ऑफिस की मैडम की गोद भरी

(Office Ki Madam Ki Goad Bhari)

सभी पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार … मेरा नाम केशव है और मैं नवाबों के शहर लखनऊ से हूँ. मैं एक कंपनी में इंजीनियर हूँ और लम्बा चौड़ा लड़का हूँ. मेरा लंड 7 इंच का है और मोटा है.

बात आज से एक साल पहले की है. बात शुरू होती है हमारे ऑफिस की एक भाभी से जिनकी शादी 3-4 साल पहले ही हुई थी, वो मेरे ऑफिस में ही काम करती थी. सारे लड़के उनको देखकर अपना लंड मसलते थे. भई मसलें भी क्यों न … ऊपर क्या तबियत से उनको बनाया था! पूरे जिस्म में कहीं पर भी ज्यादा मांस नहीं था … पर जहाँ होना चाहिए था वहाँ भरपूर था यानि कि उनकी गांड और दूध एकदम मस्त थे, उनको देख कर किसी मुर्दे का भी लंड खड़ा हो जाये!

परन्तु वे ज्यादा किसी से बात नहीं करती थी. मैं उसको रोज़ गुड मॉर्निंग विश किया करता था … वो भी उसका हंस कर जवाब देती थी. वो औरत थी और वो हर मर्द की निगाह पहचान जाती थी पर मैं उसको कभी भी ऐसे नहीं देखता था कि उसको कुछ गलत सन्देश जाये उसके पति भी इंजीनियर थे और वो कुवैत में थे. उसके कोई बच्चा नहीं था और उसको उसके पति की कमी खलती थी यह बात उसकी बातों से और उसके चेहरे से मालूम पड़ती थी.

एक बार अक्टूबर 2016 में मेरा एक्सीडेंट हो गया इस वजह से मैं 3-4 दिन ऑफिस नहीं जा पाया. अचानक एक दिन दोपहर को मेरे पास फ़ोन आया और उसने मेरा हाल पूछा. मुझे पहचानने में जरा भी समय नहीं लगा कि ये तो ऑफिस में मैडम है.
फिर मैंने बताया- मैं ठीक हूँ और कुछ दिन लगेंगे मुझे अभी सही होने में!

फिर हमारी सामान्य बात होने लगी. एक दिन उसने ऐसे ही बातों बातों में पूछा- आपकी कोई गर्लफ्रेंड है क्या?
मैंने कहा- नहीं मैडम!
तो उन्होंने पूछा- क्यों?
मैंने कहा- कोई आप जैसी मिली ही नहीं तो क्या करता?
वो उसके बाद कुछ देर कुछ नहीं बोली, फिर वो बाय बोल कर ऑफलाइन हो गयी.

अब उनका ऑफिस में बात करने का देखने का तरीका बदल गया था. एक बार उन्होंने कहा- आज मेरे हस्बैंड आये हुए हैं और घर पर शादी की सालगिरह की पार्टी है, आप आइयेगा.
मैंने कहा- ठीक है!
और मैं शाम को उनके यहाँ पंहुचा.

कुछ ख़ास लोग ही आये हुए थे उस शाम को … पर मुझे लगा उसके पति को देख कर कि इन दोनों के बीच में सब कुछ ठीक नहीं है क्यूंकि उसका पति बार बार उसको आंख दिखाता या हल्का फुल्का डांट देता था.

मैंने ड्रिंक ली और ऑफ़िस के कुछ लोगों से बात करने लगा. इतने में देखा कि वो भाभी (मैडम) रेलिंग पर खड़ी थी और उनकी आँखों में आंसू थे. मैंने उनसे रोने की वजह पूछी तो उन्होंने कहा कि मेरे पति मुझे ख़ुश नहीं रखते हैं और ना खुद रहते हैं. और मुझे ही बांझ का ताना मारते हैं. आज तो उन्होंने कह दिया मुझे बच्चा चाहिए जैसे भी हो तुम जानो! अब तुम ही बताओ केशव, मैं क्या करूँ?

तब मैंने कहा- अगर आप बुरा न मानें तो मैं एक बात कहूं?
तो वो बोली- आजकल मुझे कुछ बुरा नहीं लगता है बताओ?
मैंने कहा- देखिये, अगर मैं आपकी मदद करूँ तो आप बदले में मुझे क्या देंगी?
तो बोली- तू जो कहेगा, मैं दे दूंगी. बता मैं कैसे अपने पति के बच्चे की माँ बनूँ?
तब मैंने कहा- आप मेरे बच्चे की माँ बन सकती हो!
मैडम इतना सुन कर वो मुझपर चिल्ला पड़ी और कहने लगी- चले जाओ यहाँ से तुरंत!

मैं जानता था कि आज नहीं तो कल … ये जरूर मुझे फ़ोन करेगी और तीन दिन बाद मेरे पास फ़ोन आया- केशव, उस रात के लिए माफ़ कर दो … मैं तुमसे ऑफिस के बाहर बात करना चाहती हूँ. मैंने हां कर दी.

