तलाकशुदा औरत को चोद कर ख़ुशी दी
(Talaqshuda Aurat Ko Chod Kar Khushi Di)
दोस्तो, मेरा नाम साहिल है. अन्तर्वासना की इस वेबसाइट पर मैंने बहुत सी सेक्स कहानी पढ़ी हैं. मेरी एक कहानी
क्लास मेट की सील तोड़ी
कुछ साल पहले प्रकाशित हुई थी.
आज मैं आपको अपनी सच्ची सेक्स कहानी सुनाने जा रहा हूँ.
मेरी उम्र 27 साल है. मैं अमृतसर शहर में एक कॉलेज में क्लर्क की नौकरी करता हूँ. वहां पर तैनात सभी कर्मियों को मुझसे काम पड़ता रहता है. इसी लिए मेरे पास सबका मोबाइल नंबर होता था.
मेरी इस कहानी की अदाकारा का नाम रंजीत कौर (बदला हुआ नाम) है. वो मेरे से उम्र में ग्यारह साल बड़ी हैं. जब उन्होंने कॉलेज ज्वाइन किया था, तब तक उनका डाइवोर्स हो चुका था. वो किसी से ज्यादा बात नहीं करती थीं. पहले मैंने भी उन पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया था.
मैं नौकरी के साथ साथ पढ़ाई भी करता हूँ. इसलिए मैं खाली समय में कॉलेज की लाइब्रेरी में पढ़ाई कर लेता था. एक बार रंजीत कौर भी वहीं पर थीं. उधर ही मेरी उनसे थोड़ी बहुत बातचीत हुई, जिससे मेरी उनसे कुछ जान पहचान हो गई थी.
फिर हम दोनों कॉलेज की कैंटीन में बैठकर बातें करने लगे और चाय पीने लगे. उनसे बात करके पता चला कि उनकी एक 7 साल की बेटी भी है. वो बेटी रंजीत कौर की माँ के साथ ही रहती है. उनके पिता जी की भी मौत हो चुकी थी.
मुझे उनकी इस तरह की जानकारी होने पर उन पर बहुत तरस आया. उनसे बात करके मुझे ये अहसास हुआ कि उन्होंने अपनी शादी के बाद कभी सुख नहीं मिला था. उनके पति ने भी उनको ज्यादा प्यार नहीं दिया था. मैंने मन में सोचा कि जवानी में ही अगर किसी लड़की का पति उसको छोड़ दे तो वो शारीरिक रूप से बहुत प्यासी रही होगी.
खैर … उनसे बात करके मुझे भी अच्छा लगा और उन्होंने भी मुझसे प्रसन्न होकर मेरा नंबर ले लिया. वो बहुत धार्मिक किस्म की महिला थीं.
कुछ ही दिनों में मेरी उनसे फोन पर मैसेज के माध्यम से शुरूआती बातचीत हो गई. वो मुझे व्हाट्सप्प पर रोज गुडमॉर्निंग या साधारण जानकारी या शिक्षा से सम्बन्धित मैसेज करती थीं.
इसी तरह हमारी थोड़ी थोड़ी बात होनी शुरू हो गयी.
धीरे धीरे मैं उनसे खुलने लगा और उनको मजाक वाले मैसेज भेजने लगा. वो भी हंसने वाला स्माइली भेज देती थीं.
सर्दियों के दिन थे. मैंने एक दिन काले रंग का डीप गले वाले वार्मर में अपनी तस्वीर निकाल कर अपनी व्हाट्सप्प प्रोफाइल पर लगा दी. मैं उसमें काफी सेक्सी लग रहा था. मेरे दोस्तों ने भी मेरी इस फोटो की काफी तारीफ की थी. रंजीत ने भी तारीफ की, पर साथ में ही उन्होंने मेरी इस फोटो को हटा देने को कहा.
मैं थोड़ा हैरान था कि ये ऐसा क्यों कह रही हैं. जब मैंने पूछा तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. मैंने भी इग्नोर कर दिया.
अगले दिन वो मुझको फिर लाइब्रेरी मैं मिलीं. उस समय लाइब्रेरी में और कोई नहीं था. चूंकि सभी बच्चे जा चुके थे. इस वक्त मैं लाइब्रेरी के उस कोने में बैठा था, जहां बहुत काम लोग आते थे. वो लाइब्रेरी का लवर पॉइंट कहा जाता था. जहां कॉलेज के लड़के लड़कियां आकर चूमा-चाटी कर लेते थे और हाथ से एक दूसरे को मसल देते थे.
