गैर मर्द के लंड का सुख-2

(Gair Mard Ke Lund Ka Sukh- Part 2)

दोस्तो, आपकी अपनी प्यारी सी मुस्कान सिंह मेरी सैक्सी स्टोरी
गैर मर्द के लंड का सुख-1
का अगला भाग लेकर हाज़िर है।

अभी तक आपने पढ़ा कि मैं शादी के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए एक गाँव में आई और कैसे मेरी सेटिंग किशोर से हो गई. मगर अभी हम दोनों के बीच कुछ भी नहीं हुआ था।

शादी की अगली सुबह मेरे पति को वहां से जाना था क्योंकि उनकी इतने दिनों की छुट्टी नहीं मिली थी। और एक और शादी थी जिसके लिए मुझे वहां पर रुकना था।
अगले दिन दोपहर में 1 बजे मेरे पति चले गये।

अब मेरे सामने एक दिक्कत यह भी थी कि क्या मैं अकेली किशोर जी के यहाँ रह पाती हूँ या नहीं। क्योंकि मेरी बुआ ने मुझसे कह दिया था कि अब तुम यही अपना सामान ले आओ, अब वहां अकेली कैसे रह पाओगी।
पर तो मैं इसी जुगत में लगी रही कि कैसे भी कर के मुझे वहीं सोने के लिए इजाजत मिल जाये।

तो मैंने अपनी बुआ से कह दिया- बुआ, यहाँ अभी बहुत भीड़ भाड़ है. और यहाँ पर बाथरूम की भी परेशानी है तो क्यों न मैं वहीं रह जाऊँ।
कुछ सोच विचार के बाद बुआ ने अपनी इज़ाज़त दे दी।

मन ही मन तो मैं बहुत खुश हुई क्योंकि एक नए आदमी के साथ मजा करने का मौका जो मिल गया था।
और फिर तो पूरा दिन इसी इन्तजार में रही कि कब रात हो और मैं वहां जाऊँ।

मुझे वहां अभी भी 8-9 दिन रुकना था तब तक तो रोज मैं अपनी ख्वाहिश पूरी कर सकती थी।
एक बात कहूँ दोस्तो … उस वक्त सच में मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मैं पहली बार चुदाई करने वाली हूँ। एक नए मर्द के सामने पहली बार नंगी होना सच में एक अलग ही मजा रहता है।
उसमें वासना लाज शर्म सब कुछ होता है।

किसी तरह से दिन बीता और शाम हुई। साढ़े आठ बजे तक सब ने खाना खा लिया और वहां कुछ काम निपटाने के बाद साढ़े नौ बजे मैं किशोर के घर के तरफ सोने चल दी।

जाते वक्त मेरी बुआ ने कहा- अगर किसी को साथ में ले जाना हो, तो ले जा।
मैंने तुरंत ही कहा- नहीं बुआ, वहां मुझे कोई परेशानी नहीं है. आप चिन्ता मत कीजिये.
और फिर मैं चल दी।

कुछ ही देर में मैं वहां पहुंच गई, दरवाजा बंद था तो मैंने घन्टी बजाई। कुछ ही देर में किशोर जी ने दरवाजा खोला, मुझे सामने देख उनके चेहरे पर एक चमक सी आ गई।
उन्होंने मुझे अन्दर बुलाया और दरवाजा बंद कर दिया.

वो मेरे पास आकर बोले- मुझे लगा कि तुम आज नहीं आओगी क्योंकि तुम आज अकेली जो हो.
मैंने कहा- नहीं, वो बात नहीं है. बुआ कह रही थी कि यहीं रुक जा … मगर मैं खुद आ गई.
“क्यों??”
यह सुनकर मेरे होंठों पे मुस्कान आ गई, बिना कुछ बोले ही वो सब समझ गए।

इतने में मैं अपने कमरे की तरफ जाने लगी.
वो तुरन्त ही मेरा हाथ पकड़ते हुए बोले- आज अगर तुम यहीं मेरे कमरे में सो जाओ तो कोई परेशानी है क्या?
मैं बस सर नीचे किये खड़ी थी।

