अनुशासित अधिकारी मैडम की पहल पर चुदाई
(Xxx Office Chudai Kahani)
Xxx ऑफिस चुदाई कहानी में मेरी सरकारी नौकरी में मेरी अधिकारी महिला बहुत सख्त और अनुशासन प्रिय थी. फिर भी उसने मुझे अपनी चूत का मजा दिया.
हाय दोस्तो! मेरा नाम अक्षय प्रताप है। मैं लखनऊ का रहने वाला हूं।
मेरे जीवन की यह सच्ची घटना है जिसे आपके बीच साझा कर रहा हूं।
मेरी हाइट पांच फिट आठ इंच है और वजन अस्सी कि ग्रा है। मैं स्लिम तो नहीं हूं लेकिन मेरी बॉडी अच्छी दिखती है क्योंकि मैं देशी व्यायाम करता हूं।
अब आता हूं सीधे Xxx ऑफिस चुदाई कहानी पर!
बात 2017 की है जब मैंने स्नातक की डिग्री प्राप्त की और उसके तुरन्त बाद एक अच्छी सरकारी नौकरी मिल गयी।
जिंदगी एकदम आराम से चल रही थी.
लेकिन तभी ईश्वर की कृपा हुयी और मुझको कुछ विभागीय कार्य से जिले के संबंधित अधिकारी के पास जाना पड़ा।
हमारे विभाग की प्रमुख एक महिला अधिकारी थीं जो बेहद सख्त और अपने काम के प्रति एकदम ईमानदार बतायी जाती थी.
उनका नाम रूपाली श्रीवास्तव (बदला हुआ) था।
पांच फीट तीन इंच लंबी, सुन्दर स्वरूप की महिला, गेहुंआ रंग, कमर तक लंबे बाल, सुन्दर नाक, मध्यम आकार की काली आंखें और 34-30-38 की शानदार शारीरिक बनावट।
अब आप समझ सकते हैं कि वो एक अधिकारी होने के साथ साथ बला की खूबसूरत भी थी।
जिले के सारे बड़े अधिकारी उन पर फिदा थे ऐसा उन्होंने बाद में बताया।
खैर मैं अपनी फाइल के साथ मैडम के कैबिन में दाखिल हुआ.
उन्होंने फाइल का बारीक अध्ययन करने के बाद मुझसे कुछ नाराजगी जतायी और अगली बार से मुझे ऑन द वे रहने की नसीहत दे डाली।
मैं सॉरी बोलकर चुपचाप निकल लिया और वापस अपने कार्यालय में आ गया।
कुछ दिनों के बाद अचानक एक दिन हमारे क्षेत्र में मैडम का आकस्मिक निरीक्षण हुआ जिसमें मैं अनुपस्थित पाया गया.
उन्होंने वेतन रोक देने के आदेश के साथ ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया।
मैंने बहुत लोगों से सिफारिश लगवाने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहा।
अंत में हार मानकर एक ऐप्लिकेशन लिखा और सुबह 10 बजे मैडम के ऑफिस के बाहर पड़ी कुर्सी पर बैठकर उनके आने का इंतजार कर रहा था।
अभी 5 मिनट ही हुए थे कि उनकी गाड़ी आकर रुकी।
मैंने खड़े होकर उनको नमस्ते की.
उन्होंने भी औपचारिक ज़वाब दिया और अंदर चली गयीं।
मैंने उनके असिस्टैंट को अपने बारे में बताया और बोला कि मुझे अन्दर जाने की परमिशन दिला दे।
वह अंदर मैडम के कैबिन में गया और 5 मिनट बाद बाहर आया, मुझको अंदर जाने के लिए बोला।
अंदर पहुचते ही मैंने पुनः मैडम को नमस्ते की और ऐप्लिकेशन मेज पर रखकर चुपचाप खड़ा हो गया।
मैडम ने ऐप्लिकेशन पढ़ी और मेरी तरफ आंखें उठाकर बोली- आज तो छोड़ दे रही हूँ लेकिन आगे से ध्यान रखना।
मैंने उनको धन्यवाद दिया और निकलने ही वाला था कि उन्होंने पूछा- यह तुम्हारी ही लिखावट है? तुम इतने लापरवाह हो तुम्हारी लिखावट इतनी अच्छी कैसे है?
