मेरे दफ़्तर की लड़की
(Mere Daftar Ki Virgin Ladki)
दोस्तो, यह मेरी पहली कहानी है अन्तर्वासना पर, मेरा नाम रजत है और मैं चंडीगढ़ का हूँ। मेरी उम्र 28 वर्ष, कद 5’8″, रंग गोरा और मेरा लिंग 7 इंच लम्बा है और काफी मोटा भी है।
मैं एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करता हूँ और वहाँ पर हम कैज़्युल गर्ल्स को रखते हैं जो हमारे काम में मदद करती हैं।
एक बार एक 20 साल की लड़की काम करने आई। वो बहुत ही सुन्दर थी, उसका गठीला बदन, स्तन आपस में एकदम सटे हुए और कूल्हे थोड़े ऊपर की तरफ उठे हुए और आँखें एकदम चमकदार, होंठ जैसे गुलाब की पंखुड़ियां !
उसे देखते ही मेरा तो लण्ड मेरी पेंट में ही झटके मारने लगता था, मैं हमेशा ही उसे चोदने की सोचता था।
एक दिन वो किसी काम से मेरे पास आई। उस दिन उसने नेवी ब्लू जींस और ऊपर लाल रंग का कसा टॉप पहना हुआ था, उसने शायद नीचे ब्रा नहीं पहनी हुई थी जिससे उसके चुचूकों का आकार उसके टॉप पर उभर रहा था और वो साफ़ नजर आ रहे थे। मैं उससे बात कर रहा था पर मेरी नजर उसके वक्ष पर ही थी। वो इस बात को जान गई और शरमा गई।
एक दिन मैं और वो ऑफिस जल्दी पहुँच गए और बाहर मौसम ख़राब था तेज बरसात होने लगी थी। इस वजह से ऑफिस में उस दिन सब काफी देर से आए।
मेरे पास मौका अच्छा था और मैं उससे बाते करने लगा और हम आपस में काफ़ी घुलमिल गए।
उस दिन मैंने ही अपनी बाइक पर उसे घर छोड़ा। रास्ते में मैं बार-2 ब्रेक लगा रहा था जिससे उसके स्तन मेरी कमर पर टकरा रहे थे और मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैंने उसे उसके घर पर छोड़ा। उसने चाय के लिए पूछा तो मैंने हाँ कर दी।
उसके घर के अन्दर गया तो पता चला वो वहाँ पर अपने भाई के साथ रहती है जो अपनी कंपनी के काम से एक हफ्ते के लिए बाहर गया हुआ था।
वो घर मे अकेली थी।
उसने मुझे अपने बेडरूम में बिठाया और कहा- आप मेरे कंप्यूटर पर नेट कीजिये, मैं चाय बना कर लाती हूँ।
पहले वो वाशरूम गई और साथ में अपने कपड़े भी ले गई बदलने के लिए। जैसे ही वो गई, मैं वाशरूम के दरवाजे के पास जाकर चाबी वाली जगह से उसे देखने लगा। उसने काली ब्रा और काली पैंटी पहनी हुई थी। उसका गोरा बदन देख कर मेरा लण्ड खड़ा हो गया।
वो कपड़े पहन कर बाहर आने लगी तो मैं जल्दी से वापिस अपनी जगह पर बैठ गया।
मैं उसके कंप्यूटर पर नेट करने लगा और वो चाय बनाने रसोई में चली गई।
मैंने उसके कम्प्यूटर में बाऊजर हिस्ट्री देखी किया कई पोर्न साईट थी उसमें। मैं तो हैरान होकर देखता ही रह गया।
इतने में वो चाय ले कर आ गई। हमने इकट्ठे बैठ कर चाय पी और चाय पीते-पीते मैंने कई बार उसके हाथ को छू लिया। वो यह सब समझ रही थी कि मैं जानबूझ कर उसे छू रहा हूँ।
फिर मैंने उससे पूछा- यह कंप्यूटर कौन चलाता है?
तो उसने कहा- इसे सिर्फ मैं ही चलाती हूँ, भाई के पास तो लैपटॉप है।
तो मैं समझ गया कि आज कुछ होकर रहेगा।
जैसे ही वो चाय के बाद रसोई में गई तो मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया और उसकी गर्दन पर एक चुम्बन कर दिया। वो घबरा गई और मुझसे एकदम दूर हट गई।
फिर मैंने कहा- जानेमन, मैंने तुम्हारे कंप्यूटर पर पोर्न साईट देख ली है !
तो वो थोड़ा शरमा सी गई और मुस्कराने लगी।
मैं उसके पास गया और उसे माथे पर चूम कर कहा- मैं तो कबसे तुझे चोदने की सोच रहा था !
वो यह सुन कर मुझसे लिपट गई। फिर हम दोनों बेडरूम में गए। वहाँ जाते ही मैंने उसे होंठों पर चूमा और हम कुछ देर तक लब-चुम्बन ही करते रहे। साथ-साथ मैं उसके सख्त चूचियों को भी सहला रहा था।
वो गर्म हो चुकी थी और मेरे लण्ड को मेरी पैंट के ऊपर से ही सहला रही थी।
मैंने उससे पूछा- तुमने कभी सेक्स किया है?
तो उसने कहा- अब तक नहीं !
मेरा मन ख़ुशी से झूम उठा। फिर मैंने उसकी कमीज को और फिर उसकी सलवार को उतार दिया। क्या कयामत लग रही थी वो ! मेरा लण्ड तो अब और भी सख्त हो गया था और पैंट को फाड़ कर बाहर आने को हो रहा था। उसने यह देखा तो मेरी पैंट की जिप खोल कर मेरे लण्ड को अंडरवीयर से बाहर निकाला।
जैसे ही उसने मेरा लण्ड देखा तो वो देखती ही रह गई और कहा- इतना बड़ा और मोटा लण्ड?
