ऑफिस की दो सहेलियाँ और एक चोदू यार-1
(Office Ki Do Saheliyan Aur Ek Chodu Yar- Part 1)
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नमस्कार दोस्तो.. आपके लिए एक मस्त हिंदी सेक्सी कहानी लेकर आया हूँ।
अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज साईट का मैं आभारी हूँ कि मुझे यहाँ अपनी कहानी लिखने का मौका मिला। मैं अन्तर्वासना पर कामुकता भरी हिंदी सेक्स कहानी का पिछले 3 सालों से नियमित पाठक हूँ।
मैं कमल राज सिंह 27 साल का 5 फ़ुट 10 इंच लंबा सुन्दर स्मार्ट लड़का हूँ और चंडीगढ़ में एक फाइनेंस कंपनी में नौकरी करता हूँ।
इसी कम्पनी में मेरी गर्लफ्रेंड नयना भी काम करती है जो 24 साल की दुबली-पतली.. लंबी गोरी सी मादक कन्या है। तीस साल की शादीशुदा.. दूध सी गोरी और क्रीम सी चिकनी सरला भाभी जी भी इसी कंपनी में काम करती हैं।
सरला भाभी और नयना गर्म खून की पंजाबी औरतें थीं।
हमारी यह टीम बहुत मेहनत और लगन से काम करती है और गुप्ता जी, जो इस कंपनी के मालिक हैं.. हमारी टीम से बहुत खुश हैं।
काम के साथ-साथ हम तीनों आपस में बहुत प्यार और मस्ती भी करते रहते हैं।
सरला जी हमारी इस बदमाशी की टीम की नेता हैं। उनको सेक्स की बातें करने में बहुत मज़ा आता है। सेक्सी जोक्स.. सेक्स के बारे में बातें.. हर समय उनके खुराफाती दिमाग में चलती रहती हैं।
नयना को भी यह सब बहुत पसंद है और मेरी गर्लफ्रेंड होने के कारण वो भी खुल कर मज़ा लेती है।
मैं सरला जी के घर में ऊपर के फ्लैट में किराएदार की हैसियत से रहता हूँ।
गर्लफ्रेंड ने चूत चुदाई की कहानी सुनाई
यह बात 6 महीने पहले की है, उस दिन मैं नयना के साथ शाम को ऑफिस के बाद पिक्चर देखने गया था।
अगले दिन ऑफिस में सरला ने नयना से पूछा- क्यों नयना.. कल कमल के साथ पिक्चर गई थीं। क्या हुआ.. उस बदमाश ने तेरी ली या नहीं?
सरला ये सब नयना से फुसफुसा कर पूछ रही थीं।
सरला नयना से चिपक कर हमारे केबिन में खड़ी थीं। मैं ऑफिस के काम से उस दिन बाहर था और यह सब बातें नयना ने मुझे बाद में बताई थीं।
‘हाय राम भाभी.. हाँ… उसने बहुत जोरदार चुदाई करी थी.. और उससे चुदवा कर मुझे बहुत मज़ा आया था।’ नयना ने सरला की बदमाश निगाहों की तरफ देख कर जवाब दिया।
नयना को मालूम था कि सरला को चुदाई के बारे में विस्तार से सारी बातें सुनने में बहुत मज़ा आता हैम मेरी गर्लफ्रेंड सरला को चिढ़ा रही थी।
सरला ने मुस्कारते हुए अपने हाथ से उसकी कसी हुई कमीज़ के ऊपर से चूची छूते हुए पूछा- हाय राम सच्ची.. तो पूरी बात बता ना..! उसने क्या-क्या किया.. कहाँ और कैसे उस बदमाश ने तुझे चोदा.. जरा खुल कर बता ना।
कसी हुई सलवार-कमीज़ नयना की पतली-दुबली फिगर पर बहुत सुन्दर लगती थी ‘हां.. हां.. अभी बताती हूँ ना भाभी.. जरा रुको ना..’
नयना भी बहुत चंचल-चुलबुली और मस्त थी, वो सरला के इस तरह छूने का आनन्द ले रही थी ‘क्या भाभी फिर से दबाओ ना.. बहुत मज़ा आ रहा था।’
इतना सुनते ही सरला ने प्यार से नयना की चूची पर हाथ रख दिया।
‘वो भाभी हुआ यह कि हमें पिक्चर पसंद नहीं आई.. और हम आधा घंटे के बाद ही बाहर आ गए। सच तो यह है भाभी कि मुझे बहुत चुदास चढ़ रही थी और कमल भी खूब गर्म हो रहा था। मैंने छू कर देख था उसका हथियार पैंट में टाइट हो रहा था.. इसलिए मैंने उससे कहा कि चल हम दोनों तेरे फ्लैट पर चलते हैं। फिर हम दोनों खाना खाकर उसके फ्लैट पर आ गए।’
नयना चुस्की ले-ले कर अपनी चुदाई की बातें चुदासी मस्त चुदक्कड़ सरला को बताए जा रही थी।
‘हाय राम.. साली बदमाश.. सच में तू और कमल मेरे घर में थे। तुम दोनों मस्त चुदाई का मज़ा ले रहे थे और मुझे पता भी नहीं चला।
सरला नयना की चुदाई का सुन कर मज़ा ले रही थी। सरला ने उसकी चूची दबा कर पूछा- फिर क्या हुआ मेरी जान?
