पड़ोसन और उसकी कमसिन कुंवारी लड़की को चोदा- 1
(Garam Bhabhi Xxx Kahani)
गरम भाभी Xxx कहानी में मेरे पड़ोस में एक माल भाभी रहती है. मैं उसे चोदना चाहता था और वह भी अपने बूढ़े पति से खुश नहीं थी. एक बार मैं सो रहा था कि वह मेरे कमरे में आ गयी.
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम राज है. मैं 40 साल का हूँ.
मेरी एक कहानी
सपने में साली की जवान बेटी को चोदा
चार साल पहले प्रकाशित हुई थी.
आज आपको अपनी नई सेक्स कहानी सुना रहा हूँ.
यह गरम भाभी Xxx कहानी मेरे पड़ोसी 53 साल के राम शंकर की है.
उसकी बीवी 43 साल की और 80 साल की माँ हैं.
उसकी बीवी 43 की उम्र में भी गज़ब की माल दिखती है. उसकी कमर 30 इंच की है और चूतड़ 36 इंच के हैं.
एकदम कसा हुआ बदन है.
सबसे ज्यादा तो उसके हाहाकारी चूचे हैं जो 34 इंच के हैं.
उसकी चूचियों का जोर इतना गजब का है कि खुले गले के ब्लाउज से पूरे के पूरे दूध बाहर आने का जोर लगाते हैं.
जब वह चलती है … आहा … उसकी मटकती हुई गांड को देख कर मुठ मारने का मन करता है.
उसके चूतड़ जब ऊपर नीचे होते हैं तो उसकी गांड में लंड डालने का मन होता है.
उसकी उम्र इतनी लगती नहीं है. वह आज भी 34 या 35 साल की लगती है.
उसका पति उससे 10 साल बड़ा तो है ही, साथ में मधुमेह का रोगी भी है.
इन दोनों को 2 लड़कियां और एक लड़का है.
लड़के का नाम अरमान है जो 20 साल का है.
एक लड़की 22 साल की और है उसका नाम माया है. दूसरी लड़की 19 साल की दिव्या है.
बड़ी बेटी की 2 साल पहली शादी हो गई है.
अब पड़ोसी के घर में 4 लोग ही रह गए हैं.
मेरा यह पड़ोसी राम शंकर जोशी एक कार ड्राइवर है.
उसकी बालकनी और मेरी बालकनी आपस में खुली हैं जिससे हम एक दूसरे के घर आराम से आ जा सकते हैं.
हम दोनों की अच्छी बनती थी.
संडे को पीना खाना साथ में ही हो जाता था.
इसी के चलते उसकी बीवी और मेरे बीच नैन मटट्का चालू हो गया था.
एक बार राम शंकर अपने बॉस को लेकर शिमला गया था.
वह एक हफ्ते के लिए गया था.
यह गर्मी के दिनों की बात थी.
उस रात में एक बजे का समय हो रहा था.
मैं अपने कमरे में कूलर लगा कर सो रहा था.
तभी मुझे अहसास हुआ कि कोई मुझे अपनी बांहों से कसके जकड़ रहा है.
मेरी आँख खुल गई और देखा तो जोशी की बीवी अंजलि थी.
उसके बालों से भीनी भीनी सी खुशबू आ रही थी.
अब मैंने भी उसके माथे से हाथ फेरना शुरू किया तो पीठ से होते हुए उसके चूतड़ों पर रुक गए.
वह भी मेरे सीने से हाथ फेरती हुई मेरे लंड पर रुक गई.
वह मेरे लंड को सहलाने लगी.
मैं भी उसके चूतड़ों को प्यार से सहला रहा था.
उसके मुँह में मुँह देकर मैं उसे किस करने लगा.
साथ ही मैं अपने एक हाथ से उसकी चूचियों को भी मसल रहा था.
दूसरे हाथ को उसकी गांड पर फेरते हुए मैंने छेदे में उंगली डाल दी.