मैंने उनको मेरे पास बैठने का ऑफर किया. हमारी नार्मल सी बात हुई.
उन्होंने मुझसे पूछा- तुम यहां क्यों बैठे हो … यहां इतनी रोशनी भी नहीं आती.
मैंने कहा- मुझे अकेले में पढ़ाई करना ज्यादा अच्छा लगता है.
उन्होंने कहा- अगर किसी ने हमें यहां अकेले बात करते देख लिया, तो ऐसी वैसी बातें होने लगेंगी.
मैंने कहा- मुझे कोई डर नहीं.
वह मेरी बात काटते हुए बोलीं- वैसे भी अभी कल की ही बात है कि …
वो इतना कह कर चुप हो गईं.
मैंने उनकी आंखों में देखते हुए पूछा- क्यों कल क्या हुआ था?
मेरे जोर देने पर उन्होंने बताया कि कल यहां एक कपल पकड़ा गया था. उन्होंने पास ही वहां पर लड़की की जीन की पड़ी हुई बेल्ट दिखाई और थोड़ा शर्मा गयी.
हम दोनों हंस पड़े.
मैंने कहा- चलो … फिर कैंटीन चल कर बात करते हैं.
बातों ही बातों मैं मैंने उनसे पूछा कि कल आपको क्या हो गया था. आपने मेरी वो फोटो हटा देने को क्यों कहा था?
वो हंसने लगीं और कहने लगीं- वो …
बस इतना कह कर वो चुप हो गईं. उन्होंने कुछ नहीं बताया.
मैंने थोड़ा नाराज हो जाने वाला चेहरा बना लिया.
वो कहने लगीं- व्हाट्सप्प पर बताऊँगी … अभी मैं लेट हो रही हूँ.
इसके बाद हम दोनों अपने अपने घर चले गए.
रात को वो थोड़ा लेट ऑनलाइन हुईं. मैंने बात करनी शुरू की और फिर से अपना सवाल दोहराया.
वो थोड़ी देर के लिए चुप कर गईं. फिर उन्होंने कुछ देर बाद बताया कि वो फोटो बहुत सुन्दर थी, इसलिए कहा था.
मैंने कहा- मतलब?
उन्होंने कहा- तुम उसमें कुछ ज्यादा ही सेक्सी लग रहे थे.
मैं अपनी तारीफ सुनकर ज्यादा ही खुश हो गया. मेरा लंड इतने में ही खड़ा हो गया. मैंने मन में सोचा कि अगर थोड़ी मेहनत और की जाए, तो ये सैट हो सकती हैं और मुझसे चुदवा भी सकती हैं.
उस दिन हमारी नार्मल से कुछ ज्यादा देर बात हुई.
अब मैं कभी कभी डबल मीनिंग वाले मैसेज भी भेजने लगा. वो मुझको शैतान कह देती थीं और स्माइल करने वाला स्माइली भेज देती थीं.
एक दिन अमृतसर में बहुत बारिश हुई. हमारे घर में थोड़ा थोड़ा पानी भर गया था. उस दिन मैंने बारिश में रेन कोट पहन कर पानी की बाल्टियों से पानी को बाहर निकाला और साथ साथ बारिश में नहाने का मजा भी लेने लगा. जब मैं वापिस आया, तो मैंने शर्ट उतार कर अपनी एक फोटो खींची और रात को रंजीत को सेंड कर दी.
मैंने उनसे पूछा- ये कैसी है?
उन्होंने मुझे बदमाश कह दिया और जवाब दिया- सुपर हॉट.
साथ में एक दिल वाला स्माइली भी भेज दिया.
उस रात हमने देर रात तक बात की. बातों ही बातों में उन्होंने मुझसे कहा- साहिल, मुझे कुछ कुछ फील हो रहा है.
मैंने भी उनको कहा- हां मुझे भी वही फीलिंग आ रही है.
उन्होंने पूछा- कौन सी?
मैंने कहा- लव वाली.
उन्होंने चुप साध लिया. मैंने अगले ही मैसेज में आई लव यू का मैसेज कर दिया.
मैं इसको भेजने के साथ में डर भी रहा था. क्योंकि एक तो वो मुझसे उम्र में काफी बड़ी थीं … और दूसरा मेरे ही कॉलेज में जॉब भी करती थीं. अगर गुस्सा कर जातीं और किसी से बात शेयर कर देतीं, तो मेरी बड़ी बदनामी हो जाती.
पर जितना मैं सोच रहा था, हुआ उससे उल्टा. उनका भी पॉजिटिव रिस्पांस आया. उन्होंने भी ‘आई लव यू टू..’ का मैसेज भेज दिया.