वो मेरे पास आ गए और अपने हाथ से मेरे गालों को सहलाते हुए बोले- तुमको कोई दिक्कत तो नहीं है ना मेरे साथ?
मैंने ना में अपना सर हिला दिया।

उन्होंने अपना एक हाथ मेरी कमर पे रख कर मुझे अपनी ओर खींच लिया, मेरी आँख अपने आप बंद हो गई और उन्होंने अपने होंठ मेरे होंठ पे लगा दिए।
इतने में तो मेरी वासना की सीमा पार हो गई, मेरे भी होंठ चलने शुरु हो गए।

कुछ ही देर में मेरी साड़ी जमीन में पड़ी थी और मैं ब्लाउज और पेटीकोट में उनसे लिपटी हुई थी। मेरे गहरे गले के ब्लाउज से मेरे दूध बाहर निकलने को तड़प रहे थे। मेरे गदराये बदन को अपने आगोश में लेकर मुझे चूमे जा रहे थे।

मेरी चिकनी पीठ को एक हाथ से सहलाते हुए एक हाथ से पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया तो मेरी पेटीकोट भी मेरे पैरों में जाकर गिर गई।
हम दोनों ही एक दूसरे को जबरदस्त आलिंगन और चूमते जा रहे थे।

कुछ देर बाद उन्होंने मुझे गोद में उठा लिया और अपने बैडरूम की तरफ चल दिए। मुझे बैडरूम में ले जाकर बिस्तर पर लेटा दिए और अपने कपड़े उतार कर मेरे ऊपर आ गए।
उन्होंने मेरे बचे हुए सारे कपड़े उतार फेंके और मेरे बदन पर चुम्बन की बारिश होने लगी।

मेरे दूध को देख तो वो पागल हुए जा रहे थे। जिस तरह मेरे दूध को दबा और चूम रहे थे, उससे मुझे दर्द भी हो रहा था और काफी मजा भी आ रहा था।
कुछ पल में उन्होंने मेरी चूत में अपना मुँह लगा दिया और अपनी जीभ से चूत के अन्दर तक के हिस्से को चाट कर मुझे बहुत ही ज्यादा उतेजित कर दिया।

कुछ देर बाद उन्होंने मुझे घुटनों पर बैठने के लिए कहा और हम दोनों ही अपने घुटनों के बल पर बैठ गए।
अब उन्होंने मुझे अपनी बांहों में ले लिया और और दोनों हाथों से मेरी पीठ को सहलाते हुए मुझे अपने सीने से लगा लिए. मेरे दोनों दूध उनके सीने से जा कर दब गए।

वो मेरे चेहरे पर चूमते जा रहे थे और हाथों से कभी मेरी पीठ कभी मेरी गांड तो कभी मेरी जाँघों को सहला रहे थे। मैंने भी उनका साथ देते हुए अपने हाथ से उनका लंड थाम लिया और आगे पीछे करते हुए सहलाने लगी। उनका लंड ज्यादा लम्बा तो नहीं था मगर सुखविन्दर से ज्यादा मोटा था। बीच बीच में मैं उनके अन्डकोश को भी सहला रही थी।
हम दोनों की ही जबरदस्त सिसकारियाँ निकल रही थी।

दोस्तो, अब तो आलम ये था कि हम दोनों से ही सहन नहीं हो पा रहा था। उन्होंने तुरन्त मुझे बिस्तर पर पटक दिया और एक झटके में मेरे ऊपर आ गए। तुरंत ही मेरे पैरों को फैला दिया और लंड चूत में लगा दिया।
फिर दोनों हाथों से मेरे गालों को थामते हुए मेरे होंठ को चूमते हुए बोले- तैयार हो जान?
“हां!”

