ऑफिस की मैम की चूत और गांड
(Office Ki Mam Ki Choot Aur Gand)
मेरा नाम शकील है और मैं मुंबई से हूँ. मैं एक निजी कंपनी में जॉब करता हूँ. मेरी उम्र 28 साल है व हाइट 5 फुट 8 इंच है. मैं देखने में ठीक ठाक हूँ.
मेरी कंपनी में कौसर मेम (नाम बदला हुआ है) काम करती हैं. उनकी उम्र 35 साल के करीब होगी और फिगर 36-28-36 का है. किसी जवान लड़की के जैसे मेम ने अपने फिगर को मेंटेन कर रखा था.
मुझे कंपनी में जॉब करते हुए बहुत दिन हो गए थे. सभी से जान पहचान बन गई थी. मुझे जानकारी थी कि मेम की शादी हो चुकी है. उनका 10 साल का एक लड़का भी है. मेम देखने में बहुत खूबसूरत हैं. वो ज़्यादातर जींस और टॉप या टी-शर्ट ही पहनती हैं.
मैं जब उन्हें देखता था, तो सोचता था कि यार ये आइटम अगर मिल जाए, तो मजा आ जाएगा.
मैं इसी सोच को लेकर मेम से कुछ ज्यादा बातचीत करने लगा था. हम दोनों रोज मिलते थे, हंसी मजाक करते और आपस की कुछ बातें एक दूसरे से साझा कर लेते थे. हालांकि अभी हम दोनों के बीच सामन्य बातचीत से आगे कोई दूसरे किस्म की बातचीत नहीं हो सकी थी.
एक दिन में मैंने उनसे मजाक करते हुए कहा- मेम आज हम दोनों कहीं बाहर डिनर करते हैं. वैसे भी आजकल मैं घर पर अकेला हूँ.
इस पर वो बोलीं- हां पर आज नहीं, कल चलते हैं.
मैंने कारण पूछा, तो मेम बोलीं- कल मेरे पति भी बाहर जाने वाले हैं.
जब ये बात उन्होंने मुझे बताई, तो मुझे मामला सैट होते हुए दिखा. मैं उनके साथ दूसरे दिन के डिनर के लिए राजी हो गया.
अगले दिन मेम तैयार होकर आईं … पर आज वो साड़ी पहन कर आई थीं. इस साड़ी में वो बहुत ही कामुक और मस्त दिख रही थीं. मुझे मामला हरी झंडी वाला लगा. मेम ने साड़ी को अपनी नाभि के नीचे से बाँधी हुई थी, जिससे मेम का सपाट और चिकना पेट मुझे बड़ा ही कामुक लग रहा था. उनका ब्लाउज भी बहुत गहरे गले वाला था और स्लीवलैस था. सच में मेम आज बहुत हॉट लग रही थीं. मैं उनको अपलक देखता ही रहा.
वो मुझे टहोकते हुए बोलीं- मैं कैसी लग रही हूँ.
मैंने हाथ की उंगलियों को मस्त दिखाने जैसी इशारा करते हुए उनको एक आंख मार दी.
ये देख कर वो हंस कर बोलीं- पूरे बेशर्म हो.
कुछ देर यूं ही हंसी मजाक हुआ और हम दोनों अपने अपने काम पर लग गए.
शाम को 6 बजे जॉब से छुट्टी हुई, तो हम दोनों मेरी बाइक पर निकल गए. मेम मेरे साथ पहले भी कई बार बाइक पर बस स्टॉप तक जाती थीं, तो इस बात से ऑफिस के बाकी के लोगों के मन में कोई अन्य विचार नहीं आते थे.
मैंने थोड़ी दूर जाने के बाद मेम से कहा- हम लोग पहले मूवी देखते हैं, बाद में डिनर करेंगे.
वो बोलीं- हां … अभी तो वैसे भी डिनर का टाइम नहीं हुआ.
फिर उन्होंने अपने घर फोन किया और अपनी मेड से अपने बेटे को लेकर बात करके उसे नानी के घर जाने को बोल दिया. उनकी काम वाली बाई ने उनके लड़के को नानी के पास छोड़ देने के लिए कह दिया. उन्होंने अपनी कामवाली से फोन पर जब ये कहा कि मुझे आने में देर हो जाएगी. तुम मास्टर को नानी के घर छोड़कर चली जाना. मैं आज मीटिंग में बिजी हूँ.
