पड़ोसी भैया ने भाभी को चुदवाया

(Cuckold Couple Gandu Husband)

जय बन्ना 2024-06-23 Comments

ककोल्ड कपल गांडू हसबैंड कहानी में मेरे पड़ोस में रहने वाले भैया भाभी का झगड़ा होता था. एक बार उन्होंने मुझे अपने घर बुलाया. वहां क्या हुआ?

आप सभी को नमस्कार, मैं पिछले 3 सालों से अन्तर्वासना से जुड़ा हूँ और यह मेरी पहली सच्ची सेक्स कहानी है.

मैं राजस्थान से हूँ और मेरी उम्र 23 साल है. मेरा नाम जय है.
मेरा लंड किसी शादीशुदा और कुंवारी लड़की को तृप्त करने के लिए पर्याप्त है.

यह ककोल्ड कपल गांडू हसबैंड कहानी मेरे गांव में रहने वाले एक विवाहित जोड़े की है.
भाभी का नाम प्रिया भाभी है, जो मेरे घर से थोड़ा दूर ही रहती हैं.

उन भाभी के बारे में मैं आपको क्या ही बताऊं … वे ऐसी मस्त माल हैं कि उनको देखते ही आपका लंड पानी छोड़ दे.
भाभी की गांड और बड़े बड़े मम्मे ऐसे लगते हैं, मानो वे स्वर्ग से उतरी कोई अप्सरा हों.

मैं पहले आपको उनके पति राजेश भैया के बारे में बता देता हूँ.
वे पेशे से एक प्राइवेट बैंक में मैनेजर हैं, सीधे सादे और एकदम क्लीन शेव रहने वाले हैं.

मैं काफी पहले से ही उनके घर जाया करता था तो भाभी मुझे देखकर हमेशा हंस देती थीं लेकिन मैं कुछ समझ नहीं पाता था.

एक दिन में दोपहर को जब मेरा टीवी खराब था तो मैं मैच देखने राजेश भैया के घर चला गया.

मैंने देखा कि प्रिया भाभी राजेश भैया को बहुत खरी खोटी सुना रही थीं- ये क्या है … तुम ऐसा कैसे कर सकते हो? मेरी जिंदगी खराब करके रख दी.

मैं समझ नहीं पाया कि भाभी की जिंदगी कैसे खराब हो गई.
मुझे लगा कि शायद भैया भाभी को सही से सुख नहीं दे रहे हैं जिसकी वजह से भाभी ऐसा कह रही हैं.

मैंने छिप कर उन दोनों के झगड़े को सुना तो समझ में आ गया कि मामला क्या है.
असल में हुआ यह था कि राजेश भैया को लड़के पसंद थे लेकिन मजबूरी में उन्होंने शादी कर ली.
अब वे भाभी की चुत चुदाई नहीं कर पा रहे थे.

मैंने उस दिन वह सब सुन लिया.
पहले तो मुझे विश्वास नहीं हुआ कि यह मामला भी हो सकता है.

मैं छुप कर उनकी बात सुन रहा था और सोच रहा था कि क्या करूँ.
तभी प्रिया भाभी ने मुझे देख लिया था.

कुछ देर बाद मैं वहां से वापस आ गया और दो दिन तक उनके घर नहीं गया.

तीसरे दिन राजेश भैया का मेरे पापा के पास फोन आया- आज जय को हमारे घर भेज दो, प्रिया ने पिज्जा बनाया है और आज मैच भी है तो हम सब देखेंगे. वह इधर ही सो भी जाएगा.

पापा ने मुझसे बोल दिया- राजेश ने बुलाया है. वहां चले जाना.
मैं चला गया.

मैंने उनके घर की घण्टी बजाई तो राजेश भैया ने गेट खोला.

उस वक्त प्रिया भाभी नहा रही थीं.

मैं और राजेश भैया मैच देखने लगे.

कुछ देर बाद प्रिया भाभी आईं और हम सबने पिज्जा खाया.

मैंने कहा- राजेश भैया, मैं अब घर जा रहा हूँ. काफी रात हो गई है.

उस दिन डे नाइट वाला मैच आ रहा था और उस वक्त रात के बारह बज गए थे.

राजेश भैया बोले- रात के 12 बजे हैं, यहीं सो जाओ. घर पर भी सबकी नींद क्यों खराब करना? तुम टीवी देखो और जब नींद आए तो यहीं सो जाना.
मैंने कहा- ठीक है.

राजेश भैया और प्रिया भाभी अपने कमरे में सोने चले गए.

मैं बाहर सोफे पर टीवी देखते हुए ही सो गया.
रात के 2 बजे अचानक से मुझे ऐसा लगा जैसे कोई मेरे लंड को हाथ लगा रहा है.

मैंने धीरे से आंख खोली तो मैं एकदम से पागल हो गया.
मेरे सामने अप्सरा जैसी सुंदर भाभी मेरे लंड को पजामे के ऊपर से ही अपने कोमल कोमल हाथों से सहला रही थीं.

सच में मैं पागल हो गया था.

