लगी और बोली- झूठ मत बोलो.
मैंने कहा- सच में नहीं किया है.
वो- इतने हैंडसम हो फिर भी नहीं किया है?
मैंने कहा- कोई मिली ही नहीं.
वो मंद मंद मुस्कुराने लगी.
मैंने पूछा- क्या आपने किया है?
उसने कहा- हां.
इस तरह से हम दोनों बहुत देर तक सेक्स की बातें करते रहे.
अपनी इन बातों से वो और मैं गर्म होते गए.
शायद वो खुश थी कि उसको वर्जिन माल मिलने वाला है.
फिर वो सोने की कह कर चैट खत्म करके सोने चली गई … मगर कुछ मिनट बाद ही उससे मेरी चैट फिर से शुरू हो गई.
उस समय रात के बारह बज चुके थे.
उसने उस रात मेरे साथ बातें करते करते हुए ही मेरे दरवाजे पर नॉक किया.
पहले तो मैंने सोचा कि कौन है इतनी रात को.
दरवाजा खोला, तो सामने वो नाइट ड्रेस में खड़ी थी.
मैंने उसे देखा तो हतप्रभ रह गया.
वो मेरे सामने मादक निगाहों से मुझे देख रही थी.
वो कमाल लग रही थी उस नाइटी में!
आगे मैंने कैसे उसे चोदा, ये आप अगले भाग में पढ़िएगा.
हॉट बेब सेक्स स्टोरी आपको कैसी लग रही है?
मुझे मेल और कमेंट्स में बताएं.
आपका आशीष
धन्यवाद
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हॉट बेब सेक्स स्टोरी का अगला भाग: हॉट मधु की चूत का मधु निकाला- 2
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