फिर हम एक मॉल में मिले जहाँ उसने पूछा- कैसे क्या होगा … और किसी को पता नहीं लगे! मैंने अपने हस्बैंड से बात कर ली है.
तब मैंने उनसे कहा- आप एक हफ्ते की छुट्टी ले लो और हम रूम पर ही प्यार करेंगे. आप बिल्कुल चिंता न करें, मैं किसी को नहीं बताऊंगा.
तो वो खुश हो गयी.

मैंने अपने दोस्त की मदद से उसका रूम ले लिया और मैडम को वहां का पता मैसेज कर दिया. कुछ ही समय में मैडम कार से आ गयी.
यह क्या … वो एक बैग लायी थी और उन्होंने घर पर बताया था कि ऑफिस के काम से बाहर जा रही हैं.

जैसे ही वो अंदर आयी, मैंने उनको गोद में उठा लिया. वो बोली- रुको केशव, दरवाज़ा तो बंद कर लो! अब 5-6 दिन मैं तुम्हारी ही हूँ, दिन और रात अब सब तुम्हारे हैं.

मैं सोच भी नहीं सकता था कि जिसको देखकर पूरा स्टाफ अपना लण्ड मसलता है वो हुस्न परी आज मेरे सामने खुद चुदने आयी है.

खैर फिर मैंने दरवाज़ा बंद किया. वो बाथरूम में चेंज करने के लिए गयी और वापस आयी तो मैं उसको देखता रह गया, काली मैक्सी में वो हुस्न की अप्सरा लग रही थी. मैक्सी भी पारदर्शी अन्दर से दूध के पर्वत खुद बाहर निकालने को बेताब थे.

मैंने उसको पीछे घूमने को कहा. ऑफ़िस में जिस गांड को देखकर लोग मुट्ठियाँ मारते थे, वो आज मेरे सामने थी. मैंने उसको उठा के बेड पर गिरा दिया और उसके कमल की पंखुरी के जैसे होंठ चूसने लगा.

इसके बाद मैंने उसकी मैक्सी के बटन खोल मैक्सी उतारी, फिर उसकी ब्रा को उतार दिया उसके सफ़ेद पत्थर के जैसे गोरे दूध और उसके हल्के गुलाबी निप्पल मैंने मुँह में दबा लिए. मेरे जोर से चूसने पर वो चिल्ला उठी- यार आराम से करो ना … मैं तुम्हारे पास ही हूँ पूरे एक हफ्ते के लिए …

इसके बाद मैंने उसकी पैंटी को ऊपर से सूँघा तो मादक खुशबू का अहसास हुआ. फिर मैं उसकी पैंटी उतार कर दी. उसकी चूत पर एक बाल नहीं था, उसकी चूत मक्खन सी चिकनी थी. वो अपनी चुत चुदाई की पूरी तैयारी कर के आई थी. मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर फिरायी तो वो उछल पड़ी, तड़प उठी. मैं उसकी चूत की दरार में जीभ फिराने लगा और वो अपने चूतड़ हिला हिला कर, अपनी जांघें लहरा लहरा कर मचल रही थी.

फिर कुछ देर बाद उसने मेरे लंड को चड्डी की कैद से आजाद करते हुए हाथ में लेकर चूसना शुरू कर दिया. मैं तो एक दम जन्नत में था और कुछ मिनट बाद मैं उसके मुँह में ही झड़ गया.

अब मैंने देर न करते हुए उसकी कमर के नीचे तकिया रखा और अपने ढीले लंड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा. पांच सात मिनट में ही मेरा लंड फिर से तन कर खड़ा हो गया मैडम की चूत की घाटी का अन्वेषण करने के लिए.

मैंने लंड छुट के छेद पर टिका कर एक धक्का लगाया और लंड पूरा मैडम की चूत के अंदर…
मैडम कराह उठी- उम्म्ह… अहह… हय… याह…

और फिर धकापेल चुदाई का सिलसिला शुरू हो गया. मैंने चूत में लण्ड डाले डाले खुद की कमर को उसके पेट के ऊपर करके पूरा 360 डिग्री पर घुमाया. उसको इतना अच्छा लगा कि उसने अपने नाखून मेरी पीठ पर चुभा दिये और चूत की चटनी का प्रोग्राम चल पड़ा.

और हम लोगों ने 6 दिन तक दारु और चोदने के अलावा और कोई काम नहीं किया. यह सिलसिला सातवें दिन रुका जब मैडम अपना सामान लेकर वापिस अपने घर चली गयी यह आस लेकर कि शायद इतनी ज्यादा चुदाई से वो जरूर गर्भ धारण कर लेगी.

एक महीने बाद मैडम से ही मुझे सूचना मिली की कि वो गर्भवती है. मैडम बहुत खुश थी और मेरी खुशी का भी पारावार नहीं था. मेरी कोशिश सफल हो गयी थी.

उसके बाद से बस हम लोग ऑफ़िस में एकदम नॉर्मल रहते थे और कभी कभी बाहर चुदाई के साथी थे. समय अनुसार मैडम ने बालक को जन्म दिया लेकिन उससे पहले ही वो जॉब छोड़ चुकी थी. लेकिन हम दोनों अब भी आपस में सम्पर्क में हैं. अब वो दिल्ली में रहती है और कभी कभी मुलाकात हो जाती है.
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