उनके मुँह से ये सुनकर मेरा भेजा समझ गया कि आज मेम मस्ती के मूड में हैं.
मैंने सिनेमा हॉल के पास बाइक पार्किंग में लगा दी और हम दोनों टिकट लेकर मूवी देखने सिनेमा हॉल के अन्दर आ गए. हमारी सीट सबसे अंत में ऊपर की तरफ थीं. मूवी बी ग्रेड की थी और इसमें कुछ सेक्स सीन ज्यादा ही थे.
कुछ देर बाद मूवी शुरू हुई, तो गर्म सीन आने शुरू हो गए. मैंने कुछ देर बाद जानबूझ कर कोहनी को मेम से टच किया … तो मेम ने अपनी चूचियां कुछ ऐसी कर दीं कि मेरे हाथ उनके मम्मों से टच करने लगे. मेम ने मेरी तरफ देखे बिना अपना हाथ मेरी जांघ पर रख दिया. मैंने अपनी कोहनी से उनकी चूची को जरा जोर से दबा दिया और उनकी तरफ नजरें कर दीं.
मेरे चूची दबाने से मेम ने मेरी तरफ देखा और वो मुस्कुरा दीं.
मैं समझ गया कि मेम भी चुदने को राजी हैं. मैंने बेखौफ़ अपना हाथ उनके मम्मों पर धर दिया और जोर से दबाने लगा.
मेम ने मेरे लंड को सहलाया और मुझे हरी झंडी दे दी. मैंने एक मिनट बाद मेम को अपनी तरफ खींच कर चुम्मी ले ली.
मेम ने भी मुझे चूम कर कहा- अब भी मूवी देखने का इरादा है?
मैंने कहा- बिल्कुल नहीं … चलो चलते हैं.
हम दोनों तुरंत वहां से निकल कर एक बार वाले होटल में खाना खाने पहुंच गए. उसमे केबिन की सुविधा थी. मैंने खाना के पहले मेम से ड्रिंक के लिए पूछा, तो उन्होंने हां कर दी. मैंने व्हिस्की के लिए ऑर्डर किया. उसके बाद खाना लगाने का भी कह दिया.
दो पल में ही टेबल पर जाम सज गए थे. हम दोनों ने आज की शाम को रंगीन बनाने के लिए चियर्स बोला और सिप करना शुरू कर दिया.
दो दो पैग होने के बाद मैंने कहा- मेम चलो खाना खाने के बाद आप मेरे घर पर चलोगी?
मेम बोलीं- नहीं … तुम आज मेरे घर चलो.
मैंने ओके कह दिया.
तब तक खाना भी आ गया और हम दोनों ने खाना खाया. फिर मैं मेम को लेकर उनके घर के चल दिया. बाइक पर मेम मुझसे एकदम से चिपक कर बैठी थीं. मैं भी मेम के जिस्म की रगड़ का मजा ले रहा था. करीब आधा घंटे बाद हम दोनों मेम के घर पर आ पहुंचे.
मेम ने मुझे हॉल में बिठाया और बेडरूम में चेंज करने चली गईं.
कुछ दस मिनट बाद मेम एक पारदर्शी बेबी डॉल नाइटी पहन कर आईं और मेरे बाजू में बैठ गईं.
मैंने व्हिस्की के हल्के सुरूर में मेम को देखा और कहा- मेम यार आप तो परी लग रही हो.
मेम बोलीं- इस परी के साथ शाम रंगीन नहीं करोगे?
मैंने उन्हें उसी पल अपनी बांहों में ले लिया और किस करने लगा.
वो मुझसे बोलीं- शकील, ये सब किसी को बताओगे तो नहीं ना.
मैं बोला- नहीं … पक्का वादा.
अब वो मुझे किस करने लगीं, मेरा हाथ पकड़ कर मुझे बेडरूम में ले गईं. मैं भी उन्हें किस करने लगा. किस करते हुए मैं उनके तने हुए मम्मों को दबाने लगा. उनकी चुदास मुझे गर्म करती जा रही थी. मैंने धीरे धीरे उनकी नाइटी उतार दी. वाओ यार … सच में मेम अप्सरा लग रही थीं.