Meri Sexy Story
Meri Sexy Story

और उन्होंने एक जबरदस्त तेज़ धक्का देकर अपना पूरा लंड एक बार में चूत में उतार दिया।

“उम्म्ह… अहह… हय… याह… मम्मीईई ईईईईई आआआअह्ह!” और मैं उनके सीने से लपट गई।
उसके बाद तो उन्होंने रुकने का नाम नहीं लिया और मेरी धमाकेदार चुदाई करते रहे।

उनकी चुदाई करने से मुझे झड़ने में ज्यादा समय नहीं लगा क्योंकि मैं पहले से ही बहुत उत्तेजित हो चुकी थी।
मगर वो नहीं रुके और दनादन मेरी चूत चुदाई करते रहे।

कुछ देर के बाद उन्होंने मुझे कुतिया बना दिया और मेरी चूत को पीछे से चोदने लगे। इस बीच मैं दूसरी बार फिर झड़ चुकी थी मगर वो अभी भी मुझे चोदते ही जा रहे थे। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि उनका निकल क्यों नहीं रहा है।

हम दोनों फिर से वही पहली वाली पोजिशन में आ गए और वो अपनी पूरी ताकत लगा कर मुझे चोद रहे थे। मेरी चूत पूरी पानी से लबलबा गई थी और उसमें से फच फच की बहुत ही गन्दी आवाज निकलने लगी।

फिर अचानक से उनकी रफ्तार और तेज़ हुई, उन्होंने मुझे अपने सीने से कस लिया और अपने लंड का पूरा पानी मेरी चूत में भर दिया।
हम दोनों का बदन पसीने से सराबोर हो गया था।

उन्होंने अपना लंड बाहर निकाला और बगल में लेट गए, कुछ देर में ही लंड सुस्त पड़ गया।
कुछ देर के बाद हम दोनों की साँसें सामान्य हुई। हम दोनों यों ही नंगें लेटे हुए बातें करते रहे। और बातों ही बातों में मुझे पता चला कि उन्होंने एक टेबलेट का इस्तेमाल किया था तभी उनका इतनी देर बाद पानी निकला।

उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और अपने लंड पर रख दिया. मैं लंड को सहलाने लगी और कुछ ही देर में वो फिर से तैयार हो गया।
मैं उठी और उनके लंड के पास जाकर उसको चूमने लगी और फिर अपने मुँह में ले कर चूसने लगी।
हम दोनों को ही काफी मजा आ रहा था।

फिर मैं उनके ऊपर चढ़ गई और लंड को अपने हाथ से चूत में सेट करके उस पर बैठ गयी।
और पहले अपनी कमर को गोल गोल चक्कर लगाने लगी फिर उनके ऊपर झुक गई और काफी तेज़ी से लंड अन्दर बाहर करने लगी।
वो भी मेरे दोनों दूध को दबा और चूम रहे थे।
फिर दोनों हाथों से मेरी गांड को थाम लिया जोर जोर से लंड में दबाने लगे।

इस बार भी उनको काफी समय लग रहा था। उन्होंने मुझे खड़े होकर, दीवार से चिपका कर, गोद में लेकर … कई तरह से चोदा।

इतने लम्बे समय तक चुदाई के बाद हम दोनों ही काफी थक चुके थे।
और उस रात हमने बस दो बार ही चुदाई की।

उसके बाद अगले दिन तीन बार और 5 दिन में न जाने कितने बार हम दोनों ने हर रात को चुदाई का मजा लिया। उसके बाद मैं अभी तक वहां नहीं गई और न उनसे मेरी कोई मुलाकात हुई।

दोस्तो, गैर मर्द से मेरी चूत की यह मेरी सैक्सी स्टोरी आपको कैसी लगी? मुझे मेल करके और कमेन्ट करके जरूर बताइये.
और साथ ही मेरी अगली कहानी को और ज्यादा उत्तेजक बनाने के लिए आप अपना सुझाव जरूर शेयर करें।

अपनी अगली सैक्सी स्टोरी के साथ जल्द ही आपसे मुलाकात होगी.
धन्यवाद।
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top