मस्त पड़ोसन भाभी की चूत 5 साल बाद चोदने मिली
(Hindi Mein Bhabhi Ki Chudai)
हिंदी में भाभी की चुदाई कहानी मेरी पड़ोसन के साथ सेक्स की है. मैं भाभी को चोदना चाहता था पर कोई सेटिंग नहीं हो रही थी. जब बात बनी तो मजा आ गया.
दोस्तो, मेरा नाम आशीष है, मैं राजस्थान के कोटा से हूँ और अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ.
मैं कई सालों से सेक्स कहानियां पढ़ता आ रहा हूँ. इस बार मैंने भी सोचा कि अपने जीवन की एक सच्ची घटना को हिंदी में भाभी की चुदाई कहानी के रूप में आपसे साझा करूं.
ये मेरी जिंदगी की हक़ीक़त है, जो मेरा सबसे पहला प्यार था … और मुझे उसे पाने के इंतज़ार करना पड़ा था.
ये हिंदी में भाभी की चुदाई कहानी इस साल हुए लॉकडाउन की है.
आगे बढ़ने से पहले मैं पाठकों को अपने बारे में कुछ बता दूँ.
मैं अपनी कद-काठी या लंड की तारीफ नहीं करूंगा, बस इतना कहूंगा एक सिंपल और अच्छा दिखने वाला लड़का हूँ. पहली बार भाभी की चुत चोदी तो पता चला कि मैं चुदाई में काफी देर तक टिकने वाला मर्द हूँ.
मेरी पड़ोसन भाभी, जिनके साथ मैंने पहली बार सेक्स किया था, वो दिखने में बेहद खूबसूरत और कमाल की हैं.
उनका नाम मोना है और उनकी उम्र 37 साल है. भाभी 2 बच्चों की माँ हैं.
मैं मोना भाभी से शुरू से ही काफी क्लोज रहा हूँ.
हमारी घनिष्ठता इतनी अधिक थी कि हम दोनों हर तरह की बातें कर लेते हैं, फिर चाहे वो सेक्स की बातें ही क्यों न हों.
इतना खुलापन होने के बावजूद मैंने उनके साथ सेक्स करने का अब तक कभी नहीं सोचा था.
एक बार उन्होंने मुझसे पूछा कि आपको कैसी लड़की पसन्द है?
मैंने फटाक से जवाब दिया- आपके जैसी.
भाभी- मुझमें ऐसा क्या ख़ास है!
मैं- आप ये बताएं भाभी जी कि आपमें क्या ख़ास नहीं है!
मेरी बात पर भाभी शर्मा गईं और बोलीं- मगर आपके भैया को मेरी कोई कद्र ही नहीं है.
मैंने मजाक में कहा- भैया की तो नहीं कह सकता मगर मुझे तो है. मैं तो बस आपको देखता ही रहता हूँ.
वो बोलीं- आप मुझे इतना क्यों देखते हो?
मैंने कहा- आप देखने लायक चीज हो इसलिए देखता हूँ … काश मुझे आपके जैसी ही बीवी मिल जाए.
भाभी हंस कर बोलीं- अरे मिल जाएगी यार, इतना मत सोचा करो.
मैं कहा- आपके मुँह में घी शक्कर.
भाभी हंस दीं और उसी समय वो जरा झुक सी गईं, जिससे मुझे सुंदर सुडौल मम्मों की घाटी दिख गई.
फिर ऐसे ही कुछ वक्त निकला और लॉकडाउन लग गया.
सभी का आना जाना बंद हो गया.
चूंकि मोना भाभी मेरे पड़ोस में रहती थीं, तो मैं उनके घर जाया करता था. भैया भी अपने खेत चले जाया करते थे.
एक दिन भैया ओर भाभी की किसी बात पर लड़ाई हो गयी और उस समय मैं वहीं था.
भैया ने गुस्से में कहा- मैं तो तुमसे परेशान हो गया. काश मेरी शादी तुमसे न हुई होती.
