पेरिस में हुई हमारी चूत चुदाई

(Paris Me Hui Hamari Choot Chudai)

मेरा नाम काजल है, 26 साल की हूँ और एक एड एजेंसी में काम करती हूँ।
मेरा कद 5 फुट 4 इंच है और मेरी चूचियों का साइज 36 बी है।
एम.बी.ए. करने के बाद ही एड एजेंसी में मेरी नौकरी लग गई थी।

यह कोई 4 साल पहले की बात है।
एक एड हमें यूरोप में फिल्माना था.. उसके लिए हमारी 8 लोगों की टीम फ्रांस गई।
शूटिंग पेरिस में होनी थी।

टीम में मेरा बॉस मनीष और असिस्टेंट मैंनेजर सूरज और तीन कैमरामैन थे।
उनके साथ हम तीन ट्रेनी थे.. जिसमें से एक लड़का सुनील और एक और लड़की प्रिया भी थे।

हम फ्रांस जाने के लिए बहुत उत्सुक थे और खुश भी थे। हम सभी फ्लाइट में बैठे.. मेरी सीट बॉस और सूरज सर के बीच वाली थी। मैंने स्कर्ट और टॉप पहन रखा था।

खाना खाने के बाद हम लोग सोने लगे।
फ्लाइट की लाइट भी बंद हो गई.. और मैं गहरी नींद में जाने ही वाली थी कि अचानक मेरी जाँघों पर मुझे एक हाथ महसूस हुआ।

मैंने आँखें खोल कर देखा.. तो यह मनीष सर का हाथ था।
देखकर लग रहा था.. वो सो गए थे।

फिर मैंने सोचा शायद नींद में हैं.. तो मैंने भी कुछ नहीं किया और सो गई।

फिर से उनके हाथ में हरकत होने लगी वो हाथ धीरे-धीरे मेरी स्कर्ट के अन्दर जा रहा था और मेरी जाँघों को सहलाते हुए मेरी चूत पर पहुँच गया।

मेरी तरफ से कुछ हरकत न देख कर उन्हें और हिम्मत आ गई, वे अपनी एक उंगली मेरी पैन्टी के अन्दर डाल कर मेरी चूत को सहलाने लगे.. इससे मैं भी गर्म हो गई और मेरी चूत गीली हो गई।

फिर अचानक सूरज सर का हाथ भी मुझे दूसरी जाँघ पर महसूस हुआ।
मैं डर गई कि अब क्या होने वाला है।

जैसे ही वो मेरी चूत तक पहुँचे.. उन्हें मनीष सर का हाथ टच हो गया और मनीष सर ने उनसे बोला- अभी नहीं सूरज.. तसल्ली रख।

उन दोनों को खुल कर ऐसा बोलते देखा कर मेरी तो हालत ख़राब हो गई।
मैं डर गई कि ये दोनों पेरिस में पता नहीं मेरे साथ क्या करने वाले है।

जैसे ही मनीष सर ने बोला.. मैंने भी जागने का नाटक किया ‘आप ये क्या कर रहे हैं?’
उन्होंने कोई उत्तर नहीं दिया।

मैं उनसे बोलने लगी- सर आप ये क्या कर रहे हैं।
उन्होंने सूरज सर को इशारा किया और सूरज सर ने मेरा मुँह अपनी तरफ पूरा घुमा लिया और मुझे किस करने लगे।

उधर मनीष सर ने मेरा हाथ पकड़ा और अपने मोटे लंड पर रखवा लिया और मेरी चूत को हाथ से ही चोदने लगे।

सूरज सर मेरी चूचियां चूसने लगे और मैं मस्त होकर जन्नत की सैर करने लगी। मैं थोड़ा नाटक भी कर रही थी.. कि जो वो कर रहे हैं.. वो मुझे अच्छा नहीं लग रहा है।

फिर हम सुबह पेरिस पहुँच गए।

उस दिन हम लोगों का कोई काम नहीं था.. बस कैमरामैन को ही सैट का काम करना था। कैमरामैन के साथ सुनील भी चला गया और होटल में सिर्फ मैं और प्रिया और दोनों मैनेजर थे।

हमें वहाँ की कंपनी के जो मैनेजर थे.. वो भी मिलने आने वाले थे।

तभी हमारे कमरे में सूरज सर का कॉल आया कि अभी उनके कमरे में पहुँचना है।

हम दोनों तैयार होकर उनके कमरे में गए और वहाँ सूरज सर ने हम दोनों से कहा- ये एड हमारे लिए बहुत इम्पोर्टेन्ट है.. और हम सभी को इसे अच्छे से करना है। इसके लिए मैं जो भी बोलूँ वो तुम सभी को करना पड़ेगा.. वरना इंडिया जाते ही आपको नौकरी से निकालना होगा.. और अगर आप दोनों ने अच्छा काम किया तो वापास जाते ही प्रोमोशन्स मिल जाएंगे।