तो मैंने ज़वाब दिया- मैडम लिखावट मेरी ही है लेकिन मैं लापरवाही नहीं करता। परिवार में समस्या होने की वजह से ऐसा हुआ।
इतना कहकर मैं नमस्ते करके निकल लिया।
मैडम मेरी लिखावट से प्रभावित थी क्योंकि मेरी लिखावट की तारीफ पहले भी कई लोग कर चुके हैं और मुझे स्नातक के परीक्षा में भी इसका लाभ मिल चुका है।
लगभग एक सप्ताह के बाद मैडम ने हमारे कार्यालय के बड़े बाबू को अनियमितता के आरोप में सस्पेंड कर दिया और मुझको उसकी पत्रावली के साथ ऑफिस बुलाया।
मैं तय समय पर पहुचा और पूरे रजिस्टर का सारांश साफ सुथरे और सुन्दर अक्षरों में लिखकर मैडम को पेश कर दिया.
जिसे उन्होंने अपने फाइल में रख लिया और पहली बार उन्होंने मुझे बैठने के लिए कहा।
मैं बैठ गया.
उन्होंने मुझसे पूछा- तुमने कहाँ तक पढ़ाई की है? तुम्हारी लिखावट बहुत अच्छी है!
मैंने उनको बताया कि मैं इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक हूँ और फिर यहाँ नौकरी कर रहा हूं।
उन्होंने आगे तैयारी के लिए पूछ लिया.
तो मैंने बताया कि मैडम घर में कुछ समस्या थी इसलिए आगे तैयारी नहीं कर पाया।
उन्होंने परिवार और शादी के बारे में पूछा.
तो मैंने बोला- मैं अविवाहित हूँ और शादी के बारे में सोच रहा हूँ।
उन्होंने कहा- मेरा शादी को लेकर बहुत खराब अनुभव है. मेरा तलाक तो नहीं हुआ लेकिन मुझमें मेरे पति को कोई रुचि नहीं है। अब उम्र भी 35 से उपर की हो गयी तो अब फिर से दूसरी शादी नहीं करेंगे।
मेरे मुख से निकल गया- मैडम, आप 35 की लगती नहीं हैं।
इतना कहकर मैंने हड़बड़ाहट में माफी मांग ली।
उन्होंने स्माइल देकर कहा- मुझे फ्लर्ट कर रहे हो? यह ठीक बात नहीं है।
मैंने फिर से माफी मांग ली तुरन्त!
उन्होंने हंसकर कहा- कभी कभी हो जाता है, कोई बात नहीं!
फिर उन्होंने पूछा- कहाँ रहते हो?
मैंने बताया- मैडम, सरकारी घर नहीं मिला इसलिए किराये पर रहता हूं।
इस पर उन्होंने कहा कि तुम अपना नंबर लिख कर दे दो। एक क्वार्टर खाली है, उसमें कोई रहता नहीं तो उसकी डिटेल्स लेकर तुम्हें सूचित करा दूंगी। तुम उसकी साफ सफाई कराकर शिफ्ट हो जाना।
इसके लिए मैंने मैडम का आभार जताया और नंबर लिखकर वापस आ गया।
3 दिन बाद मैडम के असिस्टैंट की कॉल आयी और बोला- मैडम आप से बात करेंगी।
मैंने मैडम को नमस्ते की.
उन्होंने ज़वाब दिया- नमस्ते! तुम्हारे क्वार्टर के लिए हम बात कर लिए हैं, तुम जाकर देख लो। शाम को हमारा असिस्टैंट तुमको क्वार्टर दिखा देगा।
शाम को मैं क्वार्टर देखने गया जो मैडम के आवास से मात्र 100 मीटर की दूरी पर था और सी टाइप का रूम था.
उसमें एक बड़ा कमरा, किचन, बाथरूम और कमरे के बाहर एक अच्छी से लॉबी थी।
क्वार्टर मुझे बेहद पसंद आया मैंने अगले दिन ही सारा समान शिफ्ट कर लिया और आराम से रहने लगा।
करीब 15 दिन बाद मेरे फोन पर किसी अनजान नंबर से कॉल आयी.
मैंने फोन उठाया और कहा- हेल्लो!
उधर से आवाज आयी- मैं रूपाली श्रीवास्तव बोल रही हूँ।
मैंने नमस्ते करके कहा- मैडम, आदेश कीजिए?
तो उन्होंने कहा- तुम तो मुझे धन्यवाद भी नहीं दिए, तुमको सरकारी क्वार्टर भी मिल गया।
मैं बोला- मैडम, आपसे इतना डर लगता है कि आपके सामने आना बड़ा मुश्किल काम है. अगर आप आदेश करें तो अभी मैं आ जाता हूँ आपके ऑफिस!
उन्होंने कहा- नहीं, आवास पर शाम को 6 बजे आओ.
