ऑफिस की चुदक्कड़ देसी गर्ल की चूत चुदाई
(Office Ki Chudakkad Desi Girl Ki Chut Chudai)
मेरा नाम सोनू है, मैं गुजरात के उना (जूनागढ़) से हूँ। मैं अन्तर्वासना का पिछले तीन साल से नियमित पाठक हूँ। मेरी उम्र 25 साल की है और मैं दीव के पास रहता हूँ। मैं एक प्राईवेट ऑफिस में काम करता हूँ। मैं दिखने में सामान्य हूँ मेरा लंड काफी लम्बा है। जो कि किसी भी लड़की या भाभी के लिए मजेदार है।
यह मेरी पहली कहानी है तो आप अपने विचार जरूर भेजना.. क्योंकि इससे मुझे आगे लिखने की प्रेरणा मिलेगी।
यह बात कुछ दो साल पहले की है। जब मेरे ऑफिस में मेरे डिपार्टमेंट में दो नई लड़कियां काम के लिए आईं। मुझे तब तक दो साल का अनुभव हो चुका था। वह दोनों नई-नई होने के कारण कुछ बातों की मुझे उसे जानकारी देनी होती थीं। उसमें से एक का नाम नीलू था।
नीलू की उम्र 23 साल की थी, उसकी फिगर 30-28-34 की थी.. जो मेरे हिसाब से बहुत अच्छी थी, वह मुझे बहुत भा गई थी।मेरा मन हर वक्त उसके चूचों को दबाने का करता था। उसकी शादी अभी तक नहीं हुई थी, पर वो कई लड़कों से चुदवा चुकी थी जो कि मुझे उसकी चुदाई के वक्त पता चला था।
बात उन दिनों की थी.. जब उसके आने के 5 महीने के बाद हमें काम के सिलसिले दूसरे शहर में टूर पर जाना पड़ा। हमारे बॉस के साथ सिर्फ हम दो ही लोग इस टूर पर गए थे।
उस शहर में जाकर हम एक होटल में ठहरे और वहाँ हम तीनों ने अलग-अलग कमरे बुक करवाए। मेरा और नीलू का दूसरे माले पर था और बॉस का पहले माले पर था।
शाम को जब हम पहुँचे थे.. तो पहले फ्रेश हुए और बाद में शाम का खाना लिया। खाना खाकर बॉस को जरूरी काम था, तो वे चले गए।
हम दोनों एक दूसरे की लाईफ के बारे में बात कर रहे थे। थोड़ी देर इधर-उधर की बातों के बाद जब मैंने उससे पूछा- तुम्हारा कोई ब्वॉयफ्रेन्ड है या नहीं?
उसने मुझे ‘ना’ कहा और बाद में उसने भी पूछ ही लिया कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं.. तो मैंने भी ना कहा।
थोड़ी देर बाद जब हम खुलकर बातें करने लगे।
मैंने पूछा- तुम्हें कभी इच्छा नहीं होती?
तो पहले तो वह जानकर भी अनजानी बनी और मुझसे उगलवाने लगी- किस चीज की इच्छा?
मैंने भी मौके को मुफीद जानकर उससे कह दिया- सेक्स की इच्छा?
तो वह थोड़ी शर्माते हुए बोली- होती तो है.. पर किसको बताऊँ और क्या करूँ?
मैंने पूछा- अगर तुम चाहो तो मैं कुछ मदद कर सकता हूँ.. अगर तुम चाहो तो ही?
इस पर वह कुछ ना बोली और अपने रूम में चली गई।
थोड़ी देर बाद उसका कॉल आया- मेरे रूम में आओ।
मुझे लगा इसको कुछ काम होगा.. पर जब मैंने डोरबेल बजाई तो उसकी आवाज आई- कम इन।
जब मैंने अन्दर आकर उसे देखा.. तो मुझे मेरे भविष्य का अंदेशा लग गया। वह एक पारदर्शी नाईटी में थी.. उसके सारे अंग साफ दिख रहे थे।
उसने मुझे अन्दर बुलाया और बैठने को कहा।
मैं बैठा और सीधे मुद्दे पर आ गया ‘क्या काम है?’
उसने कहा- क्यों कुछ काम हो तो ही आपको बुलाऊँ क्या?
मैंने कहा- नहीं नहीं.. मैं तो ऐसे ही पूछ रहा हूँ।
उसने कहा- मुझे आपकी हेल्प चाहिए थी।
मैंने भी अनजान होकर पूछा- क्या हेल्प चाहिए.. बोलो मैं हर संभव मदद करूंगा।
उसने शरमाते हुए कहा- अभी खाने के वक्त जो आपने मदद की बात की थी.. वह!