मैं मेम को किस करते हुए बोला- आज तो मेरे घी में पापड़ सिक गए. मैं आपके साथ बहुत मजे करूंगा.
वो भी मुझे कातिल नजरों से देख कर मुस्कुरा दीं. मैं उन्हें अपने जिस्म से लिपटा कर प्यार करने लगा, किस करते हुए उनके मदमस्त मम्मों को दबाने लगा.
मेम ‘आहह … ओह..’ करने लगीं.
मैंने मेम की ब्रा और पेंटी बड़ी नजाकत से उन्हें सहलाते हुए उतार कर बेड से दूर फेंक दी. उन्होंने भी मेरी शर्ट के बटन तोड़ दिए और शर्ट उतार कर फेंक दी.
मेरी पेंट और फ्रेंची को भी उन्होंने बड़ी अदा से उतार दी. फिर मेम मेरे सामने अपनी दोनों टांगें खोल कर लेट गईं.
उन्हें लगा कि अब मैं अपना लंड सीधे ही उनकी चुत में पेल कर उनको चोद दूंगा. पर मैंने वैसा नहीं किया. मैं वापस उन्हें किस करने लगा और उनके रसभरे मम्मों को दबाने लगा. साथ ही एक उंगली को मेम की चूत में करने लगा.
कुछ पल बाद कौसर मेम बोलीं- शकील यार क्या कर रहे हो … अब डाल भी दो ना … अपने इस मूसल को … मेरे राजा जी जल्दी से चोद दो … मुझसे रहा नहीं जा रहा है.
मैं बोला- हां जान … अभी लो.
मैं उनके शरीर पर किस करते हुए नीचे आया और मेम की चूत में जीभ डाल कर चूत चाटने लगा.
जैसे ही मैंने अपनी जीभ मेम की चूत पर लगाई, मेम की एक मस्त सीत्कार निकल गई ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
वो चुदास से मचलने लगीं. इस तरह से अपनी चूत चटवाने में उन्हें बहुत मजा आ रहा था. वो अपनी पूरी चूत पसार कर मेरी जीभ से चूत की खाज मिटवाने लगीं.
कुछ दस मिनट में मेम अपनी गांड उठाते हुए चीखने लगीं और उन्होंने अपनी चूत का रस मेरे मुँह में छोड़ दिया.
मेम झड़ने के बाद एकदम से हांफने लगीं. वो कुछ पल बाद बोलीं- शकील तुम यार बहुत ग्रेट हो … मजा आ गया.
मैं अपनी जीभ से चटखारा लेते हुए बोला- हां मेरी जान … अब आप मेरा लंड मुँह में ले लो और इसे भी चूस दो.
वो एकदम से लंड चूसने के लिए राजी हो गईं और मेरे लंड का स्वाद लेने लगीं. हम दोनों 69 में आ गए. मैं मेम की गांड को ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा और उनकी चूत में जीभ डालकर चूसने लगा.
कोई 5-7 मिनट में ही मेरे लंड का जूस कौसर मेम के मुँह में निकल गया.
कौसर मेम मेरे रस को खाते हुए बोलीं- वाह यार शकील, आपका लंड तो बहुत मस्त है.
वो अपने पति को गाली देते हुए बोलीं- साला मादरचोद मुझे कभी ढंग से चोद भी नहीं पाता है.
मैं बोला- मेम आपने पहले बताया होता … तो अब तक तो एकाध बच्चा भी पैदा कर देता.
मेम हंस कर बोलीं- शकील ये बात तो तुमने ठीक कही. अब बताओ तुम क्या करने वाले हो.
मैं बोला- आज मेम मैं आपकी चूत में जीभ डालकर इसे चूस चूस कर सुबह तक भरपूर मजा दूँगा और खूब चोदूंगा.
वो मुझसे लिपट गईं और हम दोनों किस करने लगे.
कुछ देर बाद मैं मेम से बोला- अब मैं आपकी चूत में लंड डालूंगा.
वो भी चूत खोल कर तैयार थीं.
मेम बोलीं- हां मेरी जान, आ जाओ और जल्दी से मेरी चूत में अपना मूसल लंड पेल दो.
मैंने उनकी दोनों टांगें पकड़ा कर चित लिटाया और बीच में आकर अपने लंड को मेम की चूत में सैट कर दिया.
