नंगी नहाती पड़ोसन को खड़ा लंड दिखाया
(Bihari Bhabhi Ki Chut Ki Chudai)
बिहारी भाभी की चूत की चुदाई का मजा लिया मैंने! वो मेरे पड़ोस में रहती थी. एक बार मैंने उन्हें उनके घर में नंगी नहाती देखा तो मेरा लंड खड़ा हो गया.
दोस्तो, मैं रोहन (बदला हुआ नाम) हूँ.
मैं सुल्तानपुर, उत्तरप्रदेश में रहता हूँ. मेरा औजार काफी लंबा 2 इंच मोटा है.
यह तब की बात है. जब मैं 20 वर्ष का था.
मेरे घर के बगल में एक भाभी रहा करती थीं. उनका नाम जुबली था, वो 24 वर्ष की थीं. उनका गदराया हुआ पिछवाड़ा मेरे लंड को चुनौती देता थी कि आ, दम है … तो चोद कर दिखा.
जुबली भाभी का मायका बिहार के किसी गाँव में था. वो बिहारी भाषा बोलती थी.
उनका फिगर ऐसा था कि सनी लियॉनी को भी फेल कर दे.
उनकी चूचियां का आकार इतना मस्त कि जो भी देखे, उसका लंड पैंट फाड़ कर बाहर आ जाए, बूढ़ों के अन्दर भी कामवासना जगा दे.
कहने का आशय यह कि उन बिहारी भाभी को अगर कोई एक बार देख ले तो उसे बिना मुठ मारे चैन नहीं मिलेगा.
भाभी के परिवार में 3 लोग थे. वो और उनके पति और 4 साल का बेटा.
उनके पति का नाम सुशील था. वो मेरे काफी अच्छे दोस्त जैसे थे.
मैं उनके घर में बिना किसी से पूछे ही चला जाता था.
एक दिन मैं उनके यहां गया तो घर पर भाभी के अलावा कोई नहीं था.
उनका बेटा स्कूल गया था और सुशील भैया अपने ऑफिस गए थे.
भाभी अपना बाथरूम का गेट खोलकर नंगी होकर नहा रही थीं.
मैंने उन्हें नंगी नहाते हुए देखा तो मेरा लंड फनफनाने लगा.
मैं अपने लंड को लोअर से बाहर निकाल कर हिलाने लगा.
भाभी अपनी चूचियों को मसलती हुई अपनी चुत में उंगली कर रही थीं.
उनकी आंखें बंद थीं और वो मदहोशी भरी आवाजें निकाल रही थीं.
फिर कुछ देर बाद जब मुझसे रहा नहीं गया तो मैं अनजान बनने का नाटक करते हुए सीधा बाथरूम में घुस गया.
मेरी नजर भाभी के नंगे और गोरे जिस्म पर ही गड़ी थी.
मेरा लौड़ा धीरे धीरे अपनी औकात में आ रहा था.
भाभी को जब पता लगा कि मैं बाथरूम में आ गया हूँ तो उन्होंने अपने आपको तौलिए से ढक लिया.
उनकी नजर मेरे खड़े होते लौड़े पर पड़ी, वो देखती ही रह गईं.
भाभी बड़ी मुश्किल से अपनी नजरें हटा पाईं.
फिर वो मुस्कुराती हुई वहां से बाहर चली गईं.
मैं जो चाहता था, वो हो गया. उन्होंने मेरे लंड को देख लिया था.
कुछ देर बाद मैं भी उनके घर से आ गया.
इसके बाद भाभी मुझसे कुछ ज्यादा ही बात करने लगी थीं.
हम दोनों में फोन पर भी चैट होने लगी थी. मगर अब तक हम दोनों सामान्य बातें या हंसी मजाक वाले चुटकुले ही शेयर करते थे.
एक दिन उनके पति ऑफिस के काम से दो दिन के लिए बाहर गए थे.
ये बात मुझे मालूम थी.
उस दिन बरसात का मौसम बना हुआ था. सारे दिन से बारिश हो रही थी. उस दिन बिजली नहीं थी.
मैं अपने लंड को सहलाते हुए भाभी की जवानी का रस पीने की ही सोच रहा था.
करीब नौ बजे मैं सोने जा रहा था कि तभी भाभी का कॉल आया.
उन्होंने कहा- मेरे पति आज घर पर नहीं हैं और बिजली नहीं आ रही हो. मुझे अंधेरे से डर लगता है. क्या तुम मेरे घर आ सकते हो?
मैं बोला- भाभी घबराइए मत, मैं आ रहा हूँ.
मैं अपने घर में बिना बताए चुपके से भाभी के पास आ गया.
भाभी मुझे देख कर खुश हो गईं और बोलीं- अच्छा हुआ जो तुम आ गए, मैं बहुत घबरा रही थी.
मैं बोला- अब घबराने की कोई बात नहीं है, मैं आ गया हूँ.
काफी अंधेरा था मगर इन्वर्टर की लाईट से कम वाट का एक बल्ब जल रहा था.
