चार लड़कियों के सामने नंगा होकर मुट्ठ मारी
(Char Ladkiyon ke saamne nanga hokar muth maari)
मेरा नाम आशीष जोशी है, मैं 29 साल का हूँ, पुणे में एक बहुमंजिला बिल्डिंग में अपने अपार्टमेन्ट में अकेला रहता हूँ, मेरी शादी नहीं हुई है।
मुझे अपने आस पास की महिलाओं को खुद को नंगा दिखाने में Clothed Female Naked Male आनन्द मिलता है। मैं अपनी इमारत की खुली छत पर जाकर पूरा नंगा हो कर अपना बदन और लौड़ा दिखाता हूँ। मेरा लिंग साढ़े छः इन्च लम्बा और दो इन्च मोटा है।
अब तक मेरा नंगा बदन और मेरा लण्ड 49 या इससे ज्यादा लड़कियाँ और महिलाएँ देख चुकी हैं। सभी मेरी बिल्डिंग के आस पास की बिल्डिंगों में ही रहती हैं, इनमें कॉलेज जाने वाली लड़कियाँ और उनकी मम्मियाँ भी शामिल हैं। उनमें से कुछ गुस्से में चली जाती हैं तो कुछ आराम से खड़ी देखती रहती हैं और मज़ा लेती हैं।
आज मैं आपको एक ऐसी ही एक घटना बता रहा हूँ।
मार्च का महीना था, शनिवार का दिन था, मेरी छुट्टी थी तो मैं अपनी उसी अंगप्रदर्शन की आदत के वशीभूत छत पर गया तो देखा की मेरी छत से 20-25 फ़ीट दूर साथ वाली बिल्डिंग की छत पर चार लड़कियाँ अपनी किताबें लेकर घूम घूम कर पढ़ रही थी। चारों लड़कियाँ बीस वर्ष से काफ़ी कम की लग रही थी।
मैंने मन ही मन सोचा कि मेरा काम बन गया। मैं वहीं खड़ा हो कर एक एक करके अपने कपड़े उतारने लगा।
जब मैं सिर्फ़ चड्डी में हो गया तो मैं कसरत करने का ड्रामा करने लगा और छत पर इधर उधर घूमने लगा।
जब उन लड़कियों में से एक की नजर मेरे ऊपर पड़ी तो उसने बाकी तीनों को मेरे बारे में बताया।
मैं तीन फ़ीट ऊंची मुण्डेर पर बैठ कर चड्डी में हाथ डाल कर अपने लौड़े को सहलाने लगा।
यह देख कर चारों एक साथ इकट्ठी खड़ी हो गई और मुझे हैरानी से देखने लगी।
तभी मैंने अपनी चड्डी उतार दी और अपने खड़े लण्ड की मुट्ठ मारने लगा।
मैंने उसी दिन अपनी झांटें साफ़ की थी और गाण्ड के बाल भी हटाये थे तो मैं कुछ ज्यादा ही उत्तेजित था। मैं छत पर घूम घूम कर मुट्ठ मारने लगा और मैंने उन लड़कियों को अपने चूतड़ भी दिखाये।
दस-बारह मिनट तक मैंने ऐसे ही किया और मुझे लगा कि चारों लड़कियाँ मेरी हरकतों का पूरा मज़ा ले रही हैं। इसके बाद जल्दी ही मेरा वीर्य छुट गया और मेरा लौड़ा सिकुड़ कर नन्हा सा रह गया तो वो चारों हंसने लगी और अपनि दो उंगलियों से मुझे इशारा करने लगी कि मेरा लण्ड कितना छोटा सा रह गया है।
फ़िर अचानक पता नहीं क्या हुआ कि उन चारों ने आपस में कुछ बात की और उनमें से एक नीचे चली गई।
थोड़ी ही देर बाद वो लड़की अपनी मम्मी के साथ ऊपर आई, उसकी मम्मी ने भी मुझे नंगा देखा और वो चारों लड़कियों को लेकर नीचे चली गई।
मैं फंसने लगा था
लगभग एक घण्टे के बाद मेरे मोबाइल पर सोसाइटी के चेयरमैन का फ़ोन आया, मुझे ऑफ़िस में बुलाया गया था।
मैंने सोचा कि कोई मीटिंग होगी, मैं तुरन्त ही नीचे ऑफ़िस में गया तो देखा कि वो चारों लड़कियाँ और उनकी मम्मियाँ वहाँ मौजूद थी।
चेयरमैन ने पूछा- अभी एक घण्टा पहले तुम कहाँ थे और क्या कर रहे थे?
मैंने कहा कि मैं कुछ समान खरीदने बाज़र गया हुआ था और अभी थोड़ी देर पहले ही लौटा हूँ। मैंने झूठ बोल दिया क्योंकि मुझे पता था कि उन लोगों के पास कोई सबूत नहीं है। उस वक्त उनको ख्याल ही नहीं आया होगा कि वो मेरी शिकायत करेंगी और उनको मोबाइल से मेरी तस्वीर ले लेनी चाहिये।
जो मम्मी ऊपर आई थी, वो जोर से चिल्लाई- यह आदमी झूठ बोल रहा है… यह कोई एक घण्टा पहले छत पर नंगा घूम रहा था और हमारी बेटियाँ अपनी छत पर पढ़ाई कर रही थी।
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मैंने कहा- आप कुछ भी अनाप-शनाप मत बोलिये आंटी जी… मेरा क्या दिमाग खराब है कि मैं छत पर नंगा जाऊँगा? आपको मेरे से क्या दुश्मनी है जो आप मुझे फ़ंसाना चाहती हैं? क्या मैं यहाँ अकेला कुंवारा रहता हूँ इसलिए?
चेयरमैन ने उन आंटी से पूछा- आपके पास कोई सबूत है? आपने इनकी कोई फ़ोटो ली कि ये छत पर ऐसी हरकत कर रहे थे?
तो वो लड़कियाँ बोली- ऐसा कुछ तो हमने सोचा ही नहीं… कि हमें इनकी फ़ोटो ले लेनी चाहिए…
चेयर मैन ने मामले को रफ़ा दफ़ा करते हुए कहा- मैं नहीं मान सकता, आपके पास कोई सबूत नहीं है… तो मैं कुछ नहीं कर सकता…
दस बारह मिनट के वाद-विवाद के बाद सब रफ़ा दफ़ा हो गया और मैं बच गया, अपने अपार्टमेंट में आ गया।
यह अच्छा हुआ कि उन्होंने मेरी कोई फ़ोटो नहीं ली, नहीं तो मैं फ़ंस गया होता।
यह कोई दो साल पुरानी बात है, वे चारों लड़कियाँ अपने परिवार के साथ वहीं रह रही हैं।
उसके बाद मैंने उनके सामने ऐसी कोई हरकत नहीं की।
अन्य घटनाओं को भी लिखने की कोशिश करूँगा मैं… तब तक आप मुझे मेल करके इस घटना पर अपने विचार बताइये।
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