वह सिसक उठी और मेरे सीने से अपने चूचे चिपका कर सट गई.
वह खाली नाईटी पहन कर आई थी. अन्दर से कुछ नहीं पहना था.
मैंने भी खाली कच्छा पहन रखा था.
मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया था.
मैंने कच्छे को उतार कर दूर फेंक दिया.
कच्छा हटाते ही मैंने उसकी नाईटी को भी उतार दिया.
अब हम दोनों नंगे हो गए थे.
मैंने उसकी सुडौल चूचियों को चूसना शुरू कर दिया.
उसके चूचे रस भरे थे.
चूचों के साथ साथ मैंने अपनी एक उंगली अंजली की चुत में डाल दी.
वह चुदास से पागल हुई जा रही थी.
कुछ ही देर में वह उठी और अब उसने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया.
मैं उसकी चुत में उंगली अन्दर बाहर कर रहा था.
उसकी चुत से पानी निकल रहा था.
वह बोली- मेरे राजा, मेरी चुत में जल्दी से लंड डाल दो मेरी चुत की आग को शांत कर दो मेरी जान, आज तक ऐसा लंड मेरी बुर में नहीं घुसा … आह जल्दी से मेरी चुत की खुजली ठंडी कर दो.
मेरा भी लंड तना हुआ था.
मैंने पोज सैट किया और एक झटके में अपना लंड उसकी चुत में घुसेड़ दिया.
उसकी आह निकल गई- ऊइ माँ मार डाला … इतना मोटा लंड … आह ई ई मर गई.
मैं जोर जोर से अपना लंड अन्दर कर रहा था और वह चिल्लाये जा रही थी- उई ई माँ मार डाला … इसके मोटे लंड ने मेरी चुत फाड़ डाली आह ई ई ई!
अब मैंने उसकी टांगें अपने कंधों पर उठा कर रख लीं और अपना पूरा लंड उसकी चुत घुसा कर उसकी चुत को भोसड़ा बनाने के काम में जुट गया था.
उसकी ‘आह वाह सीस ऊ ऊ आई मज़ा आ गया राजा जी … आह चोदो मुझे और जोर से चोदो. बहुत दिन बाद ऐसा मज़ा मिल रहा है आह और जोर जोर से पेलो’ आवाज मुझे हर पल उत्तेजित कर रही थी.
उसकी चुत से बहुत पानी निकल रहा था.
छ्प छ्प की आवाज़ से कमरा गूंज रहा था.
दस मिनट तक मैं अंजली भाभी को तेज तेज चोदता रहा, इससे उसकी कामुक आवाजों से पूरा कमरा गूंज रहा था.
मेरा पूरा लंड उसकी चिकनी चुत का मज़ा ले रहा था और वह भी नीचे से चुत को उठा उठा कर दे रही थी.
हम दोनों का मज़ा पूरे उफान पर था.
तभी मैंने जोर का झटका मारा और अपने लौड़े का सारा माल उसी की चुत में उड़ेल दिया.
उसका भी बहुत सारा पानी निकला.
उसने मुझे बहुत जोर से अपनी बांहों में भर लिया.
थोड़ी देर बाद उसने मेरा लंड वापस खड़ा कर दिया.
मैंने इस बार उसे घोड़ी बनने को कहा, तो वह झट से घोड़ी बन गई.
मैंने लंड पर तेल लगाया और उसकी गांड में आराम आराम से पेल दिया.
वह ‘आअह् आई ईई मर गई … आह आराम से करो!’ कहे जा रही थी.
मैंने जोर जोर से गांड मारनी शुरू कर दी तो उसको गांड मराने में मज़ा आने लगा था.
वह हुछुक हुछुक कर रही थी.
मैं उसकी चुत को उंगली से मसलमने लगा तो वह बौखला गई और मजे से गांड हिलाती हुई चुत रगड़वाने लगी.
थोड़ी देर बाद हम दोनों झड़ गए.
