मैं एक गैंगस्टर की रखैल बनकर चुद गई- 1

(Bad Wife Gunda Sex Kahani)

बैड वाइफ गुण्डा सेक्स कहानी में मैं मोहल्ले के एक गुण्डे से चुदाई करवाने के लिए बेचैन हो रही थी. वह मुझे पहले भी चोद चुका था और मुझे बहुत मजा आया था.

यह कहानी सुनें.

दोस्तो, मेरा नाम जीनी है.
आप लोगों ने पिछली कहानी
वासनावश सेक्सी भाभी ने मवाली से चूत चुदवा ली
में पढ़ा था कि मुकेश हमारे एरिया का आवारा लड़का था या कहिए, गैंगस्टर था.

मुकेश ने मेरे घर में घुस कर मेरी चुदाई की थी.
हालांकि मैं भी उसे पसंद करती थी इसलिए मैंने भी खुद से चाहकर उससे चुदाई करवा ली थी.

हालांकि दिखावे के लिए मैं चुदाई के दौरान उसका विरोध करती रही.
उससे चुदने में मुझे बहुत मजा आया और यह बात मैंने किसी से बताई भी नहीं.
आखिर बताने से क्या होता, मेरी तो बदनामी हो ही जाती और मेरा गृहस्थ जीवन भी बर्बाद हो जाता.

यह बैड वाइफ गुण्डा सेक्स कहानी उसी आदमी से दोबारा चुदाई की है.

मुझे उससे शारीरिक संबंध बनाना इसलिए भी अच्छा लगा क्योंकि मुकेश एक बलशाली मर्द था.
उसके जैसे मर्द से चुदने के बाद मुझे उससे चुदाई का चस्का लग गया और अब मैं खुद से यह चाहती थी कि उससे मेरे संबंध बने रहें.

इसलिए अब मैं दूसरे मौके की तलाश में थी कि मौका मिले और मैं मुकेश को बुला कर उससे सेक्स की कह सकूं.
ताकि वह मेरी दमदार चुदाई करे … जो कि एक औरत को मर्द से चाहिए होता है.

इसी चाहत को अपने मन में लिए हुए मुझे काफी दिन हो गए.
परंतु मुझे मौका ही नहीं मिला कि मैं उसे अपने घर बुला सकूं.
घर इसलिए … क्योंकि बाकी कहीं और जगह मेरे लिए उसके साथ चुदना सेफ नहीं था.

मुझे उसकी याद आते ही उसका पहला स्पर्श याद आ गया, जब उसने मेले में मेरी गांड को लैगी के ऊपर से छुआ था.

फिर बाद में एक रात उसने मेरे ही घर में घुसकर मेरी चुदाई की.
तब से मैं उससे मिलने को बेकरार थी कि वैसा दिन दुबारा से कब मिले.

रविवार के दिन मुझे सोसाइटी में हो रही एक शादी में हॉल में जाने का कार्ड आया था.
मुझे उस शादी में अकेले ही जाना था क्योंकि मेरे पति तो बाहर इंदौर में जॉब करते थे.

शादी शाम को थी.
मैं करीब पाँच बजे शादी के लिए तैयार होने लगी.
पहले मैं फ्रेश हुई और शादी में जाने के लिए कपड़े देखने लगी.

शादी में पहनने के लिए मैंने आसमानी रंग का नेट वाला लहंगा चुनरी सिलेक्ट किया.
मैंने लहंगा पहना.
लहंगा पहनने के बाद जब मैंने उसका ब्लाउज पहना तो वह काफी टाइट हो गया था. जिसके कारण वह मेरी चूचियों पर पूरी तरह से चिपक कर फिट हो गया था.
मैंने ब्रा भी नहीं पहनी थी.

ब्लाउज में दूध के कप लगे होने से उसमें मेरे दूध एकदम कसे हुए आकार में लग रहे थे.
ब्लाउज सामने से गोल गले का था और पीछे से बैकलैस मटका शेप का था.