ये कह कर भैया कमरे से निकल गए. वो अपने खेतों की तरफ निकल गए थे.
भाभी चुप रहीं और रोती रहीं.
मैंने उनको चुप कराया तो वो मुझसे चिपक कर और भी ज्यादा रोने लगीं.
भाभी रोते हुए बोलीं- मैंने क्या नहीं किया इस आदमी के लिए … इसने जब जो कहा, मैंने किया. लेकिन इसको मेरी कद्र ही नहीं है. जब देखो मुझे डांटता रहता है.
ये कहते हुए भाभी मेरे सीने से लिपट गईं.
मैंने उनके सिर में हाथ फेरते हुए कहा- आप मुझे बोल दिया करें … जो आपको चाहिए हो.
वो मुझसे ऐसे ही चिपके हुए बैठी रहीं.
मैंने कहा- भाभी कोई आ जाएगा, तो गलत सोचेगा … आप उठ जाइए.
भाभी- सोचने दो, मुझे तुमसे चिपके रहने में अच्छा लग रहा है आशु.
मैंने कुछ नहीं कहा.
भाभी की गर्म सांसें मुझे महसूस हो रही थीं.
मैंने कहा- भाभी मुझे कुछ हो रहा है, आप प्लीज़ उठ जाओ.
भाभी- होने दो, बस तुम मुझसे दूर मत जाओ.
मैंने कहा- भाभी आप क्या सोचती हो आगे क्या होगा … भैया तो ऐसे ही रहते हैं.
भाभी- मुझे उस आदमी से फर्क नहीं पड़ता. उसके लिए इतना सब करने के बाद भी वो मुझे गालियां देता है.
मैंने कुछ नहीं कहा.
भाभी- आशु, एक बात बताओ तुम मुझे पसंद करते हो ना!
मैं डर गया और कुछ नहीं बोला.
भाभी- जवाब दो!
मैंने कहा- भाभी, मैं आपको 5 साल से पसन्द करता हूँ … और देखता हूं. ये आपको भी मालूम है.
भाभी बोलीं- हां मगर तुम ये बात आज बता रहे हो … इससे पहले क्यों नहीं कहा … मुझे भी तुम अच्छे लगते हो.
मैंने कहा- भाभी बस आप खुश रहो. मुझे ये ही अच्छा लगता है.
वो बोलीं- अब तुम ही मुझे खुश रखोगे.
ये बोल कर उन्होंने मुझे होंठों पर किस कर दिया.
मैंने उनके किस का अहसास किया और वासना से उन्हें देखने लगा.
भाभी ने अपने होंठों पर जीभ फिराई और आंख मटका दीं.
उनकी आंखों में मुझसे फिर से वही सवाल था कि क्या मैं उनको खुश रखूँगा.
मैंने कहा- हां मैं आपको जरूर खुश रखूंगा.
ये कह कर मैंने भी भाभी के होंठों पर अपने होंठ लगा दिए और उन्हें किस करने लगा.
फिर मैंने बाहर की तरफ देखा कि भैया तो नहीं हैं.
भाभी मुझसे चिपक गईं और बोलीं- वो खेत चला गया … बाहर कोई नहीं है. बच्चे भी सो रहे हैं. मुझे अभी के अभी तुम्हारा होना है.
मैंने कहा- मैं आपका ही हूँ भाभी.
भाभी बोलीं- ऐसे नहीं … अंग से अंग लगा कर एक होना है.
मैंने समझ लिया कि भाभी लंड से चुत लड़ा कर एक होना चाहती हैं.
मैंने उनकी तरफ देखा तो भाभी बोलीं- मुझे ऊपर वाले कमरे में ले चलो.
भाभी को मैंने गोद में उठाया और उनको रूम में ले गया. भाभी मेरी गोद में ही मुझसे लग गई थीं.
कमरे में तो आते ही वो मुझे चिपक गईं.