मैं बहुत खुश हुआ … पर अब वो बड़ा डर रही थीं. उन्होंने बोला- मैं उम्र में तुमसे बहुत बड़ी हूँ. ये ठीक नहीं है.
मैंने उनको हौसला देते हुए कहा- मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है … और वैसे भी हम कौन सी शादी कर रहे हैं. हम किसी को अपने अफेयर के बारे में नहीं बताएंगे.
वो कुछ नहीं बोल रही थीं.
मैंने उनको आगे बोला- जो ख़ुशी तुम्हें तुम्हारा पति नहीं दे पाया, मैं तुम्हें दूंगा.
उन्होंने कहा- ठीक है.
फिर उस रात हमने बहुत सेक्सी बातें की. अब हम मिलने का प्लान बनाने लगे. बात करते करते काफी रात हो गयी थी, तो उन्होंने अब सो जाने का कहा.
हमने एक दूसरे को ‘लव यू..’ बोला और फोन बंद करके सो गए.
अगले दिन वो मुझे कॉलेज में मिलीं. मैंने उनको लाइब्रेरी में मिलने का बोला. जब हम मिले, तो वहां पर आज मौका नहीं मिला. वहां पर गार्ड भी था. हम दोनों थोड़ा उदास हो गए. फिर हमने कैंटीन में एक साथ चाय पी और घर आ गए.
कहते हैं न कि भगवान के घर देर है अंधेर नहीं.
उसी रात पापा ने मुझसे बोला कि मैं तेरी बहन से मिलने उसके घर जा रहा हूँ. तुमको घर पर अकेला ही रहना है, जरा ध्यान रखना.
मेरी बहन दूसरे शहर में रहती थी. मैं पापा की बात सुनकर अन्दर से बहुत खुश हो गया क्योंकि हमारे घर में मैं और पापा ही रहते थे. पापा दो दिन के लिए जाने वाले थे.
मैंने ये बात रंजीत कौर को भी बताई. वो बहुत खुश हुईं. मैंने उसको कल ऑफिस जाने से मना कर दिया और बोला कि आप मेरे घर पर आ जाना.
वो भी मान गईं.
अगले दिन पापा की सुबह जल्दी की ट्रेन थी. वो बहन के घर के लिए निकल गए. मैं उनको ट्रेन में बिठा कर ही आया. मैं भी घर आते समय कंडोम और वियाग्रा की गोली ले आया … क्योंकि शादीशुदा औरत को खुश करना आसान काम नहीं होता.
रंजीत भी ठीक ऑफिस के टाइम पर अपने घर से निकल कर मेरे घर आ गईं.
मैंने उनके घर आते ही अपनी बांहें फैला दीं. रंजीत मुस्कुराते हुए मेरी बांहों में आ गईं. मैंने उनको गले से लगा लिया और किस करने लगा. वो मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थीं.
वो मुझे चूमते हुए बोलीं- दरवाजा खुला रखना है क्या?
मुझे याद आया कि जल्दीबाजी में दरवाजे बंद ही नहीं किये थे. मैंने घर के दरवाजे अन्दर से लॉक कर दिए और उनको बेडरूम में ले गया.
मैंने कमरे में टीवी को चला दिया और उनके लिए कुछ खाने का लेने के लिए रसोई में गया. मैंने वियाग्रा की गोली भी खा ली. मेरा टीवी वाई-फाई से कनेक्ट हो जाता है. मैंने अपने मोबाइल में एक सेक्सी ब्लू फिल्म को चला दिया और उसको टीवी पर चला दिया ताकि माहौल गरमा जाए. हम दोनों स्नेक्स खाते हुए ब्लू फिल्म देखने लगे और एक-दूसरे से चिपक कर मजा लेने लगे.
मैं उनको किस करने लगा. एक हाथ से मैं उनके दूध को दबाने लगा. उनकी फिगर बिल्कुल जवान लड़कियों जैसी थी. किस करते करते वो गर्म हो गईं. मैंने उनको बेड पर लिटा दिया और उनको कपड़े उतारने को बोला. वो थोड़ा झिझक रही थीं.
उन्होंने कहा- पहले लाइट ऑफ कर दो.
मैं बोला- इतना मत शर्माओ … अब तो ये सब चलता रहेगा.
उन्होंने फिर से ‘प्लीज़..’ कहा तो मैंने उनकी बात मानकर छोटी लाइट जला दी और बाकी की सब लाइट्स बंद कर दीं.
मैंने उनके सूट को उतारने के लिए हाथ बढ़ाया, तो उन्होंने मुझे रोका और कहा कि मैं उतार देती हूँ.