और कहते ही मेरे लण्ड को लॉलीपोप की तरह चूसने लगी। मुझे बहुत मजा आ रहा था। वो एक अनुभवी की तरह चूस रही थी। कुछ 5-6 मिनट बाद मुझे लगा कि मेरा छुटने वाला है तो मैंने उसे कहा- क्या करना है?
तो उसने इशारे से कहा- मुख के अंदर ही छोड़ना है।
जैसे ही मैंने अपना वीर्य छोड़ा तो उसका पूरा मुँह भर गया और वो सारा का सारा अंदर गटक गई और मेरे लण्ड को चाटने लग गई।
उसके बाद मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी ब्रा उतार दी। उसके स्तन एकदम गोल थे और काफी सख्त थे। मैं उसका एक स्तन अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और दूसरे को हाथ से दबाने लगा, वो सिसकारियाँ ले-लेकर हा.. आ..अ.. की आवाज़ें निकाल रही थी।
कुछ देर बाद मैंने उसके पैंटी भी उतार दी, उसकी चूत अन्दर से एकदम लाल थी और उस पर बाहर कोई भी बाल नहीं था। क्या चिकनी चूत थी वो ! मैंने अपनी एक ऊँगली उसकी चूत में डाली तो वो एकदम उछल गई। मैं तुरंत उसके होटों को चूमने लगा और एक हाथ से उसके वक्ष को दबाने लगा।
फिर मैं धीरे-धीरे उंगली अन्दर बाहर करने लगा। उसकी बूर में से पानी बहने लगा और वो मजे लेने लगी। मैंने अपनी उंगली की रफ़्तार और तेज कर दी और वो बोलने लगी- और तेज-तेज़ करो।
इतने में मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया। फिर हम दोनों 69 की अवस्था में लेट गए। मैंने उसकी लाल बूर को चाटना शुरु कर दिया और उसने मेरे लण्ड को। मैंने जैसे ही अपनी जीभ उसकी बुर पर घुमाई तो वो पागल सी हो गई और मेरे लण्ड को जोरों से चूसने लग गई।
मैंने अपनी जीभ उसकी बुर में डाल दी और उसे अपनी जीभ से चोदने लगा और वो जैसे स्वर्ग मैं तैर रही हो।
फिर उसने कहा कि अब बर्दाश्त नहीं कर सकती और मुझे अपना लंड उसकी बूर में डालने को कहा।
मैंने उसे बिस्तर पर सीधा लिटा दिया और उसकी टांगें पूरी ख़ोल दी क्योंकि वो अक्षतयौवना थी। फिर मैंने वहीं पर रखी एक क्रीम अपने लण्ड पर लगाई और उसकी बुर में भी। फिर मैंने अपना लण्ड उसकी बुर के मुख पर रख दिया और उसे ऊपर ही ऊपर रगड़ने लगा।
वो अब पूरी तरह गर्म हो गई थी और कहने लगी कि उससे सहन नहीं होता और लण्ड अंदर घुसाने के लिए कहा। मैंने लण्ड उसके बूर के मुख पर रखा और उसे कस कर पकड़ लिया और जोर से एक झटका दिया तो मेरे लण्ड का आगे का हिस्सा उसके अन्दर चला गया।
और वो जैसे ही दर्द से चिल्लाई, मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और उसे चूमने लगा। कुछ देर बाद मैंने एक और झटका लगाया तो मेरा आधा लण्ड अन्दर चला गया।
वो फिर चिल्ला पड़ी और उसकी आँखों से आँसू आने लग गए।
वो रो रो कर कहने लगी- छोड़ दो मुझे ! नहीं तो मैं मर जाऊँगी। पर मैंने हिम्मत करके एक झटका और मारा और मेरा पूरा लण्ड उसकी बुर में चला गया। उसकी बुर से खून भी निकला पर उसने देखा नहीं।
वो छटपटाने लगी तो मैंने उसके स्तनों को चूसना शुरु कर दिया और लगभग 5 मिनट तक ऐसे ही करता रहा। फिर उसे मजा आने लगा और वो मेरा साथ देने लगी। फिर मैंने अपने लण्ड को आगे-पीछे करना शुरु कर दिया। अब वो मेरा साथ देने लगी और कहने लगी- और तेज करो, और तेज करो ! फाड़ दो मेरी चूत को !
और मैं भी तेज-तेज़ झटके मारने लग गया। उसे बहुत मजा आने लगा और वो अपने मुँह से अजीब-२ आवाजें निकालने लगी।
10-15 मिनट बाद वो अकड़ गई तो मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है और मैंने अपने धक्के और तेज कर दिए और वो झर गई।
उसके दो मिनट बाद मैं भी झड़ गया। मैंने अपने सारा वीर्य उसकी बुर में ही छोड़ा। फिर हम कुछ देर के लिए वैसे ही लेटे रहे और फिर खड़े हो कर मुस्कुरा कर इकट्ठे बाथरूम में नहाने चले गए और नहाते हुए मैंने उसे फिर चोदा।
इस बार मैंने उसे घोड़ी बना कर कुत्ते की तरह चोदा और यह सिलसिला उसके भाई के आने तक हर रोज चलता रहा। कुछ समय बाद उसके भाई की बदली हो गई और वो वहाँ से चली गई…
तो दोस्तो, आप को मेरी कहानी कैसी लगी मुझे जरूर लिखना।
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