गर्लफ्रेंड की चुदासी सहेली को चोदा
(Girlfriend Ki Chudasi Saheli Ko Choda)
अन्तर्वासना के सभी लेखकों और पाठकों को मेरा यानि प्रेम प्लेबोय का और उसके खड़े लण्ड का सलाम।
यहाँ मेरी कहानियाँ प्रकाशित होने के बाद मुझे कई फ़ैन मेल मिले, और आपसे मिले इस ‘प्रेम’ के लिये मैं आपका शुक्रिया करना चाहता हूँ और उम्मीद करता हूँ कि आप ऐसे ही मुझ पर अपना प्यार लुटाते रहेंगे।
अब मैं कहानी पर आता हूँ!
जैसा कि आप सब जानते हैं कि एक बार अगर चुदाई का चस्का लग जाये तो यह हालत होती है कि ये दिल मांगे मोर।
सॉरी, या फ़िर कहना चाहिये, ये लण्ड मांगे मोर।
मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ, मैं कई लड़कियों और भाभी को चोद चुका हूँ।
और जैसा कि आपने मेरी पिछली कहानी ‘तलाकशुदा फ़ुद्दी की प्यास बुझाई‘ में पढ़ा, मैं और सुमन अक्सर चुदाई का खेल खेलते।
पर उसकी जॉब की वजह से हमें कभी कभी ही मौका मिलता था तो चुदाई की पूर्ति लिये अपने घरके पास एक गर्लफ़्रेन्ड पटा रखी है, उसका नाम है सोनिया।
हम जब भी मौका मिलता है चुदाई कर लेते हैं, पर आज की कहानी उसकी चुदासी सहेली पूजा के बारे में है।
चुदासी पूजा के बारे में आपको बताऊँ तो वो ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ती है और कमाल के हुस्न की मालकिन है।
बेहद सुन्दर, और उसके बदन की तो क्या बात करूँ दोस्तो, एकदम कातिल, अपनी उम्र के मुकाबले उसके स्तन बड़े है, उसका फ़िगर लाजवाब है, उठे हुए चूतड़ और नाजुक कमर… हाय !!
हालाँकि वो चश्मा लगाती है, पर चशमे में वो और भी सेक्सी लगती है।
मेरी गर्लफ़्रेन्ड की माने तो उसके बहुत से बोयफ़्रेन्ड हैं। बेशक उसके बोयफ़्रेन्ड होंगे, भला इतने हॉट चुदासी माल के पीछे लड़के पागल क्यों ना होंगे।
पर मुझे उन सब से कुछ लेना देना नहीं था।
अपनी गर्लफ़्रेन्ड के ना होने पर मैं उससे काफ़ी फ़्लर्ट करता था, उसे इससे कोई एतराज़ नहीं था।
कभी कभी मस्ती मजाक में कई बार उसके अंगों को छू लेता था पर वो इसका कभी कोई विरोध नहीं करती थी।
वो भी मेरे घर के पास ही रहती है, और सोनिया की सहेली होने की वजह से और घर के इतने पास रहने की वजह से वो मेरी भी अच्छी दोस्त बन गई थी।
वो अपनी दादी और छोटे भाई के साथ रहती थी, वैसे मैं अक्सर उसके घर नहीं जाता था, पर काफ़ी पास रहने की वजह से उसकी दादी कभी-कभी मुझसे छोटा-मोटा काम कराती थी जैसे रिचार्ज करवाना, बिल भरना वगैरा।
पूजा और मेरी गर्लफ़्रेन्ड पक्की सहेलियाँ हैं तो आपस में सारी बातें शेयर करती हैं, मतलब पूजा हमारे बारे में सब कुछ जानती थी।
यह बात उस समय की है जब वडोदरा में कोमी हुल्लड़ की वजह से माहौल कुछ गरमाया हुआ था।
इसलिये पूजा की दादी उसको स्कूल या ट्यूशन क्लास अकेली नहीं जाने देती थी, वो उसको लेने और छोड़ने जाती थी।
पर एक दिन उसकी की दादी को गाँव जाना था कुछ काम से, वो उसके भाई को भी साथ ले जा रही थी, पर पूजा की ट्यूशन क्लास होने की वजह से उसे नहीं ले गई।
उसकी दादी उसे अकेले क्लास जाने देना नहीं चाहती थी, तो उन्होंने मुझे उसे क्लास छोड आने को कहा।