फिर मैंने बालों का जूड़ा बनाया ताकि मेरी पीठ पूरी नंगी दिखे, जूड़े में गजरा लगाया और बालों की कुछ लटें साइड से फैला लीं. होंठों पर लाल लिपस्टिक लगाई, हाथों में लाल रंग की चूड़ी, पूरी भरी हुई पहनी.

इस लहंगे के साथ वाली चुनरी नेट की थी और पूरी ट्रांसपेरेंट थी, जिसके एक सिरे को मैंने पीछे अपने बालों के जूड़े की पिन से फंसाया हुआ था.

चुनरी ट्रांसपेरेंट होने के कारण मेरा पिछवाड़ा और पेट साफ दिख रहे थे.

मैंने कानों में झुमके वाली सोने के लटकन, गले में सोने वाला हार और मंगलसूत्र पहना था, हाथों की उंगलियों में अंगूठियां पहनी थीं.
मेरे हाथों में मेंहदी रची हुई थी जो कि मैंने पहले से ही लगा रखी थी और हल्का सा मेकअप भी किया था.

लहंगा चुनरी में मैं किसी दुल्हन से कम नहीं लग रही थी और उसमें कयामत ढाता मेरा 34-28-36 का फिगर किसी का भी लंड खड़ा करने के लिए काफी था.

जैसा कि पिछली कहानी में मैंने लिखा था कि मेरी गांड पहले से ही थोड़ी बाहर को निकली हुई है और बूब्स भी अभी टाइट ही थे क्योंकि रोज तो पति दबाते नहीं थे.
और आज मैंने जो ब्लाउज पहन था, उसमें से मेरे बूब्स और ज्यादा तने हुए थे.

फिर चूचों पर चुनरी का साया भी नहीं था तो मेरे दूध अपनी छटा अलग ही बिखेर रहे थे.
कुल मिलाकर मैंने जो लहंगा चुनरी पहना था, उसमें मैं काफी मनमोहक, सेक्सी और खूबसूरत लग रही थी.

फिर मैंने दर्पण के सामने जाकर अपने आपको देखा और खुद से बोली कि जीनी आज देखती हूँ कि शादी की पार्टी में मुझसे भी ज्यादा कोई खूबसूरत होगा क्या?
मैं अपने रूप सौन्दर्य पर खुद में ही फूली नहीं समा रही थी.

फिर करीब 7 बजे मैं शादी में जाने के लिए घर से निकल पड़ी.
वह शादी वाला हॉल मेरे घर से चार किलोमीटर दूर था.

मेरे साथ सोसाइटी की चार महिलाएं भी थीं जो बार-बार यही तंज कस रही थीं कि जीनी आज किसके लिए तैयार होकर जा रही हो, किस पर अपना जादू चलाओगी?

सच में आज मैं दिखने में काफी हॉट लग रही थी.
जब हम लोग हॉल में पहुंचे, तो शादी की तैयारी चल रही थी.
रिसेप्शन पार्टी अपने पूरे जोर पर थी.

मैं देख रही थी कि सारे मर्द एक बार तो मेरी तरफ मुड़कर देख ही रहे थे.

कुछ देर बाद खाना भी शुरू होने वाला था.

कुछ देर पहचान वाले लोगों से मिलने के बाद मैं बाकी लेडीज के साथ स्टेज पर पहुंची, जहां पर खड़े होकर दूल्हा दुल्हन के साथ फोटो खिंचाई.

जब मैं फोटो खिंचवा रही थी, तभी मेरी नजर गैंगस्टर आवारा मुकेश पर जा पड़ी.
वह भी शादी में आया हुआ था. वह अपने कुछ आवारा दोस्तों के साथ था.

जब मैं स्टेज पर थी, तभी मुकेश की और मेरी नजरें आपस में टकरा गईं.
उसने भी मुझे देख लिया.