मैंने ओके बोलकर फोन काट दिया।
मैं ऑफिस से रूम पहुंचकर नहाया और अच्छे से तैयार होकर 5:30 पर निकल गया।
एक अच्छी मिठाई की दुकान पर काजू की बर्फी पैक कराकर मैडम के आवास पर पहुंचकर घंटी बजाई।
महिला नौकरानी ने दरवाजा खोला और पूछा- आप अक्षय हो?
मैंने हाँ बोला.
तो उसने अंदर आने का इशारा किया और सोफ़े पर बैठने को बोला।
मैं बैठ गया।
नौकरानी पानी और चाय ले आयी।
मैं चाय पी रहा था कि तब तक मैडम आयी.
तब मैं उनको देखता ही रह गया।
काले रंग के लोअर और पिंक टॉप में खुले लहराते बाल, लाइट सा मेकअप, प्रत्येक कदम के साथ उनके दोनों दूध टॉप को फाड़कर बाहर आने की कोशिश कर रहे थे।
उनके शरीर का एक एक अंग कसे हुए कपड़ों में महसूस हो रहा था।
एक बार जब वे पीछे की तरफ मुड़ी तो बाप रे! क्या मस्त गांड थी!
मेरी तो हालत खराब हो गयी.
मैं एकटक देखता ही रह गया।
जब उन्होंने पूछा- क्या देख रहे हो?
तब याद आया।
मैंने हड़बड़ाहट में मिठाई का पैकेट उनको थमा दिया और कहा- यह आपके लिए मैडम! सरकारी घर दिलाने की खुशी में आपके लिए!
उन्होंने कहा- अरे ये तो मुझे बहुत पसन्द है, तुम्हें कैसे पता चला?
मैंने उनको बताया- मैं आपके असिस्टैंट से आपके पसन्द की मिठाई की जानकारी लेकर ही मिठाई लाया हूँ।
उन्होंने कहा- बहुत स्मार्ट हो!
मैंने उनको थैंक्स कहा।
कुछ इधर उधर की बात हुयी।
उसके बाद मैडम ने पूछा- शादी कब कर रहे हो?
मैंने कहा- आप नाराज न हो एक बात कहूँ? मेरे पास तो फिर भी समय है, लेकिन आपने दूसरी शादी क्यों नहीं कर लेती?
इतना सुनकर उनकी आँखों में आँसू आ गए।
उन्होंने बताया कि मेरे पति पुलिस अधिकारी हैं और उन्होंने चोरी से दूसरी शादी कर ली और अब मुझसे कोई मतलब नहीं रखते. मैंने भी धीरे-धीरे उनसे खुद को अलग कर लिया. पहले तो दिक्कत हुयी लेकिन अब अपने काम में व्यस्त रहती हूँ तो बहुत फर्क नहीं पड़ता।
मैंने कहा- मैडम, फिर भी कुछ जरूरत तो महसूस होती ही होगी. आखिर आप एक पुरुष के साथ रही हैं।
इस पर वे रोने लगी।
मैंने अपनी रुमाल से उनके आँसू पौंछे और उनको शांत रहने के लिए कहा।
थोड़ी देर बाद वे नॉर्मल हुयी और बोली- तुम भी पढ़ लिखकर इस नौकरी में आए हो, समझदार लगते हो। मुझे तुम्हारी लिखावट बहुत पसन्द आयी।
मैंने उनको दुबारा इसके लिए धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा- जिनकी लिखावट अच्छी होती है, वे लोग अच्छे इंसान भी होते हैं। मेरी लिखावट भी अच्छी है इसीलिए मैं तुमको अपनी तरह समझने लगी। क्या तुम मेरे दोस्त बनोगे?
मैंने कहा- मैडम, यह तो आपका बड़प्पन है कि आप मुझे इस लायक समझती हैं।
उन्होंने कहा- अक्षय मैंने तुमको दोस्त समझकर ही अपने घर बुला लिया. वर्ना यहाँ तो सब देखते ही हो किस तरह के लोग हैं। आज तक मैं बहुत बचाकर चली हूँ।
मैंने कहा- मैडम, आप निश्चिंत रहिए, मेरी तरफ से आपको कोई दिक्कत नहीं होगी।
इतना सुनते ही मैडम ने सोफ़े पर बैठे बैठे मुझे एकदम से चिपका लिया और बोली- तुम पहले क्यों नहीं मिले अक्षय?
मैं भी उनके पीठ पर हाथ रखकर सहलाने लगा.