मैंने भी भाभी को अपनी बांहों में भींचते हुए कहा- मैं इस पल का पांच साल से ज्यादा इंतजार किया है.
भाभी- आज इन्तजार खत्म हो गया है आशु … आ जाओ मुझमें समा जाओ.
हम दोनों किस करने लगे.
मेरे होंठों को वो ऐसे किस करने लगीं जैसे बरसों की प्यासी हों.
मैं भी भाभी के चुम्बनों में बराबरी से उनका साथ दे रहा था.
उन्होंने मेरी पैंट के ऊपर से ही मेरा लंड पकड़ा और बोलीं- आज तक इसके लिए तरसी हूँ … आज खा जाऊंगी.
मैंने उनका दूध दबाते हुए कहा- खा जाओ भाभी, ये आपका ही है.
भाभी बोलीं- मुझे भाभी नहीं मोना कहो.
मैंने भी उन्हें चूमा और मोना कहा.
फिर मैंने भाभी का ब्लाउज खोल दिया. उनके मम्मों पर किस करने लगा और दूध चूसने लगा.
उनके मम्मों में अभी भी दूध आता था. मुझे दूध का स्वाद आने लगा, तो मैं मस्ती से दूध चूसने लगा.
भाभी भी अपना निप्पल पकड़ कर मुझे दूध पिलाने लगीं.
वे ‘आह हहहह अहह …’ की आवाजें करने लगीं और बोलने लगीं- आंह आशु पी जाओ … खा जाओ मेरे मम्मों को नौंच डालो … आज मेरे बदन को पीस दो.
मैं- मोना मेरी जान, आज तुम बस मेरी हो … अब देखो मैं आज कैसे तुमको चोदता हूँ … तुम भी मेरे लंड को याद करोगी.
भाभी बोलीं- हां बाबू, मैं बहुत प्यासी हूँ आज बुरी तरह से खा जाओ मुझे. चोद दो मुझे. मेरा पति अब मुझे चोदता ही नहीं है.
मैंने किस करते करते बेड पर लिटा दिया और उनके कपड़े उतारने लगा.
क्या मस्त बदन की मालकिन थीं मेरी मोना भाभी … उनके जिस्म को देख कर दिल खुश हो गया.
भाभी की पैंटी ऊपर से गीली थी और माल छोड़ रही थी.
मैंने एक झटके में भाभी की पैंटी फाड़ दी और उन्हें पूरी नंगी कर दिया.
अभी भाभी कुछ समझ पातीं, तब तक मैंने उनकी चूत पर मुँह लगा दिया और चूत चाटने लगा.
भाभी एकदम से सिहर उठीं और ‘इस्स आह मर गई मम्मी रे आह … आशु खा जाओ …’ उनकी मादक आवाजें गूँजने लगीं.
मैं बस उनकी चुत को चाटने में लगा रहा.
भाभी मेरे सर को अपनी चुत पर दबाती हुई बोलीं- आह आशु … आज पी जाओ मेरी चुत का सारा पानी … आह इसे आज चोदकर भोसड़ा बना दो.
मैंने भाभी की चुत को और तेजी से चूसना शुरू कर दिया.
वो मेरे बाल पकड़ कर मेरा सिर अपनी चुत में मानो घुसाने सी लगी थीं.
मैंने अपनी पूरी जीभ चुत में डाल दी थी और चुत रस चूसने लगा था.
दो मिनट में ही भाभी झड़ गईं और मेरे मुँह में ही सारा माल झाड़ दिया.
मैं चुत का सारा रस पी गया.
फिर मैंने चुत से मुँह हटाते हुए कहा- भाभी, मेरा लंड चूसोगी?
मेरे कहते ही भाभी ने लंड को लपक कर मुँह में ले लिया और चूसने लगीं.
मैंने उनके बाल पकड़ लिए और लंड के धक्के लगाना शुरू कर दिया. मैंने अपना पूरा लंड गले तक उतार दिया.
