आंटी मेरी जान-2
Aunty Meri Jaan-2
नमस्कार पाठको, मैं आप सबका धन्यवाद करता हूँ कि आप सभी को मेरी पिछली कहानी काफी पसंद आईं और आपने मेरी कहानी की सराहना की।
दोस्तो, मैं आप सबको एक बात बता दूँ कि मैंने आज तक 50-60 लड़कियों आंटियों के साथ सेक्स किया है और उनमें से कुछ को मेरे द्वारा की गई चुदाई से बच्चे भी पैदा हुए हैं। जिनके पति नहीं है या जिनके पति बाहर रहते हैं, आज भी जिसको इसकी जरूरत है, मैं उन आंटियों व लड़कियों के साथ चुदाई कर रहा हूँ।
अब मैं अपनी कहानी पर आता हूँ।
एक बार फिर से आपको पिछली कहानी का कुछ अंश लिख रहा हूँ ताकि आपको काहानी याद आ जाए, अभी तक आपने पढ़ा-
मैं कभी उनकी चूत में उंगली डालता, तो कभी जीभ से चोदता।
तभी आंटी ने मेरा सर अपनी चूत पर दबा दिया और झड़ गईं, मैंने उनकी चूत का रस चाट कर साफ कर दिया।
अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मेरा लंड फटने को था, मैं आंटी के ऊपर आ गया और लंड उनकी चूत में डालने लगा।
अँधेरा होने के कारण मुझे कुछ दिख नहीं रहा था, तीन-चार बार की कोशिश के बाद आंटी बोलीं- रुको..!
उन्होंने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत पर रखा और बोलीं- अब पेलो..!
जैसे ही मैंने जोर लगाया, मेरा लंड आंटी की चूत में चला गया।
आंटी के मुँह से चीख निकली और मैंने उनके होंठ दबा दिए।
दर्द तो मुझे भी हो रहा था क्योंकि आंटी की चूत बहुत टाइट थी।
फिर मैं धक्के पर धक्के लगा रहा था, वो भी अपनी गाण्ड उछाल-उछाल कर मेरा साथ दे रही थी।
पहली बार होने के कारण मैं थोड़ी ही देर में ही उनकी चूत में झड़ गया।
मैंने आंटी से पूछा- आपका तो हुआ नहीं?
आंटी बोलीं- मेरी जान पहली बार कर रहे हो, तभी ऐसा हो रहा है।
थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और इसमें दर्द भी हो रहा था।
फिर मैंने अपना लंड उनकी चूत में डाला और तेजी से उनको चोदने लगा।
इसी बीच मैंने उनको घोड़ी बना कर पीछे से उनकी चूत मारी और उनकी चूत में ही झड़ गया और फिर आंटी चूत धोने के लिए बाथरूम में गईं, मैं भी उनके साथ गया, धोकर आने के बाद हम दोनों नंगे ही एक-दूसरे से लिपट कर सो गए।
पूरी रात मजे लेने के बाद मैं 5 बजे उठा तो देखा कि आंटी अभी भी सो रही थीं।
मैं बाथरूम में गया, मुँह धो कर वापिस बिस्तर पर आ गया।
आप तो जानते ही हैं कि हर सुबह सिर्फ सूरज ही अपने पूर्ण रूप में नहीं निकलता बल्कि हर लड़के का लंड भी खड़ा होता है।
मैंने अंडरवियर पहन रखा था और मेरा लंड खड़ा था।
मैंने अंडरवियर उतार कर लंड आंटी के हाथ में रख दिया और उनके मम्मों को जोर से दबा दिया।
जैसे ही आंटी की आँख खुली, मैंने अपने होंठ उनके होंठों से लगा दिए और 10-15 मिनट तक चुम्बन किया और मेरा एक हाथ लगातार उनके मम्मे दबा रहा था।
मैं तो नंगा था ही, मैंने आंटी के कपड़े भी उतार दिए, उनको भी नंगी करके उनके ऊपर लेट गया और मम्मे को चूसने लगा।
आंटी के मम्मे के निप्पल काफी मस्त थे।
अब मैं एक हाथ से उनकी चूत सहला रहा था।