‘होना क्या था भाभी.. हम दोनों कपड़े उतार कर नंगे हो गए। कमल ने मुझे चूमना और चूसना शुरू कर दिया। उसने सारे शरीर पर ऊपर से लेकर नीचे तक इतना मज़ेदार तरीके से चूमा और चूसा.. उफ़.. सीई.. मेरे सारे शरीर में आग लग गई और मैं चिल्ला पड़ी- हाय अब घुसा भी दे ना जालिम मेरे चोदू यार!
‘फिर..’
‘बस भाभी.. मैंने उसको धक्का देकर बिस्तर पर लिटा दिया और उसके मस्त मोटे तगड़े 7 इंच के लंड पर चढ़ गई। उसके लंड पर अपनी चूत फंसा दी और चूतड़ों को उछाल-उछाल कर उसे चोदने लगी। भाभी सच बता रही हूँ.. उसका लंड पत्थर की तरह कड़क हो गया था। मेरी चूत उसके लंड से रगड़ कर बहुत गर्म और गीली हो गई थी। इसलिए जल्द ही मैं उससे लिपट कर झड़ गई।’
सरला भाभी अपनी सलवार के ऊपर से चूत खुजाने लगीं।
‘उसके बाद उसने मुझे बिस्तर पर कुतिया बना कर खुद नीचे खड़े होकर मेरी चूत में पीछे से लंड पेल कर मुझे धीरे-धीरे मस्त चोदू सांड की तरह चोदा। उफ़.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… सीई.. ई.. वाह भाभी उसने क्या मस्त चुदाई की थी.. कुछ ही झटकों में उसने मेरी चूत से दोबारा रस निकाल दिया। फिर कुछ देर तक और चोद कर अपनी पिचकारी भी मेरी चूत में छोड़ दी थी। उसके बाद हम दोनों ने अपनी सफाई करके.. कपड़े पहने और उसने मुझे मेरे घर छोड़ दिया।
‘हाय राम.. सच में नयना तेरी उस मस्त चुदाई का सुन कर तो अपनी चूत भी बहुत जोर से फड़कने लगी है और खूब गीली-गीली हो रही है यार.. सी..सी..ई.. साले चोदू सांड ने दो-दो बार तेरी कसी हुई चूत का पानी निकाल डाला.. वाह क्या चुदाई हुई है यार.. तेरे साथ-साथ मुझे भी मज़ा आ गया यार..’ सरला भाभी सिसिया रही थीं।
‘भाभी यह तो मानना पड़ेगा कि कमल से अच्छा और दूसरा कोई ऐसा चोदू नहीं हो सकता.. तू अपने उस मोटू लाला से क्यों ऐसे नहीं चुदवातीं।’ बदमाश नयना सरला को चिढ़ा रही थी।
‘हाय राम, कहाँ यार.. उसके लंड में ऐसा दम कहाँ है.. अपने को तो बस उंगली से ही काम चलाना पड़ता है यार।’
सरला ने मस्ती में नयना की चूची जोर से मसल दी।
नयना सिसिया उठी- हाय मर गई!
सरला अपनी कुर्सी पर हँसते हुए वापिस चली गई।
उसी पल मैं ऑफिस में दाखिल हुआ और सरला को नयना की चूची दबाते हुए.. नयना को सिसियाते.. सरला को अपनी कुर्सी पर जाते हुए देख लिया।
‘हाय भाभी.. ये क्या हो रहा है?’ मैं सरला के बराबर में जाकर खड़ा हो गया और उसकी बदमाशी से भरी मुस्कराती आँखों को देख रहा था। जरूर कुछ बदमाशी कर रही थीं ना.. क्यों नयना.. सरला भाभी क्या बदमाशी कर रही थीं?
