रिसेप्शनिस्ट
लेखक : राहुल रॉय
सबसे पहले तो नमस्कार मेरे सभी प्यारे दोस्तों को।
मेरा नाम है राहुल रॉय और मैं एक दिल्ली की सॉफ्टवेर कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजिनियर हूँ। वैसे मुझे यह जॉब बिल्कुल पसंद नहीं थी लेकिन मैं यह जॉब सिर्फ सैलरी पॅकेज के लिए कर रहा था क्यूंकि यह कंपनी मुझे एक बहुत अच्छा सैलरी पैकेज दे रही थी। मुझे टीचिंग बहुत पसंद थी और मैंने बहुत बार सोचा भी था लेकिन इतना सैलरी पैकेज के बारे में सोच कर रह गया। दिल्ली में मैंने एक खुद का फ्लैट खरीद रखा था, लेकिन उस फ्लैट में रहने वाला सिर्फ मैं ही अकेला था। मेरी जिन्दगी एकदम बोरिंग हो चुकी थी।
मेरे एक दोस्त ने एक बार मुझे एक इंस्टिट्यूट का पता दिया और कहा कि यह एक कंप्यूटर इंस्टिट्यूट है जो कंप्यूटर कोर्सेस करवाता है और इस इंस्टिट्यूट में एक कंप्यूटर इंजिनियर की जरुरत है।
यह सुनते ही मैंने अप्लाई कर दिया और मुझे उस इंस्टिट्यूट से कॉल आई। मैं एकदम तैयार हो गया और इन्टरव्यू के लिए गया, और उन्होंने मुझे पास भी कर दिया। मैंने उनसे वीकेंड क्लास्सेस के लिए कहा तो उन्होंने मेरा आग्रह मान लिया।
बस फिर क्या था रोज काम के दिनों पर मैं अपने ऑफिस में काम करता था और सप्ताहान्त पर मैं इंस्टिट्यूट में क्लास लिया करता था। मेरी इंस्टिट्यूट में शनिवार और रविवार को 5 घंटे की क्लास चलती थी। मैं सुबह 9 बजे जाता, 10 बजे क्लास शुरू हो जाती,10 से 2 बजे तक क्लास चलती और 2 से 3 का ब्रेक और फिर 3 से 4 बजे तक चलती। 5 बजे मैं वहां से निकल जाता। अब क्यूंकि यह एक कंप्यूटर इंस्टिट्यूट है तो यहाँ पर बहुत कंप्यूटर थे और मेरी लैब में 8 कंप्यूटर थे। सुबह सुबह मैं 9 बजे आता और किसी भी एक सिस्टम पे बैठ जाता और इन्टरनेट खोल कर कुछ न कुछ सर्च करता रहता लेकिन जयादातर मैं पोर्न साईट खोल कर पोर्न मूवी देखता रहता था।
इंस्टिट्यूट के रिसेप्शन पर अंजलि नाम की एक लड़की बैठती थी। उसकी उम्र यही कोई 21 और फिगर तो लाजवाब था। कोई भी उसे देखे तो बस उसका मुँह खुला का खुला रह जाये। क्या फिगर था, चूचे होंगे 34 के, कमर एकदम पतली, कूल्हे एकदम गोल ओर सेक्सी।
मैं तो उसे जब भी देखता तो देखता ही रह जाता। लेकिन मुझे यह नहीं पता था कि उसके केबिन में रखा कंप्यूटर का लिंक सारे कंप्यूटरों से था मतलब अगर हम इंस्टिट्यूट के कोई भी कंप्यूटर पर कुछ भी करे तो वो रिसेप्शन पर रखे कंप्यूटर पर देखा जा सकता हैं और मैं तो हर रोज अपने कंप्यूटर पर ब्लू फिल्म देखता था।
एक दिन मैं ऐसे ही पोर्न देख रहा था और मैंने देखा कि अंजलि मेरे केबिन की तरफ आ रही थी। मैंने तुरंत ही ब्लू फिल्म बंद कर दी और कुछ और ही खोल लिया।
वो आई और मुझे देख कर चली गई। मैंने सोचा कि यह ऐसे देख कर क्यूँ गई। लेकिन बात तो कुछ और ही थी उसने उस दिन हिस्टरी चैक कर ली थी और इसलिए वो देखने आई थी।
लेकिन मुझे तो इसके बारे में कुछ भी नहीं पता था। पर अंजलि को मेरे ऊपर शक हो गया था कि मैं लैब में बैठ कर ब्लू फिल्म देखता हूँ।
एक दिन हम सब लोग बैठ कर लंच कर रहे थे तो तब मुझे पता चला कि यहाँ के सारे कंप्यूटर रिसेप्शन के कंप्यूटर से कनेक्ट हैं। यह सुन कर तो मेरी हवा निकल गई क्यूँकि मैं हर रोज ब्लू-फिल्म देखता था और इसका सारा रिकॉर्ड अंजलि के पास है। मैं अब अंजलि से नजर छुपा कर चलने लगा क्यूंकि मुझे काफी शर्म आती थी।