उसका क्लास दोपहर तीन बजे का था,मेरे टाइमिंग सेट हो रहे थे तो मैंने भी हामी भर दी।
उस दिन उसने मुझे दो-तीन बार याद दिलाया की मुझे उसे क्लास छोड़ने जाना है।
पौने तीन बजे मैं उसके घर गया तो दरवाजा खुला था, मैं चुपके से अन्दर गया और उसके कमरे में पहुंचा।
वो तैयार हो रही थी, अपने बाल संवारने में लगी थी।
मैं धीरे से उसके करीब गया और उसे जोर से आवाज़ लगाई।
वो चौंक गई, फ़िर हम दोनो हँसने लगे।
मैं बेड पर जाकर बैठ गया, मैं बिना जूते निकाले आया था, उसने मुझे बाहर निकालने को कहा पर मैंने उसकी नहीं सुनी।
वो फ़िर तैयार होने लगी।
मैं उसको गौर से देखने लगा, उसने जामुनी रंग का चुस्त सलवार-कुरता पहना था, उसकी फ़िगर एकदम सेक्सी दिख रही थी।
मैं तो जैसे उसकी खूबसूरती में खो गया और अनजाने में मेरे मुँह से सीटी निकल गई।
वो मेरी और मुड़ी और मुस्कुराई।
मुझे होश आया कि मैंने क्या किया तो हड़बड़ा गया।
उसने पूछा- क्या हुआ??
‘कुछ नहीं।’ मैंने जवाब दिया- और कितना तैयार होओगी, बेचारे लड़कों पर कुछ तो दया कर !
मैंने बात पलटकर उसे छेड़ते हुए कहा और खड़ा होकर दीवार पर लटकी तस्वीरें देखने लगा।
‘इतनी ही सुन्दर लगती हूँ तो अपनी गर्लफ़्रेन्ड क्यों नहीं बना लेते?’ उसने इतराते हुए कहा।
‘हाँ पर तुम मेरे टाईप की नहीं हो।’ मैंने बिना मुड़े जवाब दिया।
मैं बस उसको छेड़ रहा था।
‘अच्छा, तो तुम्हारा टाईप क्या है?’ आवाज़ बहुत करीब से आई थी।
मैं पीछे मुड़ा तो वो वहीं खड़ी थी।
पीछे से मुझे दिखाई नहीं दिया था, उसने बड़े गले वाला कुरता पहना था, उसके स्तन के बीच की खाई दिख रही थी।
‘यह तो तुम्हें और मुझे भी पता है कि तुम सोनिया से प्यार नहीं करते, मुझे पता है तुम्हारा टाईप क्या है, ज़रा देखो मेरी ओर, कुछ कमी है क्या मुझमें?’ उसने जारी रखा।
उसकी ऐसी बातों ने मेरी अन्तर्वासना जगा दी, मेरे लौड़े में हलचल शुरू हो गई।
मेरी नज़र बार-बार उसके स्तनों के बीच की खाई पर जा रही थी, मेरी धड़कने आसमान छू रही थी।
वो मेरे काफ़ी करीब थी और उसके और मेरे होंठों के बीच ज्यादा अंतर नहीं था, मैंने जल्दी से उसके होठों का एक चुम्मा ले लिया।
मैं दीवार से सटकर खड़ा था, वो मेरे पंजों पर पैर रखकर खड़ी हो गई।
अब उसके चूचे मेरी छाती को छूने लगे थे, मैं उसकी साँसें महसूस कर सकता था जो काफ़ी तेज चल रही थी।
मैं दोनों हाथों से उसकी कमर को पकड़ कर उसको सहारा देने लगा।
मेरी साँसों से उसका चश्मा धुँधला हो गया, तो मैंने उसका चश्मा निकाल दिया और बैड पर फ़ेंक दिया।
और फ़िर हमारे होंठ मिल गये।
मैं बारी-बारी उसका ऊपर और नीचे का होंठ चूस रहा था, वो भी मेरा साथ दे रही थी।
मेरे हाथ उसकी कमर पर रेंगने लगे, और जाकर उसके चूतड़ों पर ठहर गये और उसके नितंबों को निचोड़ने लगे।
मेरी इस हरकत ने उसे और उत्तेजित कर दिया, वो चुदासी मुझे और जोर से चूमने लगी।
हमारे होंठ अलग हुए तो मैं उसकी गर्दन पर चूमने लगा, वो सिसकारियाँ लेने लगी।
मैंने उसे पलट दिया और उसके स्तनों का मर्दन करने लगा, वो और जोर से चुदासी सिसकारियाँ लेने लगी।