मैंने भाभी की चूची मसल दी
मैंने अपना हाथ सरला के ब्लाउज में घुसा कर उनकी 36 साइज की गोल-गोल मक्खन सी मुलायम चूची दबा दी।
वो सिसिया उठीं- हाय.. सीई.. उई.. उई.. क्या कर रहा है.. गुप्ता जी सुन लेंगे.. वो तेरा इंतज़ार कर रहे है साले बदमाश..’ सरला ने मस्ती में मचल कर कहा।
‘ठीक है.. जा रहा हूँ.. पर आ कर सब पूछ लूँगा.. क्या-क्या बदमाशी चल रही थी।’
फिर मैं गुप्ता जी के केबिन में आज की सारी रिपोर्ट देने के लिए चला गया।
बाहर का सारा काम मेरी जिम्मेवारी थी.. नयना को रिसेप्शन का काम और सरला भाभी अकाउंटेंट थीं।
कमल के सरला की चूची दबाने से सरला का सिसियाना देख कर नयना हँसने लगी- क्यों भाभी अब आया ना मज़ा.. मसल डाला ना जालिम चोदू सांड ने.. भाभी तेरा मन नहीं करता इस चोदू से चुदवाने का..? तू इसको पटा कर चोद डाल साले के लंड को.. ये तेरे घर में ही तो रहता है.. फिर सड़का मार कर क्यों काम चलाती हो.. जबकि तुम असली जवानी का मज़ा लूट सकती हो।’
नयना को सरला भाभी के ऊपर प्यार आ रहा था।
‘पहले तो वो मुझ से छोटा है.. दूसरा अगर मैंने उसे पटा लिया तो तू क्या करेंगी..? वो तेरा बॉयफ्रेंड है।’
सरला उठ कर नयना के पास आ कर खड़ी हो उसकी आँखों में अपने लिए प्यार देख रही थी।
‘हाय राम भाभी.. मैं तो उसको हफ्ते में एक या दो बार ही मिलती हूँ.. जबकि तुम तो हर रोज़ उसका मज़ा ले सकती हो। सच में चुदाई में तो उसका जवाब नहीं है। अगर मेरी चूत एक चुदाई में दो बार झाड़ सकता है.. तो फिर बहुत दम है साले चोदू में। हम दोनों को पार लगा सकता है.. क्यों है कि नहीं..? चंचल-चुलबुली नयना ने मुस्कराते हुए जवाब दिया।
‘पर मेरी जान.. मैं शादीशुदा हूँ.. अगर मेरे मोटू लाल को पता चल गया तो..? वैसे तेरी एक बात तो सही है.. ज्यादातर वो बाहर रहता है.. और मैं कमल जैसे मस्त चोदू सांड का खूब निचोड़ कर मज़ा ले सकती हूँ। पर मेरी नयना रानी, तू अच्छे से सोच ले.. बाद में शिकायत मत करना कि मैंने तेरे बॉयफ्रेंड को पटा लिया।’
‘अरे छोड़ो ना भाभी.. तुम उसे कहीं लेकर तो नहीं जा रही हो.. हम दोनों ही उसके प्यार और मस्त जवानी का मज़ा बांट कर ले सकते हैं। इसमें दिक्कत क्या है मेरी प्यारी भाभी जान.. ऊपर से वो तुमको इतना पसंद तो करता ही है.. जितना मुझको करता है। इससे ऑफिस में काम करने में मज़ा आता रहेगा और घर पर उसके लंड का मज़ा लूटने का मजा भी ले सकोगी।’
नयना हँस रही थी।
‘ठीक है मेरी मस्तानी चुलबुली नयना रानी देखूँगी.. पर यार आज तो अपनी चूत सच में बहुत गीली-गीली हो गई है।’
सरला भाभी ये कह कर बाथरूम चली गईं.. जब वो वापिस आईं.. तो उनकी साड़ी और भी नीचे को हो गई थी.. उनकी रेशमी पतली गोरी-गोरी कमर.. पेट.. नाभि और पेड़ू सब नंगे दिखने लगे थे और सरला भाभी बहुत सेक्सी लग रही थीं।
नयना उनकी तरफ देख कर मुस्करा उठी।
करीब आधा घंटे बाद जब मैं गुप्ता जी के केबिन से बाहर आया मेरा मुँह लटका हुआ था।
सरला और नयना ने उसको देखा, सरला बोल पड़ी- हाय राजा क्या हुआ यार.. इतना दुखी क्यों दिख रहा है?
‘अरे कुछ नहीं भाभी.. बस ऐसे ही.. बॉस ने एक और काम दे दिया.. और मुझे फिर से बाहर जाना पड़ेगा। पर आपको क्या हुआ भाभी.. बहुत मस्तानी पटाखा लग रही हो।’
मेरी निगाहें भाभी की नंगी कमर और ब्लाउज में तनी हुई तनी हुई चूचियों पर थीं। मैं सरला भाभी की टेबल के दूसरी तरफ खड़ा था और नयना को आँख मार कर सरला भाभी से पूछ रहा था।
सरला भाभी भी बहुत बदमाश और चालू थीं। वो कब चुप रहने वाली थीं।
‘होना क्या है.. आज तेरी गर्लफ्रेंड के ऊपर दिल आ गया है। आज मैं इसको पटाने वाली हूँ। क्यों तेरा क्या इरादा है बदमाश.. जो इतनी गर्म-गर्म आँखों से घूर रहा है?’ सरला ने हँस कर आँख मारते हुए कहा।
सरला भाभी को देख कर लग रहा था कि आज बड़ी मस्ती में हैं और उनके साथ मेरा चुदाई का खेल हो पाता है या नहीं आपको पूरी दास्तान लिखूँगा।
आपकी मेल का इन्तजार रहेगा।
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कहानी जारी है।
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