मकान मालकिन भाभी को चोदकर संतान का सुख दिया
(Bhabhi Sex Xxx Kahani)
भाभी सेक्स Xxx कहानी में पढ़ें कि मैंने पढ़ाई के लिए कमरा किराए पर लिया तो माकन मालकिन भाभी की चूत चोद कर उन्हें गर्भवती कर दिया.
नमस्कार दोस्तो, आप सभी लोगों के खड़े लंड और सभी भाभियों की रसभरी चूत को मेरा नमस्कार.
मेरा नाम अर्जुन है. मेरी उम्र 28 साल की है. मेरी लंबाई 6 फुट की है. शरीर की बनावट सामान्य है.
मैंने अपनी पड़ोसन भाभी को कैसे चोदा, ये सब मेरी इस पहली भाभी सेक्स Xxx कहानी में आपको पढ़ने मिलेगा.
मुझे लिखना तो नहीं आता फिर भी प्रयास कर रहा हूँ. यह मेरी सच्ची घटना है.
अभी मैं गुड़गांव के सेक्टर 38 में रहता हूं लेकिन ये कहानी तब की है जब मैं कानपुर शहर में सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा था.
मैं कानपुर में पहुंच गया था, रहने के लिए एक कमरा ढूंढते ढूंढते शाम हो गई थी.
तो मैं निराश हो गया था.
उधर ही एक पान सिगरेट की दुकान थी, मैं एक सिगरेट लेकर पीने लगा.
मैंने दुकान वाले से कमरे के लिए पूछा.
उसने कहा- वो सामने मैडम खड़ी हैं. वो देती हैं. उनसे बात कर लो.
ये कह कर वो हंसने लगा.
मैंने कहा- अरे यार, मुझे कमरा चाहिए और तुम मजाक कर रहे हो!
वो बोला- भाई, तुम जाकर बात कर लो ना!
ये कह कर उसने एक तरफ इशारा किया.
उधर एक भाभी बाहर खड़ी हुई थीं.
क्या बताऊं यार उनकी गांड देख कर मेरा लंड आन्दोलन करने लगा.
उसकी गांड इतनी हाहाकारी थी कि मेरा क्या … अच्छे अच्छों का लंड अपना पानी फेंक दे.
भाभी को देखने में ही ऐसा लग रहा था जैसे जन्नत की कोई अप्सरा खड़ी हो.
मुझे तो उसी वक्त लगा कि इसे अभी खड़े खड़े ही चोद डालूँ.
अपने अरमानों को साइड में रखते हुए मैंने सिगरेट बुझाई और उनके करीब चला गया.
भाभी से नमस्ते की और पूछा- क्या आपके यहां पर कोई कमरा किराए पर मिलेगा?
तो भाभी मुस्कान लाती हुई बोलीं- कितना बड़ा और कैसा?
मेरे मुँह से निकल गया- बस आपके जितना और आपके ही जैसा मिल जाए.
वो हंसती हुई अन्दर आने का इशारा करती हुई चली गईं.
मैं भी अन्दर आ गया.
अन्दर भाभी के पति देव मुँह में पानमसाला भरे टों टों करके बात कर रहे थे.
मकान मालिक ने मुझे अपनी तोतली भाषा में सब समझाया और एडवांस लेकर कमरा दे दिया.
मैं मन ही मन में बड़ा खुश था कि कमरा मिल गया और साथ में इतनी कांटा भाभी भी मिल गईं.
अब मैं सोचने लगा कि भाभी को कैसे चोदा जाए.
मैं आपको भाभी के बारे में बता देता हूँ.
भाभी का नाम अनामिका था. उनकी हाइट साढ़े पांच फुट की थी.
उनकी रसभरी चूचियां 34 इंच की थीं और एकदम तनी हुई थीं. उनकी चूचियों की बीच की घाटी में कोई भी डूब कर प्राण देने को सहर्ष राजी हो सकता था.
ऊपर से भाभी गहरे गले जा ब्लाउज पहनी थीं तो दूध घाटी एकदम आग लगाने वाली थी.
भाभी का फिगर 34-28-38 का था. एकदम पेप्सी की दो सौ एमएल की बोतल समझ लीजिए.
मेरे जीवन का सबसे अच्छा समय गुजरने लगा था.
जब चाहे आंखों से भाभी के कामुक बदन को चोदने का सुख मिलने लगा था.