कुछ ही देर में मेरे लंड में हलचल हो गयी जो मैडम को महसूस होने लगा।
मैडम ने अचानक मुझे खुद से छुड़ाकर कहा- पहले नौकरानी को घर भेज दें, नहीं तो गड़बड़ हो जाएगा।
वह किचन में वर्तन साफ कर रही थी।
उसको उन्होंने घर भेज दिया और सुबह आने के लिए कहा।
उसके जाने के बाद मैडम ने दरवाजा बंद किया और तेजी से तेजी से मेरे पास आयी और एकदम चिपक कर बैठ गईं।
धीरे धीरे मैडम ने मुझे गले लगा लिया.
मैंने फिर से उनके पीठ सहलाना शुरू किया और हाथ नीचे खिसका कर उनकी गांड को भी सहला दिया।
उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
मैं समझ गया कि मैडम आज मूड में हैं।
अब मैडम का चेहरा लाल हो चुका था जिसे मैंने अपने हाथों में लिया और उनके होठों को चूसने लगा।
कुछ ही समय में मैडम भी मेरा साथ देने लगी और स्मूच करने लगी।
अब तक मेरा लंड खड़ा हो चुका था जो 6 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है, उनके पेट पर नाभि के आसपास टकरा रहा था।
उन्होंने उसको पकड़ा और दबा दिया.
मेरे मुख से ‘आह मैडम!’ निकल गया।
उन्होंने कहा- ये क्या मैडम मैडम लगा रखा है? मुझे रूपाली बोलो।
तभी वे बोली- चलो बेडरूम में चलते हैं.
मैं उनके पीछे पीछे बेडरूम में गया और उन पर टूट पड़ा।
खड़े खड़े ही मैं उनके दूध दबा रहा था और साथ में किस भी कर रहा था।
अब मैडम की सिसकारी निकलनी शुरू हो गयी और बोल रही थी- आह! हम्म आराम से अक्षय! आह! आह।
मैं उनके दूध को दबा रहा था और साथ में किस भी कर रहा था.
वे मेरे लंड को दबा रही थीं।
धीरे धीरे हम लोग एक दूसरे के कपड़े उतारने शुरू कर दिए.
सबसे पहले उन्होंने मेरी शर्ट खोल दी और मेरे 96 सेमी के सीने पर किस करने लगी।
मैंने उनका टॉप उतार दिया.
उसके बाद मैंने अपनी जीन्स खोल दी.
मैं अब केवल अंडरवीयर में था जिसमें मेरा लंड एकदम तंबू बना हुआ था.
जिसे देखकर रूपाली की आँखों में चमक आ गयी और बोली- बहुत तगड़ा लग रहा है!
और आंख मार दी।
मैंने भी उसका लोअर खींचकर निकाल दिया।
अब वह केवल काले रंग के ब्रा और पैंटी में एकदम कयामत लग रही थी।
मैंने झपट कर उसको पकड़ा और बिस्तर पर पटक दिया।
उसके उपर चढ़कर मैंने उसकी ब्रा को खोल दिया और दूध में मुंह लगा दिया।
रूपाली एकदम सिहर उठी- आह अक्षय! आराम से करो! प्लीज!
मैं उसकी बात पर ध्यान नहीं दे रहा था, बस अपने काम में लगा था.
दूध पीते हुए धीरे धीरे नीचे की तरफ बढ़ने लगा, नाभि पर किस किया।
रूपाली मेरे सर के बाल नोचने लगी।
वह एकदम पागल हो गयी और बोली- क्या कर कर दिया अक्षय?
मैं बोला- अभी देखती जाओ क्या क्या होगा?
वह बोली- दिखा ना क्या करेगा?
मैंने पैंटी के उपर से ही चूत पर मुंह रख दिया जो पहले गीली हो चुकी थी और काम गंध छोड़ रही थी।
रूपाली एकदम पागल हो गई- आह! आह! आह आयी माँ! क्या कर रहा है तू अक्षय! अब मत कर!
मैं उसकी पैंटी निकालने लगा तो उसने गांड उठाकर निकालने में मदद की।
एकदम साफ चिकनी गुलाबी चूत देखकर मेरी हालत खराब हो गयी।
लग रहा था अभी थोड़ी देर पहले ही साफ की है क्योंकि किसी क्रीम की महक आ रही थी।
मैंने अपना मुंह चूत पर रख दिया और मुंह में भरकर चूसना, काटना और साथ में जी स्पॉट पर उंगली भी चलाने लगा।
रूपाली एकदम तड़प उठी और चिल्लाने लगी- छोड़ दो अक्षय! आह! आह! आह! हआह सी! ई ई ई! आआ आआ … आआहाँ … हाँ हाँ आहन … रुक जा मेरी जान निकल जाएगी।
अब मुझसे भी नहीं रहा जा रहा था, मैंने अपनी अंडर वीयर निकाल कर फेंक दिया।
रूपाली पहली बार मेरे लंड को बहुत गौर से देख रही थी जो पूरे आकार में था।
वह बोली- कहां छुपा के रखे थे इतना मस्त लंड?