फिर उन्होंने मेरे पजामे को धीरे धीरे नीचे किया और मेरा लंड अपने हाथों से पकड़ने लगीं.
मुझे तो ऐसा लग रहा था कि भाभी को इधर ही पटक कर चोद दूँ.

लेकिन मैंने देखा कि राजेश भैया भाभी के पीछे खड़े हैं और सब कुछ देख रहे हैं.
यह देख कर तो मेरी गांड फट गयी.

कुछ पल बाद भैया आगे आए और उन्होंने नीचे बैठकर भाभी के हाथ से लंड लेकर सीधे अपने मुँह में ले लिया.

यह देखते ही मेरे मुँह से आह निकल गयी और उनको पता चल गया कि मैं जाग रहा हूँ.
मैंने भी आंख खोल दी और थोड़े नाटक किए.

भैया समझाने लगे कि वह गे हैं, उनको लड़के पसन्द है. वे भाभी को खुश नहीं कर सकते हैं.

उन्होंने मुझसे मदद मांगी कि मैं भाभी के साथ सेक्स करूँ.
ककोल्ड कपल गांडू हसबैंड से यह सुनकर मेरे मन में तो लड्डू फूटने लगे थे.
मैंने कहा- ठीक है.

अब मैं और भाभी दोनों कमरे में बेड पर आ गए.
भैया पास में सोफे पर बैठ गए और देखने लगे.

मैंने भाभी का काला ब्लाउज खोल दिया.
उन्होंने लाल रंग की ब्रा पहन रखी थी.

उनके मम्मे सच में काफी बड़े बड़े थे … पूछो ही मत यार.

मैंने पहले तो उनके माथे पर किस किया, फिर उनके गुलाबी होंठों को अपने होंठों में लेकर किस करने लगा.

सच में भाभी के होंठ इतने रसीले थे कि मैं दस मिनट तक तो सिर्फ उनके होंठ ही चूसता रहा.

वे भी अपने होंठों को ढीला छोड़ कर मेरे होंठों से अपने होंठों को चुसवाने का मजा ले रही थीं.

एक तरह से मैं भाभी के होंठों को खा रहा था.

उसी वक्त भाभी ने मेरे एक हाथ को उठाया और अपने एक दूध पर रखवा दिया.

मैं उनके मम्मे को मसलने लगा और भाभी की आह इस्स आह निकलने लगी.
वे धीरे से बोलीं- बूब्स चूसो.

अब मैंने उनके मम्मों पर धावा बोला, अपने मुँह को उनकी छाती पर लाकर मैंने भाभी के एक मम्मे को निप्पल सहित अपने मुँह में लेने की कोशिश की.
जैसे ही भाभी की चूची की बौंड़ी मेरे मुँह में आई, मैंने जोर से निप्पल को खींच कर दूध को ऐसे चूसा … मानो आम को चूस रहा हूँ.

वे भी मस्त होने लगीं और मेरे सर को अपने मम्मे पर दबाती हुई आह आह चूस लो मेरे राजा कहने लगीं.

मैं उनके एक दूध को चूसने लगा और दूसरे को जोर जोर से दबाने लगा.
भाभी के मुँह से सिर्फ ‘आह आह उफ्फ आह’ आवाजें आ रही थीं.

मैंने करीब बीस मिनट तक भाभी के दोनों मम्मों को दबा दबा कर बेरहमी से चूसा और दोनों मम्मे लाल कर दिए.

भाभी की आखें वासना से लाल हो गई थीं.

शायद भैया ने उनके दूध कभी इस तरह से चूस कर लाल किए ही नहीं थे.

भाभी मेरी आंखों में आखें डाल कर अपने होंठों पर वासना से जीभ फेरने लगीं और मेरे सर को अपनी टांगों की तरफ झुकाने लगीं.

मैं उनका अभिप्राय समझ गया और मैंने उनकी अधखुली साड़ी को हटा कर उनका पेटीकोट खोला व उन्हें सिर्फ एक लाल रंग की पैंटी में ला दिया.

भाभी उस वक्त अधलेटी अवस्था में थीं.
तो मैंने उनकी पैंटी की इलास्टिक में अपने दोनों हाथ की उंगलियों को फँसाया और उनके होंठों को अपने होंठों से चूमते हुए पैंटी को नीचे सरका दिया.

भाभी की चूत से पर्दा हट गया था.

मैंने होंठ छोड़ कर उनकी चूत पर अपनी निगाहें जमाईं तो चुत एकदम साफ थी.
झांटों का नामोनिशान नहीं था.
शायद उन्होंने नहाते समय अपनी झांटों को साफ कर लिया था.

मैंने भाभी की चिकनी चुत को निहारा तो उन्होंने मेरे सर को नीचे झुकाने की कोशिश की.
to मैंने भी बिना किसी विरोध के अपना मुँह चुत पर लगा दिया.

वे पागल हो उठीं और उनकी टांगें फैल गईं.