मैं भी रोज उनके पति के साथ बैटमिंटन खेलने लगा था और भाभी से नजदीकियां बढ़ाने लगा था.
भाई साहब भी मुझ पर भरोसा करने लगे थे तो घर बुलाने लगे थे.
मुझे उनके घर की चाय और साथ में भाभी जैसी कलाकंद माल को अपनी निगाहों से चोदने का सुख मिलने लगा था.
अब मैं यही सोच रहा था कि उनको कैसे पटाया जाए.
तभी कुछ ऐसा हुआ कि मेरी तो लॉटरी ही निकल गयी.
एक दिन भाभी मेरे रूम में आईं, बोलीं- अर्जुन, आज आपके भईया की नाईट शिफ्ट है, तो वो घर नहीं आएंगे. मैं चाय बना रही हूँ, तुम आकर पी जाना.
मुझे भाभी का ये सब अचानक से कहना समझ नहीं आया कि साला चाय बनाने की तो ऐसे कह रही हैं मानो कोई स्वादिष्ट मिठाई बना रही हों और साथ में ये भी कहना कि भैया की नाइट शिफ्ट है.
मैं काफी देर तक मनन करता रहा कि इस बात का मर्म क्या हो सकता है.
क्या भाभी कुछ सिग्नल दे रही हैं.
काफी देर तक सर खपाने के बाद मैंने सर झटका और सोच लिया कि चल कर देखते हैं कि लंड का नसीब कितना जागा है.
मैं जब उनके घर गया तो देखा भाभी टाइट नाइट सूट पहनी हुई थीं.
उनको देख कर ही मेरा लंड सलामी देने लगा.
मैं लंड को दबाने के लिए उस पर हाथ रख लिया.
भाभी झुक कर चाय रखने लगीं.
आह … मेरे लौड़े की मां चुद गई.
उनकी मस्त कोमल चूचियां ऐसे लटक रही थीं जैसे खरबूजे हों.
क्योंकि उन्होंने चूचीबन्द मतलब ब्रा नहीं पहनी थी.
मैं लंड से परेशान हो गया था, मैंने भाभी से कहा- मुझे टॉयलेट जाना है.
तो उन्होंने अपने कमरे के बाथरूम की ओर इशारा कर दिया.
मैंने जब बाथरूम में पहुंच कर देखा तो वहां उनकी पैंटी टंगी थी.
मैंने पैंटी को सूंघ कर देखा तो मस्त महक रही थी. भाभी की चूत के कामरस की खुशबू आ रही थी.
पैंटी को सूँघ कर मैंने अपना लंड हिलाया और पानी निकाल कर अपना माल उसी पैंटी में छोड़ दिया.
फिर बाहर आकर चाय पीते हुए भाभी से पूछा- आपको शादी को कितने साल हो गए हैं?
उन्होंने बताया कि 7 साल हो गए हैं.
मैंने पूछा- कोई बच्चा हुआ ही नहीं या प्लान नहीं किया?
ये सुन कर वो उदास हो गईं और बोलीं- क्या बताऊं यार … बस आपके भैया से अभी तक हुआ ही नहीं!
मैंने कहा- अरे तो उदास क्यों होती हैं भाभी जी मैं हूँ ना!
मेरी इस बात पर हम दोनों हसने लगे.
भाभी बोलीं- तुम बहुत मजाक करने लगे हो.
मैंने बोला- आप भाभी हो, आपसे नहीं करूँगा तो किससे करूँगा!
वो भी हो हो करके हंसने लगीं और उनके हिलते हुए दूध मुझे गर्म करने लगे.
दूसरे दिन भाभी मुझे बुलाने नहीं आई थीं जबकि भैया की नाईट डयूटी आज भी थी.
मैं सोचने लगा कि जो कांड बाथरूम में करके आया था, वो भाभी ने पक्का देख लिया होगा.
कहीं भैया को न बोल दें.
मैं उनके पास गया और उनको सॉरी कहा.
वो कुछ नहीं बोलीं.
मैं वापस आ गया.
उसी दिन रात को 8 बजे मेरे दरवाजा पर खटखट हुई.
मैंने दरवाजा खोल कर देखा तो सामने भाभी खड़ी थीं.
वो बोलीं- खाना बना लिया क्या अर्जुन?
मैं- नहीं भाभी, खाने का मन ही नहीं कर रहा था.
वो बोलीं- मेरी गैस खत्म हो गयी है.
मैंने हल्का सा मजाक करके देखा कि भाभी नाराज हैं या नहीं.