प्रिया ने ‘हाँ’ कह दिया.. उसे शायद पता नहीं था कि क्या होने वाला है, पर मैं फ्लाइट में जो हुआ था, उससे समझ गई थी कि आगे क्या-क्या होगा।

मैं यह नौकरी किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ना चाहती थी.. तो मैंने भी ‘हाँ’ कह दिया और वैसे भी फ्लाइट में मैं जो गर्म हुई थी.. अब तक ठंडी नहीं हुई थी, मैं खुल कर चुदना चाहती थी।
मेरी चूत इस समय तक चू रही थी।

मुझे यह विचार बहुत उत्तेजित कर रहा था कि मुझे दो-दो लंड मिलने वाले हैं।

इस वक्त तक मुझे भी ये अंदाजा नहीं था कि हमारे साथ क्या होने वाला है।

सूरज सर हमें बता ही रहे थे कि हमें उन लोगों की किसी भी बात को मना नहीं करना है।

इतने में मनीष सर दो फ़्रांसीसी आदमियों को लेकर कमरे में आए।

वो लोग कमरे में आकर सोफे पर बैठ गए।
फिर मनीष सर ने वाइन मंगाई और हम सबको वाइन पीने के लिए दे दी।

फ्रांसीसी मैनेजर में एक का नाम जैक और एक पैट्रिक था।

पैट्रिक ने हमें दो पैकेट्स दिए और सूरज को धीरे से कुछ कहा।

फिर सूरज ने बाथरूम में हमें ले जाकर वो पैकेट्स में से ड्रेस निकाल कर पहनने के लिए कहा।
जैसे ही हमने ड्रेसेज देखे तो प्रिया बोली- हम उनके सामने ये कैसे पहन कर जाएंगे?
वो नेट वाली ब्रा और पैन्टी थी।

मैंने उसे समझाया- अब मना करने से क्या होने वाला है.. और हमारी भलाई इसी में है कि हम ये पहन लें।

हमने उन कपड़ों को पहना और उसके ऊपर एक बाथ टॉवल लपेट कर बाहर आ गए।
हमें बहुत शर्म आ रही थी।

जैसे ही हम बाहर आए.. मनीष ने बोला- ये टॉवल भी उतार दो।
फिर जैक बोला- वेट.. बाद में उतरवा लेना.. पहले वाइन पियो।

हम दोनों भी बाथ टॉवल में ही वाइन पीने लगी।

हम दोनों को हल्का-हल्का नशा होने लगा।

नशा चढ़ने के बाद मेरी शर्म गायब हो गई और मुझे गर्मी भी लगने लगी।

जैक ने मुझे अपने पास बुलाया.. तो मैं जैक और मनीष के बीच में बैठ गई और मनीष ने धीरे-धीरे मेरा टॉवल हटा दिया।

अब मैं सिर्फ नेट वाली ब्रा और पैन्टी में उनके बीच में बैठी हुई थी।
जैक धीरे-धीरे मेरी चूत को सहला रहा था।

उधर पैट्रिक ने प्रिया का भी टॉवल हटा दिया और अब हम दोनों ब्रा और पैन्टी में थे।

फिर पैट्रिक ने जैक को इशारा किया और जैक ने उसके बैग से बेल्ट वाला ‘पेनिस टॉय’ निकाला और मुझसे पूछा- तुम किसी को चोदना चाहती हो?
मैंने बोला- नहीं।

तो वो बोला- पर हम चाहते हैं कि तुम प्रिया को इससे चोदो।
मेरा दिमाग चकरा गया कि ये क्या बोल रहे हैं।

प्रिया तो लगभग रोने की हालत में थी।
प्रिया को एक पैग वाइन और पिलाई गई, अब उसे भी नशा हो गया।

फिर जैक ने बोला- तुम दोनों लड़कियां उस बिस्तर पर जाकर एक-दूसरे के साथ सेक्स करोगी और हम देखेंगे।

मैं समझ नहीं पा रही थी कि ये क्या करना चाहते हैं.. पर हमें वो जो बोला गया.. वो करना था।

मैंने प्रिया को उठाया और उसे किस करने लगी और मैंने उसे पूरी नंगी कर दिया।
मनीष गरमा कर बोला- मेरी रण्डी, चोद इस साली रण्डी को और इसकी चूत चाट साली।