वो मेरे टट्टे चूसने लगीं और मेरी आह निकल गयी.
भाभी ने 5 मिनट तक मेरा लंड चूसा और कहने लगीं- अब मत तड़पाओ … मुझे बादलों की सैर कराने ले चलो.
मैंने भाभी को लिटाया और चुत पर अपना लंड टिका दिया.
भाभी आंखें बंद करके अपनी गांड ऊंची करने लगीं.
मैंने एक झटके में अपना लंड उनकी चुत की गहराई में घुसा दिया.
वो जोर से चिल्लाईं और बोलीं- आंह इसी दर्द को मैं सहना चाहती थी. तेरा भाई लल्लू है भोसड़ी का. साला चुत की डिमांड ही नहीं समझता है.
भाभी अपनी गांड हिला हिला कर शॉट लगाने का इशारा करने लगीं.
मैंने तेज धक्के लगाना शुरू कर दिया और भाभी को चोदने लगा.
वो पूरा मुझसे लिपट गयी थीं और उन्होंने अपने दोनों पैर मेरी कमर पर फंसा लिए थे- आह अहह मांआआ … मर गई … आह और जोर जोर से चोदो!
मैंने अपनी चुदाई की स्पीड तेज़ की और जोर जोर से शॉट मारने लगा.
भाभी की ताबड़तोड़ चुदाई होने लगी.
दस मिनट चोदने के बाद भाभी का शरीर अकड़ने लगा.
वो जोर से बोलीं- आह आशु मैं गई … उन्न आन्न्न …
भाभी झड़ गईं और निढाल होकर फ़ैल गईं.
मैं तब भी नहीं रुका और लगातार शॉट लगाए जा रहा था.
मैंने बोला- मोना मेरी जान, आज जाकर मिली हो … मेरा मन नहीं भरा है.
भाभी बोलीं- जान आज तुम अपना मन और मेरी चुत दोनों भर लो.
मैंने उनको गोद में बिठाया और उठा उठा कर चोदने लगा.
वो फिर से चार्ज हो गई थीं और अपनी गांड हिला कर चुदने लगी थीं.
तभी भाभी ने जोर से मुझे कसके पकड़ लिया और दुबारा झड़ गईं.
मैंने उनको लिटा दिया और जोर जोर से शॉट मारने लगा.
इस बार वो कराहने लगीं- आह आह आह प्लीज़ आशु बस रुक जाओ … मेरी चुत फट रही है!
मगर मैंने एक नहीं सुनी और भाभी को चोदता रहा.
फिर वो एकदम से जोर से चीख पड़ीं- आ मर गयी बाबू …
वो तीसरी बार कांपती हुई टांगों से झड़ गईं.
अब मेरा भी होने वाला था.
देर तक चोदने के बाद मैंने खुद को मन ही मन बहुत रोका लेकिन अब मैंने अपने लंड का लावा उनकी चुत में डालने का मन बना लिया था.
मैंने बिना रुके तेज़ तेज़ झटके लगाना शुरू कर दिए और बोलने लगा- मोना मेरी जान … आज तो मजा आ गया … पूरे 5 साल की प्यास बुझ गयी मेरी.
ये बोलते बोलते मैं भाभी की चुत में झड़ गया.
मेरे झड़ जाने के बाद भाभी हंस कर बोलीं- आज जो सुख आपने दिया है देवर जी, आगे भी देते रहना.
मैंने कहा- जरूर भाभी जी … आपके लिए मैंने इतना वक़्त निकाल दिया, अब पूरी जिंदगी वक़्त दूंगा … और पूरी जिंदगी मजा दूंगा.
हम दोनों नंगे एक दूसरे से लिपट कर सो गए.
फिर रात में मैंने भैया के खेत पर जाने के बाद पूरी रात भाभी की गांड मारी.
मेरी हिंदी में भाभी की चुदाई कहानी अच्छी लगी होगी? मेल जरूर करना.
आपका प्यारा आशीष
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