हम एक दूसरे की बांहों में थे.
थोड़ी देर बाद मैंने उससे अपने ऊपर से आने को कहा.
मेरा लंड खड़ा था.
उसने चूसना शुरू कर दिया.
वह मेरे पूरे लंड को मुँह में लेकर चूस रही थी, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
वह मेरे गोटे भी दबा दबा कर चूस रही थी.
कुछ ही देर में मेरा लंड पूरा तन गया था.
अब वह तेज तेज लंड चूसने लगी तो मुझे पहले से मज़ा आने लगा था.
मैं उसके दूध पकड़ कर उससे कहे जा रहा था- आह साली रांड … और तेज तेज चूस और तेज चूस बहन की लौड़ी रांड … आज तो तू खुद से चुदाने आई है ना मेरे पास तो आज तेरे मुँह में ही अपने लंड का सारा माल डाल दूँगा … बहुत हिम्मती है तुझ में … जो इतनी रात को मेरे कमरे में आ गई. आज तो पूरा लंड तेरे हलक तक दूँगा साली कुतिया. आह चूस मां की लौड़ी!
वह भी मुँह से लंड निकाल कर मेरी आँखों में आंखें डालती हुई गाली देकर बोली- डाल न मेरे राजा … पूरा डाल ना भोसड़ी के … अब तो रोज तेरे लौड़े से ही चुदाऊंगी. मेरे बूढ़े पति के लंड से मुझे मज़ा ही नहीं मिलता. वैसे भी साला बुढ़ऊ 3 या 4 महीने में एक बार लेता है मेरी. मैं तुझे देखकर अपनी चुत में कभी उंगली डालती हूँ तो कभी खीरा से चुत की आग बुझाती हूँ. तू चुतिया मेरे इशारे समझता ही नहीं कुत्ते!
अब मेरा लंड भी उसके मुँह में ही बरस गया.
उसका मुँह मेरे वीर्य से भर गया.
वह बड़े मज़े से आधा माल अपने मुखड़े पर पर लगाने लगी और बाकी का दही गटक गई.
अब एक सप्ताह तक हर रात हम दोनों की 3-4 बार चुदाई होती.
कभी मैं उसकी गांड मारता, कभी वह लंड चूसती.
अब तो उसे मेरे लंड से गांड मराने में ज्यादा मज़ा आने लगा था.
एक रात को वह जब आयी, मैं तो नंगा लेटा था.
तब रात के 2 बज रहे थे.
वह बिंदास आई और अपनी नाईटी को उतार कर झट से मेरे लंड के ऊपर आ गई.
मेरा लौड़ा भी खड़ा था, सीधे उसकी चुत में घुसता चला गया.
मैंने भी पेलने में देरी नहीं की, मैं उसकी चुत में जोर जोर के झटके मार रहा था.
मेरा पूरा लंड उसकी चुत को चीरता हुआ उसके गर्भाशय को छूता हुआ अन्दर बाहर हो रहा था.
गरम भाभी Xxx मस्ती में चिल्ला रही थी- आह आ मज़ा कर दिया राजा … मेरी चुत का भोसड़ा बन गया रे आह उउ उफ्फ मेरी चुत का भोसड़ा बना दे साले … मेरा बूढ़ा पति कुछ नहीं कर पाता है, मैं चुत में उंगली डाल कर अपना काम पूरा करती हूँ. आह चोद डाल मेरे राजा!
मैं जोर जोर के झटके मारने लगा और कुछ देर बाद मैंने उसकी चुत में अपने लंड का सारा रस डाल दिया.
तभी मुझे लगा कि खिड़की से हम दोनों को कोई देख रहा था.
मैंने उससे कहा- कोई हम दोनों को देख रहा है.
वह भी चौंक गई और चादर से लिपट गई.
मैंने जल्दी से कच्छा पहना और दरवाजा खोल कर देखा तो बाहर कोई नहीं था.