एक दिन मैं लैब में बैठ कर अपना अकाउंट चेक कर रहा था, मैंने देखा कि एक संजना नाम की लड़की का मेल आया है। मैंने उस मेल को रिप्लाई कर दिया और एक दिन वो संजना मुझे ऑनलाइन मिल गई तो मैंने उससे उसके बारे में पूछा तो उसने मुझे सिर्फ यह कहा कि वो मेरी बहुत बड़ी फ़ैन है और मुझे पसंद करती है।
फिर धीरे धीरे हमारी बातें शुरू हो गई और उसने बातों बातों में मेरा नंबर मांग लिया और मैंने भी दे दिया।
फिर मैंने उसे जल्दी कॉल करने के लिए कहा लेकिन उसने कॉल नहीं किया और ना ही दो दिन तक ऑनलाइन आई।
फिर एक दिन रात को मैं अपने लैपटॉप पर पोर्न मूवी देख रहा था तभी उसकी कॉल आई। पहले तो मैं घबरा गया कि अज्ञात नंबर से कॉल आ रही है लेकिन पता चला तो यह उसी संजना की कॉल थी, मैंने उससे बात की, क्या सेक्सी आवाज थी उसकी।
उसका हर रात को फ़ोन आता था और हम अब काफी खुल चुके थे।मैंने कई बार तो उससे मिलने के लिए कहा लेकिन उसने मना कर दिया मैंने सोचा कि यह तो सच में ही एक पागल लड़की है।
एक बार मै उसे कुछ नग्न तस्वीरें भेज दी और उसे फ़ोन किया, बात करने लगा। बात करते करते मेरी नजर रिसेप्शन पर गई, मैंने देखा कि रिसेप्शन में अंजलि भी किसी से बात कर रही थी। मैंने तुरंत ही फ़ोन काट दिया तो उसने भी फ़ोन हटा लिया। मैंने फिर कॉल लगाई तो उसने भी फ़ोन उठा लिया।
मुझे उस पर थोड़ा थोड़ा शक होने लगा। मैंने सोचा कि कैसे भी करके इसका मोबाइल नंबर निकलना पड़ेगा। तो यह मौका भी मुझे मिल गया।
एक दिन हम लोग सब बैठ के लंच कर रहे थे तो अंजलि भी मेरे सामने बैठी थी। वो उठी और बाथरूम चली गई। मैंने तुरंत उसका मोबाइल जो मेज पर रखा था उठाया और अपने सेल पर कॉल की तो पता चला कि यह तो वही नंबर है जो संजना का नंबर है।
मैं हैरान रह गया लेकिन फिर मुझे एक खुला मौका मिल गया अंजलि के साथ सेक्स करने का। बस फिर क्या था अब तो मैं अंजलि को चलते चलते आँखों ही आँखों मैं इशारे करता रहता था, कभी कभी उसे छू लेता था।
एक बार उसने मुझे बुलाया और कहा- यह फाइल ओपन नहीं हो रही, इसे ओपन कर दो।
मैंने कहा- ठीक है।
और उसके पास चला गया और मैंने कंप्यूटर के माउस को इस तरह पकड़ लिया कि मेरा एक हाथ उसके वक्ष से छू रहा था और मैं धीरे-धीरे दबाने लगा। उसकी सांसें तेज़ हो रही थी, इसका मुझे एहसास होने लगा था।
अब मैंने आखिरकार प्रोग्राम बनाया और एक दिन मैं शाम को उसके घर जा पहुँचा। वो मुझे देख कर हैरान रह गई। उसने मुझे अन्दर आने को कहा, मैं अन्दर गया और सोफा पर बैठ गया। उसने टीशर्ट और स्कर्ट पहन रखी थी। स्कर्ट उसके घुटनों तक थी।
वो मेरे लिए कॉफ़ी बनाने के लिए रसोई में चली गई। मैं भी उसके पीछे पीछे चला गया। वो मेरे सामने खड़ी थी, मैंने पीछे से आकर उसे पकड़ लिया और चूमने लगा, उसने मुझे धक्का मार कर अलग कर दिया। मैं फिर लिपट गया, उसे कस कर पकड़ लिया और उसके स्तन दबाने लगा। वो सेक्सी आवाज निकालने लगी और धीरे-धीरे मदहोश होने लगी।
मैंने उसे अपने हाथों में उठाया और सोफे पर लिटा दिया और उसे बुरी तरह से चूमने लगा। मैं उसकी टीशर्ट उठाने लगा तो उसना मुझे रोका और वहाँ से चली गई। मैंने उसका हाथ पकड़ा और बोला- क्या हुआ? तुम्हें पसंद नहीं?