धीरे-धीरे आंटी गरम होने लगीं और मदहोश कर देने वाली आवाज़ निकालने लगीं।
अब हम 69 की अवस्था में थे।
सुबह-सुबह चाय की जगह चूत का रस पीने को मिल रहा था।
आंटी मेरा लंड सहला रही थीं और जोर-जोर से हिला रही थीं।
तभी आंटी मेरे लंड को जोर-जोर से हिलाने लगीं और आवाजें निकालने लगीं मुझे लगा कि वो झड़ने वाली हैं।
मैंने उन्हें अपनी जीभ से चोदना शुरू कर दिया।
थोड़ी देर बाद वो झड़ गईं और मेरा भी काम उन्होंने कर दिया, उनके गले और मम्मों पर मेरा वीर्य गिर गया।
अब हम दोनों गुसलखाने में गए, एक-दूसरे को साफ़ किया और फिर बिस्तर पर आ गए।
आंटी ने मेरा लंड हाथ में लिया और हिलाने लगीं और मेरा लंड अब एकदम तैयार था।
एक बात है दोस्तो, सुबह-सुबह लंड हमेशा बड़ा व मोटा होता है, यह मुझे नोएडा वाली आंटी ने बताया था।
खैर अब मैंने आंटी को घोड़ी बनाया और पीछे से उनकी चूत में लंड डाला और आंटी खुद आगे-पीछे होकर चुदने लगीं।
उनकी चूत बहुत तंग लग रही थी। मैं उनकी चूत की दीवारों के साथ लंड की रगड़ को महसूस कर सकता था।
अब मैं आंटी की चूत चोद रहा था और उनके मम्मों को जोर-जोर से दबा रहा था।
आंटी जोर-जोर से आवाजें निकाल रही थीं और हर धक्के का जवाब दे रही थीं।
अब मैं आंटी के नीचे लेट गया और आंटी मेरे ऊपर आकर खुद चुदने लगीं और मैं नीचे से धक्के लगा रहा था।
तभी आंटी बोलीं- मुझे नीचे से चोद।
मैं नीचे से उनकी चुदाई कर रहा था और मम्मे दबा रहा था।
आंटी बोलीं- जोर और तेज चोद.. गौरव और तेज..
आंटी झड़ने वाली थीं और मैं जोर-जोर से चोदने लगा और आंटी अपने मम्मे दबाने को जोर से दबाने लगीं और झड़ गईं।
आंटी मेरे ऊपर लेट गईं और अब मैं उनकी गांड उठा कर नीचे से उनको चोदने लगा क्योंकि मेरा अभी हुआ नहीं था।
मैंने आंटी को खड़ा किया और बिस्तर के किनारे के सहारे झुका कर खड़ा कर दिया और पीछे से उन्हें चोदने लगा।
इसी बीच आंटी फिर से झड़ गईं और अब मेरा भी होने वाला था।
मैं भी जोर-जोर से धक्के लगाने लगा और 3-4 मिनट बाद मैं भी उनकी चूत में झड़ गया और आंटी भी मेरे साथ ही फिर से झड़ गईं।
फिर मैंने अपना लंड उनके मम्मों पर रगड़-रगड़ साफ़ किया और आंटी ने मुझे जोर से अपने सीने से चिपका लिया और मेरे होंठों पर अपने होंठ लगा दिए।
हम एक-दूसरे को चुम्बन करने लगे और बिस्तर पर एक-दूसरे के ऊपर लेट गए। आंटी बहुत खुश थीं, वे बोलीं- तुमने अपने भईया से भी अधिक मजे दिए।
फिर हमने कपड़े पहने और बिस्तर पर लेट गए और बातें करने लगे।
आज भी मैं कभी कभी मैं उनको चोदता हूँ, आज तक मैंने सबसे ज्यादा चुदाई इसी आंटी के साथ की है।
यही थे दोस्तो, मेरी जान आंटी के साथ हसीन पल जो आज भी चल रहे हैं।
मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे मेल जरुर करिए और हाँ.. इसी बीच मैंने अपनी अमेरिका की दोस्त अमांडा सिरमोर को भी चोदा था, जो भारत मुझसे मिलने आई थी।
उसकी कहानी अगली बार लिखूँगा, धन्यवाद।
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