रात का सन्नाटा पसरा हुआ था.
फिर मैं अन्दर गया.
मैंने उससे कहा कि तेरी सास तो सोई थी ना!
वह बोली- हां सोई तो थी … और दिव्या भी सोई थी.
मैं कहा- तो कौन था?
वह बोली- अरे तुम्हें वहम हुआ होगा. चलो आओ कबड्डी खेलते हैं.
मेरा लंड तो खड़ा ही था, मैंने आव देखा ना ताव और उसके ऊपर फिर से चढ़ गया.
मैंने अंजली भाभी की दोनों टांगों को हवा में खड़ी कर दिया और लंड की पिलाई शुरू कर दी.
अब मैं और भी जोर के झटके मार रहा था.
वह कराह रही थी- उउह ओऊ उईई मर गई!
आज उसकी चुत से बहुत पानी निकल रहा था.
मैंने अपने लंड के झटके और तेज कर दिए.
ऊऊऊ आई आईईई और फछ् फच् की आवाजें कमरे में गूंज रही थीं.
अब मेरा लंड अपने चरम पर था तो मैंने उसकी गांड में लंड डाल दिया.
उसकी टाईट गांड पर जोर जोर के झटके मारे और सारा का सारा माल उसी की गांड में समा गया.
तभी किसी की कदमों की आवाज मेरे कानों में पड़ी.
मैंने एक झटके में अपना लंड उसकी गांड से निकाला.
वह चिल्लाई, उसको शायद तेज दर्द हो गया था.
मैं एकदम से बाहर आया तो एक साया सा अंजलि की घर की तरफ गया था.
वह कोई न कोई तो था.
मैं अन्दर आ गया.
अंजलि बेड पर लेटी हुई थी.
उसने कपड़े पहने और एक जोर का किस देकर बोली- कल मेरा बूढ़ा घोड़ा आ रहा है. अब संभल कर चुदाई करनी होगी मेरी जान!
अब हम कभी कभार ही मिलते थे, कभी कभी चूमा चाटी हो जाती थी.
काफी दिन हो गए थे.
एक बार उसका खसम सुबह बाइक से ड्यूटी जा रहा था.
रास्ते में कोई कार वाला उसको टक्कर मार गया.
लोगों ने बाइक और राम शंकर को साइड किया.
मेरे पास अंजलि का कॉल आया- मेरे हस्बैंड का एक्सीडेंट हो गया है. आप जल्दी घर आ जाओ.
मैं बाइक लेकर घर पहुंचा.
अंजलि को बाइक पर बिठा कर हस्पताल पहुंचा.
उसका बेटा भी अपने पापा को कार में ले कर अस्पताल पहुँच गया था.
तब तक डॉक्टर ने बोल दिया था कि इनकी टांग की हड्डी टूट गई है. अब इनका ऑपरेशन करके रॉड डालनी होगी.
तब तक उसकी बड़ी बेटी और दामाद भी पहुँच गए.
फिर उसका ऑपरेशन हो गया. टांग में रॉड डाली गई.
ऑपरेशन के बाद उसकी बड़ी बेटी माया अपने पापा मम्मी को अपने घर ले गई क्योंकि राम शंकर के घर में इंग्लिश टॉयलेट नहीं थी.
इसलिए वे दोनों वहां चले गए.
अब घर पर राम शंकर की माँ और छोटी बेटी दिव्या ही रह गई थीं.
दोस्तो, अब आगे क्या हुआ वह मैं आपको गरम भाभी Xxx कहानी के अगले भाग में लिखूँगा.
आप बस अपने लौड़े को सहलाते समझाते रहें बाकी आपके कमेंट्स से मुझे संबल मिलता है तो वह जरूर लिखें.
धन्यवाद.
[email protected]
गरम भाभी Xxx कहानी का अगला भाग: पड़ोसन और उसकी कमसिन कुंवारी लड़की को चोदा- 2
What did you think of this story??
Comments