बुआ की सेक्सी किरायेदार की चूत मिल गई चोदने को
(Bua Ki Sexy Kirayedar Ki Chut Mili Chodne Ko)
हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम अमित है, मेरी यह कहानी पिछले साल की है.. जब मैं पढ़ने के लिए अपनी दूर की बुआ के घर रहने गया था। बुआ का घर बहुत बड़ा था और उनके घर पर कई कमरे किराए पर देने के लिए भी बने थे।
उनके घर जाकर मैं एक कमरे में रहने लगा।
मस्त माल
एक दिन जब मैं घर वापस आया.. तो मैंने देखा कि उस दिन बुआ एक मस्त माल से बात कर रही हैं। बाद में मालूम हुआ कि ये एक नए किराएदार की बीवी है.. जो रहने आई है। उसके साथ उसका एक बच्चा भी था जो 6 साल का था।
मैंने उनको भी बुआ जैसा ही मान लिया।
अगले दिन मैंने उन बुआ को देखा वो पीले रंग की साड़ी में थीं। मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया।
मैं सिविल सेवा की तैयारी कर रहा था.. तो मैं सारा दिन भर घर पर ही रहता और वो किराएदार बुआ भी घर पर ही रहती थीं। उनका पति दिन भर बाहर रहता और शाम को घर लौटता था। जब उनका काम खत्म हो जाता था, तो वो मुझसे बात करने आ जाती थीं।
उनका नाम वैशाली था.. मैं उनको वशु कहता था.. हमारे बीच नज़दीकियां बढ़ गईं और हम लोग काफ़ी किस्म की बातें साझा करने लगे। उसने मुझे अपना बेटा जैसा मान लिया था।
एक दिन जब वो और उनका पति कहीं बाहर जा रहे थे तो मैंने देखा कि उन्होंने चूड़ीदार पजामा वाली पंजाबी ड्रेस पहनी हुई थी।
मेरा ध्यान उनकी तरफ गया। इस ड्रेस में वो भरी-पूरी गदर माल लग रही थीं, उनके मम्मे एकदम तने हुए दिख रहे थे और उनकी सफ़ेद सलवार चुस्त होने के कारण से ही ऊपर से ही उनके चूतड़ उभरे हुए और एकदम कड़क दिख रहे थे।
मैं तो उन्हें देख कर पागल सा गया।
फिर अगली सुबह मैं उनसे बात करने गया.. तब उनके पति जा चुके थे।
मैंने उन्हें जानबूझ कर छेड़ा- बुआ, तुम कल बड़ी खूबसूरत दिख रही थीं।
मैं उन्हें बुआ कह कर ही बुलाता था.. वशु बुआ हँस पड़ीं।
मैं बोला- आप साड़ी मत पहना करो, आप उस कल रात वाली ड्रेस ही अच्छी लगती हैं।
वो समझ गईं.. कि मैं ऐसा क्यों कह रहा हूँ।
उनसे मैंने कहा- बुआ आप उसमें सेक्सी दिखती हो।
वो थोड़ी शर्मा गईं।
मैं वहाँ से चला गया।
फिर बुआ कपड़े धोने के लिए बाहर आ गईं, मैं खिड़की से उनको देखता रहा.. वो इस टाइम भी एक चुस्त ड्रेस में ही थीं। कपड़े धोते समय बैठने से उनके चूतड़ बहुत चौड़े हो गए थे।
मुझसे रहा न गया.. मैं उनके पास गया, मैंने उनसे कहा- बुआ, यह ड्रेस भी बहुत जोरदार है.. सब मस्त दिखता है।
तभी उनका बेटा स्कूल से आ गया।
मेरा मन उनके चूतड़ों के बीच उनकी बड़ी सी गांड में लंड डालने का था।
मैं उनके बेटे को कमरे में ले गया और उसको खेलने के लिया अपना लैपटॉप दे दिया और बाहर आ गया।
मस्त चूतड़
मैंने बुआ से बोला- अगर तुम बुरा ना मानो.. तो एक बात पूछूँ?
बुआ बोलीं- पूछो?
मैं बोला- आप हमेशा ऐसे कपड़े ही क्यों नहीं पहनती हो?
वो बोलीं- बाहर के लोग देखते हैं।
मैं बोला- क्या देखते हैं?
तो बोली- कुछ नहीं..
मैंने फिर बोला- बताओ न बुआ।
तब बोली- इसमें से सब दिखता है न..
मैं बोला- तो क्या हुआ.. मुझे भी तो सब दिखता है।
वो शर्मा गईं।
मेरी नजर उनके चूतड़ों से हट ही नहीं रही थी।
मैंने बुआ को बोला- बाहर से अच्छे से नहीं दिखते।
बुआ बोलीं- कोई बात नहीं.. मैं कल से साड़ी पहना करूँगी
मैंने कहा- क्या मैं आपको छू सकता हूँ?
वो बोलीं- क्या छूना है?
मैंने कहा- तुम्हारे चूतड़..