मैं पहली बार किसी लड़की को छू रही थी।
जैसे ही मैंने उसकी चूचियां पकड़ीं.. मुझे बड़ा अच्छा लगा और मैं पागलों की तरह उसकी चूचियों को रगड़ने लगी और चूसने लगी।
मैं जोर-जोर से दांत गड़ा कर उसकी चूचियों को चूस रही थी।

कुछ ही देर में प्रिया का सारा पानी निकल गया।

जैसे ही उसका पानी निकला जैक और पैट्रिक अपना अपना लंड लेकर उसके पास आ गए।

पैट्रिक ने उसके मुँह में अपना लंड डाल दिया और जैक ने उसकी चूत में पेल दिया।

प्रिया की हालत ख़राब थी और मेरी चूत तड़प रही थी कि मुझे लौड़ा कब मिलेगा।

तभी सूरज मेरे पास आया और बोला- अब तू नाचते हुए अपनी ब्रा और पैन्टी उतार!

उन्होंने एक म्यूजिक चला दिया और मैं नाचने लगी।
नशे की मस्ती में मैं नाचते-नाचते मनीष की गोद में बैठ गई और पैर फैला कर मैंने अपनी पैन्टी उतार दी।

उसने अपने मुँह से मेरे ब्रा की डोर भी खोल दी।

अब मैं उसकी गोद में एकदम नंगी बैठी हुई थी। उसके हाथ मेरी चूचियों को मसल रहे थे। तभी सूरज आकर मेरी चूत से खेलने लगा। वो मेरी चूत में कभी उंगली डाल रहा था.. तो कभी चूत को चाट रहा था।

मुझसे रहा नहीं गया और मैं बोली- चोदो मुझे सालो.. फाड़ दो इस चूत को आज.. इतना चोदो कि मैं बस तुम्हारी चुदासी ही बन जाऊँ।

मनीष ने मुझे उठाया और मुझे कुतिया बना कर मेरी गांड पर अपना लंड लगाया। इससे पहले मैंने गांड कभी नहीं चुदाई थी। जैसे ही मनीष ने लंड को मेरी गांड में डाला.. मैं जोर से चिल्लाई- मर गई नहीं..ssss.. आआह इस्स्स ओहोह..

मनीष कहाँ रुकने वाला था.. वो जोर-जोर से धक्के मारने लगा।
सूरज मेरे मुँह में अपना लंड डाल कर मुझे मुँह में ही चोदने लगा।

तभी पैट्रिक भी मेरे पास आया और मेरी कमर से बेल्ट निकाल कर उसने वो खिलौना लंड मेरी चूत में घुसा दिया।
अब मैं सब जगह से चुद रही थी।

उसने प्रिया को बुलाया और उससे कहा- इसकी चूचियों को वैसे ही मसलो.. जैसे ये तेरी मसल रही थी।

प्रिया मेरी चूचियों को जोर-जोर से मसल रही थी और मुझे गालियां दे रही थी ‘रंडी साली.. अब तू चुद सबसे.. और चिल्ला साली..’
वो जोर-जोर से दाँतों से मेरी चूचियां चूस रही थी।

मेरा पूरा शरीर किसी न किसी के हाथ में था और मैं हर तरफ से चुद रही थी।

फिर सूरज मेरे मुँह में ही झड़ गया और बोला- सारा माल पी जा कुतिया.. एक भी बून्द बाहर नहीं निकलना चाहिए।

मैं उसका सारा वीर्य पी गई.. जैसे ही वो हटा.. जैक आकर मेरे मुँह को चोदने लगा।

उधर मनीष ने कुछ ही देर में सारा माल मेरी गांड में डाल दिया.. इधर जैक ने भी मेरे मुँह में से लंड निकाल कर प्रिया की चूचियों पर सारा माल गिरा दिया।
अब उसने अपना माल मुझसे चाटने के लिए बोला।

फिर हम सब कुछ देर तक ऐसे ही लेटे रहे।

मेरी भरपूर चुदाई हुई.. पूरी पेरिस यात्रा जबदस्त चुदाई भरी यात्रा बन गई।
आज भी मैं पेरिस की इस चुदाई यात्रा को भुला नहीं पाती हूँ।

मित्रो, मेरी यह कहानी आपको कैसी लगी, मुझे मेल करके बताईएगा।

फिर मैं आपको अगली कहानी में बताउंगी कि कैसे कैमरामैन और ट्रेनी सुनील ने भी मनीष और सूरज के साथ मिलकर हमें उस पेरिस प्रवास के दौरान चोदा। उन दस दिनों में हम दोनों की जम कर चुदाई हुई।
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