इसके बाद उन्होंने एक एक करके अपने कपड़े खुद उतार कर साइड पर रख दिए … ताकि कपड़े खराब न हों. क्योंकि उनको घर भी जाना था. उनको डर था कि कहीं उनके कपड़े खराब न हो जाएं.
दोस्तो, उन्होंने जब अपने सारे कपड़े उतारे, तो मैं हैरान हो गया. उनकी फिगर और उनका शरीर बिल्कुल एक जवान लड़की की तरह था. मतलब कोई उनको नंगा देख कर नहीं कहा सकता था कि उनकी 7 साल की एक बेटी भी होगी.
खैर … मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और उनके सामने खड़े लंड हो हिलाने लगा. वो मेरे लंड को बड़ी लालसा से देख रही थीं. मैंने लंड हिलाया और बेड पर आ गया. वो मेरी बांहों में समा गईं, मैं उनको किस करने लगा.
मैं कभी उनके होंठों को कभी उनके दूध को चूसता. उनके चूचों का साइज बत्तीस इंच का रहा होगा … पर उनके निप्पल का उभार बहुत कामुक था. उनके मम्मों को चूस चूस कर मेरा लंड खड़ा हो गया. इसी के साथ मेरे अन्दर वियाग्रा की गोली भी अपना असर कर रही थी.
मैं उनके पूरे शरीर को किस कर रहा था. वो बहुत कामुक आवाजें निकाल रही थीं. उनको इतनी मस्ती में देख कर मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था. मैंने उनको अपना लंड चूसने को बोला, तो उन्होंने मना कर दिया … पर प्यार से समझाने से वो मान गईं.
दोस्तो, उनको लंड तक चूसना नहीं आता था. वो कुछ ज्यादा ही अनाड़ी थीं. उनकी इस हालत को देख कर लगता था जैसे उसने अपनी जिंदगी में सेक्स के ज्यादा मजे नहीं लिए हैं.
वो मेरे लंड को चूसने की बजाए अपने दांतों से काट देती थीं. मैंने उनको लेट जाने को बोला. उनकी चुत पर बहुत सारे बाल थे. वो चुत की सफाई तक नहीं करती थीं.
मैंने लंड पर कंडोम लगाया और उनके एक चूचे को फिर से मुँह से लगा कर चूसने लगा. वो फिर से मस्ती में आने लगीं और मेरे सर को पकड़ कर अपने दूध में दबाने लगीं. उनके मम्मे एकदम कड़क हो गए थे. मैंने उनको किस करते हुए अपना लंड उनकी चुत पर लगाते हुए अन्दर को डालने की कोशिश की, पर उनकी चुत बहुत ज्यादा टाइट थी. मैंने उनकी दोनों टांगों को अपने कंधों पर रख लिया. उनकी कमर के नीचे एक तकिया रख दिया. अब चुत खुल कर ऊपर आ गई थी. मैंने उनकी चुत की फांकों में अपना लंड रख कर एक जोर से झटका दे दिया.
उनके मुँह से एक तेज सीत्कार निकल गयी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… उफ्फ … मर गई.
उनकी चुत न जाने कितने सालों से चुदी नहीं थी. चुत में लंड अन्दर डालते हुए मेरे लंड के टोपे पर भी थोड़ा दर्द हुआ, पर चुदाई के नशे में मैंने दर्द की परवाह न करते हुए अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
अब उनको भी चुदाई का मजा आ रहा था. वो मुझको बार बार अंग्रेजी में ‘आह … यू आर टू गुड..’ कह रही थीं.
मैं उनकी चुदाई धीरे धीरे कर रहा था. उनका जल्दी ही स्लखन हो गया, पर मेरा अभी नहीं हुआ था. उन्होंने मुझे जोर से हग कर लिया. मैंने उनसे कहा कि मैं अब तुम्हारी गांड भी मारना चाहता हूँ.
पर उन्होंने कहा- नहीं … मुझे प्रॉब्लम है. … गांड नहीं मरवाऊंगी.
मैं थोड़ी देर उनको किस करने लगा. उनको सेक्स का नशा फिर से होने लगा. वो मुझसे अपने दूध दबवाने लगीं. मैं उनके चूचों को जोर जोर से दबाने लगा. फिर वो चुदाई के दूसरे राउंड के लिए गरम हो गईं … पर मेरा अभी एक बार भी नहीं हुआ था.
मैंने एक बार फिर उनकी चुत पर अपना लंड सैट किया और धक्के मारने लगा.