भाभी ने उस समय डिजायनर नाईटी पहनी थी. वो सिर्फ उनकी जांघों तक ही थी.
उनकी चिकनी जांघें एकदम साफ दिख रही थीं और उनके चूचे आधे दिख रहे थे.
भाभी शायद मूड में थीं.
मैं उनकी मदमस्त जवानी को अपनी आंखों से ही चोदने लगा.
तभी भाभी इठला कर बोलीं- क्या देख रहे हो?
मैं बोला- भाभी, आप इस नाईटी में एकदम हॉट लग रही हैं.
वो मुस्कुरा दीं और कहा- क्या सच में मैं हॉट लग रही हूँ?
मैं बोला- हां सच में!
उन्होंने पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैं बोला- मेरी एक गर्लफ्रेड थी, अब नहीं है.
अब भाभी थोड़ा खुल कर बात करने लगी थीं.
वो बोली- क्या तुमने कभी उसके साथ रात बिताई है?
मैं जानकर अनजान बन रहा था. मैंने बोला- क्या मतलब भाभी?
वो अंगड़ाई लेती हुई बोलीं- इतने भी भोले मत बनो, जब तुम उस दिन मेरे बाथरूम में घुस आए थे … और तुम्हारा औजार इतना बड़ा हो गया था मानो मेरी चीर ही दे. तुम्हारे इस बड़े औजार से कोई न कोई लड़की जरूर हलाल हुई होगी.
अब मैं भी खुलकर बोलने लगा- हां, वो मुझसे चुदी थी.
वो भी खुल कर बोलीं- हम्म … उसकी चूत ही चोदी थी या फिर गांड का भी मजा लिया था?
मैं बोला- नहीं, सिर्फ चूत.
वो बोलीं- कभी किसी की गांड को चोदा है?
मैं बोला- हां, अपनी चाची की गांड मारी थी.
वो बोलीं- अरे … तुमने अपनी चाची को भी चोदा है?
मैं बोला- सिर्फ चाची ही नहीं, मौसी, मामी, बहुत सी लड़कियों को भी चोदा है.
वो बोलीं- अरे तुम तो खिलाड़ी हो यार … मैं भी उस दिन देख कर चौंक गई थी. मेरे पति का तो तुम्हारे लंड के आधे का आधा भी नहीं है.
उसके बाद मैं उनकी जांघों पर हाथ रख कर सहलाने लगा.
उनकी तरफ से कोई विरोध नहीं हुआ तो मैंने उनके गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उन्हें किस करने लगा.
भाभी भी मेरा साथ देने लगीं.
हम दोनों 15 मिनट तक एक दूसरे को किस करते रहे.
उसके बाद मेरा हाथ उनके मम्मों पर आ गया.
कामवासना के कारण उनके चूचे एकदम टाइट हो गए थे.
भाभी को किस करते करते मैं नाईटी के ऊपर से ही उनके निप्पलों के साथ खेलने लगा.
उसके बाद मेरा दूसरा हाथ उनकी जांघों को सहलाते हुए उनकी पैन्टी के ऊपर से ही उनकी चूत को रगड़ने लगा.
उनकी पैन्टी गीली हो चुकी थी.
मैंने उनकी नाईटी को उतार दिया. अब वो मेरे सामने ब्लू कलर की डिजाइनर ब्रा और ब्लैक कलर की पैन्टी में थीं.
मैंने अपना पैन्ट उतारकर लंड भाभी के हाथों में दिया.
भाभी बोलीं- आइला … इतना बड़ा लंड … जितना उस दिन देखा था, ये तो आज उससे बड़ा दिख रहा है.
मैंने कहा- इसे चूस कर मजा लो भाभी.
फिर वो लंड अपने मुँह में डाल कर किसी लॉलीपॉप की तरह चाटने लगीं.
मैं उनके मुँह में ही लंड को अन्दर बाहर करके चोदने लगा.
मेरा लंड इतना बड़ा था कि वह पूरा लंड अपने मुँह के अन्दर नहीं ले पा रही थीं.
लेकिन मैं ठहरा पक्का ठरकी, मैं अपना लंड भाभी के एकदम गले के अन्दर ठूँसे जा रहा था और ब्रा के ऊपर से उनके मम्मों को मसले जा रहा था.
पूरे कमरा गप गप की आवाज से गूंज रहा था.
थोड़ी देर बाद हम 69 की पोजिशन में आ गए.
भाभी मेरा लंड चूस रही थीं, मैं उनकी चूत चाट रहा था. भाभी की चुत से बड़ी मस्त खुशबू आ रही थी.
मैं अपनी जीभ और उंगली से उनकी चूत को चोद रहा था, वो काफी तेजी से सिसकारियां ले रही थीं.
भाभी कहने लगीं- रोहन अब मत तड़फा, जल्दी से अपना लौड़ा मेरी चूत में डाल दो.
मैंने वैसा ही किया.