मैं- मैं सीधे सिलेंडर को ही भर दूं क्या भाभी … ऐसा भरूँगा कि आपकी गैस नौ महीने बाद ही खाली होगी.
वो समझ गईं और हंसकर बोलीं- अभी सिलेंडर बदल दो, मुझे रोटी बनानी है. तुम भी खा लेना.
मैंने राहत की सांस ली कि भाभी का मूड सही है.
मैंने उनका सिलेंडर बदल दिया.
भाभी रोटी बनाने लगीं.
मैं उधर ही खड़ा रह कर उनसे बात करने लगा और उनकी मचलती गांड को निहारने लगा.
भाभी मेरी वासना को समझ चुकी थीं, वो और भी मस्ती से अपनी गांड हिलाने लगीं.
मैं उनके पास को गया और धीमे से बोला- मैं आपकी कुछ हेल्प करूँ?
भाभी- क्या तुम मेरी सच में हेल्प कर सकते हो?
उन्होंने भी ये बड़ी धीमी आवाज में पूछा था.
मैंने कहा- हां बताओ, मैं आपके लिए क्या कर सकता हूँ भाभी?
ये कह कर मैंने धीरे से उनके कंधे पर हाथ रखा और उनकी पीठ सहलाने लगा.
वो धीरे धीरे से सुबक रही थीं, उनकी सिसकियां सुनाई दे रही थीं.
मैंने भाभी के पीछे से उन्हें पकड़ते हुए उनके सर पर एक किस करते हुए बोला- बताइए … आपको क्या दिक्क्त है, मैं आपके लिए हाजिर हूँ.
उन्होंने उस समय कुछ बात नहीं है, कह कर टाल दिया और खाना खाने के लिए बोलीं.
मैं खाना खाते हुए सोच रहा था कि भाभी को दिक्कत क्या है.
जब मैं जाने लगा तो वो बोलीं- खीर खाने के बाद खाओगे?
मैंने पूछा- कहां है खीर?
वो बोलीं- सामने ही तो है.
भाभी की चूचियों की तरफ इशारा करते हुए मैंने कहा- हां क्यों नहीं … इस खीर के बर्तन को तो मैं चाट चूस कर खाली कर दूँगा.
उन्होंने हंसते हुए पलट कर खीर की कटोरी निकाली और मेरे सामने रख दी.
मैंने बोला- अच्छा आप इसकी बात कर रही थीं?
वो हंसने लगीं और बोलीं- एक बात बोलूँ अर्जुन, आज से तुम मेरे पास ही रुक जाओ करो. तुम्हारे भैया की दस दिन की नाईट ड्यूटी है, तो मेरा मन बहल जाएगा.
मुझे साफ समझ आ रहा था कि मेरी किस्मत साथ दे रही थी.
भाभी भी समझ गयी थीं कि लौंडा सैट हो गया है.
फिर जब खाना खाते समय मैंने उनकी तरफ देखा तो भाभी का पल्लू चूचियों से हटा हुआ था और उनकी रसभरी चूचियां मेरे लंड की मां चोद रही थीं.
मैं उनकी चूचियों को हवस की निगाहों से देख रहा था. मैं भी भाभी को ऐसी पोजीशन में देख कर समझ गया कि सिग्नल ग्रीन है.
रात को मैं अलग बिस्तर पर लेटने जा ही रहा था.
भाभी बोलीं- यहीं मेरे पास डबल बैड पर लेट जाओ … बहुत जगह है.
मैं सर्दी की वजह से कम्बल में लेट गया और सोने का नाटक करने लगा.
उसी समय भाभी का हाथ मेरे सीने पर आ गया.
मैंने भी कुछ नहीं कहा. बस यूँ ही लेटा रहा.
फिर 5 मिनट के बाद मैंने करवट ली तो देखा भाभी जाग रही थीं.
वो केवल ब्रा में थीं. उन्होंने सारे कपड़े उतार दिए थे.
कम्बल कमर तक था तो मैंने अंदाजा लगाया कि शायद नीचे भी केवल पैंटी ही होगी.
मैंने भाभी की तरफ प्यार से देखा तो बोलीं- खीर नहीं खाओगे क्या?
तो मैंने उनकी आंखों से आंखें लड़ाते हुए कहा- हां खाऊंगा, लेकिन आप पहले मुझे ये बताओ कि आप उस वक्त क्यों रो रही थीं?
उन्होंने कहा- मुझे मां बनने का सुख अभी तक नहीं मिला.