वो कामुक आवाजें करनी लगीं- अम्मम्म मम्मम अम्मम्म.
उनके चेहरे से साफ दिखाई दे रहा था कि इतने सालों के बाद चुदाई करवाके उनको सुकून भी मिल रहा है. पर उनको थोड़ी थोड़ी पीड़ा भी हो रही थी. दर्द होने के बावजूद वो मुझको कुछ भी कह नहीं रही थीं.
अब मैं बड़े प्यार से उनको चोद रहा था. उनको दूसरी बार में बहुत मजा आ रहा था.
उनकी चुदाई करते हुए मुझे बीस मिनट ही गए थे. इस बार हम दोनों का एक साथ हो गया. हम दोनों एक दूसरे को हग करके लेट गए.
मैंने उनसे पूछा- कैसा लगा?
उन्होंने मुझसे बोला कि मेरे पति ने आज तक मुझे बहुत कम बार चोदा था और जब भी चोदा था, जोर जबरदस्ती से चोदा था. उसने कभी मुझसे प्यार नहीं किया था. वो बस दारू पी कर सेक्स करने से मतलब रखता था. इसलिए मुझे आज तक उसके साथ सेक्स करना अच्छा नहीं लगा. पर आज तुम्हारे साथ जो मजा आया, वो आज से पहले कभी नहीं आया.
वो मेरे गले लग गईं और उनकी आंखें नम हो गईं. मैंने उनको चूम कर चुप करवाया और उनको प्यार करने लगा. हम फिर से चुदाई के लिए तैयार हो गए. मैंने उनके दोनों दूध को बारी बारी से दस मिनट तक पिया.
फिर मैंने उनको डॉगी स्टाइल में आने को कहा. वो डॉगी बन गईं. मैंने उनकी चुत में अपना लंड डाल कर पलंग के किनारे झुका दिया और उनके ऊपर कुत्ते की पोजीशन ने चढ़ कर उनको चोदने लगा. मेरे मन में बार बार उनकी गांड मारने का ख्याल आ रहा था, पर उनकी मर्जी न होने की वजह से उनकी चुत को ही चोदे जा रहा था. उनको भी बहुत मजा आ रहा था.
हमारा ये राउंड 15 मिनट चला और फिर हम लेट गए. वो थोड़ा थक गई थीं. थोड़ी देर बाद वो बाथरूम में जाकर अपने आपको साफ़ करने लगीं.
वापिस आकर अपनी ब्रा पहनने लगीं.
मैंने उनकी ब्रा पकड़ ली और बोला- जान, आज हम दोनों एक साथ नंगे ही सारे घर में घूमेंगे. तुम्हारे और हमारे सिवाय यहां कोई नहीं है.
उन्होंने मुझसे कहा- ठीक है.
फिर वो रसोई में जाकर हमारे लिए चाय बनाने लगीं. मैं भी उनके साथ रसोई में छेड़खानी करने लगा. मैं कभी उनकी चूची को मसलता और कभी उनकी चुत पर अपनी उंगली रगड़ देता. उनको मेरी इन शरारतों से बहुत मजा आ रहा था.
हम दोनों रसोई में ही एक दूसरे को किस करने लगे. मैंने गैस को बंद करके उनको रसोई की स्लैब के ऊपर ही बिठा दिया और उनकी टांगें फैला कर चूत पर अपना लंड रख दिया. उनको किस करते हुए मैं उनको चोदने लगा.
सर्दी की दिन थे. थोड़ी थोड़ी ठंड भी लग रही थी, पर चुदाई करने से शरीर में गर्मी भी बहुत आ गई थी. मैं इस बार कुछ ज्यादा ही गर्म हो गया था. मैंने उनकी चुत के अन्दर ही अपना वीर्य गिरा दिया … क्योंकि इस बार मैंने कंडोम नहीं पहना था.
वो थोड़ा घबरा गईं, पर मैंने कहा- आप घबराओ मत … मैं गोली ला दूंगा.
हमने उस दिन एक साथ सेक्स के और दो राउंड लगाए. अब वो बुरी तरह थक गयी थीं. कुछ देर बाद वो अपने घर चली गईं.
दोस्तो, यह कहानी मेरी जिंदगी की सच्ची सेक्स कहानी है. अपनी अगली कहानी में मैं आपको बताऊंगा कि कैसे मैंने उनको एक बार फिर से चोदा और उनकी कुलीग को भी कैसे चोद दिया. मुझे मेल करके बताएं कि मेरी सेक्स कहानी आपको कैसी लगी. मेरा ईमेल एड्रेस है.
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