थोड़ा सा थूक अपने लौड़े के सुपारे में लगाया और चुत में एक धक्का मारा, जिससे मेरा आधा लंड भाभी के चूत में चला गया.
भाभी की चीख निकल गई और वो छटपटाती हुई कहने लगीं- आंह मर गई … निकालो इसे … बहुत दर्द हो रहा है.
मैं उनके होंठों को चूमने लगा ताकि वो चिल्लाएं न.
कोई एक मिनट बाद मैंने दूसरे धक्का मारा और अबकी बार मेरा पूरा लंड अन्दर चला गया.
भाभी को दर्द बहुत हुआ वो ज्यादा चिल्ला नहीं पाईं क्योंकि मैंने उनके होंठों को अपने होंठों से दबा रखा था.
फिर कुछ देर तक मैं इसी पजीशन में लेटा रहा.
जब भाभी का दर्द कम हुआ, तब मैं धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा.
अब भाभी का दर्द खत्म हो गया और वो मीठी आवाज भरने लगीं.
धीरे धीरे मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी.
अब मैं तेजी से धक्का मारने लगा था और भाभी को भी मजा आने लगा था.
अब वो भी मेरा साथ देने लगीं और कहने लगीं- आंह रोहन चोदो … और चोदो … आज से मैं तुम्हारी रखैल हूँ.
उनकी सेक्सी आवाजें ‘ओह ओह्ह आह्ह ओह्ह उह्ह्ह …’ मेरे अन्दर जोश और ज्यादा भर रही थीं.
मैं ताबड़तोड़ बिहारी भाभी की चूत की चुदाई करके उसका भर्ता बनाता रहा.
भाभी की गांड भी उछल उछल कर मेरे लंड को सुकून दे रही थी. उन्हें मेरे मोटे लंड से चुदने में इतना ज्यादा मजा आने लगा था कि वो एकदम से पगला सी गई थीं.
मुझे भी उनकी टाईट चुत में लंड अन्दर बाहर करने में बेहद मजा आ रहा था.
मुझे भाभी की चुत चोदने में ऐसा लग रहा था जैसे मैं किसी कुंवारी लौंडिया को चोद रहा हूँ.
करीब 15 मिनट बाद मैं और भाभी एक साथ झड़ गए.
मैंने अपना सारा माल भाभी के मम्मों पर गिरा दिया.
फिर कुछ देर बाद मेरे लंड ने फिर से अंगड़ाई लेना शुरू कर दी.
भाभी भी फिर से चुदासी हो गई थीं.
इस बार मैंने भाभी से डॉगी बनने का कहा.
भाभी ने वैसा ही किया, वो अपनी औंधी होकर अपनी गांड उठा कर कुतिया बन गईं.
मुझे भाभी की मखमली गांड देख कर उनकी गांड मारने का मन हो गया.
मैंने भाभी की गांड मसलते हुए उनसे कहा- अब मैं आपकी गांड की चुदाई करूंगा.
वो मान गईं और बोलीं- पहले किचन से तेल ले आओ.
मैं रसोई से सरसों का तेल ले आया. उसे मैंने भाभी की गांड और अपने लंड पर लगाया और लंड गांड के फूल पर रगड़ने लगा.
भाभी को अपनी गांड पर लंड का सुपारा गर्माहट देने लगा तो उन्होंने अपनी टांगें और ज्यादा खोल दीं.
मैंने सुपारा गांड में फंसाया और जब तक भाभी कुछ कहतीं मैंने एक धक्का दे मारा.
लंड अन्दर घुस गया और भाभी को इतना ज्यादा दर्द हुआ कि पूरे घर में भाभी के चीखने की आवाज सुनाई दी.
वो आगे को होने की कोशिश करने लगीं.
मगर मैंने उनकी कमर को पकड़ा और एक और तेज धक्का लगा दिया.
अबकी बार मेरा पूरा लंड भाभी की गांड में चला गया था.
भाभी दर्द से बेहद तड़फ रही थीं.
कुछ देर रुक कर मैं भाभी के सामान्य होने का इंतजार करने लगा.
उनके सामान्य होते ही मैंने भाभी की गांड धकापेल मचा दी.
अब हम दोनों गांड चुदाई का मजा लेने लगे थे.
बीस मिनट बाद मैं झड़ गया. मैंने अपना सारा माल भाभी की गांड में ही छोड़ दिया था.
भाभी ने बाद में बताया कि वो अपनी गांड में बेलन की हत्था डाल कर गांड में होने वाली खुजली को मिटाया करती थीं, जिस वजह से उन्हें गांड मराने की बड़ी चुल्ल थी. लेकिन उनके पति का लंड किसी काम का नहीं था, तो वो गांड मराने के सुख से वंचित थीं.
इसके बाद से तो मैंने भाभी की चुत गांड को अनेकों बाद चोदा और मजा लिया.
दोस्तो, आप लोगो कोबिहारी भाभी की चूत की चुदाई की कहानी कैसी लगी?
अगर आपको मुझसे इस संबंध में कोई बात करना है, तो मुझे ईमेल करें.
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