स्टेज से उतरने के बाद मुकेश मेरे आस-पास मंडराने लगा लेकिन उसकी कोई हरकत मुझे परेशान नहीं कर रही थी.
हमारी आंख मिचौली चल रही थी और मैं उसके सामने कुछ ज्यादा ही इठलाकर अपनी अदाएं बिखेर रही थी.

मैं जान बूझकर उसकी ओर देखकर नजरें झुका कर मुस्कुरा देती.
पर मैं उसके पास नहीं जाना चाह रही थी ताकि कोई हमारे बारे में जान ना ले.

फिर मैंने खाना खाया.
खाने के समय भी वह मेरे आस-पास ही था. खाने के दौरान मुकेश मेरे सामने की ओर खड़े होकर ही कुछ दूरी पर खाना खा रहा था और बार-बार मुझे ही देख रहा था.

मेरी उसकी नजर मिलने पर मैं मुस्कुरा देती और आंखों ही आंखों में हमारे इशारे चल रहे थे.
मैं उसको देखकर कामुकता से मुस्कुरा भी देती, जिससे वह आहें भरने लगता.

वैसे भी मेरे साथ वाली सारी लेडीज का यही कहना था- जीनी, आज बहुत लोगों की नजर तुम पर है, थोड़ा संभल कर रहना. कहीं इस पार्टी में तुम्हें कोई प्रपोज न कर दे.

एक बार मेरे पास से जाते हुए मुकेश ने सबसे नजरें चुराते हुए मेरी कमर पर चुटकी भी ले ली लेकिन समय को देखते हुए मैंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और मुकेश की तरफ देखते हुए झूठा गुस्सा दिखाया और मुस्कुरा दी.
आखिर मुझे भी काफी मीठी सी गुदगुदी हुई थी.

इस तरह पार्टी में इन्जॉय करते हुए मुझे करीब साढ़े नौ बज चुके थे.
पार्टी अपने जोरों पर चल रही थी.

तभी मुकेश का फोन आया.
मैंने थोड़ा हटकर फोन उठाया और एक साइड में जाकर उससे बात करने लगी.

मुकेश बोला- आज बहुत खूबसूरत लग रही हो … किसके लिए इतना सजकर आई हो?
पहले तो मैंने कहा- तुम क्या कर रहे थे … अगर कोई मुझे इस तरह छेड़ते हुए देख लेता तो?
वह हंसा.

फिर मैं बोली- तुम्हारे लिए ही सजकर आई हूँ.
इस पर वह बोला- स्टेज के पीछे मिलो.

मैंने उसे मना कर दिया.
वह मिलने की जिद करने लगा.

असल में मैं भी उससे मिलना चाहती थी.
तो मैंने कहा- ठीक है, मैं अभी घर के लिए निकल रही हूँ. घर पर ही मिलो. वैसे भी सोसाइटी के ज्यादा लोग तो शादी में ही हैं और तुम्हारे घर आने का रास्ता साफ है.
उसने ओके कह दिया.

फिर बाकी सभी लेडीज से नजरें चुरा कर मैं वहां से निकल पड़ी और शादी की पार्टी से निकलकर जल्दी से घर पहुंच गई.

घर पहुंचकर मैंने टाइम देखा तो दस बज रहे थे.
मैं मन ही मन बहुत खुश हो रही थी.
आखिर मुकेश से दुबारा मिलने का समय करीब आ रहा था.

फिर मैंने मुकेश को फोन लगाया और उसे बताया कि मैं घर पहुंच गई हूँ.
फोन पर बात करने के दौरान मैंने अपने सोने के गहनों को उतार दिया.

मैं जानती थी कि वह बहुत बेरहमी से मुझे मिलेगा और चोदेगा भी … या कहिए मेरा कचूमर बनाते हुए मेरी चुदाई करेगा.

फिर मैंने घर के सारी लाइट्स ऑफ कर दीं और एक जीरो वाट की लाइट जला दी ताकि किसी को मेरे होने का आभास ना हो और हमें कोई डिस्टर्ब न कर सके.
मैंने सिर्फ बेडरूम की लाइट को चालू रखा.