लंड सैट करते ही मैंने मेम की एक चूची दबाई और उनको इशारा किया. मेम अभी सर हिला ही पाई थीं कि मैंने एक ज़ोर का धक्का दे मारा. मेरा आधा लंड मेम की चूत घुसता चला गया.
एकदम से लंड घुसेड़ने से मेम की हवा निकल गई. वो थरथराते हुए बोलीं- आह … मर गई … मेरी जान धीरे धीरे डालो.
मैं किस करते हुए मेम के मम्मों को दबाने लगा और लंड को चूत में आगे पीछे करने लगा. मेम के मुँह से मादक सिसकारियां निकलने लगीं.
मैंने और ज़ोर से धक्का मारा, तो मेरा लंड चूत की जड़ में सैट हो गया.
मेम- आह चूत को फाड़ना है क्या … धीरे धीरे चोदो मेरी जान … प्लीज़ …
मैं मेम को धीरे धीरे चोदने लगा. मेम को भी चुदाई में मज़ा आने लगा. वो भी नीचे से अपनी गांड उठाते हुए चूत ऊपर उठाने लगीं. मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा. करीब 15 मिनट में हम दोनों ने किस करते हुए मस्त और धकापेल चुदाई की.
मैं उनके मम्मों को अपनी मुठ्ठी में भरके दबादब चोदे जा रहा था. कुछ ही देर में हम दोनों का रस एक साथ निकल गया.
मैंने मेम को अपनी बांहों में भर लिया और मेम भी मेरे सीने से चिपक कर अपनी सांसों को संतुलित करने लगीं.
उसके बाद हम दोनों बातें करने लगे. वो बोलीं- शकील सच में मेरे पति ने कभी भी मुझे इस तरह नहीं चोद पाया, जैसे आज तुमने मुझे चोदा है.
कुछ देर बाद मैंने अपना 8 इंच का मूसल लंड फिर से मेम की तरफ कर दिया. मेम मजे से मेरा लंड चूसने लगीं. फिर हम दोनों 69 में आ गए. मैं मेम की चूत चूसने लगा. वो मेरे बाल पकड़ कर मुझसे बोलीं- साले आह्ह … कितना मस्त चूसता है … आह … और अन्दर तक जीभ डाल कर चूसो … मुझे मजा आ रहा है … आहह..
वो चूत का मजा लेते हुए मेरे लंड को चाटने लगीं. उसके बाद मैंने मेम से कुतिया बनने के लिए कहा. मेम झट से कुतिया बन गईं. मैंने अपना खड़ा लंड मेम के पीछे से उनकी चूत में सैट करते हुए अन्दर डाल दिया. लंड सैट हुआ तो मैं मेम के मम्मों को दबाते हुए उनकी चुदाई करने लगा.
मेम गर्म गर्म आहें निकालते हुए अपनी गांड हिलाने लगीं. उन्हें इस तरह से चुदवाने में बड़ा मजा आ रहा था. मैंने उनकी चोटी पकड़ ली और उनके चूतड़ों पर चमाट मारते हुए उनकी चुदाई करना शुरू कर दी.
इस बार मेम ने मुझे आधा घंटे तक चुदवाया. बीच में उन्होंने मेरे लंड पर भी कूद कर मजा लिया. उस दौरान वो मुझे अपने दूध पिलाती रहीं. मुझे भी उनकी चूत में लंड डाल कर चूचियां चूसने में बड़ा मजा आ रहा था.
इस तरह से हम दोनों ने सुबह 4 बजे तक अलग अलग आसनों में 4 बार चुदाई की. चुदाई के बाद हम दोनों काफी थक गए थे, इसलिए हम वैसे ही नंगे लिपट कर सो गए.
जब हम दोनों सुबह 7 बजे जागे, तो फिर से हम दोनों चुदाई के लिए गर्म हो गए. एक बार और खींच खींच कर लंड चूत का युद्ध हुआ और फिर हम एक साथ वॉशरूम में आ गए. हम दोनों ने नहाया.
मैंने मेम को देखा और कहा- मेम, क्या मैं आज रात फिर से आपकी चूत को चोद सकता हूँ.
वो बोलीं- हां, पर अब काम पर भी जाना है.
मैं बोला- ओके, तो मैं रात में आपके पास आ जाऊंगा.