अंजलि : तुम यहाँ से चले जाओ !
मैं : आज तुम कुछ भी कर लो, मैं नहीं जाऊँगा।
अंजलि : प्लीज़ !
मैंने : क्यूँ? फोन पर तो बहुत सेक्सी आवाज निकालती थी?
अंजलि : कैसा फ़ोन? यह कहानी आप अन्तर्वासना.कॉंम पर पढ़ रहे हैं।
मैंने : कैसा फ़ोन? बताऊँ कैसा फ़ोन?
और मैंने उसका हाथ पकड़ कर उसे जकड़ लिया और कहा- तुम्हें क्या लगा कि मुझे कुछ नहीं पता? मुझे सब पता है, हर रात को तुम ही फ़ोन करती थी ना?
वो बोली- कैसा फ़ोन?
मैंने कहा- अच्छा कैसा फ़ोन?
और उसकी गांड में अपनी उंगली घुसा दी, वो चीख उठी।
मैंने कहा- समझ आया?
उसने कहा- ठीक है, मुझे माफ़ कर दो।
मैंने कहा- मैं तुम्हें माफ़ तब ही करूँगा जब जो तुम फ़ोन पर करती थी अब असलियत में करो।
उसने तुरंत ही अपनी आँखें बंद कर ली।
मैंने स्मूचिंग शुरू कर दी और करते करते उसे बेड पर लेटा दिया। उसके होंठ तो मैं ऐसे चूस रहा था जैसे उसका अन्दर का सारा रस आज ही पी जाऊँगा।
मैं उसके ऊपर लेटा था और वो मेरे नीचे। उसके बाद मैंने उसकी टीशर्ट फाड़ दी और उसके उरोज़ दबाने लगा। उसने गुलाबी रंग की ब्रा पहन रखी थी। उसके स्तन मुझे इतने प्यारे लगे कि उन पर से नजर और हाथ हटने का नाम ही नहीं ले रहे थे।
उसके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी- आह ! ह !
इतने मैं मैंने देखा कि अंजलि पूरी तरह से मदहोश हो गई थी, अब वो मुझे पागलों की तरह इधर उधर चूमने लगी।
अब मैंने जल्दी से उसे पूरी नंगी कर दिया और उसकी चूत चाटने लगा। उसमें से मुझे एक अलग ही खुशबू आ रही थी। उसकी चूत चाटने की वजह से वो और मदहोश हो गई और उसने तुरंत मेरा लंड पकड़ लिया। वो तो पहले से ही खड़ा था। वो मेरे लंड को जोर जोर से चूमने लगी। मैंने उसके बाल पकड़ लिए और अपने लण्ड को अन्दर-बाहर करने लगा।
मैंने कहा- वाह अंजलि, आज तो तूने मज़ा ही दिला दिया।
उसने कहा- मज़ा अभी बाकी है।
और मैं अपना लंड उसकी चूत पर ले गया और चुदाई-कार्यक्रम शुरू किया। अंजलि पागल हो गई थी और बार बार चिल्लाये जा रही थी- आज जान ले लो मेरी ! जान से मार दो मुझे। मजा दे दो मुझे !
मेरे भी स्पीड अब तेज़ हो गई थी। मैं उसे तेज़ तेज़ चोदने लगा और 10-12 मिनट बाद हम दोनों ही झड़ गए। मैं उसके ऊपर ही गिर गया और उसी के ऊपर लेटा रहा।
हम दोनों की साँस फूल चुकी थी लेकिन यह तो कुछ नहीं, यह तो सिर्फ पहली शिफ्ट थी, उसके बाद रात में दो शिफ्ट और चली और मैं उस रात उसी के घर सो गया।
सुबह जब होश आया तो पता चला कि हम दोनों नंगे ही पड़े थे और 8 बज चुके थे। फिर हम दोनों उठे और एक दूसरे को चूमा और साथ ही फ्रेश होने चले गए।
वहाँ से निकल कर हम सीधा इंस्टिट्यूट चले गए और दिन भर काम के बाद रात को एक साथ डिनर किया और फिर से प्रोग्राम बनाया।
अब मैंने वो इंस्टिट्यूट छोड़ दिया है लेकिन मैं अभी भी अंजलि के साथ रिलेशन में हूँ और हम अक्सर वीकेंड्स पर मिलते हैं और फिर से प्रोग्राम सेट करते हैं।
अंजलि के बाद मैंने एक लड़की के साथ और सेक्स किया, यह कोई और नहीं मेरी ही एक छात्रा थी। यह कहानी भी मैं जल्दी ही भेजूँगा लेकिन मुझे मेल जरुर करें और बताएँ कि आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी।
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