पर फ़िर उसे ध्यान आया की दरवाजा खुला है और नीचे का गेट भी खुला पड़ा है।
वो मुझ से अलग हुई और जाकर अच्छे से सब लॉक कर दिया।
वो नीचे गेट लॉक करने गई तब तक मैंने अपने जूते निकाल दिये, वो जल्दी वापस आ गई और आते ही मुझसे लिपट गई।
हम किस करने लगे, और चूमते चूमते ही बैड में गिर गये, मैं उपर था और वो मेरे नीचे।
उसके मम्मे मेरी छाती और उसके बीच पिचक रहे थे और उसकी गोलाईयाँ कुरते से बाहर आ रही थी।
मैं थोड़ा नीचे हुआ और उसके चूचों की गोलाईयों को चाटने लगा, उसने आँखें बंद कर ली।
फ़िर मैं उठा और अपनी शर्ट और गंजी निकाल दी।
उसने भी अपना कुरता उतार फ़ेंका।
वो ब्राउन रंग की ब्रा में थी, मैंने झट से उसके सलवार का नाड़ा खोला और नीचे सरका दिया और उस पर लेट गया।
‘तो तुम्हें यह तो पता चल ही गया होगा कि मैं कितनी अच्छी गर्लफ़्रेन्ड बन सकती हूँ?’ उसने लेटे हुए पूछा।
‘पहले मुझे यह तो साबित करने दो कि मैं कितना अच्छा बॉयफ़्रेन्ड बन सकता हूँ।’ मैंने उसे आँख मार कर कहा।
और ब्रा के ऊपर से ही उसके मम्मे दबाने लगा।
‘हाँ प्लीज, जरूर करो, जल्दी करो, अब तक तुम्हारे बारे में सिर्फ़ सुना है, करके दिखाओ ना।’ उसने कहा।
‘सुना है? कहाँ?’ मुझे लगा की वो अन्तर्वासना की कहानियों के बारे में बात कर रही है।
पर क्या उसको मेरी कहानियों के बारे में पता है?
मैं थोड़ा कन्फ़्यूज़ हुआ।
‘सोनिया मेरी बेस्टफ़्रेन्ड है, वो मुझसे कुछ नहीं छुपाती, वो अक्सर मुझे तुम दोनों के बीच हुए रोमान्स की कहानी मुझे सुनाती है।
तब से मैं भी चाहती थी कि तुम मुझसे भी प्यार करो, आज ऊपर वाले ने मेरी सुन ली।’
उसका जवाब सुनकर मुझे अचानक ख्याल आया कि पूजा सोनिया को ये सब बता ना दे।
‘और अगर सोनिया को हमारे रोमान्स का पता चलेगा तो?’ मैंने पूछा।
‘कैसे पता चलेगा? मैं तो बताऊँगी नहीं, और तुम मुझे इतने बेवकूफ़ नहीं लगते कि अपनी गर्लफ़्रेन्ड को ये सब बताओ।’ उसने बिन्दास जवाब दिया।
और मुझे अपनी ओर खींचने लगी।
मैं भी सब कुछ भूलकर वापस उस पर चढ़ गया और उसके होंठ चूसने लगा।
मुझे लगा जैसे वो अपनी जीभ मेरे मुँह में डालने की कोशिश कर रही है, तो मैंने भी मुँह खोल कर उसकी जीभ का स्वागत किया।
मैं उसकी जीभ को चूसने लगा, फ़िर मैंने भी अपनी जीभ बाहर निकाली और उसके मुँह में दे दी।
यह सिलसिला काफ़ी देर तक चला, हमारी जीभें आपस में खेल रही थी।
तो दूसरी तरफ़ मेरे हाथ अपना जादू चला रहे थे।
उसने खुद ही अपनी ब्रा का हुक खोल दिया था और मेरे हाथ उसके नंगे चूचे मसल रहे थे।
अब मैं थोड़ा सा नीचे हुआ और बारी-बारी उसके दोनों मम्मों को चूसने-चाटने और काटने लगा, वो पागल होने लगी।
फ़िर जब मैंने उसकी चूत पर हाथ रखा तो वो उछल पड़ी, उसकी काली पेन्टी पूरी गीली हो चुकी थी, और मस्त खुश्बू छोड़ रही थी।
उसकी सलवार अभी भी टांगों में फ़ंसी थी, वो मैंने निकाल दी।
अब मैंने अपनी जीन्स निकाल दी और जैसे ही कच्छा निकाला तो मेरा लण्ड उछल कर सामने आ गया।
उसने जल्दी से मेरे लौड़े को पकड़ लिया और हिलाने लगी।
‘चूसना चाहोगी?’