मैं उनके घर से अपने घर आया और फ्रेश होकर जॉब पर चला गया. उस दिन ऑफिस में मेम बहुत खुश लग रही थीं. मेम पीले रंग की साड़ी पहने हुए थीं और काले रंग का बिना आस्तीन का ब्लाउज उन पर बहुत सुंदर लग रहा था. मेम के मम्मे एकदम तने हुए बड़े सेक्सी लग रहे थे.
वो मुझे देख कर मुस्कुरा दीं. उन्होंने मुझे मैसेज किया- आई लव यू.
मैंने भी मैसेज कर दिया- आई लव यू टू बेबी.
मैसेज के जरिये ही हम दोनों का रात को फिर से मिलने का तय हो गया.
मेम ने रात को खाना खुद ही बनाने वाली थीं. वो मुझसे बोलीं- शकील, आज रात को मैं तुम्हारा खाना भी बना रही हूँ. तुम मेरे घर पर ही खाना.
मैंने हां कर दी.
मैं रात को मेम के घर 8:30 बजे पहुंच गया. मेम ने मुझे हॉल में बिठाया और मुझसे अलमारी से व्हिस्की की बोतल और दो गिलास लेकर पैग बनाने को कह दिया. मैंने पैग बना कर मेम को आवाज दी. मेम कुछ देर बाद नमकीन काजू और सलाद लेकर आ गईं. जब तक मैंने सलाद में मसाला मिलाया, तब तक मेम ने खाना भी टेबल पर सजा दिया.
फिर हम दोनों चियर्स करके सुरूर बनाना शुरू किया. दो दो पैग लेने के बाद मेम ने अपना फोन उठाया और अपने पति को फोन लगाया और उनके हाल चाल पूछने लगीं.
एक दो बात करने के बाद मेम ने उनसे पूछा- आप कब तक आने वाले हो?
पति ने बोला- मुझे 2 दिन और लग जाएंगे. मैं काम हो जाने के बाद ही आऊंगा.
मेम बोलीं- ओके, ठीक है.
उन्होंने फोन कट करते हुए कहा- मस्त है यार … शकील अब मैं एकदम टेंशन लैस हो गई हूँ. मैं खाना लगाती हूँ.
मैंने भी फ्री होकर अपनी पेंट और उतार दी. मैंने आज नीचे कुछ पहना ही नहीं था. मैं एकदम नंगा हो गया और लंड सहलाने लगा.
मेम मेरे खड़े होते लंड को देख कर बोलीं- ओके … समझ गई कि तुम्हारा शेर तैयार है … पर पहले खाना तो खा लो … उसके बाद मजा करते हैं … सारी रात अपनी है.
मैं बोला- हां जान खाना है … खाऊंगा … पर जरा इत्मीनान से बैठो मेरी जान.
मैंने यह कहते हुए मेम को खड़ा किया और उनकी साड़ी ब्लाउज और पेटीकोट को उतार दिया. मैंने उन्हें सिर्फ ब्रा और पेंटी में कर दिया. अब हम दोनों ने खाना खाया और मेम को सब काम ब्रा पेंटी में ही करने को बोला.
मेम ने मुझे रिझाते हुए काम करना शुरू कर दिया. वो मेरी गोद में आकर बैठ गईं. वो टेबल के बर्तन समेटने लगीं.
मैंने मेम की ब्रा पेंटी उतार कर फेंक दी.
फिर मैंने बोला- अब जरा झाड़ू भी ऐसे ही लगा लो और बर्तन भी ऐसे ही साफ कर लो.
कौसर मेम ने वैसे ही सब काम किए.
जब कौसर मेम नंगी खड़ी होकर सिंक में बर्तन साफ कर रही थीं, तो मैं पीछे से गया और उनको अपनी बांहों में लेकर किस करने लगा.
कौसर मेम बोलीं- बस हो गया है … थोड़ा रूको मेरी जान अभी आती हूँ.
मैं मेम की गांड में उंगली करने लगा और बोला- मेम आपकी गांड बड़ी मस्त है, कभी मरवाई है?
मेम बोली- नहीं … वहां कभी नहीं किया.
मैं बोला- वाओ … आज मैं आपकी गांड में लंड डालूंगा.
वो बोलीं- हां … पर दर्द होगा?
मैं बोला- मैं आराम से डालूंगा.
कुछ देर बाद मेम का सब काम पूरा हो गया. मैंने मेम को गोद में उठाया और बेडरूम में ले गया.