उसके साथ फोन पर बात चालू थी.
आज मुकेश कुछ ज्यादा ही रोमांटिक बातें कर रहा था, मेरे हुस्न की तारीफ कुछ ज्यादा ही कर रहा था.

उससे बात करते करते ही अचानक से मुकेश ने कहा- दरवाजा खोलो, मैं आ गया हूँ.
उसकी यह बात सुनते ही मेरा दिल जोरों से धड़कने लगा.

मैंने फोन काटा और भागकर दरवाजा खोला.
सामने वही था.

मैंने मुस्कुराते हुए उसका स्वागत किया.
मुकेश जल्दी से अन्दर आ गया.

मैंने बाहर जाकर देखा तो मुझे कोई भी आस पास नहीं दिखा.
मैंने फिर से अन्दर जाकर दरवाजा बंद कर लिया और मुकेश को देखा.

आज उसने जींस और ब्लू शर्ट पहनी थी.
इसमें वह काफी हैंडसम लग रहा था.
उसने ड्रिंक भी नहीं की हुई थी.

मैंने जैसे ही दरवाजा बंद किया और घूमी कि मुकेश ने अपनी बांहें फैला दीं.
पहले तो मैंने आंखों से गुस्सा दिखाते हुए कहा- क्यों आए हो यहां?

फिर अगले ही पल मुस्कुराती हुई मैं तुरंत जाकर उसकी बांहों में समा गई.

उसने भी मुझे अपनी बांहों में कस कर पकड़ लिया.
मैं उसके सीने से लगी हुई थी.

फिलहाल हम दोनों शांत थे और एक दूसरे की धड़कनों को सुन रहे थे.
मुझे उसकी बांहों में सुकून मिल रहा था.
मैं सोचने लगी कि यही मेरी चाहत है.

फिर मुकेश ने मुझसे पूछा- कहा चलें?
मैंने उसके सीने पर मुक्का मारते हुए और उससे दूर हुई.

फिर मुस्कुराते हुए मैंने कहा- मुझे तुम्हारे साथ कहीं नहीं जाना. वैसे भी तुम मुझे कुछ ज्यादा ही परेशान करते हो. लास्ट टाइम तुमने मुझे बर्बाद कर दिया था … वह तो शुक्र मानो मैंने किसी से कुछ कहा नहीं!
मुकेश ने कहा- अच्छा हुआ जो आज तुमने मुझे बुला लिया, वरना आज मैं तुम्हें पक्का पार्टी से उठा ही लेता.

यह कहकर उसने आगे बढ़कर मुस्कुराते हुए एक हाथ मेरी पीठ पर और दूसरा हाथ मेरे पैरों के नीचे से डालते हुए मुझे अपनी गोद में उठा लिया.
उसने मुझे चूमते हुए कहा- बेडरूम में चलते हैं.

अब मैं शर्माती हुई मुकेश की ओर देखकर हल्के हल्के मुस्कुरा रही थी.
मुकेश अपनी गोद में उठाए हुए मुझे बेडरूम में ले गया.
मैंने कहा- छोड़ो मुझे … कोई देख लेगा!

बेडरूम में जाकर वह बेड पर बैठ गया लेकिन उसने मुझे अपनी गोद से नहीं उतारा.
उसने कहा- तुम और मैं अकेले हैं. यहां कौन देखेगा हमें?
मैं बस मुस्कुरा रही थी.

उसका एक हाथ मेरी चुनरी के ऊपर से मेरी पीठ पर था और दूसरा हाथ मेरे लहंगे के ऊपर से पैरों को पकड़े हुए था.
मैं तो सिर्फ उसकी गोद में शर्माती हुई मुस्कुरा रही थी.

तभी मुकेश ने अपना चेहरा मेरी ओर बढ़ाया.
मैंने अपने चेहरे को दूसरी तरफ घुमा लिया.
उसने मेरी गर्दन पर किस ले ली.