वो मेरे इस उत्तर से एकदम से चौंक गईं.. वो एकदम से उठकर और मुझसे गुस्सा करते हुए चली गईं।
फिर जब बुआ अन्दर चली गईं तो मैंने सोचा कि अब वो अपने पति को सब बता देंगी.. तो मैं डर गया और उन्हें समझाने अन्दर चला गया।
मेरी उन्होंने मेरी कोई बात नहीं सुनी और अपने कमरे के दरवाजे बन्द कर लिए।
फिर हमारे बीच कई दिन तक बात नहीं हुई। अचानक से एक दिन मैंने देखा कि एक दिन बुआ अपने कपड़े बदल रही थीं।
मैंने इस अवस्था में उनका जो रूप देखा तो मैं एकदम पागल सा हो गया। कमर से नीचे उनके चूतड़ बहुत बड़े और कसे हुए दिख रहे थे। सांवले रंग के उनके उठे हुए चूतड़ बहुत मस्त दिख रहे थे। मैं तो सच में जैसे पागल हो गया था। उनका पेट भी बहुत सपाट था और उनके उठे हुए मम्मे भी बहुत बड़े-बड़े थे.. एकदम तने हुए थे।
उन्होंने मुझे देखा तो एकदम से उन्होंने कमरे का दरवाजा लगा लिया। मैं वहाँ से निकल आया और एक बार मुठ मारी।
जब बुआ बाहर आई तो वो गुस्से में नहीं थीं।
मैंने बुआ से पूछा- मुझे माफ़ कर दीजिए।
वो मुस्कुराते हुए बोलीं- अरे इस उम्र में ऐसा होता है।
मैंने बुआ हँसते हुए देखा तो कहा- क्या आप मुझे बता सकती हैं कि ब्रा कैसे खरीदी जाती है.. मुझे अपनी गर्लफ्रेंड को देनी है।
वो बोलीं- उसका साइज़ होता है।
मैं बोला- मुझे उसका पता नहीं.. क्या आप बता सकती हो कि साइज़ कैसे पहचानते है?
तो बुआ ने पूछा- गर्लफ्रेंड की काया दिखना में कैसी है?
मैं बोला- थोड़ी-थोड़ी आपके जैसी.. आपका नाप भी चलेगा।
तो बुआ बोलीं- ठीक है तुम वो ब्रा और एक ड्रेस ले लो जिसकी फिटिंग 32डी-28-36 की हो।
मैंने पूछा- इसका मतलब बुआ?
बुआ ने कहा- अरे पागल 32डी यानि की छाती और कप का साइज़.. और 28 यानि कमर और 38 यानि नीचे का नाप।
मैंने पूछा- नीचे का क्या मतलब हुआ बुआ?
वो बोलीं- वो ड्रेस वाला बता देगा।
मैं जिद करने लगा- नहीं बुआ.. आप ही बताओ न..
तो बुआ ने शरमाते हुए बोला- नीचे का यानि चूतड़ का साइज़।
उनके मुँह से ‘चूतड़..’ सुनते ही मेरा लंड खड़ा हो गया, मुझसे रहा नहीं गया और मैंने पूछा- अगर आप बुरा ना मानो तो क्या आप मुझे अपने चूतड़ दिखा सकती हैं।
वो शर्मा गईं।
मैं बहुत जिद करने लगा, फिर वो बोलीं- ठीक है.. पर तुम अन्दर आ जाओ।
मैं अन्दर आ गया।
बुआ ने मेरे पीछे पीठ करके अपनी सलवार का नाड़ा खोल दिया.. सलवार नीचे गिर गई.. अब वो सिर्फ़ पेंटी में थीं।
उनके चूतड़ बहुत बड़े दिख रहे थे।
मैं बोला- बुआ क्या आप वो पेंटी भी निकाल दोगी प्लीज़।
बुआ कुछ न बोलीं.. मैं झट से गया और बुआ को पकड़ लिया।
मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया और बुआ भी गर्म हो गईं।
मैं बुआ की पेंटी को नीचे सरकाने लगा, तब मुझे पता चला कि पेंटी भी गीली हो चुकी है।
मस्त देसी नंगे चूतड़
मैं समझ चुका था क़ि बुआ भी लंड लेना चाहती हैं। मैं उनके पीछे था.. मेरा लंड बुआ के चूतड़ के बीच गांड को छू रहा था, मैंने बुआ के मम्मों को पकड़ लिया।
मेरे पकड़ते ही मैंने देखा कि ऊपर से हार्ड दिखने वाले मम्मे तो बेहद नर्म हैं। उनके मम्मों को हाथ लगाते ही मेरे अन्दर करंट सा दौड़ उठा। उम्म्ह… अहह… हय… याह… मुझे समझ में ही नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ।
मुझे बहुत मज़ा आने लगा था। बुआ चुपचाप खड़ी थीं, मैं उनके मम्मों को भींचने लगा।
तभी बुआ ने पलट कर मुझे अपने सीने से लगा लिया और मेरे होंठों को अपने होंठों में भर लिया।
हम दोनों की चुदास भरी वासना इतनी बढ़ चुकी थी कि कब हम लोग बिस्तर पर चले गए और पूरे नंगे होकर अपने लंड और चूत का मिलन करवाने लगे।
हम दोनों को कुछ होश ही नहीं था, बस मुझे इतना याद है कि मैं बुआ की चूत में अपने लवड़े को डाल कर धकापेल चुदाई कर रहा था।
कुछ ही मिनटों में हम चरम पर आ चुके थे और फिर हम दोनों एक साथ झड़ गए।
थोड़ी देर बाद बुआ ने मुझे चूमा और कहा- अमित, तुम बिस्तर में बहुत मजेदार हो।
उस दिन से वशु बुआ मेरी गर्लफ्रेंड बन चुकी हैं।
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