मैंने उनकी जांघों तक आ चुकी पैंटी को नीचे को खींचने का प्रयास किया तो भाभी ने अपनी एक टांग को मोड़ कर पैंटी को बाहर निकाल दिया.

अब पैंटी एक टांग में फंसी हुई थी और उनके घुटने तक आकर लटकी सी थी.

भाभी ने अपने दोनों पैर पूरी तरह से खोल लिए और मैंने उनकी चुत पर अपनी जीभ लगा दी.

वे आह आह करने लगीं.

उसी वक्त उनके मुँह से हल्के स्वर में आवाज निकली कि इतनी मस्ती तो देवेश ने कभी नहीं की थी.

मैं देवेश नाम सुनकर चौंक गया.
भैया का नाम तो राजेश है; यह देवेश कौन था.

बाद में भाभी ने मुझे कान में बताया कि शादी से पहले वाला दोस्त था.

मतलब यह हुआ कि उनके बॉयफ्रेंड्स ने भी कभी उनकी चूत को नहीं चाटा था.

मैंने भाभी की चूत को बहुत देर तक चाटा और वे एकदम से गर्मा गईं.

अब भाभी ने मुझे चुत से हटा कर नीचे धक्का दे दिया और मुझे बिस्तर पर लिटा दिया.
मैं चित लेट गया था. भाभी उठ कर मेरे मुँह पर अपनी चूत टिका कर बैठ गईं.

वे अपनी कमर को हिलाती हुई जोर जोर से चुत रगड़ने लगीं.
उस वक्त वे एकदम पागल हो गयी थीं.

मैंने उनकी एक चूची को मसलते हुए इशारा किया कि 69 में आ जाओ.

उन्होंने बिना देर किए आसन बदला और अब वे मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर जोर जोर से चूसने लगीं.

भाभी उस वक्त मेरे ऊपर ही चढ़ी हुई थीं और खुद ही अपनी चूत को मेरे मुँह से रगड़वा रही थीं.

कुछ देर बाद हम दोनों चुदाई के लिए एकदम तैयार हो गए थे.

मैंने उन्हें इशारा किया तो वे सीधी हो गईं और मेरे ऊपर ही रह कर मेरा लंड अपनी चुत डालने लगीं.

यह बात लंड पेलने के बाद में मालूम हुई कि भाभी आज पूरे दो साल के बाद सेक्स कर रही थीं.

उनकी चूत एकदम से टाइट हो गयी थी.
उन्होंने मेरा लंड अपनी चूत के छेद पर लगाया और अन्दर लेने में कुछ दर्द सा महसूस करने लगीं.

मैंने बिना देर किए थोड़ा सा उठ कर उनको अपने गले से लगाया और नीचे से शॉट दे मारा.
मेरा आधा लंड उनकी चूत में चला गया.

उनकी आंखों से आंसू की बूंदें टपकने लगीं.

मैंने बिना किसी देरी के एक और शॉट मारा और मेरा पूरा लंड उनकी चूत में समा गया.

वे जोर से कराह कर बोलीं- आह उफ्फ मादरचोद … चूतिए साले, ऐसे चोदा जाता है कहीं … आह फाड़ दी बहन के लौड़े ने … राजेश समझाओ इसको!

राजेश भैया कुछ नहीं बोले … शायद वे शराब के पैग की चुसकियां लेते हुए अपनी बीवी की चुदाई देख कर मजा ले रहे थे.

भाभी ने गाली तो मुझे भी गुस्सा आ गया.
मैं भी गाली देते हुए बोला- हां मादरचोद बुला ले साली रांड … आज तेरी चुत का भोसड़ा नहीं बनाया तो कहना!

अब मैं भी उनको चोदने लगा.
पूरा कमरा ‘आह आह उफ्फ आह चोद साले चोद …’ की कामुक आवाजों से गूंजने लगा.

कुछ देर बाद मैंने भाभी को डॉगी स्टाइल में किया और पीछे से उनकी चुत में लंड पेल कर जम कर चोदा.

करीब 20 मिनट के बाद मेरा होने वाला था.
तबी भाभी बोलीं- मुझे वीर्य पीना है.
उन्होंने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया.

वे लंड को पूरा निचोड़ कर पी गईं.

मैं बिस्तर पर आंखें बंद करके पड़ा रहा.

पाँच मिनट बाद मेरे लंड को किसी ने वापस से मुँह में ले लिया.

मुझे लगा कि भाभी लंड चूस रही हैं.

मैंने हल्के से आंखें खोलीं तो भाभी के गांडू हसबैंड मेरा लंड चूस रहे थे.

कुछ देर बाद मेरा लंड पुनः अकड़ गया और भाभी ने मुझसे कहा- अब इसको भी चोद कर शांत कर दो!

मैंने उस रात भैया की गांड को भी बजाया और मजा ले लिया.

यह सब कैसे हुआ, यह मैं अपनी अगली सेक्स कहानी सुनाऊंगा.

आपको मेरी ककोल्ड कपल गांडू हसबैंड कहानी कैसी लगी, प्लीज आप मुझे मेल करें!
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top