मैं बोला- तुम्हारी चुत में डालने के लिए छुपा रखा था।
यह सुनकर वह बोली- तुम्हारा लंड मोटा है और लम्बा भी! धीरे-धीरे डालना क्योंकि मैं 3 साल बाद आज लंड लेने जा रही हूं।
मैंने कहा तुम आराम से मजे लो बस।
तब मैंने उसको लंड चूसने के लिए कहा तो उसने साफ मना कर दिया और बोली- मैंने कभी नहीं किया।
मैंने भी कोई जबरदस्ती नहीं की क्योंकि मैंने सोचा टाइम खराब करने से कोई फायदा नहीं, आज नहीं तो कल मुंह में लेगी ही।
अब मैंने उसकी दोनों टांगों को फैलाकर लंड चूत पर रखा जो कि एकदम गीली हो चुकी थी, साथ ही लंड से प्री कम निकल रहा था.
मैंने चूत के निशाने पर लंड सेट किया और एक धक्का दे दिया।
रूपाली ‘सीईईई!’ की आवाज के साथ एकदम बिलबिला गयी और बोली- आराम से करो!
फिर मैंने उसको कस के पकड़ा और पूरी ताकत से आधा लंड घुसा दिया।
‘आह आआआ आह! मर गयी’ बोलने के साथ उसकी आँखों में आ गए.
लेकिन मैं उसे छोड़ा नहीं बल्कि उसके दूध पीने लगा।
धीरे-धीरे वह नॉर्मल हुयी और मैंने आसानी से पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया और रुक गया।
एक मिनट बाद रूपाली बोली- रुक क्यों गए अक्षय?
मैंने फिर उसकी चुदाई शुरू की।
अब मैं पूरा लंड चूत में घुसा रहा था और निकाल रहा था।
रूपाली हर धक्के पर आह! आह! कर रही थी और मुझे किस कर रही थी, बोल रही थी- आह! और करो अक्षय … और तेज! आह आह … तुम तो बहुत कमाल की चीज हो अक्षय मेरी जान! और तेज चुदाई करो। तुम्हारे लंड की मैं फैन हो गयी। आज इतने दिन बाद मेरी प्यास बुझाने के लिए धन्यवाद अक्षय। बहुत मज़ा आ रहा है। अब तुम जब चाहो मेरी चुदायी सकते हो। आह! आह! आआआ आहाँ!
अब मैंने उसे घोड़ी बनने के लिए कहा.
वह तुरन्त घोड़ी बन गयी।
मैंने पीछे से पहले उसकी उभरी हुयी 38 इंच की गांड का मुआयना किया और सहलाया।
दोनों चूतड़ पर हल्की चपत लगाई और चूमा।
मैंने लंड बुर में सेट किया और एक ही बार में पूरा लंड अंदर कर दिया।
रूपाली एकदम आह करके रह गयी.
मैं उसकी चूत फाड़ने में लगा रहा।
उसने अपना सिर एकदम बिस्तर में दबा लिया।
लगभग 5 मिनट की धकापेल चुदायी के बाद रूपाली हांफने बोलने लगी और बोली- अक्षय आआ आह! आआ आआह्य! अब मैं झड़ने वाली हूँ!
और वह एकदम से झड़ गयी और निढाल हो गई।
लेकिन मेरा तब तक नहीं हुआ था।
मैंने उसको सीधा किया और उसकी चूत मे लंड डालकर चुदायी करने लगा.
अगले दो ही मिनट में मैं भी लंड बाहर निकाल कर सारा माल उसके पेट और नाभि में उड़ेल दिया और बगल में लेट गया।
थोड़ी देर बाद रूपाली ने खुद को साफ किया और मेरी तरफ मुड़ी.
Xxx ऑफिस चुदाई के बाद मुझे किस करते हुए वह बोली- आज तुमने मेरी नीरस जिंदगी में रंग भर दिया।
दोस्तो, उसने मुझे अपने सरकारी आवास में रोककर पूरी रात चुदायी करायी.
वह कहानी बाद में बताऊँगा।
अगर कहानी लिखने में कोई त्रुटि हुयी हो तो माफ कीजियेगा।
Xxx ऑफिस चुदाई कहानी पर आपके प्रतिउत्तर का इंतजार रहेगा।
आपका अक्षय
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