मैं खुश हो गया और ‘हाँ’ कह कर उठकर उसके पास जाकर बैठ गया। मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए। लगभग दस मिनट की होंठ चुसाई के बाद वह उठ खड़ी हुई और बिस्तर पर जाकर बैठ गई। उसने मुझे बेड पर आने का इशारा कर दिया। उसने पहले से ही चूत चुदवाने सारी तैयारी कर रखी थी।
मैंने जाते ही उस पर चुम्बन की बारिश कर दी और उसे गर्म करने लगा। मैं उसके होंठ, गाल, माथे, गले पर चुम्बन करने लगा। वह भी मेरा भरपूर साथ देने लगी।
फिर धीरे-धीरे मैं उसके मम्मों के ऊपर हाथ फेरने लगा.. तो वह सिसकारी लेने लगी और चुदाई के आनन्द के सागर मैं डुबकियां लगाने लगी।
धीरे-धीरे मैंने उसकी नाईटी उतार कर फेंक दी और उसको सिर्फ ब्रा और पेंटी में ला दिया।
उसने भी धीरे-धीरे मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मुझे सिर्फ अंडरवियर में ला दिया।
पहले तो वो मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से ही पकड़ कर मचलने लगी और बाद में उसका धीरज खत्म हुआ तो उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया।
मैं लंड हिलाने लगा तो उसने मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया। मैं उस दिन जन्नत में था.. क्योंकि यह मेरा पहला अनुभव था।
वह एक पेशेवर रंडी की तरह मेरा लंड चूस रही थी और लंड चुसाई का पूरा आनन्द ले रही थी। इसी बीच मैं कुछ ही देर में झड़ गया.. और लंड का माल मैंने उसके मुँह में ही डाल दिया।
फिर मैंने उसको सीधा किया और उसकी ब्रा उतार कर मैं उसके मम्मे चूसने लगा। उसका एक चूचा मेरे मुँह में था और दूसरा मेरे हाथ से मसलने लगा।
थोड़ी ऐसे ही करने के बाद मैं नीचे की और बढ़ा और मैंने उसकी पेंटी भी उतार फैंकी। मैं सीधा उसकी चूत पर टूट पड़ा। पहले मैं उसकी चूत को अपनी एक उंगली से चोदने लगा और फिर जीभ से उसकी चूत के पानी का स्वाद लेने लगा।
बाद में हम 69 की स्थिति में आ गए। इस अवस्था में मैं पूरी जीभ उसकी चूत में डाल कर चूत चूस रहा था और कभी-कभी अपनी दो उंगलियों को उसकी चूत में डाल रहा था।
कुछ मिनट तक ऐसे ही मजा लेने के बाद मैंने उसे सीधा लिटा दिया। मैं उसके ऊपर आ गया और खड़े लंड को उसकी चूत पर घिसने लगा.. तो वो तड़प उठी, उसने कहा- अब डाल भी दो यार.. अब मत तड़पाओ।
फिर भी मैंने उसको थोड़ा तड़पाया क्योंकि लौंडिया जितनी ज्यादा तड़पेगी.. उतना ही उसको चोदने में मजा आता है।
उसके बाद उसने इशारा किया तो मैंने अपने लंड पर कंडोम चढ़ाया और उसकी चूत पर लंड रख कर धीरे से धक्का लगा दिया.. तो मेरा लंड आधा अन्दर चला गया।
मेरे अचरज का पार न रहा.. क्योंकि मुझे ऐसा लगा था कि यह उसकी पहली चुदाई है, पर साली ये तो न जाने कितनों के लंड ले चुकी थी।
मैंने सोचा माँ चुदाए.. अपुन को क्या करना.. अभी यह बात छेड़ना उचित नहीं है।
बस मैं सीधे उसकी चूत पर टूट पड़ा। चूंकि वह पहले चुदाई कर चुकी थी इस लिए मुझे तो कुछ ज्यादा मेहनत नहीं लगी और धीरे-धीरे मैंने अपना पूरा लंड चूत में डाल दिया। फिर धीरे-धीरे मैंने अपनी चोदने की स्पीड बढ़ाई।
उसके मुँह से अजब सी आवाजें आने लगी थीं.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… जो मेरे शरीर को जोश और ताकत दे रही थीं।
उसको अलग-अलग तीन आसनों में चोदने के बाद मैं उसको घोड़ी बनाकर पीछे से उसकी बुर चोदने लगा। वह कराहने लगी और चूत चुदवाने का पूरा आनन्द लेने लगी।
वह भी आगे-पीछे होकर मेरा भरपूर साथ दे रही थी। वह कहने लगी- और और तेज करो.. तुम्हारा तो बहुत बड़ा है.. आह्ह.. बहुत मजा आ रहा है।
कुछ मिनट बाद मुझे मेरे लंड के ऊपर कुछ गर्म सा महसूस हुआ.. तो मैं समझ गया कि ये झड़ गई है।
अब मैं भी अपनी सारी ताकत के साथ उसको चोदने लगा। मैंने उससे कहा- नीलू तूने आज मेरी इच्छा पूरी कर दी।
उसने पूछा- कैसे?
मैंने बताया- तुम्हारे ऑफिस में आने के पहले कदम से ही मैं तुम्हारे मम्मे दबाने और चोदने की फिराक में था.. जो आज पूरी हुई। तुम्हें चोदने के चक्कर में ही मैं अपने साथ कंडोम ले कर आया था।
उसने तब हँस कर इतना ही कहा- मैं भी यही चाहती थी।
यह बात सुन कर मैंने अपनी स्पीड दोगुनी कर दी। मस्त चुदाई के बाद जब मेरा माल छूटने वाला था.. तो मैंने उसके अन्दर ही छोड़ दिया।
क्योंकि मैंने कंडोम लगाया हुआ था.. तो कोई डर नहीं था।
वह इस दौरान दो बार झड़ चुकी थी। मैं उस पर थोड़ी देर ऐसे ही पड़ा रहा।
फिर हम बाथरूम में गए और वहाँ एक बार फिर वही दौर चला और अलग-अलग स्थिति में सेक्स किया।
उसने कहा- तुम्हारा बहुत बड़ा और अच्छा है.. मजा आ गया।
फिर मैं अपने रूम में चला गया।
उसके बाद तो वह मेरी आदत बन गई।
आपको मेरी कहानी अच्छी लगी या नहीं.. [email protected] इस पर मेल जरूर कीजिए।
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