मैंने उसके रोमांस के इस तरीके से अपने हाथ नीचे कर दिए.
वह मेरे चेहरे पर हल्की हल्की चुम्मियां लेने लगा.
उसकी इस हरकत से मैं तितली की तरह तिलमिलाने लगी.

वह अपने हाथों से मेरी पीठ और मेरे पैरों को भी सहला रहा था, लेकिन मेरे कपड़ों के ऊपर से ही सहला रहा था.

मेरी चूत तो मानो अभी से ही गीली सी हो गई थी.

उसे मैं बस अपनी बातों से रोकने की कोशिश कर रही थी.
मैं बोल रही थी- आंह मुकेश … ये क्या कर रहे हो … प्लीज छोड़ो!

अब उसकी हरकतें बढ़ने लगीं और वह मेरे चेहरे, गर्दन पर, यहां तक कि ब्लाउज के ऊपर से मेरे बूब्स को भी सहला रहा था और उनकी चुम्मी ले रहा था.

फिर उसने अपना हाथ नीचे करते हुए मेरे लहंगे के अन्दर अपने हाथ को डाल दिया.
वह अपने हाथ को मेरी नंगी जांघों पर चलाने लगा.

उसकी इस हरकत से मुझे बहुत उत्तेजना हो रही थी.
आगे बढ़ते हुए मुकेश ने मेरे लहंगे को समेटा और उसे मेरी जांघों तक ले आया.

वह मेरी ओर देखते हुए मेरी जांघों को सहलाने लगा और साथ ही वह ब्लाउज के ऊपर से मेरे बूब्स पर किस कर रहा था.

मुझसे सहा नहीं जा रहा था. मैंने उससे कहा- तुम बहुत शैतान हो गए हो!
मैंने अपने पैरों को नीचे कर लिया.

अब बेड पर मुकेश बैठा था; मैं उसके ऊपर ही उसकी गोद में बैठी थी.
इस वक्त उसके सामने मेरी पीठ थी.

उसने मेरी चुनरी को सरकाते हुए एक साइड किया और मेरी बैकलैस पीठ पर किस करने लगा.

उसने मेरे ब्लाउज के ऊपर की डोर और नीचे के हुक को पीछे से खोल दिया.

मैंने कहा- यह क्या कर रहे हो … कपड़े क्यों उतार रहे हो?
इस पर उसने मेरे हुस्न की तारीफ करते हुए कहा- आज इस पीठ को देखकर मैं तुम पर फिदा हो गया था और पूरी पीठ देखने की इच्छा थी.

वह मेरी नंगी पीठ पर किस करने लगा और आगे हाथ डालकर ब्लाउज के ऊपर से ही मेरे बूब्स को दबाने लगा.

मैं मदहोश हो रही थी और मुकेश से बोल रही थी- आह बस हो गया मुकेश … अब छोड़ भी दो … बस हो गया मुकेश … आह!

मेरा अपने आप पर से आपा खोता जा रहा था.
मैं अपने हाथ को पीछे ले जाकर सहलाने लगी और मेरे मुँह से भी अजीब सी कामुक आवाजें आने लगीं ‘ओह मुकेश …’

मुझसे सहा नहीं गया और मुझे लगने लगा कि कहीं उस पल ही मेरी चूत से मेरा सारा पानी न निकल जाए.

मैं वहां से उठकर सामने की ओर बनी खिड़की की तरफ आ गई और जोर जोर से सांसें लेने लगी.

दोस्तो, मुकेश मेरे साथ किस तरह से चुदाई करेगा और मुझे अपनी रांड बना कर कैसे मेरे घर में ही रात गुजारेगा, वह सब मैं आपको इस सेक्स कहानी के अगले भाग में लिखूँगी.

आपको मेरी बैड वाइफ गुण्डा सेक्स कहानी पर क्या कहना है प्लीज अपने मेल व कमेंट्स लिखें.
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बैड वाइफ गुण्डा सेक्स कहानी का अगला भाग: मैं एक गैंगस्टर की रखैल बनकर चुद गई- 2

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