मेरे पूछते ही उसने नीचे जाकर मेरा लण्ड अपने मुँह में भर लिया और आगे पीछे करके चूसने लगी।
उसके चूसने के अंदाज़ से पता चलता था कि वो कितनी खेली खाई है।
मैं आराम से लेटकर उसकी चुसाई का आनन्द ले रहा था, मेरे मुँह से भी आनन्द भरी की सिसकारियाँ निकल रही थी।
और जब मुझे लगा कि मैं छुटने वाला हूँ, मैंने उसे इशारे से बता दिया, उसने लण्ड मुँह से निकाला और हिलाने लगी, मैं झड़ गया।
उसने फ़िर से लण्ड चूसना चालू किया, मेरा लौड़ा फ़िर से सख्त होने लगा।
मैं खड़ा हो गया और वो लेट गई।
मैंने उसकी पैन्टी भी निकाल दी, फ़ूली हुई क्लीन शेव्ड चूत मेरे सामने थी।
‘तो क्या सोनिया ने यह भी बताया था कि मुझे क्लीन शेव्ड चूत पसंद है?’ मैंने उसकी चूत पर हाथ फ़िराते कहा।
‘नहीं, मुझे साफ़ रखना ही पसन्द है।’ उसने भी अपनी चूत पर हाथ फ़िराया।
फ़िर मैं उसके पीछे लेट गया और पीछे से उसकी चूत की दरार में अपना लण्ड का टोपा रगड़ने लगा।
वो आहें भरने लगी, फ़िर मैं लौड़े पर दबाव बनाते हुए चूत के अंदर लौड़ा घुसाने लगा।
उसकी चूत की गर्मी मैं लण्ड पर महसूस कर रहा था, लग रहा था जैसे लौड़ा गर्म भट्टी में डाल दिया हो।
उसने चादर को मुट्ठियों में कस कर पकड़ लिया क्योंकि मैंने बहुत प्यार से लण्ड अंदर डाला था वो चिल्लाई नहीं थी, बस उम्म्म्म्म आआह… आआआआ… ऊऊऊह्ह… ऊऊ… ऊउह्ह्ह की आवाज़ें निकाल रही थी।
जब लण्ड पूरा अंदर चला गया तो मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरु किये और धीरे धीरे स्पीड बढ़ाता चला गया।
मेरे हर धक्के के साथ उसकी आहहह ऊऊह्ह की आवाज़ आ रही थी जो मुझे और जोशीला बना रही थी।
कुछ देर में वो झड़ गई, पर मेरा नहीं हुआ था तो मैं धक्कापेल में लगा था, कुछ देर बाद मैं भी बाहर झड़ गया और उसकी बगल में लेट गया।
‘मुझे हैरानी है कि तुमने क्लास में बंक किया।’ मैंने उसे छेड़ते हुए कहा।
‘मुझे खुशी है कि मैंने क्लास बंक करी…’ उसने मुझे गले लगा लिया।
फ़िर मैंने कपड़े पहने और उसको लंबी फ़्रेन्च किस करके निकल आया।
उसके बाद वो कभी कभी स्कूल-क्लास बंक करती और हम कहीं गार्डन में या थियेटर में चूमा-चाटी-चुसाई या मौका मिलने पर चुदाई भी करते।
आगे मैंने सुमन और पूजा दोनों को साथ में चोदा, अब उनको मैंने कैसे मनाया और क्या हुआ उसके लिये आपको इन्तज़ार करना होगा मेरी अगली कहानी का।
तब तक अन्तर्वासना की कहानियों का मजा लेते रहिये और अपने चूत-लण्ड का पानी बहाते रहिये।
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