उन्हें बिस्तर पर लिटा कर मैं उनके ऊपर चढ़ गया और किस करने लगा.
तभी मैंने कौसर से पूछा- शहद है?
वो शहद की बोतल ले आयी और कौसर मेम के मम्मों से लेकर उनकी चूत तक शहद लगा दिया. मैंने उनकी चूत हाथ से फैला दी और मेम को किस करते हुए उनकी चूत चाटने लगा.
मेम- आह … कितने गर्म हो यार शकील … मजा दिला देते हो … आह..
मैं कुछ मिनट लगातार मेम की चूत चाटी, तो मेम की चूत ने जूस छोड़ दिया. उसके बाद मैं मेम को एक टांग अपने कंधे पर रख कर उन्हें चोदने लगा. साथ ही मम्मों को चूसने लगा. करीब 15 से 20 मिनट तक चूत को चोद कर मैंने लंड का रस उनकी चूत में ही छोड़ दिया.
उस रात मैंने मेम की चूत की 3 बार चुदाई की और फिर थोड़ा आराम किया.
फिर मेम बोलीं- शकील आज पहली बार चूत की आग सही से बुझी.
इसके बाद मैं मेम की गांड में उंगली करने लगा और उन्हें किस करने लगा. मेम समझ गईं कि मैं अब उनकी गांड मारने वाला हूँ, वो भी गांड उठाने लगीं.
मैं मेम की गांड को किस करने लगा और किस करते हुए उनके मम्मों को दबाने लगा.
मेम को बहुत मजा आ रहा था.
फिर मेम मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगीं. मेरा लंड अच्छे से खड़ा हो गया तब मैंने बैग से स्पेशल क्रीम निकाल कर लंड पर और मेम की गांड के छेद पर लगा दी.
मैंने मेम को कुतिया जैसे बनाया और पीछे से उनकी गांड में लंड पेलने लगा. अभी मेरे लंड का सुपारा ही गांड में गया था कि मेम ‘उह आह मर गई …’ करते हुए चिल्लाने लगीं. वो मुझसे लंड बाहर निकालने को बोलीं.
पर मैं नहीं माना, मैं उन्हें किस करते हुए बोला- जान और थोड़ा सा सहन कर लो.
मैंने ये कहते हुए ज़ोर से धक्का मार दिया. इस बार मेरा लंड मेम की गांड में घुस गया. उन्हें बहुत दर्द होने लगा था. पर मैं उन्हें धीरे धीरे चोदने लगा.
फिर दो मिनट में लंड ने अपनी जगह बना ली, तो मेम को भी मजा आने लगा. अब वो कामुकता से सीत्कार करने लगी थीं.
आह … गांड मराने में इतना मजा आता है … उह … मुझे तो मालूम ही नहीं था.
दरअसल ये क्रीम का कमाल था जो कि बवासीर वाले डॉक्टर मरीज की गांड में उंगली डालने से पहले लगा कर गांड में होने वाले दर्द को खत्म कर देते हैं और मरीज की गांड का सही से चैकअप हो जाता है.
मेम को इस वक्त गांड मराने में बड़ा मजा आ रहा था.
फिर दस मिनट मेम की गांड बजाने के बाद मेरे लंड का रस निकलने ही वाला हो गया था. मैंने मेम से पूछा- कौसर मेम … जूस निकलने वाला है.
वो बोलीं- गांड में ही छोड़ दो.
मैंने उनकी गांड में ही लंड रस छोड़ दिया और उनके ऊपर लेट गया. उस रात कौसर मेम की बार बार चुदाई की और सुबह मैंने उनको एक बार और चोदा और अपने घर वापस आ गया.
अब मेम मुझसे खुल कर चुदाई करवाने लगी हैं. उनके दोनों छेद मेरे लंड से मजे लेने लगे हैं. हम दोनों को जब भी मौका मिलता है, चुदाई का मजा ले लिया जाता है. मैं तबियत से उनकी चुत चोदता हूँ.
मैं अगली सेक्स स्टोरी भी बहुत जल्द भेजूंगा, जिसमें मेम की एक सहेली को मैं अपने लंड के लिए कैसे तैयार किया और उनकी चूत की चुदाई की. आप अपने मेल मुझे भेजना न भूलें.
शकील पटेल
[email protected]
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