मैं उनको किस करने के लिए आगे को हुआ.
फिर उनकी रजा देख कर मैं उनके गुलाबी कोमल से होंठों को किस करने लगा.
एक बार होंठ चूम कर मैंने कहा- आप मेरे बच्चे की मां बनोगी?
उन्होंने मुझे जोर से बांहों में जकड़ लिया.
मैं भी उनको अपनी बांहों में कस कर चूमने लगा और करीब 10 मिनट तक किस करता रहा.
मैंने उनकी ब्रा को उतार कर उनके खरबूजे जैसे मस्त मुलायम चूचियों के दीदार किए.
अगले ही पल मैं भाभी की चूचियों को ऐसे चूस रहा था कि जैसे भूखा शेर शिकार पर गिरता है.
भाभी बोलीं- पैंटी पर बहुत ज्यादा माल निकाल गए थे उस दिन?
मैं- आपके लिए निकाला था.
वो बोलीं- जरा देर से चखा था … सूख गया था.
मैंने कहा- आज सीधे टोंटी से अमृत चूस लेना.
वो बोलीं- हां आज छोड़ूंगी नहीं.
फिर मैं चूसते हुए उनकी नाभि पर आ गया और उनकी पैंटी उतारी तो चूत एकदम चिकनी थी.
मैंने भाभी की चूत को चाटना चालू कर दिया.
कुछ ही देर में भाभी झड़ गईं.
मैंने उनके काम रस को चाट कर चूत को साफ कर दिया.
उनकी चूत को चूसता जा रहा था. इससे उनकी चूत दुबारा से पनिया गयी थी.
भाभी चिल्लाने लगी थीं- आह बर्दाश्त नहीं होता … चोद दे अब!
मैं- रुक जाओ भाभी, अभी तो खेल शुरू हुआ है.
उन्होंने मुझे धक्का मार कर मेरे लंड को पकड़ लिया.
मेरा मोटा लंड देख कर भाभी बोलीं- ये तो बड़ा मस्त है. तुम्हारे भैया से काफी मजबूत है.
उन्होंने लंड चूसना शुरू कर दिया.
मैं गनगना गया और अकड़ने लगा.
भाभी लंड चूसती हुई इशारे से बोलीं- माल मेरे मुँह में ही निकाल देना.
मैं बिंदास उनका मुँहचोदन कर रहा था और भाभी गों गों करके लौड़ा चूस रही थीं.
मैंने कहा- भाभी, लगता है मेरे लंड का माल ऐसे नहीं निकलेगा, आज तो चूत में जाकर ही निकलेगा.
वो बोलीं- कहीं भी निकाल देना राजा.
मैं- चलो 69 में करते हैं.
भाभी हां बोल कर 69 की पोजीसन में आ गईं.
हम दोनों चरम सुख के आनन्द में डूबे थे.
भाभी अपनी कमर उठा उठा कर चूत को चुसवाती हुई उछल रही थीं.
मैंने उनका 2 बार पानी निकाल दिया था.
भाभी को आई लव यू बोला.
वो भाभी बोलीं- भाभी मत बोलो यार … मेरे नाम से बुलाओ. अब तो तुम्हारी हो गयी हूँ. अब तरसाओ न, बस चोद दो मुझे अर्जुन.
वो बार बार चुदाई की कहने लगीं.
मैंने उनको डॉगी स्टाइल में किया, लंड को उनकी चूत में लगाया और जैसे ही अन्दर किया.
वो चिल्लाने लगीं- आंह मर गई … चोदने को बोला था, फाड़ने को नहीं!
उनकी चूत एकदम नई जैसी थी.
सात साल शादी के बावजूद भी चूत ऐसी, जैसे सील पैक हो.
फिर पूरी रात में मैंने भाभी को 4 बार चोदा और हर बार माल अन्दर डाला.
इस तरह भाभी सेक्स Xxx काम लगातार एक महीने तक चला.
फिर जब माहवारी नहीं हुई तो मालूम हुआ कि वो मेरे बच्चे की मां बनने की तैयारी हो गयी है.
उनकी खुशी देख कर मैं भी खुश हो गया.
अब बस आपकी चूत को चोदने का मन बनाए बैठा हूँ और एकदम तैयार हूं. बस आप मुझे याद कीजिए.
आपको मेरी भाभी सेक्स Xxx कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करके जरूर बताइए.
[email protected]
What did you think of this story??
Comments